Saturday, 30 November 2024

असावता में चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग: ग्रामीणों ने मिनी सचिवालय पहुंचकर किया प्रदर्शन, कलेक्टर के नाम एडीसी को सौंपा ज्ञापन



प्रतापगढ़ जिले के असावता गांव के ग्रामीणों ने चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर मिनी सचिवालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर परसराम को ज्ञापन सौंपा। ग्राम पंचायत ने भी अतिक्रमण हटाने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर को पत्र दिया।

असावता निवासी कैलाश चंद्र और नितेश ने बताया कि नारायण खेड़ा निवासी गजेंद्र सिंह राजपूत ने पिछले 8 वर्षों से गांव की चरनोट भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। यह भूमि धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके पास बालाजी का मंदिर स्थित है, जहां श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने आते हैं।

ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मिनी सचिवालय पहुंचे और एडीसी को ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों के अनुसार, गजेंद्र सिंह और उसका परिवार मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से मारपीट और गाली-गलौज करते हैं। उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां भी दी जाती हैं। यह व्यक्ति आदतन शराबी है और गांव के लोगों के साथ आए दिन लड़ाई-झगड़े करता है।

गुरुवार को गजेंद्र सिंह ने गांव के कुछ लड़कों के साथ मारपीट की। जब ग्रामीण समझाने गए, तो उन्हें भी गालियां दी गईं। इस घटना से परेशान होकर ग्रामीण और जनप्रतिनिधि मिनी सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन देकर मामले में कार्रवाई की मांग की।

ग्राम पंचायत की ओर से भी अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा गया। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाकर गांव के लोगों को राहत प्रदान करे। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई कर दोषियों को दंडित किया जाए और चारागाह भूमि को पुनः मुक्त कराया जाए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/pratapgarh/news/demand-to-remove-encroachment-from-pasture-land-in-asavata-134043445.html

प्रशासन ने की बड़ी कार्रवाई, चार गांवों में हटाया अतिक्रमण

जिला कलक्टर के निर्देश पर उपखंड अधिकारी अंजना सहरावत की मौजूदगी में शुक्रवार को क्षेत्र के चार जगह मऊ, रावलजावल, मूंडला व पाड़लिया में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।

जिला कलक्टर के निर्देश पर उपखंड अधिकारी अंजना सहरावत की मौजूदगी में शुक्रवार को क्षेत्र के चार जगह मऊ, रावलजावल, मूंडला व पाड़लिया में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।

चार घंटे चली कार्रवाई, मऊ, रावलजावल, मूंडला व पाडलिया में पहुंची टीम मांगरोल। 

जिला कलक्टर के निर्देश पर उपखंड अधिकारी अंजना सहरावत की मौजूदगी में शुक्रवार को क्षेत्र के चार जगह मऊ, रावलजावल, मूंडला व पाड़लिया में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। अतिक्रमण हटाने के दौरान पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। टीम रावलजावल गांव पहुंची। वहां उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिए आरक्षित खसरा नम्बर 581 की 0.16 हैक्टेयर भूमि के अतिक्रमण हटाने के बाद भूमि चिकित्सा विभाग को सुपुर्द की गई। इसके बाद छत्रपुरा पंचायत के मूंडला गांव में खसरा नम्बर 545 की सिवायचक भूमि पर दो मंजिला पक्की दुकान को जेसीबी की सहायता से ध्वस्त किया गया। इसके बाद बोहत पंचायत के पाड़लिया में खेतों पर जाने के पुराने रास्ते का अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण हटाने की चार घंटे चली कार्यवाही के दौरान पुलिस उप अधीक्षक श्योजीराम मीणा, मांगरोल थानाधिकारी, सीसवाली थानाधिकारी बाबूलाल, तहसीलदार शंभूदयाल मित्तल, भू अभिलेख निरीक्षक मोहम्मद सादिक, नरेश कुमार पटवारी, अरिहंत जैन संबंधित हल्कों के पटवारी व 40 पुलिस जवान मौजूद रहे।

पीला पंजा चला तो मिनटों में ढहा दिया कमरा मऊ।

गांव में शुक्रवार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान जेसीबी की मदद से कब्जे हटाए गए। जानकारी के अनुसार उपखंड अधिकारी अंजना सहरावत की मौजूदगी में प्रशासन ने दोपहर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल मौजूद रहा।

पुलिसबल रहा मौजूद

मय पुलिस बल के साथ शुरू हुई। प्रशासन के लवाजमे ने जेसीबी की मदद से भूराजस्व नियम की धारा 91 के तहत कार्रवाई की। इस दौरान खसरा 1020 की सिवाय चक भूमि में बने टीनशेड कमरेनुमा मकान को ढहा दिया गया। इसमें पशुओं के लिए भूसा भरा था। भूसाघर को देखते ही देखते कुछ मिनटों में ही ढहा दिया गया। अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई लगभग पौन घंटे तक चली। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए बारां से भी अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था।

सिवायचक जमीन पर किया था कब्जा

मौके पर मौजूद तहसीलदार शंभूदयाल मित्तल ने बताया कि मऊ गांव के किसान सीताराम मीना ने पौने चार बीघा सिवाय चक भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। इस पर उसने कच्चा मकान बना रखा था। शिकायत मिलने पर उपखंड अधिकारी के आदेश पर प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

जमीन का सीमांकन

अतिक्रमण हटाने के साथ ही प्रशासन ने मौके पर मौजूद सरकारी भूमि का सीमाज्ञान करके सरकारी भूमि को रेखांकित भी कर दिया है। दूसरी तरफ प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद अतिक्रमण के आरोपी किसान सीताराम के पुत्र अशोक मीना ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की जो यह कार्रवाई की है, वह गलत है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण तो समूचे गांव में हो रहा है। लेकिन प्रशासन हमारा ही अतिक्रमण हटाया गया है, जो न्यायोचित नहीं है।

इधर, ब्रजनगर से भी रास्ते का किया खुलासा किशनगंज।

ग्राम ब्रजनगर में ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को प्रशासन और पुलिस के संयुक्त सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस अभियान में अभय राज ङ्क्षसह, तहसीलदार किशनगंज, गणेश खंगार, नायब तहसीलदार नाहरगढ़, अशरफ अली, भू-अभिलेख निरीक्षक रेलावन, इमरान खान, पटवारी रामगढ़, सावित्री सहरिया, पटवारी ब्रजनगर, तथा थानाधिकारी, पुलिस थाना किशनगंज मय जाप्ता उपस्थित रहे। ग्राम पंचायत ब्रजनगर के सरपंच ने भी सहयोग प्रदान किया। तहसीलदार ने बताया की कार्यवाही के दौरान पाया गया कि यह मार्ग मात्र सात-आठ फीट चौड़ा था, जिससे ट्रैक्टर-ट्रॉली के आवागमन में ग्रामीणों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। यह सडक़ चारागाह भूमि से होकर गुजरती है। सीमांकन प्रक्रिया पूरी करने के बाद इस रास्ते को 30 फीट चौड़ा किया गया। ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई तीन जेसीबी मशीनों की सहायता से अतिक्रमण में आ रहे पत्थरों, बाढ़, और झाडिय़ों को हटाया गया। इसके पश्चात मार्ग को पूर्ण रूप से खुलवाकर ग्रामीणों के लिए सुगम बनाया गया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/baran-news/action-against-encroachment-19192311

नागाणी के ग्रामीणों और एनटीसी बस्तीवासियों ने सामूहिक विरोध जताया, दीवार का काम रोका

जावराखुर्द में वन विभाग कर रहा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण

कोटा मार्ग स्थित जावराखुर्द के ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह वन विभाग की निर्माणाधीन दीवार का विरोध किया।

ग्रामीण रामप्रसाद ने बताया कि वन विभाग सामूहिक हित की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रहा है। वन विभाग के जमीन के निशान जहां बने हैं, उससे 500 मीटर आगे दीवार बना रहा है। जिसका ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से एकत्रित होकर विरोध जताया है। इस पर पटवारी और गिरदावर पहुंचे। उन्होंने भी वन विभाग के कर्मचारी को कहा कि वह अपनी सीमा में निर्माण करें। मुकंदरा नेशनल पार्क के कोलीपुरा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के अधिकारियों का कहना था कि नए सेटलमेंट रिकॉर्ड के हिसाब से हम निर्माण करा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जहां पुराने निशान बने हैं, वहीं तक वन विभाग की जमीन है।

अब गांव की चारागाह जमीन को वन विभाग अपनी बता रहा है। इनके अतिरिक्त मुकंदरा नेशनल पार्क के बाउंड्री कार्य का नागाणी गांव के ग्रामीणों और एनटीसी बस्तीवासियों ने भी विरोध किया है। जहां पर निर्माण किया जा रहा है, वहां सार्वजनिक हित की जमीन शामिल है। नागाणी गांव में तो मुक्तिधाम की जमीन को भी वन विभाग ने अपने अधीन करने की तैयारी कर ली है।

मुकंदरा नेशनल पार्क की जमीन का रेवेन्यू विभाग और वन विभाग की सर्वे टीम ज्वॉइंट निरीक्षण करेगी। जहां हमारी जमीन होगी, वहीं हम दीवार बनाएंगे। उसके अलावा दीवार नहीं बनाई जाएगी। रिकॉर्ड दोनों विभाग की ओर से देखे जाएंगे। एस मुत्थु, डीसीएफ, मुकंदरा नेशनल पार्क कोटा

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/chittorgarh/rawatbhata/news/nagani-villagers-and-ntc-slum-dwellers-staged-a-collective-protest-stopped-the-wall-work-134042247.html


Friday, 29 November 2024

चरागाह भूमि में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर ग्रामीणों जताया विरोध

चरागाह भूमि में टोल प्लाजा के निर्माण को लेकर ग्रामीणों जताया विरोध। मेड़बंदी कर रहे ग्रामीणों को प्रशासन ने रोका। ग्रामीणों का प्रदर्शन, एडीएम को ज्ञापन। चरागाह भूमि में बना डाले खेल मैदान, विधुत ग्रिड, आश्रम, डामरीकरण सडके व पक्के निर्माण, प्रशासन मौन-ग्रामीणों का आरोप।

शाहपुरा। भीम-उनियारा एन एच 148 पर बने टोल प्लाजा कादीसहना की चारागाह भूमि में होने को लेकर गुरुवार को कादीसहना के ग्रामणों ने चरागाह भूमि को मुक्त करवाने को लेकर मेंडबन्दी करने लगे। इसकी सूचना पर प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार मय जाप्ते के मौक़े पर पहुंच चरागाह भूमि पर ग्रामीणों द्वारा की जा रही भूमि पर मेंडबन्दी का कार्य रुकवा दिया।

इससे नाराज होकर ग्रामीण प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेड पहुंच कर अतिरिक्त कलक्टर सुनील पुनिया को ज्ञापन देकर टोल प्लाजा को आंवटित की गई 10 बीघा कादिसहना चारागाह भूमि के बदले 10 बीघा बिलानाम भूमि से आवंटित करवाने की मांग की। साथ ही चरागाह भूमि के लगभग 50 बीघा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में हो रहे अतिक्रमण को तत्काल प्रवाह से हटाने की मांग पर भी बल दिया।

वार्ड नं. 6 की सदस्या रामधनी आचार्य, वार्ड नं. 7 की सदस्या गीता देवी मीणा, वार्ड नं. 5 की माली, 8 के सदस्य सत्यनारायण शर्मा, वार्ड नं. 9 के सदस्य रामअवतार आचार्य सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि भू संरक्षण विभाग द्वारा वर्ष 1972-73 के करीब कादिसहना की चरागाह भूमि की मेडबंदी करवाई गई। उस समय पेमाईस में गड़बड़ी करके बहुत आराजियों के बिकाव नामे कर कादिसहना की कई बीघा चरागाह भूमि को नासरदा ग्राम पंचायत आमली कला में दर्शा दिया। जबकि जमाबंदी में यह भूमि कादिसहना क्षेत्र में अंकित थी।

ग्रामीणों का आरोप था कि एनएच निर्माण के दौरान बने टोल प्लाजा को सरकार ने कादिसहना चरागाह की भूमि में से 10 बीघा भूमि अवाप्त करते हुए 10 बीघा बिलानाम भूमि ग्राम पंचायत कादिसहना को आवंटित की जाने का लिखित इकरार किया। जिसके बाद भी कादिसहना ग्राम पंचायत को आज तक भूमि आवंटित नही की गई। जिसे लेकर ग्रामीणों में सरकार, प्रशासन तथा टोल प्लाजा के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया।

चरागाह भूमि पर इन्होंने किया अतिक्रमण: ज्ञापन में बताया कि चरागाह भूमि पर टोल प्लाजा सहित, कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर एक अवैध गौशाला का निर्माण करवाया दिया। यही नही चरागाह में खेल मैदान तक बना डाला। एक व्यक्ति ने तो चरागाह में आश्रम बनाते हुए 10 बीघा भूमि पर ही कब्जा कर लिया। नासरदा ग्राम के एक दर्जन से अधिक लोगों ने कई बीघा भूमि पर पक्के निर्माण व बाड़े बना डाले। टोल से नासरदा गांव तक जाने वाला मार्ग चरागाह के बीच से निकालते हुए उस पर डामरीकरण करवा दिया। हद तो जब हो गई कि जब विधुत विभाग ने भी बिजली का ग्रिड इस चरागाह भूमि में अनाधिकृत रूप से निर्माण करवाया दिया। समय समय पर ग्राम पंचायत कादिसहना व ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार शिकायत कर चरागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नही हो पाई।

गुरूवार को ग्रामीणों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा और अपने चरागाह भूमि को बचाने के लिए मेंडबन्दी करने पहुंच गए। जहां मौक़े पर प्रशासन मय जाप्ते के पहुंच ग्रामीणों को रुकवा दिया।

ग्रामीण रामावतार आचार्य, ओम प्रकाश माली, कन्हैया लाल आचार्य, रतन लाल जाट, शंभू लाल आचार्य, धन्ना लाल माली, दुर्गा गुर्जर सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि 100 वर्षो से यानी रियासत काल से कादिसहना की गौचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त नही किया गया तथा टोल प्लाजा के निर्माण के दौरान पंचायत से हुए अनुबंध के दौरान 10 बीघा भूमि तत्काल गौचर भूमि के लिए आवंटित नही की गई तो ग्रामीण आंदोलन की राह इक्तिहार करेंगे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://awazrajasthanki.com/archives/3058

शंभूगढ़ में चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण: गांव वालों ने लीपा-पोती का लगाया नाराज, थाना प्रभारी ने हटाया जाप्ता

 

शंभूगढ़ पंचायत में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतों पर एसडीएम के आदेशानुसार शुक्रवार को नायब तहसीलदार शंभूगढ़ के आदेश पर ग्राम शंभूगढ़ में अतिक्रमण हटाने को लेकर राजस्व टीम सहित शंभूगढ़ थाना प्रभारी रविंद्र सिंह सहित जाप्ता मौके पर पहुंचा। जहां ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को जेसीबी से हटाने की कार्रवाई की गई। चारागाह भूमि से थोड़ की बाड को हटाकर अतिक्रमण मुक्त किया गया।

नायब तहसीलदार गणेश रेगर ने बताया कि-बाकी अतिक्रमण को हटाते समय थाना प्रभारी रविंद्र सिंह ने पुलिस जाप्ता यह कहते हुए हटा दिया कि एसपी के आदेश मिलने पर ही पुलिस जाप्ता लगाया जाएगा। इस पर राजस्व टीम ने पुलिस जाप्ते के अभाव में अतिक्रमण हटाने की आगे की कार्रवाई को बंद कर दिया गया।

वही नायब तहसीलदार ने बताया- चारागाह भूमि पर अवैध रूप से पड़े खनन के रॉ मैटेरियल और कच्चे निर्माण को हटाकर कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bhilwara/asind/news/encroachment-removed-from-pasture-land-in-shambhugarh-134038961.html

Thursday, 28 November 2024

जिला प्रमुख को ज्ञापन: ग्राम रामबाड़ी में भील बस्ती को आबादी भूमि के पट्टे दिलाने की मांग

ग्राम रामबाड़ी के भील समाज के लोगों ने भूमि आवंटन तथा आबादी भूमि के पट्टे जारी करने की मांग की है। इसको लेकर जिला प्रमुख तथा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

भील समाज ग्राम रामबाड़ी की हसीन, सुगना, संपत ने बताया कि ग्राम पंचायत रामसर का वार्ड नम्बर 15 जो स्थाई राजस्व ग्राम घोषित है, इसमें करीब 300 मतदाता हैं, अधिकांश भील आबादी है। भील परिवारों के पास ना तो आबादी भूमि है और ना ही सरकारी भूमि। प्रभावशाली लोगों ने आबादी भूमि व सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। पास में रिक्त पड़ी चरागाह भूमि पर 20 भील परिवार रहने को मजबूर हैं।

प्रभावशाली लोग आए दिन चारागाह भूमि से हटाने का दबाव डालते हैं और झगड़ा करते हैं। इसलिए भील समाज लोगों को भी आबादी व सरकारी जमीन के पट्टे दिए जाएं। भील परिवारों के रहने की व्यवस्था होने तक नहीं हटाया जाए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/ajmer/news/memorandum-to-the-district-head-demand-for-lease-of-inhabited-land-to-bhil-colony-in-village-rambari-134024749.html

200 बीघा भूमि पर चली जेसीबी: सुवणिया गांव की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया, कुछ लोगों ने बना डाले थे अवैध बाड़े


बेगूं क्षेत्र के गांव सुवाणिया में बुधवार को प्रशासन द्वारा 200 बीघा चारागाह भूमि पर से अतिक्रमण हटवाया।‌ पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी मशीन चली और करीब 8 साल पहले का अवैध कब्जा हटाकर सरकारी भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई गई।

गांव सुवाणिया के ग्रामीणों ने एसडीएम मनस्वी नरेश को ज्ञापन देकर इस गांव की चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा मौके पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। 200 बीघा चारागाह सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए 2 जेसीबी मशीन और 4 ट्रैक्टर ट्राली लगाए गए। लोगों द्वारा पत्थरों की चारदीवारी बनाकर अतिक्रमण किया उसे जेसीबी से ध्वस्त किया। पत्थरों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर पंचायत को सुपुर्द किया गया।

61 अवैध बाड़े हटाए

बताया गया कि सुवाणिया गांव की चारागाह भूमि पर इसी गांव के कुछ लोगों द्वारा 61 अलग-अलग बाड़े बना डाले। अपने मकानों के पीछे बाड़े बनाकर पत्थरों की चारदीवारी कर अवैध कब्जा किया गया था। साल 2017 में इस बाड़ों का अतिक्रमण हटा दिया गया लेकिन लोगों ने फिर से कब्जे कर लिए। समस्त ग्रामीणों की मांग पर चारागाह भूमि अतिक्रमण मुक्त हुई।‌

यह टीम रही मौजूद

नायब तहसीलदार विष्णु यादव के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की टीम में रेवेन्यू इंस्पेक्टर जितेंद्र सुराणा, कैलाश चंद्र शर्मा, पटवारी रघुवीर सिंह गुर्जर, धर्म सिंह गुर्जर, संतोष गुर्जर, जीवराज सिंह, लक्ष्मण राम, वीडीओ नारायण राठौर, बेगूं थाने के एएसआई सुरेन्द्र सिंह, प्यारेलाल, बृज लता आदि मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/chittorgarh/begun/news/jcb-operated-on-200-bigha-land-134027770.html


सौ बीघा चरागाह भूमि पर किया अतिक्रमण

किशनगंज | ब्लॉक की ग्राम पंचायत घट्टी के रामनगर पीपल्दा गांव में प्रशासन की ओर से चारागाह भूमि से हटाए गए अतिक्रमण के बाद फिर से अतिकर्मियों ने करीब सौ बीघा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण कर लिया। जिसके विरोध में ग्रामीणों ने जिला परिषद सीईओ को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों ने जिला परिषद सीईओ को दिए गए ज्ञापन में बताया कि तहसील क्षेत्र की घट्टी ग्राम पंचायत के रामनगर पीपल्दा गांव निवासी एक परिवार ने करीब 100 बीघा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है।

जबकि प्रशासन की ओर से 15 मई 2024 को अतिक्रमण हटाकर इस चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। वर्तमान में इस चारागाह भूमि पर फिर से अतिक्रमण कर फसल की बुवाई कर दी गई है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हटाया गया पत्थरों का कोट भी अतिक्रमियों की ओर से वापस बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने करीब एक माह पूर्व ही घट्टी ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को अवगत करा दिया गया था, लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि चारागाह भूमि पर किए अतिक्रमण को हटाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ज्ञापन देने वालों में राजेंद्र, अशोक, केसरीलाल, बाबूलाल, अमित, राजेंद्र अहीर, कालू अहीर, गजराज, उमेश व विष्णु आदि ग्रामीण शामिल थे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/news/hundred-bigha-grazing-land-was-encroached-upon-134029163.html

Tuesday, 26 November 2024

विद्युत अपग्रेड स्टेशन को हटाने को लेकर रैली के रूप में ज्ञापन देने पहुंच आक्रोशित ग्रामीण



मेवाड़ी खबर खेरोदा कस्बे में मंगलवार को ग्रामीणों ने 765 विद्युत अपग्रेड स्टेशन को हटाने को लेकर कलेक्टर के नाम का ज्ञापन उप तहसीलदार भंवर सिंह झाला को दिया। इससे पहले कस्बे के गांधी चौक में ग्राम सभा का आयोजन कर 765 विद्युत अपग्रेड स्टेशन की खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया। ज्ञापन देते जाते समय कस्बे के गांधी चौक से रैली के रूप में ग्रामीण निकले जो कस्बे के मुख्य चौराहों से होकर नारे बाजी करते हुए उप तहसीलदार कार्यालय में पहुंचे। उप तहसीलदार कार्यालय में पहुंच कर ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने गांव के चारागाह भूमि पर 765 विद्युत अपग्रेड स्टेशन स्थापित किया जा रहा है जिसको हटाने को लेकर खेरोदा उप तहसील में ग्रामीणों द्वारा उप तहसीलदार भंवर सिंह झाला को ज्ञापन दिया गया।

ज्ञापन में कहा कि चारागाह भूमि पर लगने वाले विद्युत अपग्रेड स्टेशन से वहां पर स्थित खेतीबाड़ी सहित पशुओं को चराने व घास खिलाने के लिए उपयोग करते है। कस्बे में यही एक मात्र पशु चरने की भूमि है जिसके पास ही तालाब स्थित है एवं उक्त तालाब को राज्य सरकार द्वारा बर्ड विलेज के नाम से संरक्षित रखा गया है जिसमे विदेशी रंग बिरंगे पक्षियों का आवागमन रहता है एवं यही पर निवास करते है। विद्युत अपग्रेड स्टेशन लगने से पक्षियों का आवागमन भी बंद हो जाएगा एवं गांव में जो पशु है उनके चरने की भूमि भी नहीं रहेगी। साथ ही कस्बे के पास ही मेनार गांव स्थित है जो बर्ड विलेज के नाम से विख्यात है एवं वेटलैंड की श्रेणी में आता है। विद्युत अपग्रेड स्टेशन जहां पर लग रहा है वो खेरोदा मेनार एवं रुंडेडा जाने वाला मुख्य मार्ग है एवं ग्रामीणों का आवागमन भी लगा रहता है। उक्त चारागाह भूमि खेरोदा उप तहसीलदार कार्यालय के लिए भी स्वीकृति है। चारागाह भूमि के पास में ही रामाखेड़ा व राजपूत समाज का तालाब है जहां गांव के पशु पानी पीने का मुख्य सहारा भी है जिससे विद्युत अपग्रेड स्टेशन स्थापित होने से यहां पर हानि होगी इसलिए ग्रामीणों की जिला कलेक्टर, क्षेत्रीय विधायक उदय लाल डांगी, चितौड़ सांसद सीपी जोशी सहित मंत्री एवं आला अधिकारियों से विद्युत अपग्रेड स्टेशन हटाने की मांग की है। इस अवसर पर ज्ञापन देते समय संघर्ष समिति के सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे।

मूल ऑनलाइन लेख -https://mewarikhabar.com/%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%A8/5250/


Saturday, 23 November 2024

गुडला नदी गांव में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण: ग्रामीणों ने SDM आफिस पहुंचकर किया विरोध-प्रदर्शन, SDM को‌ ज्ञापन‌ सौंपा


बौंली उपखंड की ग्राम पंचायत निमोद राठौद के ग्राम गुडला नदी में चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का मामला तूल पकड़ता नजर आया। दर्जनों की तादाद में ग्रामीणों ने आज एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीण टीकाराम, राम कल्याण, रामविलास देवलाल आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत निमोद राठौद के ग्राम गुडला नदी में चारागाह भूमि की खसरा संख्या 235 पर प्रभावी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अतिक्रमण हटाने का आदेश 21 अक्टूबर को निर्धारित किया गया था। राजस्व विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस जाब्ता नहीं पहुंचने से राजस्व विभाग की टीम बैरंग लौट आई और कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस जाब्ता नहीं पहुंचने के कारण मौके पर अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है।

पुखराज गुर्जर ने बताया कि लगभग 40 से 50 बीघा चरागाह भूमि पर करीब 12 लोगों ने अतिक्रमण कर कृषि कार्य किया हुआ है। लगभग दो वर्ष पहले अतिक्रमण को लेकर खूनी संघर्ष भी हुआ था। जिसमें दर्जनों की तादाद में लोग घायल हुए थे। ऐसे में उक्त मामला बेहद संवेदनशील है। आज बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की साथ ही एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा को ज्ञापन सौंप कर अतिक्रमण हटाने की मांग की। ग्रामीणों ने मामले की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए त्वरित कार्रवाई करने की मांग की। इस दौरान मोहनलाल, मनसुख, हरिशंकर गुर्जर, बस राम सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/encroachment-on-pasture-land-in-gudla-nadi-village-134001250.html

चारागाह भूमि से युकेलिप्टिस पेड़ हटवाने की मांग: नया पौधारोपण करवाने को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन


कपासन क्षेत्र के गांव कल्याणपुरा की चारागाह भूमि से पुराने युकेलिप्टिस के पेड़ हटवा कर नया पौधारोपण करवाने की मांग एसडीएम से की गई हैं। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने शुक्रवार को एसडीएम राजेश सुहालका को ज्ञापन सौंपा हैं।

ज्ञापन में बताया-मुंगाना ग्राम पंचायत के गांव कल्याणपुरा की चारागाह भूमि (डांग) पर युकेलिप्टिस के पौधे जो कि करीब 40 साल पूर्व से लगे हुए है। जो काफी पुराने हो गये है। युकेलिप्टिस द्वारा पानी ज्यादा सोखने से हमारे गांव का जलस्तर भी नीचे गहरा चला गया है। युकेलिप्टिस पौधे के नीचे घास भी नहीं उगती है। जिसे हमारे गांव के पशुओं के चरने की भी समस्या उत्पन्न हो रही है। युकेलिप्टिस के कारण आस पास के कुंओं में भी जल स्तर सुख गया है।

इन पौधों के स्थान पर ग्राम पंचायत द्वारा पंचफल मनरेगा योजना के तहत 1000 नए छायादार भीम, शिशम आदि पौधे लगावाये जा रहे है। उनकी सुरक्षा के लिए जिला परिषद मद से चारदीवारी और विधायक मद से तार फेसिंग का काम प्रगति पर है। किसानों की समस्या व पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम पंचायत द्वारा उचित कार्य किया जा रहा है। कुछ लोग इसमें बाधा उत्पन्न कर रहे है। जिन्हें पाबंद करवाया जाए।

इस चारागाह पुराने पौधों को हटाकर नये छायादार नीम, शिशम आदि पौधों का प्लांटेशन (PLP) लगवाया जा रहा है। एसडीएम से पुराने पोधे हटाकर नये पौधे लगवाये जाने के लिए सहयोग प्रदान करवाने का आग्रह किया गया हैं। इस अवसर पर सरपंच संघ अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि कैलाश चंद्र अहीर सहित बड़ी संख्या में लोगों मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/chittorgarh/kapasan/news/demand-to-remove-eucalyptus-trees-from-pasture-land-134000831.html

Friday, 22 November 2024

चरागाह में होंगे भूल जल संरक्षण के कार्य श्रमदान से करेंगे शुरुआत


आकोला (रमेश चंद्र डाड) जोजवा गांव के ग्रामीणों ने जोजवा गांव की लगभग 250 बीघा चारागाह भूमि को संरक्षित कर उसमें भू जल संरक्षण के कार्य करने का निश्चय किया। जिसके लिए 13 सदस्यीय चारागाह विकास समिति का गठन किया गया। गांव के प्रत्येक परिवार से 21 रुप सदस्यता शुल्क भी रखा गया है। ग्रामीणों ने माह में एक दिन सामूहिक रूप से श्रमदान करने का भी निर्णय लिया जिससे एकता की जवना का विकास होगा। ग्रामीण यह कार्य फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी और अपना संस्थान के सानिध्य में करेंगे।

जोजवा चारागाह विकास समिति की बैठक रसीला भैरवनाथ के स्थानक पर हुई। जिसमें चारागाह विकास समिति के अध्यक्ष सरपंच चांदमल कुमावत, सचिव मदन सिंह राजपूत उपाध्यक्ष पद पर घीसू लाल धाकड़ को बनाया गया। चारागाह विकास समिति की प्रतिमाह 20 तारीख को बैठक करना सुनिश्चित किया गया। बैठक रसीला भैरुनाथ के वहां पर रखने का निर्णय हुआ।

बैठक में पंचायत समिति के सदस्य धनराज जाट, चारभुजा महाप्रबंधक समिति के संरक्षक भंवर लाल शर्मा, भारतीय किसान संघ के जिला कोषाध्यक्ष शिव कुमार पगारिया, सुरेश बाड़ाबाल, राजकुमार सुथार, टीन सुथार, जमना लाल सोनी, हर्षल, कानाराम, परमेश्वर लाल सहित कई व्यक्ति मोजूद रहे।

चारागाह विकास के लिए फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के क्षेत्रीय प्रबन्धक शांतनु सिंहा रॉय, अपना संस्थान के त्रिलोकचंद छाबड़ा एवं विनोद कुमार मेलाना भीलवाड़ा विधायक अशोक कुमार कोठारी चारागाह का अवलोकन कर चुके है। जोजवा त्रिवेणी मार्ग पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के समीप 40 एकड़ चारागाह भूमि है जिसे ग्रामीण एफ ई एस और अपना संस्थान के सानिध्य में विकसित करेंगे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://bhilwarahalchal.com/bhilwara/-587303


Wednesday, 20 November 2024

स्कूल के खेल मैदान और चरागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण: जन सुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी शिकायत


गंगापुर सिटी करौली रोड गंगाजी की कोठी के पास ग्राम पंचायत टोकसी की सूरजपुरा की ढाणी के पास चरागाह और सरकारी स्कूल के खेल मैदान पर किए गए अतिक्रमण को गुरुवार को अतिक्रमण दस्ते की टीम ने जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। इसको लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान शिकायत की थी।

पटवारी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि कलेक्टर डॉ. गौरव सैनी की जनसुनवाई के दौरान ग्राम पंचायत टोकसी की सूरजपुरा ढाणी में गवर्नमेट अपर प्राइमरी स्कूल के खेल मैदान और चरागाह भूमि पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण करने की शिकायत मिली थी। इस पर कलेक्टर ने गंगापुर सिटी तहसीलदार को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। तहसीलदार गंगापुर सिटी सुधा रानी के निर्देश पर नायब तहसीलदार मुकेश कुमार, पटवारी जितेन्द्र कुमार और पुलिस के जवान और अतिक्रमण दस्ते की टीम, नगर परिषद की जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची।

उन्होंने बताया कि चरागाह भूमि और खेल मैदान से होकर कुछ भू-माफियाओं ने मोरम डालकर रास्ता निकाल दिया था। पास ही भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा था और प्लाटिंग की जा रही थी। इस पर टीम ने जेसीबी से उक्त खसरा नंबर पर किए गए अतिक्रमण को जेसीबी से हटाकर ध्वस्त कर दिया। साथ ही रास्ते के लिए बिछाई गई मोरम को भी जेसीबी से हटा दिया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/gangapur/news/encroachment-removed-from-school-playground-and-pasture-land-133995781.html


चारागाह से मिट्टी खोद बना दी सड़क

खटवाड़ा | डीएमएफटी योजना के अंतर्गत बनाई जा रही खटवाड़ा से मीणा की झोपड़ियां सड़क पर काला मंगरा चारागाह भूमि से ठेकेदार ने बिना परमिशन रात के समय जेसीबी मशीन से चारागाह जमीन से मिट्टी दोहन कर एक किलोमीटर 7 सौ मीटर सड़क बना दी। जिसकी शिकायत 7 अप्रैल को राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन पर ग्रामीणों ने दर्ज करवाया गया था।

शिकायत के 17 दिन बाद शिकायत निवारण के लिए बिजौलिया खनिज विभाग की टीम काला मंगरा पहुंची। चारागाह का निरीक्षण किया। जहां अलग-अलग जगह से करीब दो से तीन बीघा चारागाह में मिट्टी की खुदाई की गई मिली। विदित रहे कि खटवाड़ा से मीणा की झोपड़ियां सड़क निर्माण का ठेका साहू कांट्रेक्टर प्रो. नौरत मल/ भंवर लाल साहू बी श्रेणी संवेदक देवली, जिला टोंक को 59 लाख 98 हजार में मिला था। ठेकेदार ने चारागाह भूमि से चोरी-छिपे मिट्टी खोदकर उक्त सड़क बना दी थी, जिससे ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर ठेकेदार के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ ठेकेदार का कहना है कि मैंने चारागाह से मिट्टी खोदने के एवज में 11 हजार रुपए का चेक ग्राम पंचायत खटवाड़ा में दे रखा है। दूसरी तरफ खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है की ठेकेदार को तलब किया गया है। उसके खिलाफ बिना परमिशन मिट्टी खोदने को लेकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/latest-deoli-ucha-news-032503-1534217.html


सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया

ग्राम पंचायत चौकड़ी की चारागाह भूमि व राजकीय भूमि पर काफी समय से अतिक्रमण कर कच्चे व पक्के मकान बना लिए थे। रविवार को पुलिस जाब्ता व आरएसी की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। तहसीलदार ब्रजेश कुमार ने बताया कि नंदाराम मीणा, गीगाराम मीणा व मुकेश कुमार मीणा ने कच्चा व पक्का मकान बनाकर चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। उसे हटाने के लिए उन्हें पूर्व में भी समय दिया गया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया। मुख्यमंत्री जनसंवाद के दौरान उनकी शिकायतें हुई थी। इसके बाद अतिक्रमण हटाने के लिए टीम मौके पर गई, लेकिन विरोध के कारण नहीं हटाया जा सका था। रविवार को आरएसी व पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। थानाधिकारी रामकिशोर, गिरदावर, पटवारी आदि उपस्थित रहे।

खंडेला. सरकारी भूमि से पक्का अतिक्रमण हटाती जेसीबी।

ग्राम पंचायत चौकड़ी की चारागाह भूमि व राजकीय भूमि पर काफी समय से अतिक्रमण कर कच्चे व पक्के मकान बना लिए थे। रविवार को पुलिस जाब्ता व आरएसी की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। तहसीलदार ब्रजेश कुमार ने बताया कि नंदाराम मीणा, गीगाराम मीणा व मुकेश कुमार मीणा ने कच्चा व पक्का मकान बनाकर चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। उसे हटाने के लिए उन्हें पूर्व में भी समय दिया गया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया। मुख्यमंत्री जनसंवाद के दौरान उनकी शिकायतें हुई थी। इसके बाद अतिक्रमण हटाने के लिए टीम मौके पर गई, लेकिन विरोध के कारण नहीं हटाया जा सका था। रविवार को आरएसी व पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया। थानाधिकारी रामकिशोर, गिरदावर, पटवारी आदि उपस्थित रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/latest-khandela-news-042503-1817519.html

Monday, 18 November 2024

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण जिला कलेक्टर से शिकायत

हिंडौली। बटवाड़ी के ग्रामीणों ने चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाने और अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इसमें बताया कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने मुक्तिधाम की जमीन, चारागाह भूमि पर जबरन अतिक्रमण कर रखा है। साथ ही मुक्तिधाम तक जाने के रास्ते पर भी कब्जा कर रखा है। मन्नीदेवी प लाडू सिंह ने कब्जा करने के लिए पुराने पेड़ों की कटाई भी कर दी है। इससे पहले भी तहसीलदार और एसडीएम को भी अतिक्रमण हटाने को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमी के खिलाफ कार्रवाई कर पाबंद करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में जगदीश, अनिता मीणा, सीताराम, लक्ष्मण, रामपाल, महावीर मीणा, ईश्वरसिंह, जगदीश, रामप्रसाद मीणा, कैलाशचंद मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/rajasthan/bundi/rajasthan-news-complaint-to-encroachment-on-grassland-land-district-collector-034646-3722044.html

Sunday, 17 November 2024

बहलोड़ में चारागाह जमीन की तरमीम निरस्त करने की मांग: विधायक ने लिखा मुख्य सचिव को पत्र


उपखंड क्षेत्र जमवारामगढ़ की आंधी तहसील के ग्राम बहलोड़ में एक रसूखदार व्यक्ति को नक्शे में चरागाह भूमि की तरमीम का मामला सामने आने पर क्षेत्रीय विधायक महेंद्रपाल मीणा ने मुख्य सचिव सुधांश पंत को पत्र लिखकर तरमीम को निरस्त करने की मांग की है। ग्राम बहलोड़ के हाल खाता संख्या 383 चरागाह खसरा नंबर 7 कुल रकबा 59.81 हेक्टेयर भूमि स्थित है।

बहलोड पंचायत की चरागाह भूमि में पेड़

उल्लेखनीय है कि पुत्र कल्याण हिस्सा 1/2 नानगराम पुत्र जगनाथ नायक भंवरलाल पुत्र जगनाथ नायक को पूर्व में भूमि आवंटित हुई थी जो गैर खातेदारी में चल रही थी। बाद में इन लोगों को खातेदारी दे दी गई। इनका कभी किसी भूमि पर कब्जा नहीं रहा है। ग्राम वासियों का कहना है कि जहां इनको भूमि आवंटित हुई थी वहां न देकर इन्होंने षड्यंत्र रचकर चरागाह भूमि में अपनी तरमीम करवा ली है। यह जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक है तथा इस भूमि में से सीमेंट सड़क भी निकली हुई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर चरागाह में अपनी भूमि की तरमीम करवा लिया, जिससे ग्राम वासियों में आक्रोश है। ग्राम वासियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय विधायक महेंद्र पाल मीना से मिलकर सारी घटना बताई। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र पाल मीणा ने मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को चरागाह भूमि में की गई तरमीम को निरस्त करने की मांग की है।

न्यायालय में भी मामला विचाराधीन

जानकारी में यह भी आया कि उक्त भूमि से संबंधित अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयपुर के न्यायालय में भी मामला विचाराधीन है जिसमें न्यायालय द्वारा मौका व रिकॉर्ड की यथास्थिति के आदेश हैं। ग्राम वासियों का कहना है कि चरागाह भूमि में हजारों सघन बबूल के पेड़ है तथा सरकार के द्वारा ही इसमें पेड़ लगाए गए हैं, जिनकों खातेदार अब चरागाह भूमि में अपना कब्जा करने के लिए इन पेड़ों को काट रहा है जिसकी शिकायत भी तहसीलदार को की जा चुकी है किंतु कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बिना सिवायचक भूमि से क्षतिपूर्ति किए ही चरागाह भूमि में तरमीम कर दी गई, जिनकों की कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से तहसीलदार पक्षकार होने के बावजूद भी तहसीलदार ने नीचे की कोर्ट में अपना पक्ष न रखकर एक पक्षकार को ही लाभ पहुंचाया गया है, जिस कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है।

जमवारामगढ़ विधायक महेंद्रपाल मीणा ने बताया- बहलोड़ के खसरा नंबर 7 में सघन पेड़ हैं। यह भूमि चरागाह भूमि है। ग्राम पंचायत द्वारा इसमें पेड़ लगाए गए हैं। ग्रामीण एवं पंचायत की शिकायत के बाद मैंने चरागाह भूमि में की गई तरमीम को निरस्त करने के लिए मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। गैर कानूनी कार्रवाई कोई भी हो निरस्त होनी चाहिए।

इस मामले में उपखंड अधिकारी, जमवारामगढ़ ललित मीणा ने कहा- यदि किसी कास्तकार को भूमि आवंटित हुई है तो उसकी दूसरी जगह चरागाह में तरमीम किया है तो गलत पास फाइल नहीं है ज्यादा है। मेरे जानकारी मैं नहीं है इस पर ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता।

पंचायत बहलोड़- सरपंच, सुदामा गुर्जर ने बताया- ग्राम पंचायत की एनओसी के बाद वन विभाग ने नर्सरी लगाई थी, जिसको बाद में ग्राम पंचायत को सुपुर्द भी कर दी गई। ग्राम पंचायत द्वारा 2 2 साल में एक बार लूम पातड़ी की नीलामी की जाती है। यह भूमि चरागाह भूमि है इसकी तरमीम करना गलत है। तरमीम को दुरुस्त को दुरुस्त कराने की कार्यवाही कर रखी है।

मूल ऑनलाइन लेख -https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/demand-to-cancel-the-amendment-of-pasture-in-bahlod-133979090.html


Friday, 15 November 2024

चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया

मिश्रौली। डग-भवानीमंडी रोड पर स्थित पत्थर की खान के सामने 2 साल से बने अतिक्रमण को हटा दिया है। कई दिनों से इस चारागाह भूमि पर पक्का टिन शेड बनाकर कब्जा किया जा रहा था। इसकी प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। आमलिया निवासी केसर सिंह, सुल्तान सिंह ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। इस मामले पर कार्यवाही करते हुए अतिक्रमण हटाया और पक्के निर्माण को तोड़ दिया। इस मौके पर तहसीलदार अब्दुल हफीज, सरपंच जगमाल सिंह चौहान, थानाधिकारी नरेंद्र सुनेरीवाल मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/bhawani-mandi/news/encroachment-removed-from-grazing-land-133955728.html

Thursday, 14 November 2024

चारागाह भूमि पर भारी वाहनों की पार्किंग पर रोक: मुख्य सचिव सहित 17 लोगों को नोटिस जारी, कोर्ट ने 16 दिसम्बर तक मांगा जवाब

चौमूं की हाड़ौता ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि सहित आम रास्ते पर भारी चारा वाहनों की पार्किंग पर हाईकोर्ट ने अंतिम रोक लगाई।

चौमूं की हाड़ौता ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि सहित आम रास्ते पर भारी चारा वाहनों की पार्किंग पर हाईकोर्ट ने अंतिम रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव, जिला कलेक्टर, प्रमुख गृह सचिव व जयपुर डीसीपी, जयपुर ट्रैफिक, एसडीएम, तहसीलदार, गोविंद-गढ़ पंचायत समिति विकास अधिकारी, गोविंद-गढ़ प्रधान, हाडौता सरपंच, चौमूं थाना अधिकारी और ठेकेदार लालचंद यादव सहित 17 जनों को नोटिस जारी कर आगामी 16 दिसंबर तक इस पूरे मामले का जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट जस्टिस इंद्रजीत सिंह व आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश रामेश्वर प्रसाद व अन्य की पीआईएल पर दिया है। अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि पंचायत सरपंच ने अफसरों से मिलीभगत करके बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए ही हाडौता ग्राम पंचायत और गोविंदगढ़ पंचायत समिति की चारागाह भूमि और आम रास्ते की जमीन पर चारा वाहनों की पार्किंग के लिए ठेके पर दे दी। जबकि काश्तकारी अधिनियम पंचायत राज अधिनियम और भू राजस्व अधिनियम के तहत चारागाह भूमि व सार्वजनिक रास्ते की जमीन का अन्य कार्य के लिए उपयोग नहीं हो सकता हैं।

वर्ष 2017 में इसी जमीन पर एक करोड़ 58 लाख रुपए में भारी चारा वाहनों की पार्किंग का ठेका दिया गया था। हालांकि बाद में स्थानीय एसडीएम ने चारागाह भूमि होने पर इस टेंडर पर रोक लगा दी थी, लेकिन फिर भी इस जमीन पर अपने चहेते ठेकेदार को 31लाख 21 हजार रुपए में पार्किंग का टेंडर दे दिया।

मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दयार की। जहां पर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अंतिम रोक लगाई गई और आगामी 16 दिसंबर तक इस मामले में जवाब मांगा गया है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/chomu/news/ban-on-parking-of-heavy-vehicles-on-pasture-land-chomu-rajasthan-133952173.html

Tuesday, 12 November 2024

जोधपुर हाई कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश: गोचर भूमि समेत सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश

 

जोधपुर। जोधपुर हाई कोर्ट ने आज राजस्थान की गोचर भूमि, आगौर, औरन, नदी, तालाब, नाड़ी, सड़क, रास्ता और रेलवे की भूमि पर से अवैध कब्जे हटाने के आदेश जारी किए हैं। इस निर्णय का विशेष महत्व है, क्योंकि गोचर भूमि पर अवैध अतिक्रमण राज्य में पशुधन के लिए चारागाह की उपलब्धता को सीधे प्रभावित करता है। इस आदेश से राजस्थान के पाली जिले के ग्रामीण इलाकों में चारागाह और अन्य सार्वजनिक भूमि को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।

राजस्थान के कई जिलों में अवैध कब्जे के कारण गोचर भूमि का ह्रास हो रहा था, जिसके परिणामस्वरूप पशुओं के लिए चराई का संकट पैदा हो गया था। इसी मुद्दे को लेकर पाली जिले के निवासी और गोचर भूमि संरक्षण कार्यकर्ता पोपटलाल राणावत ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने इस मामले को न्यायालय में उठाकर गोचर भूमि सहित अन्य सार्वजनिक भूमि पर किए गए गैरकानूनी कब्जों को समाप्त करने की मांग की थी।

न्यायालय के इस आदेश से सरकारी तंत्र पर जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह समयबद्ध तरीके से इन अतिक्रमणों को हटाए और भूमि को उसके मूल उद्देश्य के लिए पुनर्स्थापित करे। यह निर्णय न केवल पशुधन के लिए राहत का कारण बनेगा बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और जल-संरक्षण जैसे आवश्यक मुद्दों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। अदालत के इस निर्णय से किसानों, पशुपालकों और ग्रामीण समुदायों को एक स्थायी समाधान की आशा है, जो कई वर्षों से इस समस्या का सामना कर रहे थे।

इस ऐतिहासिक फैसले में स्वर्गीय दीपचंद सोलंकी का योगदान भी एक प्रेरणा का स्तंभ बना हुआ है। 1956 में गोचर भूमि आरक्षण विधेयक पारित करवाने में उनका योगदान ग्रामीण समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत है। उनके प्रयासों से ही राजस्थान में गोचर भूमि की सुरक्षा की भावना जागृत हुई थी। आज न्यायालय के आदेश को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि उनकी सोच और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.hindisaamana.com/historic-order-of-jodhpur-high-court-instructions-to-remove-encroachment-from-public-land-including-grazing-land/


सोनाणा गांव की गोचर भूमि पर अतिक्रमण, ग्रामीणों में रोष

सोनाणा गांव की गोचर भूमि पर अतिक्रमण, ग्रामीणों में रोष

निकटवर्ती सोनाणा गांव के पास स्थित गोचर भूमि पर कुछ लाेगाें ने अतिक्रमण कर लिया। जिसके कारण पशुपालकों एवं किसानों को पशुओं की चराई के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद गोचर भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे सोनाणा के ग्रामीणों में रोष है। सोनाणा गांव के पशुपालकों एवं किसानों ने बताया कि गांव से कुछ दूरी पर चारागाह भूमि मौजूद है। जो पशुओं के साथ जंगली जानवरों के लिए चराई के लिए बहुत ही उपयोगी भूमि है। बरसात होने के बाद इस चारागाह में बड़ी मात्रा में घास उत्पन्न होती है। जो कई माह तक पशुओं के लिए यह घास भोजन के रूप में उपयोग में पशुपालक लेते हैं। चारागाह भूमि के पास ही पहाड़ी होने के कारण पानी की आवक भी अधिक होती है। उक्त भूमि पर पक्का निर्माण के साथ कई लोग तो अवैध रूप से खेती भी कर रहे हैं, जिसके चलते लगातार गोचर भूमि अतिक्रमण की भेंट चढ़ रही है। इस कारण से ग्रामीणाें में राेष है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/rajasthan/pali/rajasthan-news-encroachment-on-the-transit-land-of-sonana-village-rage-in-the-villagers-101003-4896893.html


खातेदारी भूमि में चल रही स्नो व्हाइट व क्वार्टज फेल्सपार की अवैध खदानें

 

भास्कर संवाददाता| रायपुर तहसील क्षेत्र के कोट, बागड़, पीथा का खेड़ा, रामा, लड़की, चारोट क्षेत्र की बिलानाम, चारागाह और खातेदारी भूमि से धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। इस अवैध खनन से स्नो व्हाइट, क्वार्ट्ज फेल्सपार, माइका निकाला जा रहा है। एक खनन व्यवसायी ने 5 हैक्टेयर की खनन माइंस की आड़ में 45 बीघा से अधिक सरकारी व खातेदारी जमीन पर से फेल्सफार, क्वार्ट्ज व माईका निकाल कर 50-50 फीट गहराई तक जमीन खोद दी है। यहां से एक साथ कई डंपर ट्रैक्टर भरकर दिन में निकलते हैं। यहां ओपन ब्लास्टिंग कर रोजाना 50 से अधिक डंपर व ट्रैक्टर से मिनरल बाहर भेज रहे हैं। यहां पर हो रहे बड़े पैमाने पर अवैध खनन की जानकारी अधिकारियों को दी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। खनिज विभाग ने लीज धारक को 5 हेक्टैयर जमीन 1999 में लीज पर दी। माइंस प्रबंधन ने अपनी जमीन की आड़ में पूरे पिथा का खेड़ा, कोट, बागड़ ग्राम पंचायत की जमीनों में जहां से पत्थर मिला वहीं से पत्थर खोदना शुरू कर दिया। माइंस प्रबंधन ने अपने लिए एरिया के कोई भी जगह निर्धारण नहीं कर रखी है।

इसी तरह लड़की ग्राम के पास वन विभाग की जमीन भी है वहां पर भी अवैध खनन हो रहा है। पंचायत समिति में नेता प्रतिपक्ष बसंती लाल गुर्जर ने बताया कि मैं कोट पिथा खेड़ा पंचायत समिति क्षेत्र से पंचायत समिति में प्रतिनिधि हूं। मैं इस संबंध में पूर्व सरपंच विमलाबेन चेचानी व ग्रामीणों के साथ जाकर उपखंड अधिकारी को अवैध खनन के संबंध में ज्ञापन सौंपा। साधारण सभा में भी मुद्दा उठाया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कोट ग्राम पंचायत की पूर्व सरपंच विमलाबेन चेचाणी ने बताया कि खनन माफिया ने बिलानाम भूमि में खसरा नंबर 1541, 1465, 2763, 1038, 1049, 1475, 1456, 1457, व ग्राम छतरौल में चारागाह भूमि खसरा नंबर 118,145,147,148, व ग्राम पिथा का खेड़ा में चारागाह भूमि खसरा नंबर 408,293 वह अन्य चारागाह भूमि जहां पर खनन माफिया ने 50-50 फीट गड्ढे कर दिए जिसकी हमने पटवारी को बुलाकर रिपोर्ट बनवाई है। रायपुर क्षेत्र में अवैध खनन की जानकारी नहीं है। मौके पर टीम भेजकर जांच कराएंगे। - ओपी काबरा , अधीक्षण खनि अभियंता रात आठ बजते ही अवैध खनन शुरू रात आठ बजते ही डंपर व ट्रैक्टर से माल बाहर भेजना शुरू कर देते हैं। इससे खनन माफिया महीने में करीब 20 लाख से अधिक कीमत का पत्थर चुरा रहे हैं। पटवारी ने बताया कि इनकी जगह कोट ग्राम पंचायत के अंतर्गत आती है लेकिन इन्होंने पिथा खेड़ा क्षेत्र में भी खनन कर रखा है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bhilwara/news/illegal-mining-of-snow-white-and-quartz-feldspar-is-going-on-in-the-khatedari-land-133953926.html

खानाबदोश घुमंतू समाज को जेडीए द्वारा हटाने का विरोध: चारागाह भूमि पर बसाने का लगाया आरोप; जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की

 

खानाबदोश घुमंतू जाति समाज के लोग बुधवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे। यहां कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी को खानाबदोश घुमंतू जाति समाज के लोगों को राइजिंग रास्थान प्रस्तावित कार्यक्रम के चलते जगतपुरा स्थित अक्षय पात्र, सांगानेर, विद्याधर नगर, झोटवाड़ा आदि स्थानों से खानाबदोश लोगों को जबरदस्ती बुलडोजर से उनकी बस्तियों को ध्वस्त कर उन्हें उठाकर कानोता थाना क्षेत्र में स्थित सिरोली गांव की चारागाह भूमि पर लाकर छोड़ने के विरोध में ज्ञापन दिया। प्रतिनिधि मंडल ने इस दौरान कलेक्टर से जांच करवाकर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

घुमंतू ​​​​​​अर्द्ध-घुमंतू विमुक्त जाति परिषद के अध्यक्ष ​रतननाथ कालबेलिया ने बताया- राइजिंग राजस्थान की चमक को बढ़ाने के लिए गरीब और खानाबदोश घुमंतू जाति समाज के लोगों के जीवन को कष्ट से ढका जा रहा हैं। विगत 7 नवंबर को और उसके बाद लगातार जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जगतपुरा स्थित अक्षय पात्र, सांगानेर, विद्याधर नगर, झोटवाड़ा आदि स्थानों से खानाबदोश लोगों को जबरदस्ती बुलडोजर से उनकी बस्तियों को ध्वस्त कर उन्हें उठाकर कानोता थाना क्षेत्र में स्थित सिरोली गांव की चारागाह भूमि पर लाकर छोड़ दिया। जहां हजारों लोग बिना पानी बिजली और मूलभूत सुविधा के नारकीय जीवन जी रहे हैं। इसके विरोध में आज घुमंतू समाज उत्थान के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न संगठनों जिनमें घुमंतू, अर्ध-घुमंतू विमुक्त जाति परिषद, भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी, घुमंतू प्रकोष्ठ राजस्थान, घुमक्कड़ बेघर समाज सेवा संस्थान सहि कई अन्य संगठनों के पदाधिकारीयों ने जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी को इस बाबत ज्ञापन सौंप कर इस मामले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ जांच करने और चारागाह में छोड़े गए लोगों को तुरंत स्थायी पट्टे और आवास, मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की हैं।

घुमंतू अर्ध-घुमंतू और विमुक्त जाति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ने सरकार पर आरोप लगाया हैं कि जब से बीजेपी सरकार आई हैं तब से घुमंतू समाज की बस्तियां उजाड़ी जा रही हैं और घुमंतू समाज के नागरिकों को जब भी अधिकारियों का मन करता है तब कचरे की तरह उठाकर कहीं भी फेंक देते हैं ,अब यह अन्याय सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया- सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम देते हैं यदि 7 दिन में इन प्रवृत्तियों को रोक कर घुमंतू समाज को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

घुमंतू प्रकोष्ठ महासचिव बिशन लाल बावरी ने कहा कि वास्तव में सबसे पीछे अगर कोई समाज हैं तो वह घुमंतु अर्ध घुमंतु और विमुक्त समाज हैं और अब सरकार को इस समाज पर विशेष ध्यान देना होगा, नहीं तो हम सभी सामाजिक संगठनों को एक साथ लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे। भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के दलित उन्मूलन समिति के प्रदेश संयोजक राजेंद्र चंदोलिया ने कहा कि समाज के पढ़े लिखे लोगों को समाज को जगाने के लिए चलाए जा रहे हैं अभियान में शामिल होना चाहिए और समाज के अंदर शिक्षा और कुरीतियों को मिटाने के लिए लोगों को जागृत करना चाहिए ताकि लोग अपने अधिकार को लेना जान सकें।


भारत जोड़ो मिशन सोसाइटी के अध्यक्ष अनीष कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है की घुमंतू, अर्ध-घुमंतू, विमुक्त जाति परिषद के क्षेत्र में काम करने वाली अलग-अलग संगठनों को एक मंच पर आना होगा और घुमंतू
समाज के कष्टों की मुक्ति के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए साथ खड़ा होना होगा।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/protest-against-removal-of-nomadic-community-by-jda-133953658.html

Monday, 11 November 2024

अवैध खनन ने नदियों को किया छलनी, नष्ट कर दिए तटबंध

जिले की नदियों के आसपास, नदियों के पेटे में दिनदहाड़े अवैध खनन जारी है। ऐसे में इन नदियों का न केवल स्वरूप बिगड़ रहा है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है।


जिले की नदियों के आसपास, नदियों के पेटे में दिनदहाड़े अवैध खनन जारी है। ऐसे में इन नदियों का न केवल स्वरूप बिगड़ रहा है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है।

माफिया ने बिगाड़ दी सूरत, जगह-जगह दिख रहे खनन के घाव
बारां। जिले की नदियां लगातार हो रहे अवैध खनन से कराह रही हैं। इससे न केवल उनका प्राकृतिक बहाव मार्ग, स्वरूप बिगड़ रहा है। बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। कालीसिंध, पार्वती और परवन नदी के हाल भी बेहाल हैं। पत्थर के लगातार खनन से इनमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। रेत और मिट्टी के लालच में नदियों के तटों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया गया है। इससे तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रदेश में खास अहमियत रखता है। पहला तो यह कि यहां पर प्रदेश के सबसे घने वनक्षेत्र हैं। दूसरा यह जिला प्रदेश का इकलौता जिला है, जहां सबसे अधिक नदियां बहती हैं। जिले में कालीङ्क्षसध, पार्वती, परवन जैसी बड़ी नदियों के अलावा कई छोटी-छोटी नदियां हैं। ऐसे में खनन की बात करना अहम हो जाता है। जिले की नदियों के आसपास, नदियों के पेटे में दिनदहाड़े अवैध खनन जारी है। ऐसे में इन नदियों का न केवल स्वरूप बिगड़ रहा है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है। खनन माफिया जिले में हर नदी में आसानी से नजर आ जाते हैं।

अंधेरी नदी : नहीं लग पा रहा खनन पर अंकुश
कवाई। मोठपुर क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन चरम पर है। माफिया ने यहां डूंगरियों एवं पहाड़ों को खोदकर सुरंगें बना दी हैं। यहां दिन रात लोग पहाड़ों को खोदकर बजरी निकालने में लगे हैं। इसका कुछ खनन माफिया स्टॉक भी करके रखते है एवं मोटे मुनाफे में बेच देते हैं। बजरी परिवहन कस्बे के मुख्य चौराहों से भी हर पल होता रहता है। समूचे क्षेत्र में बजरी निकालने वालों ने जान जोखिम में जगह- जगह डालकर चारागाह की भूमियों पर गहरी कराइयों में खड़े होकर बजरी निकालते है।

खटफाड़ नदी : अवैध खनन से गहरे जानलेवा गड्ढे हो गए
जलवाड़ा । वन विभाग की उदासीनता से वन भूमि व नदियों में विगत कई वर्षो से हो रहे अवैध खनन से गहरे जानलेवा गड्ढे हो गए हैं। प्राकृतिक वन सम्पदा को भी गहरा नुकसान पहुंचा है। नाका के खेरंका क्लोजर, गढ़ुली, हांका की चांच सहित पीलिया क्लोजर में अरसे से हो रहे बजरी के अवैध खनन से आठ से दस बीघा वन भूमि नष्ट हो गई है। बजरी खनन से आठ से दस फीट तक गहरे गड्ढे हो गए है। इनमें कभी भी हादसा हो सकता है।

कालीसिंध नदी : दिनभर रहता है ट्रैक्टर ट्रॉलियों का जमावड़ा
पलायथा । क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन से कालीसिंध नदी का स्वरूप ही बदल गया है। सामान्यत: जहां नहाने के लिए पुराने रियासतकालीन पुल पर लोग मौजूद रहते थे। वहां अब अवैध खननकर्ताओं के ट्रैक्टर ट्रालियों की भरमार रहने लगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 27 के किनारे स्थित इस नदी पर पुल पर यातायात करते वाहन चालक रुककर इसे देखकर अचंभित हो जाते हैं। इस फोरलेन सडक़ पर कारों से गुजरते उच्च अधिकारियों और राजनेताओं द्वारा भी यहां नावों को पानी में उतारकर काली रेत का व्यापार प्रतिबंधित होने के बावजूद भी बदस्तूर जारी है।

पार्वती नदी : बजरी जमा करने के चलते गड्ढे बन गए
किशनगंज। पार्वती नदी पर भी खनन माफिया का हमला जारी है। माफिया ने खनन कर नदी की सूरत बिगाड़ दी है। यहां पर जगह-जगह खनन से बने गड्ढे किसी घाव की तरह नजर आते हैं। आए दिन यहां पर कई मजदूर रेते व पत्थर निकालते नजर आ जाते हैं। इस दौरान यहां ट्रैक्टर ट्रॉलियों का भी जमावड़ा लगा रहता है। नदी के बीचों बीच जगह-जगह माफियाओं द्वारा बजरी जमा करने के चलते गड्ढे बन गए हैं।

अवैध खनन पर कार्रवाई करते हैं। जहां से भी शिकायत मिलती है, कार्रवाई होती है। जब भी लगता है, ज्यादा शिकायत है तो वहां जाने की कोशिश करते हैं तथा खनन को रुकवाने का प्रयास किया जाता है।
भंवरलाल लबाना, एमई, खनन विभाग, बारां

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/baran-news/illigal-mining-in-barran-district-19139422


Sunday, 10 November 2024

चरागाह से अतिक्रमण हटाने के लिए डीसी को सौंपा ज्ञापन

अजमेर | जिले के अंराई उपखंड के गांव कटसूरा में चरागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार को ग्रामीणों ने संभागीय आयुक्त महेश चंद शर्मा को ज्ञापन सौंपा तथा अतिक्रमण हटाने की मांग की। ग्रामीण भंवर लाल शिकायत में बताया चरागाह भूमि पर कई लोगों ने अतिक्रमण कर चरागाह भूमि पर मकान बना लिए हैं। ग्रामवासी इनसे परेशान हैं। ग्रामीण चाहते हैं कि इस जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/ajmer/news/memorandum-submitted-to-dc-for-removal-of-encroachment-from-pasture-133879640.html

चारागाह भूमि पर दबंगों ने किया कब्जा, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 

धौलपुर। ग्राम पंचायत दिहौली के गांव करका खेरली में चारागाह भूमि पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पर जाकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की है। गांव के दर्जनों ग्रामीण उक्त प्रकरण को लेकर कलेक्ट्री पहुंचे थे। ज्ञापन में बताया गया है कि गांव की करीब 200 बीघा चारागाह भूमि पर करका खेरली शेखपुरा पतिराम मड़ियापुरा के कुछ दबंगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है।

अतिक्रमणियों ने उक्त जमीन पर फसल करने का काम शुरू कर दिया है। मौके पर फसल खड़ी हुई है। चारागाह पर अतिक्रमण होने से गांव के पशुओं के लिए चारे की समस्या पैदा हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि जब अतिक्रमियों से जमीन खाली कराने की कोशिश की जाती हैं। तो उक्त दबंग धमकाना शुरू कर देते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से चारागाह भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की हैं।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/the-bullies-captured-the-grazing-land-submitted-a-memorandum-to-the-collector-133910221.html

राजस्व विभाग की टीम ने चारागाह की 25 बीघा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया

भास्कर न्यूज मनियां

क्षेत्र के गांव परसोंदा में अतिक्रमण कारियों द्वारा 25 बीघा चारागाह भूमि पर कई वर्षों से कब्जा कर रखा था। जिसे मंगलवार को राजस्व विभाग की टीम द्वारा अतिक्रमण मुक्त कर दिया गया है । इस दौरान मौके पर मनिया तहसीलदार देवेंद्र तिवारी के साथ राजस्व विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा पुलिस बल तैनात रहा । तहसीलदार तिवारी ने बताया कि जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी के निर्देशन मे राजस्व विभाग की टीम गठित की गई, जहां मंगलवार को गांव परसोंदा पहुंचे, जहां ट्रैक्टर और जेसीबी की मदद से करीब 25 बीघा चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाकर चारागाह जमीन को खाली कराया गया। उन्होंने बताया कि कई वर्षों से अतिक्रमणकारियों ने चारागाह भूमि पर कब्जा कर रखा था तथा मौके पर अतिक्रमण कारियों द्वारा फसल भी उगाई जा रही थी।

उन्होंने बताया कि अतिक्रमण कारियों ने गांव की चारागाह की भूमि पर कब्जा कर फसल उगा रखी थी। तहसीलदार देवेंद्र तिवारी ने कहा इसी तरह आगे भी कार्रवाई कर चारागाह व सरकारी जमीन पर हो रखे अतिक्रमण को अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराया जाएगा। मौके पर हल्का पटवारी सहित ग्राम विकास अधिकारी तथा राजस्व विभाग अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। 25 बीघा चारागाह से अतिक्रमण हटने से पशुओं की चराई में सुविधा होगी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/maniya/news/the-revenue-department-team-freed-25-bighas-of-pasture-land-from-encroachment-133915239.html

चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत: क्षेत्रवासियों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, कार्रवाई करने की मांग

 

चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत को लेकर क्षेत्रवासियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

करौली जिला मुख्यालय के पास स्थित झील का हार में चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण की शिकायत को लेकर क्षेत्रवासियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपकर भू माफियाओं द्वारा चारागाह भूमि को समतल करने और अवैध अतिक्रमण का आरोप लगाया है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर चारागाह भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की है।

ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय के पास झील का हार मैगजीन के पीछे चारागाह-गोचर भूमि स्थित है। गोचर भूमि पर भू माफियाओं द्वारा रात में ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन से समतली करण कर अवैध रूप से अतिक्रमण और कब्जा करने का कार्य किया जा रहा है। रोकने के बाद भू-माफिया लोगों से झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। भू माफियाओं द्वारा इसी प्रकार कब्जा करने की भी धमकी देने का आरोप लगाया है। क्षेत्रवासियों ने बताया कि परमा का डांडा, कहारपुरा, पपईया का डांडा क्षेत्र के लोग रास्ते से होकर गुजरते हैं। अतिक्रमण से क्षेत्रवासियों का रास्ता बंद हो जाएगा। क्षेत्रवासियों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर भूमि को भू माफियाओं से मुक्त कराने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/news/complaint-of-illegal-encroachment-on-pasture-land-133861763.html

Saturday, 9 November 2024

पीपल्दा के किसान छीतरलाल के खेत पर पहुंचे अधिकारी: रास्ता देने के लिए किया मौका मुआयना, कलेक्टर ने दिए थे जल्द कार्रवाई के आदेश

 

बारां कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर के निर्देशानुसार शनिवार को बारां एसडीएम और तहसीलदार ने पीपल्दा गांव के किसान छीतरलाल कुम्हार के खेत पर पहुंचकर उनकी समस्या का समाधान करने के लिए मौके का मुआयना किया।

किसान छीतरलाल के खेत पर पहुंचने के रास्ते के अवरुद्ध होने का मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में आते ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई कर परिवादी को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए थे।

एसडीएम अभिमन्यु कुंतल और तहसीलदार दशरथ मीणा की ओर से किए गए निरीक्षण में पाया गया कि प्रार्थी के खसरा नंबर 89, 84, 85, 83 में कोई रिकॉर्डेड रास्ता मौजूद नहीं है। छीतरलाल चारागाह भूमि से आवागमन करता है। वर्तमान में चारागाह भूमि का अतिक्रमण भी हटवा दिया गया है। इसके अलावा, फरियादी किसान को आगे के रास्ते में कुछ खातेदारों की निजी जमीन के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते आपसी सामंजस्य से पहले जो आवागमन होता था, वह अब संभव नहीं हो पा रहा है। साथ ही, परिवादी की मांग के अनुसार उसके खेत के पीछे से गुज़र रहे नाले से रास्ता देना नियमानुसार उचित नहीं पाया गया। बारिश के मौसम में नाला उफान पर होता है और ऐसी स्थिति में वहां से गुजरने पर जान माल को क्षति पहुंचने की संभावना भी बनी रहती है।

परिस्थिति देखते हुए अधिकारियों ने प्रार्थी को यह सुझाव दिया कि उन्हें सक्षम न्यायालय में दावा प्रस्तुत कर राजस्थान भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 251 (ए) के तहत कानूनी रूप से रास्ते की मांग करनी चाहिए। यह उपाय प्रार्थी की समस्या का स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/baran/news/officials-reached-the-farm-of-pipalda-farmer-chhitarlal-baran-rajasthan-133872097.html


राजसमंद, चारभुजा तहसील की ढोढीवास गांव में अतिक्रमण मामला

राजसमंद, चारभुजा तहसील की ढोढीवास गांव में अतिक्रमण मामला, चरागाह और श्मशान भूमि पर अतिक्रमण का आरोप, एक पक्ष ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, तो दूसरे पक्ष के लक्ष्मण गुर्जर ने भी की अतिक्रमण हटाने की मांग, कहा, प्रशासन करे कार्रवाई, हर संभव करूंगा मदद।

गोवंश के लिए गांव की सरकारी भूमि से हटना चाहिए अतिक्रमण।

क्या आपने कभी ऐसा देखा और सुना है कि जिस व्यक्ति पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया हो, वही व्यक्ति सामने आए और खुद गांव के हित में अतिक्रमण हटाने की मांग करें। जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला राजसमंद जिले में। यहां चारभुजा तहसील की टाडावाला गुजरान पंचायत के ढोढीवास गांव की सरकारी जमीन और शमशान के रास्ते पर हो रहे अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और लक्ष्मण गुर्जर नामक व्यक्ति पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया। लेकिन आरोप के बाद लक्ष्मण गुर्जर खुद सामने आए और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गांव के कुछ लोग उनकी निजी खातेदारी जमीन को हड़पने के लिए षडयंत्र कर रहे हैं। लक्ष्मण गुर्जर ने जिला कलेक्टर और तहसीलदार से अपील करते हुए कहा कि वह गांव में जमीन का सीमांकन करें और जिस किसी भी व्यक्ति का सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो, उसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, इसके लिए वह जेसीबी और अन्य संसाधन भी उपलब्ध कराने को तैयार हैं। गुर्जर ने बताया कि शिकायतकर्ता का काम ही लोगों को डराना धमकाना और जमीन हड़पना है। जिन्होंने पूरे गांव की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://aimamedia.org/newsdetails.aspx?nid=347873

Friday, 8 November 2024

चरागाह भूमि से दूसरे दिन भी हटाए अतिक्रमण

कस्बे में चारागाह भूमि पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी अतिक्रमण हटाया गया। संपर्क पोर्टल 181 पर दर्ज परिवाद के अंतर्गत में स्थित चारागाह भूमि पर अतिक्रमणियों नेकरीब 2787 बीघा पर अतिक्रमण कर रखा था। नसीराबाद तहसीलदार आफताब अहमद, नसीराबाद सदर थाना अधिकारी प्रहलाद सहाय के नेतृत्व में पुलिस दल की मौजूदगी में श्रीनगर रोड तथा कानपुरा रोड पर शुक्रवार को जेसीबी मशीन व ट्रैक्टरों की सहायता से अतिक्रमण हटाए। ग्रामीणों ने प्रशासन का आभार प्रकट किया।

तहसीलदार ने बताया कि गुरुवार को 40 बीघा तथा शुक्रवार को 40 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाए गए। वहीं के गिरदावर अशोक कुमार मीणाने बताया कि यह अभियान लगभग एक महीने तक चलेगा। सरपंच जालिम सिंह सिसोदिया, राजीव शर्मा गिरदावर दिलवाड़ा, पटवारी विमल कुमार, मावशिया पटवारी बन्ना लाल, सांप्रोदा पटवारी गिरिराज सैनी, राजगढ़ के पटवारी दाताराम, देराठू के पटवारी धर्मेंद्रकुमार, बेवंजा के पटवारी जितेंद्र सिंह की देख रेख में अतिक्रमण हटाए गए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/ajmer/nasirabad/news/encroachment-removed-from-pasture-land-on-second-day-also-133864056.html

मनियां में 125 बीघा से अधिक भूमि से हटाए अतिक्रमण: सरसों की फसल को बुलडोजर और ट्रैक्टर के सहयोग से नष्ट कराया

प्रशासन ने मनियां इलाके में 125 बीघा से अधिक चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाकर मुक्त कराया।

भू माफियाओं के खिलाफ मनिया तहसील प्रशासन ने अभियान छेड़ा हुआ है। अभियान के तहत अभी तक तीन गांव से करीब 125 बीघा से अधिक भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया है। अभियान की शुरुआत मंगलवार को परसोंदा गांव से हुई थी, जिसमें प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से 25 बीघा भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया था।

कार्यवाहक तहसीलदार देवेंद्र तिवारी ने बताया कि जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी के निर्देश में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मनियां तहसील के गांव परसोंदा, राधे का पुरा एवं शाहपुरा में भूमाफियाओं ने 125 बीघा से अधिक चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर लिया था। चारागाह भूमि पर कब्जा करने वाले लोग लंबे समय से सरकारी जमीन पर फसल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर को चारागाह भूमि पर किए गए अतिक्रमण की शिकायत मिली थी।

कलक्टर के निर्देश में शुरू हुए अभियान के तहत बुधवार और गुरुवार को गांव परसोंदा, राधे का पुरा और शाहपुरा में पुलिस बल को साथ लेकर कार्रवाई को अंजाम दिया है। भू माफियाओं द्वारा चारागाह भूमि पर बुबाई की गई सरसों की फसल को बुलडोजर और ट्रैक्टर के सहयोग से नष्ट कर चारागाह भूमि को कब्जे में लेकर स्थानीय ग्राम पंचायत के संरक्षण में दिया है।

तहसीलदार तिवारी ने बताया कि इलाके में अन्य गांव में भी चारागाह भूमि पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने बताया कि जिस इलाके में जहां भी अतिक्रमण हो रहा है, वहां भी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से जमीन माफियाओं में हड़कंप मच गया। कुछ भू माफिया प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने भी पहुंचे थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन की माकूल व्यवस्था देख बैरंग लौट गए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/encroachment-removed-from-more-than-125-bighas-of-land-in-maniyan-dholpur-news-133921147.html


चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया निर्माणाधीन भवन को जमींदोज किया

गंगापुर सिटी| कलेक्टर के निर्देशन में शुक्रवार को उपखंड अधिकारी बृजेन्द्र मीना के नेतृत्व में ग्राम मिर्जापुर में तहसीलदार सुधारानी ने चरागाह भूमि से अवैध अतिक्रमण हटवाया। उपखंड अधिकारी ने बताया कि मिर्जापुर में खसरा नंबर 237 एवं 208/1116 रकबा 0.0209 से अवैध कब्जा हटवाया गया। उप जिला कलेक्टर ने बताया कि राजस्व नियमों एवं अधिनियमों के उल्लंघन के प्रति राज्य सरकार सख्त है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा अवैध अतिक्रमण से संबंधित मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी अनुपालना में पूर्व में भी विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा चुकी है और आगे भी जारी रहेगी। इस दौरान उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा उक्त चरागाह भूमि से जेसीबी लगाकर निर्माणाधीन भवन को जमींदोज कर अवैध कब्जे को हटवाया गया। कार्रवाई के दौरान मौके पर पुलिस उपाधीक्षक संतराम मीना, उदई मोड़ थानाधिकारी नरेश पोसवाल सहित जाप्ता मौजूद रहा। इसी तरह ग्राम चूली में खसरा नंबर 1173 रकबा 0.11 हैक्टेयर से मिट्टी तारबंदी आदि लगाकर अतिक्रमण कर लिया था। इस पर मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण को जेसीबी के माध्यम से हटवाया गया और रास्ते को सुचारू कर दिया गया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/gangapur/news/encroachment-from-pasture-land-removed-under-construction-building-razed-to-the-ground-133930091.html


Thursday, 7 November 2024

प्रशासन ने 50 बीघा चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया: शाहपुरा गांव में ग्रामीणों ने किया था अतिक्रमण, आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई

शाहपुरा गांव में प्रशासन ने 50 बीघा चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया।
धौलपुर के मनियां थाना क्षेत्र के शाहपुरा गांव में बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। कार्यवाहक तहसीलदार देवेंद्र तिवारी के नेतृत्व में प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ पुलिस की टीम ने गांव में करीब 50 बीघा चार का जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।

कार्यवाहक तहसीलदार ने बताया कि जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी के निर्देशन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर से मिले निर्देशों के बाद प्रशासन की ओर से कार्रवाई करते हुए जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से करीब 50 बीघा चारागाह की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।

उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रखा था। जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर को की गई थी। शिकायत पर की गई जांच के बाद कलेक्टर के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई।

तहसीलदार देवेंद्र तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव के कई लोगों द्वारा चारागाह की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए फसल उगाई जा रही थी। जिला कलेक्टर से मिले निर्देशों के बाद गिरदावर और पटवारी की टीम गठित करके चारागाह की जमीन को चिह्नित कराया। जिस जमीन पर उगाई जा रही सरसों की फसल को भी जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद से नष्ट कराया गया है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/the-administration-removed-encroachment-from-50-bigha-pasture-land-133917314.html

पनेर ग्राम विकास अधिकारी को अतिक्रमण कार्रवाई में संसाधन न उपलब्ध कराने का नोटिस

अजमेर। किशनगढ़ पंचायत समिति के ने पनेर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को विकास अधिकारी ने अतिक्रमण हटवाने के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराने पर पनेर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी को तीन दिन में जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ग्राम निट्टी के चारागाह भूमि के खसरा नम्बर 414, 415, 416, 117, 110 एवं 696/414 पर किए गए अतिक्रमण को बुधवार को हटाने के लिए रूपनगढ़ तहसीलदार संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। किशनगढ़ बीडीओ ने अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार को पहले से निर्देश देने के बावजूद संसाधन उपलब्ध नहीं कराने को उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना एवं राजकीय दायित्व के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही मानते हुए तीन दिन में जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://awazrajasthanki.com/archives/2619