उपखंड क्षेत्र जमवारामगढ़ की आंधी तहसील के ग्राम बहलोड़ में एक रसूखदार व्यक्ति को नक्शे में चरागाह भूमि की तरमीम का मामला सामने आने पर क्षेत्रीय विधायक महेंद्रपाल मीणा ने मुख्य सचिव सुधांश पंत को पत्र लिखकर तरमीम को निरस्त करने की मांग की है। ग्राम बहलोड़ के हाल खाता संख्या 383 चरागाह खसरा नंबर 7 कुल रकबा 59.81 हेक्टेयर भूमि स्थित है।
बहलोड पंचायत की चरागाह भूमि में पेड़
उल्लेखनीय है कि पुत्र कल्याण हिस्सा 1/2 नानगराम पुत्र जगनाथ नायक भंवरलाल पुत्र जगनाथ नायक को पूर्व में भूमि आवंटित हुई थी जो गैर खातेदारी में चल रही थी। बाद में इन लोगों को खातेदारी दे दी गई। इनका कभी किसी भूमि पर कब्जा नहीं रहा है। ग्राम वासियों का कहना है कि जहां इनको भूमि आवंटित हुई थी वहां न देकर इन्होंने षड्यंत्र रचकर चरागाह भूमि में अपनी तरमीम करवा ली है। यह जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीक है तथा इस भूमि में से सीमेंट सड़क भी निकली हुई है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर चरागाह में अपनी भूमि की तरमीम करवा लिया, जिससे ग्राम वासियों में आक्रोश है। ग्राम वासियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय विधायक महेंद्र पाल मीना से मिलकर सारी घटना बताई। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र पाल मीणा ने मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को चरागाह भूमि में की गई तरमीम को निरस्त करने की मांग की है।
न्यायालय में भी मामला विचाराधीन
जानकारी में यह भी आया कि उक्त भूमि से संबंधित अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयपुर के न्यायालय में भी मामला विचाराधीन है जिसमें न्यायालय द्वारा मौका व रिकॉर्ड की यथास्थिति के आदेश हैं। ग्राम वासियों का कहना है कि चरागाह भूमि में हजारों सघन बबूल के पेड़ है तथा सरकार के द्वारा ही इसमें पेड़ लगाए गए हैं, जिनकों खातेदार अब चरागाह भूमि में अपना कब्जा करने के लिए इन पेड़ों को काट रहा है जिसकी शिकायत भी तहसीलदार को की जा चुकी है किंतु कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि बिना सिवायचक भूमि से क्षतिपूर्ति किए ही चरागाह भूमि में तरमीम कर दी गई, जिनकों की कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से तहसीलदार पक्षकार होने के बावजूद भी तहसीलदार ने नीचे की कोर्ट में अपना पक्ष न रखकर एक पक्षकार को ही लाभ पहुंचाया गया है, जिस कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है।
जमवारामगढ़ विधायक महेंद्रपाल मीणा ने बताया- बहलोड़ के खसरा नंबर 7 में सघन पेड़ हैं। यह भूमि चरागाह भूमि है। ग्राम पंचायत द्वारा इसमें पेड़ लगाए गए हैं। ग्रामीण एवं पंचायत की शिकायत के बाद मैंने चरागाह भूमि में की गई तरमीम को निरस्त करने के लिए मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है। गैर कानूनी कार्रवाई कोई भी हो निरस्त होनी चाहिए।
इस मामले में उपखंड अधिकारी, जमवारामगढ़ ललित मीणा ने कहा- यदि किसी कास्तकार को भूमि आवंटित हुई है तो उसकी दूसरी जगह चरागाह में तरमीम किया है तो गलत पास फाइल नहीं है ज्यादा है। मेरे जानकारी मैं नहीं है इस पर ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता।
पंचायत बहलोड़- सरपंच, सुदामा गुर्जर ने बताया- ग्राम पंचायत की एनओसी के बाद वन विभाग ने नर्सरी लगाई थी, जिसको बाद में ग्राम पंचायत को सुपुर्द भी कर दी गई। ग्राम पंचायत द्वारा 2 2 साल में एक बार लूम पातड़ी की नीलामी की जाती है। यह भूमि चरागाह भूमि है इसकी तरमीम करना गलत है। तरमीम को दुरुस्त को दुरुस्त कराने की कार्यवाही कर रखी है।
मूल ऑनलाइन लेख -https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/demand-to-cancel-the-amendment-of-pasture-in-bahlod-133979090.html
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