Thursday 25 August 2022

भूमि आवंटित:उप स्वास्थ्य केन्द्र कुरिगवां के भवन के लिए भूमि आवंटित

धौलपुर

जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि उपखण्डाधिकारी सरमथुरा ने पत्र द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्र कुरिगवां के भवन निर्माण के िलए ग्राम कुरिगवां तहसील सरमथुरा की आराजी खसरा नम्बर 1330 रकबा 2.10 हेक्टेयर में से 30 हेक्टेयर किस्म चारागाह भूमि एवं चारागाह की क्षतिपूर्ति हेतु गांव कुरिगवां के आराजी खसरा नम्बर 1473 रकबा 1.90 हेक्टेयर में से 3.0 हेक्टेयर गैर नामुमकिन पहाड़ भूमि के प्रस्ताव तैयार कर भेजा है।

उपखण्ड अधिकारी की चैक लिस्ट व संलग्न मौका पर्चा के अनुसार प्रस्तावित भूमि ग्राम पंचायत के मध्य स्थित है, आबादी के नजदीक है। ग्राम पंचायत लीलौठी का अनापत्ति प्रमाण पत्रा संलग्न है, अतः राजस्व विभाग जयपुर की अधिसूचना एवं उपखण्ड अधिकारी सरमथुरा के प्रस्ताव अनुसार ग्राम कुरिगवां तहसील सरमथुरा आराजी खसरा नम्बर 1330 रकबा 2.10 हेक्टेयर में से 0.30 हेक्टेयर चारागाह भूमि की किस्म खारिज कर उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु चिकित्सा विभाग को निशुल्क आवंटन किया जाता है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/land-allotted-for-the-building-of-sub-health-center-kurigwan-130227924.html

Wednesday 24 August 2022

जिला प्रमुख बोलीं- जनसमस्याओं का करें समाधान, चारागाह भूमि पर निर्माण कर रोका रास्ता, बीच राह में अवैध खनन

अजमेर

Published: August 24, 2022

जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाडा की अध्यक्षता में मंगलवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जनसुनवाई में जिलेभर से विभिन्न व्यक्तियों ने अपनी समस्याएं बताईं, जिला प्रमुख ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निस्तारण के निर्देश दिए।

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जनसुनवाई में धोलांदाता देवरा का बाडिया निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उसकी पुश्तैनी जमीन दुर्गावास पटवार हल्का में है। जिस पर कुछ व्यक्तियों की ओर से पटवारी की मिलीभगत से चारागाह भूमि पर निर्माण करके उसके परिवार की करीब 5-7 बीघा जमीन का रास्ता रोक दिया गया है। पीडि़त ने आरोपी पटवारी व दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रकरण में जिला प्रमुख ने तहसीलदार ब्यावर से आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पत्राचार किया। नान्दला के ग्रामीणों ने बताया कि गांव की भूमि पर कचरा संग्रहण केन्द्र आवंटित किया जा रहा है। इस भूमि के पास ही आबादी एवं कृषि भूमि है। भूमि पर कचरा डालने से प्रदूषण फैलेगा जिस कारण ग्रामीणों एवं पशुओ के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कचरा संग्रहण केन्द्र के आवंटन को निरस्त करने का आग्रह किया है। जिला प्रमुख ने जिला कलक्टर अजमेर से आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पत्राचार किया।

जाजोता रूपनगढ़ निवासी मूलचन्द रेबारी ने बताया कि रूपनगढ़ में जाजोता-रूपनगढ़ से आवागमन करने वाले रास्ते पर रतना रेबारी एवं रेवत ने ध़ड़ल्ले से अवैध बजरी खनन शुरू कर दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस प्रकरण में जिला प्रमुख ने खनन विभाग के अभियंता को पत्र लिख कर कार्रवाई को कहा है। इसी तरह नरवर निवासी भानुप्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि करीब डेढ़ साल तक ग्राम पंचायत नरवर में मेट का कार्य किया था, जिसका भुगतान आज तक प्राप्त नहीं हुआ है। उसने भुगतान दिलाने की मांग की। जिला प्रमुख ने अधिशासी अभियंता, नरेगा को आवश्यक कार्यवाही को कहा है।

जनसुनवाई में रामनिवास निवासी कृष्णापुरी मदनगंज-किशनगढ़ ने बताया कि प्रार्थी का ग्राम नलू में पक्का मकान व उसके पीछे की तरफ बाड़ा स्थित है, जिस पर पूर्वजों के समय से कब्जा चला आ रहा है। इस स्थान पर ग्राम के मनोहर पुत्र बोदू नाई की ओर से जबरन कब्जा किया जा रहा है। आरोपी द्वारा ग्राम पंचायत नलू के सरपंच से मिलीभगत कर पटटा जारी करवा लिया गया है। उसने पट्टा निरस्त करने की मांग की है। इस मामले में जिला प्रमुख ने विकास अधिकारी, पंचायत समिति किशनगढ़ को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है। देवास सरपंच गीता देवी ने बताया कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, ग्राम देदपुरा, ग्राम पंचायत देवास, पंचायत समिति मसूदा के 3 कमरों को जमींदोज करने कर दिया गया है। अब बच्चों के बैठने के लिए जगह नहीं है। उन्होंने तीनों कमरे वापस बनाने की मांग की है। जिला प्रमुख ने जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा एवं अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक, समग्र शिक्षा अभियान, अजमेर को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया। ग्राम झाक के ग्रामीणों ने बताया कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हो गया है। विद्यालय में प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। जिस कारण विद्यालय में अध्यापन कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पा रहा है। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, अजमेर को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिखारी हेमन्त स्वरूप माथुर,समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक प्रफुल्ल चौबीसा, महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक राजेन्द्र कुमार चौधरी, महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक सिकरामाराम चोयल, कृषि विभाग के उप निदेशक जितेन्द्र सिंह शक्तावत, अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सपंत सिंह जोधा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) अरूण कुमार शर्मा, अधिशासी अभियंता (निर्माण) हरीश वरनजानी, अधिशासी अभियंता (नरेगा) कबीर अख्तर, अधिशासी अभियंता (ग्रा.वि.प्र.)राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।

https://www.patrika.com/ajmer-news/jila-pramgkh-said-solve-the-problems-of-the-people-7728970/




Saturday 13 August 2022

जनसुनवाई में:दादाई सरपंच पति राजपुरोहित उपखंड अधिकारी से बोले- अतिक्रमी मेरी हत्या करना चाहते हैं

देसूरी



दादाई पंचायत की चारागाह भूमि को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को उपखंड स्तरीय जनसुनवाई में दादाई सरपंच पूर्णिमा राजपुरोहित के पति ने उपस्थित होकर सरपंच की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले लोग व उनको प्रोत्साहन देने वाले लोग उनकी हत्या करना चाहते हैं।

एसडीएम ने सरपंच पति को पुलिस थाने में रिपाेर्ट दर्ज करवाने के लिए कहते हुए मामले की जांच करने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व दादाई सरपंच के पति पृथ्वीराजसिंह राजपुरोहित ने जनसुनवाई में सरपंच के दस्तावेज एसडीएम राजलक्ष्मी गहलोत को देकर बताया कि पंचायत की चारागाह भूमि से 15 जून, 2022 को पुलिस की सुरक्षा व राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था व पंचायत की ओर से धोरा लगवाकर था।

जिस पर दुबारा अतिक्रमण नहीं हो सके। मगर 30 जुलाई, 2022 को चारागाह भूमि पर ग्राम पंचायत दादाई की ओर से चारों तरफ तारबंदी फेसिंग करने पहुंचे तो वहां पुन: अतिक्रमण होने से किसी प्रकार का कार्य पंचायत की ओर से नहीं किया गया। उसके बाद ग्राम विकास अधिकारी व सरपंच के निरीक्षण करने पर पाया कि मनरेगा योजना के तहत जो पाैधरोपण किया गया था।

उसको पूर्ण रूप से नष्ट कर दिया था। उन्हांेने मामले की जांच की मांग की। इस दौरान रवि शेखर चौधरी तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/pali/news/dadai-sarpanch-husband-rajpurohit-said-to-the-sub-divisional-officer-the-trespassers-want-to-kill-me-130181006.html

Tuesday 9 August 2022

51 ट्रैक्टरों ने 151 बीघा गोचर जमीन पर की बुआई:5 घंटे चले ट्रैक्टर, धामण घास बो कर बना दिया चारागाह

 बाड़मेर

मानसून में ग्रामीणों ने गोचर जमीन की सामूहिक खड़ाई की। सरपंच व ग्रामीणों ने गोवंश को अकाल से बचाने के लिए 151 बीघा ओरण में 51 ट्रैक्टर से धामण घास की बुआई कर दी। इस भूमि पर सेवण, धामण घास के बीज रोपे ताकि यह घास गायों के चरने के लिए काम आ सके। पिछले वर्ष अकाल के हालात में पशुओं के चारे की समस्या से जूझना पड़ा था। पूर्व राजस्व मंत्री एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी की अगुवाई में ओरण में जोत की गई। विधायक चौधरी ने ट्रैक्टर स्टार्ट किया, उसी समय इंद्र भगवान ने आशीर्वाद स्वरुप छोटी छोटी बूंदों के रूप में बारिश शुरू कर दी।

51 ट्रैक्टरों ने 5 घंटे में बुआई कर ओरण को बना दिया चारागाह।
51 ट्रैक्टरों ने 5 घंटे में बुआई कर ओरण को बना दिया चारागाह।
ट्रैक्टरों ने ओरण जमीन गोवंश के लिए जोत दी घास।
ट्रैक्टरों ने ओरण जमीन गोवंश के लिए जोत दी घास।

दरअसल, बाड़मेर व अकाल का सदियों से पुराना नाता रहा है। बीते दो-तीन सालों से अकाल पड़ रहा है। इसके चलते अकदड़ा सरपंच प्रतिनिधि हेमंत कुमार व गांव के लोगों ने तय किया कि आवारा गोवंश को बचाने के लिए ओरण गोचर भूमि में धामण घास की बुवाई की जाए। रविवार को अकदड़ा व खोथो की ढाणी के गांव के लोगों ने मिलकर सुबह 9 बजे 51 ट्रैक्टरों से बुवाई काम शुरू किया जो चंद घंटों में पूरा कर दिया। बायतु विधायक हरीश चौधरी की अगुवाई में चारे के लिए सवा बीघा जमीन में चारे के लिए ओरण जमीन जोत दी। विधायक खुद ने ट्रैक्टर चलाकर बुवाई की।

अकाल को देखते हुए सरपंच व ग्रामीणों की अनूठी पहल।
अकाल को देखते हुए सरपंच व ग्रामीणों की अनूठी पहल।
151 बीघा ओरण में बना दिया चारागाह।
151 बीघा ओरण में बना दिया चारागाह।

151 बीघा में बुआई

ग्राम पंचायत अकदड़ा सरपंच प्रतिनिधि हेमंत कुमार ने बताया कि अकदड़ा ग्राम में करीब 151 बीघा गोचर भूमि पर ग्रामीणों ने युवाओं के साथ मिलकर संपूर्ण गोचर भूमि में सेवण, धामण लगाने का मानस बनाया। इस कार्य में सभी ट्रैक्टर मालिकों ने अपने ट्रैक्टर की सुविधा निशुल्क दी तो कुछ भामाशाह ने घास के बीज निशुल्क उपलब्ध करवाए। कुछ ने ट्रैक्टरों के लिए डीजल की व्यवस्था करवाई। देखते ही देखते ट्रैक्टरों का कारवां बढ़ता गया और चंद घंटों में पूरी जमीन की खड़ाई कर घास की बुवाई कर दी। इस पुनीत कार्य में ग्राम के युवाओं ने सम्पूर्ण गोचर में उगी झाड़ियों एवं कचरे को साफ किया तथा तालाब की भी सफाई की।

एक साथ चले 51 ट्रैक्टर और जोत दी ओरण जमीन, बना दिया चारागाह।
एक साथ चले 51 ट्रैक्टर और जोत दी ओरण जमीन, बना दिया चारागाह।

गोशाला खोलने की घोषणा

धामण घास बुवाई एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के लिए अकदड़ा ग्राम पंचायत के निवासियों की सराहना करते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि स्थानीय जागरूक लोगो की एकजुटता की मिशाल कायम की है। यह कारवां निरन्तर आगे जारी रहने की दुआएं की। विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि अब जल्द ही अकदड़ा में गौशाला का निर्माण होगा। हरीश चौधरी ने गायों में चल रही बीमारी से संबंधित हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया।

गांव के लोगों ने एक साथ होकर चलाई मुहीम।
गांव के लोगों ने एक साथ होकर चलाई मुहीम।

पानी के लिए ट्यूबवेल स्वीकृति के आदेश

विधायक हरीश चौधरी ने ओरण भूमि में गोवंश के लिए पानी की समस्या को देखते हुए एक ट्यूबवेल स्वकृति का आदेश दिया। इस दौरान जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, बायतु प्रधान सिमरथा राम बैनीवाल, जालम सिंह सारण PEEO अकदड़ा, दुर्गा राम सियाग, खेताराम सुथार, राणा राम मेघवाल, मेहरा राम गोदारा, मगाराम हुड्डा, गणपत सिंह राठौड़, नखतसिंह, विक्रमसिंह अकदड़ा सहित खोथों की ढाणी, पनावड़ा, बायतु चिमनजी सहित आस पास गांवों के ग्रामीण व ट्रैक्टर मौजूद थे।

बीते साल अकाल को देखते हुए उठाया कदम

ग्रामीणों ने पिछले वर्ष अकाल की स्थिति में चारे पानी की समस्या देखी थी। उससे निजात पाने के लिए बिना सरकारी सहायता के अपने स्तर पर गोचर भूमि में घास की बुवाई की। करीब 51 ट्रैक्टरों ने चंद घंटों में रविवार को सवा सौ बीघा गोचर भूमि पर बुआई कर दी।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/barmer/news/rajasthan-barmer-baytu-tractor-lasted-for-5-hours-made-pasture-by-sowing-dhaman-grass-130159258.html

Monday 8 August 2022

कार्रवाई की मांग, 100 बीघा चारागाह जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा

 टोंक 

6 Aug 2022


अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है. टोंक जिले के सोप पंचायत क्षेत्र में दबंग लोगों ने करीब 100 बीघा चारागाह भूमि पर कब्जा कर लिया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस जमीन को उत्पीड़कों के कब्जे से मुक्त कराने की शिकायत भी की है, लेकिन अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. इससे मवेशियों के चारे की समस्या पैदा हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत प्रशासन व राजस्व विभाग की उपेक्षा से अतिक्रमणकारियों का उत्साह दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. सार्वजनिक तालाब हो या चारागाह, वन विभाग की जमीन हो या सरकारी कृषि मंडी की जमीन, दबंग लोग हर जगह अतिक्रमण कर रहे हैं। इन दिनों चावड़ माता तलाई के पास बीसलपुर पेयजल परियोजना के पंप हाउस के पास चारागाह के साथ-साथ प्रमुख लोगों ने जमीन पर फसल बोई है. कई लोगों ने अतिक्रमण कर चहारदीवारी बना ली है। उन्होंने कहा कि अगर चारागाह से अतिक्रमण हटा लिया जाए तो पशुओं के चारे की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी. चरागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण पशुओं को चरने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। 

अगर इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया तो मवेशियों को चरने के लिए जगह मिल जाएगी, लेकिन शिकायत के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार सोप पटवार मंडल के पास 100 बीघा चरागाह भूमि है, लेकिन वर्तमान में नाममात्र की चराई भूमि ही बची है. उन्होंने कहा कि पहले भी लोगों ने देवली-उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा को ज्ञापन देकर अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन अतिक्रमण हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

https://jantaserishta.com/local/rajasthan/demand-for-action-dabangs-occupied-100-bigha-pasture-land-1450768

डिप्टी कलेक्टर राजेश डागा के निर्देश पर 395 बीघा सरकारी भूमि पर से हटाया अतिक्रमण

 कोटा । 


अतिक्रमण हटाओ अभियान के अन्तर्गत  डिप्टी कलेक्टर राजेश डागा के नेतृत्व में तहसीलदार नईमुदीन, अधिशाषी अधिकारी मनोज कुमार मालव, भू-अभिलेख निरीक्षक विकाश मीणा मय पुलिस जाब्ता कुन्दपुर रोड़ पर सनराईज स्कूल के पीछे व सामने स्थित नगर पालिका की कुल 395 बीघा चारागाह व सरकारी भूमि स्थित है जिस पर अतिक्रमणकर्ताओ द्वारा अतिक्रमण कर सोयाबीन व धान की खेती की जा रही थी जिसकी राजस्व विभाग की टीम द्वारा पेमाईस की गई पेमाईस उपरान्त अतिक्रर्मित भूमियो की सीमाओ पर नगर पालिका की जेसीबी द्वारा निशान लगाये गये तथा खसरा न0 111 पर स्वीमींगपूल बना हुआ था उक्त स्वीमींगपूल तथा मौके पर की जा रही खडी फसलो को नगर पालिका के कब्जे में लिया गया। अधिशाषी अधिकारी मनोज कुमार मालव द्वारा बताया गया कि उक्त जगहो पर जल्द ही पालिका सम्पति का बोर्ड लगाया जावेगा तथा तारबन्दी करवाई जावेगी जिससे दुबारा अतिक्रमण नही कर सकें एवं कब्जे में ली गई चारागाह भूमि को कब्जा कास्त हेतु निलाम किया जावेगा। अतिक्रमण हटाने के दौरान कृति व्यास प्रशिक्षु आर.ए.एस., सपना कुमारी प्रशिक्षु आर.ए.एस., पपटवारी चेतन मेघवाल, भूमि शाखा प्रभारी नवदीप शर्मा, सफाई निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह खंगार, तकनीकी सहायक रोहित तिवारी, कार्यवाहक जमादार हंसराज, कमल कुमार एवं पुलिस कर्मी मौजूद रहे।

https://www.pressnote.in/Kota_News_464861.html

Sunday 7 August 2022

दबंगों ने 100 बीघा चारागाह जमीन पर किया अतिक्रमण:मवेशियों के लिए चारे का संकट, प्रशासन को शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

टोंक



टोंक जिले के सोप पंचायत क्षेत्र में करीब 100 बीघा चरागाह जमीन पर दबंग लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इस जमीन को दबंगों के कब्जे से छुड़ाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन को शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा हैं। इससे मवेशियों के लिए चारे का संकट बना हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत प्रशासन और राजस्व विभाग की अनदेखी के कारण दिनोंदिन अतिक्रमियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। सार्वजनिक तालाब हो या फिर चारागाह जमीन, वन विभाग की जमीन हो या सरकारी कृषि मंडी की जमीन हर जगह पर दबंग लोग अतिक्रमण करने में जुटे है। इन दिनों चावड माता तलाई के पास, बीसलपुर पेयजल परियोजना के पंप हाउस के पास जमीन सहित चारागाह जमीन पर दबंग लोगों ने फसल की बुवाई कर रखी है। कई लोगों ने अतिक्रमण कर बाड़े बना लिए हैं।

उन्होंने बताया कि अगर चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाया जाए तो पशुओं के लिए चारे की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। चारागाह जमीन पर अतिक्रमण होने से पशुओं को चराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। यदि यह जमीन अतिक्रमण मुक्त करा दी जाए तो मवेशियों को चराने की जगह मिल जाएगी, लेकिन शिकायत के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सरकार के आंकड़ों में सोप पटवार मंडल में 100 बीघा चारागाह जमीन है, लेकिन वर्तमान में वहां पर नाम मात्र की चारागाह जमीन ही बची है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों लोगों ने अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर देवली-उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा को भी ज्ञापन दिया था, लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/dabangs-encroached-on-100-bigha-pasture-land-in-soap-town-in-tonk-130154543.html

Saturday 6 August 2022

कोरोना जैसा कहर:बाड़मेर-जैसलमेर में 2 माह में 10 हजार गोवंश की मौत, 80 हजार बीमार, विभाग चेता न सरकार

 जैसलमेर

लेखक: पूनमसिंह राठौड़

दावों की पोल खोलती तस्वीर- ये तस्वीर शिव तहसील के बलाई गांव की है। जहां पर लंपी स्किन से मरी गायों के शवों के लगे ढेर।

भारत-पाक बॉर्डर से सटे बाड़मेर व जैसलमेर में लंपी स्किन डिजीज गोवंश पर कहर बरपा रही है। दो माह में दो जिलों में 10 हजार गोवंश दम तोड़ चुकी है। वहीं करीब अस्सी हजार गोवंश मौत से जूझ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि लंपी स्किन बीमारी के वायरस ने पाक के रास्ते सरहदी गांवों में दस्तक दी। इस वजह से सर्वाधिक गोवंश की मौतें बॉर्डर इलाके के गांवों में हुई है। बाड़मेर में 9.50 लाख व जैसलमेर में 5 लाख गोवंश है। पशुपालन विभाग अब तक दोनों जिलों में दो हजार गायों की मौत का दावा कर रहा है।

भास्कर टीम ने चार दिन में बाड़मेर व जैसलमेर के करीब 50 गांवों में लंकी स्किन से गायों की मौतों को लेकर जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से आंकड़े जुटाए। इसमें मौतों का आकड़ा दस हजार पार है। रोजाना औसत सौ से डेढ़ सौ गायों की लंकी स्किन से मौत हो रही है। इधर, पशुपालन विभाग की टीमें सर्वे करने के साथ कागजों में इलाज का दावा कर रही है। जबकि हकीकत में 90 फीसदी बीमार पशुओं की जांच नहीं हो पाई है। इस स्थिति में गोवंश के लंपी स्किन से मरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सरकारी इंतजाम धरातल पर नजर नहीं आ रहे हैं। पशुपालक ही अपने स्तर पर गोवंश को बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं।

लापरवाही- विभाग में 50% पद खाली, वाहन न दवाइयां

बाड़मेर व जैसलमेर पशुपालन विभाग में पचास फीसदी कार्मिकों के पद लंबे समय से खाली है। इतना ही नहीं विभाग के पास खुद का एक या दो वाहन ही है। दो माह पहले लंपी स्किन का संक्रमण बढ़ना शुरू हो गया, लेकिन विभाग के पास संसाधन ही उपलब्ध नहीं होने के कारण सर्वे भी पूरा नहीं हो पाया है। बीमारी फैलने के बाद सिरोही, जालोर व दौसा से डॉक्टर व कार्मिकों की टीमें भेजी। सिरोही व जालोर की टीमें तो वापस चली गई। पशुपालन विभाग के कार्मिक फील्ड में सर्वे के लिए दूसरे विभागों या सरपंचों से गाड़ियों का जुगाड़ कर पहुंच रहे हैं।

राहत- भामाशाह और जनप्रतिनिधि बने मददगार

जिले में महामारी का रूप ले चुकी लंपी स्किन डिजीज से गोवंश की अकाल मौतों के बाद भामाशाह व जनप्रतिनिधि मददगार बन रहे हैं। पूर्व मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन, पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने विधायक कोष से राशि उपलब्ध करवाने के साथ क्षेत्र के भामाशाहों व सरपंचों को मदद के लिए प्रेरित किया है। इतना ही नहीं कई सरपंच व जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।

इन चार गांवों के हालात से समझिए गोवंश की दास्तां

"पोछीना- दो माह में 500 गायों की मौत, धोरों पर कंकालों के ढेर जैसलमेर के भारत-पाक बॉर्डर पर आबाद पोछीना गांव में लंकी स्किन डिजीज से अब तक पांच सौ गायों की अकाल मौत हो चुकी है। पशु बाहुल्य गांव होने के लिहाज से संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है। विभाग की टीम ने एक बार सर्वे कर इतिश्री कर ली। इसके बाद इलाज नहीं मिलने से गोवंश के मरने का सिलसिला अनवरत जारी है। पशुपालक चैनसिंह सोढ़ा ने बताया कि धोरों पर गायों के कंकाल के ढेर लगे है।"

"सतो- इलाज नहीं, पशुपालक अपने स्तर पर कर वैक्सीनेशन जैसलमेर के सत्तो व वख्तावरसिंह की ढाणी में महामारी गायों पर कहर बरपा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता शैतानसिंह रावलोत ने बताया कि वख्तावरसिंह की ढाणी में 80 गायें व बछड़े इस बीमारी से मर चुके हैं। सतो व आस-पास के गांवों में हर दूसरे घर में एक गाय बीमार है। दर्द निवारक टेबलेट व वैक्सीन लगाकर पशुपालक अपने स्तर पर पशुओं का इलाज करवा रहे हैं।"

"केलनोर- हर दूसरे घर में एक गाय की मौत, मृत पशुओं के लगे ढेर चौहटन के केलनोर गांव में लंकी स्किन की बीमारी ने डेढ़ माह पहले ही दस्तक दी थी। अब पूरे गांव में लंपी स्किन बीमारी फैल चुकी है। हर घर में गोवंश बीमारी की चपेट में है। ईश्वरसिंह ने बताया कि गांव से कुछ दूरी पर मृत पशुओं के कंकालों के ढेर लगे हैं। सरकारी स्तर पर पशुओं के इलाज की व्यवस्था नहीं है। इस स्थिति में बीमारी की चपेट में आने के चार या पांच दिन बाद गायों की मौत हो रही है।"

"बलाई- गोवंश की कब्रगाह बने धोरें, 15 दिन में डेढ़ सौ गायें मरी शिव की ग्राम पंचायत बलाई में लंकी स्किन ने करीब बीस दिन पहले ही दस्तक दी थी। मल्लीनाथनगर,बलाई, केशरपुरा समेत चार गांवों में बीमारी कहर बनकर टूट रही है। रिड़मलराम साटिया ने बताया कि रोजाना चार से पांच मृत गायों के शव उठा रहे हैं। उनकी ढाणी के पास करीब डेढ़ सौ से अधिक मृत गायों के कंकाल के ढेर लगे हैं। रात 12 बजे तक ट्रैक्टर के साथ चार-पांच लोग जुटने पर भी शव नहीं उठा पा रहे हैं।"

जैन ने कहा- हर हाल में गोवंश को बचाने के लिए प्रयासरत

"लंपी स्किन से गायों की मौतों के मामले को सरकार गंभीरता से ले रही है। पिछले पंद्रह दिन में कई टीमें पहुंच चुकी है। दवाइयां व अन्य संसाधन भी उपलब्ध करवा रहे हैं। भामाशाहों के सहयोग से दवाइयां व अन्य सुविधाएं जुटा रहे है। गोवंश को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।"

-मेवाराम जैन, अध्यक्ष गौ सेवा आयोग।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaisalmer/news/in-barmer-jaisalmer-10-thousand-cows-died-in-2-months-80-thousand-sick-the-government-did-not-warn-the-department-130152008.html?ref=inbound_More_News

चरागाह पर इंसान को फसल उगायी, मवेशी को चराई का संकट

 करौली

Published: August 06, 2022

चरागाह पर इंसान को फसल उगायी, मवेशी को चराई का संकट

गांवों में बढ़ रहे सरकारी भूमियों पर कब्जे

करौली जिले में ग्रामीण इलाकों में सरकारी और सिवायचक भूमियों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करने का सिलसिला चल रहा है।

अभी हाल ही में सपोटरा तथा मण्डरायल उपखण्ड क्षेत्र के दो गांवों के मामले सामने आए हैं। इन मामलों में सिवायचक जमीन पर कब्जा कर लेने के मामले में वहां के ग्रामीणों में रोष है और वे प्रशासन से इन जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की गुहार कर रहे हैं लेकिन उनकी गुहार कोई न सुन रहा है। अतिक्रमणकारियों को प्रभावशाली और दबंग बताया जा रहा है।

चरागाह पर इंसान को फसल उगायी, मवेशी को चराई का संकट

मामला - 1

सपोटरा ग्राम पंचायत हरिया का मन्दिर के राजस्व ग्राम बलुआपुरा के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी अनुज भारद्वाज को बलुआपुरा की चरागाह भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायत का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि बलुआपुरा में खसरा नम्बर 343/152, 324 की लगभग 100 बीघा चरागाह भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण किया है।

चरागाह भूमि पर प्रभावशाली व दबंग लोगों द्वारा फसल की पैदावार करना शुरू किया है। चरागाह भूमि पर कब्जा कर लेने से मवेशियों को चराने के लिए स्थान का संकट हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि 4 अगस्त से प्रभावशाली अतिकम्रणकारियों ने जेसीबी से चरागाह की भूमि को फसल की पैदावारी के लिए समतलीकरण किया जा रहा है। इससे जाहिर है कि चरागाह भूमि पर अतिक्रमण करने को लेकर अतिक्रमणकारी बेखौफ है। अतिक्रमण की गई भूमि को लगभग 100 बीघा बताया गया है।

ग्रामीणों के अनुसार अतिक्रमण की स्थिति को लेकर बलुआपुरा गांव में विवाद और तनाव का माहौल बना हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि चरागाह भूमि पर अतिक्रमण करने के बारे में पहले क्षेत्र के पटवारी को अवगत करवाया था। लेकिन अतिक्रमणकारियों के प्रभावशाली होने से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। ज्ञापन में ग्रामीणों ने चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटवाने की मांग की है।

मामला-2

दरगवां में भी चरागाह की जमीन पर जमाया कब्जा

मंडरायल. क्षेत्र के दरगमा गांव की चारागाह भूमि पर भी दबंगों ने कब्जा जमाया है। इस मामले में एकजुट हुए ग्रामीणों ने गुरुवार शाम को मण्डरायल पहुंचकर उपखण्ड अधिकारी प्रदीप कुमार चौमाल को ज्ञापन सौंपा।

इस ज्ञापन में बताया है कि दरगवा गांव में राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 475, 499, 823, 500, 501 की भूमि चारागाह भूमि है। इस भूमि पर वर्षों से गांव की मवेशी चराई करती आ रही हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि इस भूमि पर दूसरे गांवों के कुछ लोगों ने आकर कब्जा कर लिया है। इन दबंग लोगों ने भूमि पर आवाजाही रोकने के लिए कटीली झाडिय़ां लगाई हैं और काफी हिस्से में भूमि समतली करके फसल करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस अतिक्रमण से उनके गांव की मवेशी के लिए चराई का संकट पैदा हो गया है। कुछ लोगों ने उनके कब्जे को लेकर एतराज जताया तो वे झगड़ा करने पर आमादा हो गए। ग्रामीणों ने ज्ञापन के जरिए से चरागाह भूमि पर काबिज अतिक्रमियों को बेदखल करके भूमि को ग्रामीणों के उपयोग के लिए मुक्त कराने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में सामंता, संपतिया, कमल, नेकराम, ओमप्रकाश, भरोसी, लक्ष्मण, राजाराम, हरिसिंह, केदार वीरपाल, रमेश, आदि शामिल थे।

https://www.patrika.com/karauli-news/man-has-grown-crops-on-the-pasture-cattle-are-in-trouble-for-grazing-7696109/

Thursday 4 August 2022

अतिक्रमण:चारागाह और आम रास्ते पर किए गए अतिक्रमण को हटवाने की मांग

नागौर

चारागाह व आम रास्ते पर किए अतिक्रमण को हटवाने की मांग को लेकर बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन दिया। सोमणा के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सोमणा की राजकीय चारागाह भूमि पर अतिक्रमियों ने अतिक्रमण कर बिल्डिंग बना रखी है व बस स्टैंड से गांव की तरफ जाने वाली सड़क पर रैम्प बनाकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया है।

अतिक्रमियों के रैम्प बनाने से सड़क की तरफ आने वाला पानी भी इकट्ठा हो रहा है, जिसमें से होकर गांव के बच्चों को स्कूल भी जाना पड़ता है व अन्य दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। पानी इकट्ठा होने से छोटे बच्चों का पैर फिसलने से जनहानि भी हो सकती है। ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटवाने की मांग की है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/demand-for-removal-of-encroachment-on-pasture-and-common-road-130144309.html

चरागाह में उद्योगों पर ब्रेक, अब फिर से शुरू की जमीन की तलाश

करौली

Published: August 03, 2022

हिण्डौनसिटी. जिले में औद्योगिक विकास के लिए कई वर्ष से औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की चल रही कवायद पर ब्रेक लग गया है। चरागाह में रीको के लिए भूमि आवंटन पर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश से भूमि उपयुक्तता निरीक्षण होने के बाद अवाप्ति तक पहुंची प्रक्रिया ठप हुई है। स्थगन आदेश से जिले में चार रीको औद्योगिक क्षेत्रों में चल रही भूमि आंवटन प्रक्रिया प्रभावित हुई है। अब रीको अधिकारियों ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नए सिरे भूमि की तलाश शुरू की है।

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औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए प्रदेश में नई औद्योगिक नीति के तहत उपखंड मुख्यालयों पर रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने हैं। यह गत बजट घोषणा में भी शामिल किया था। जिसके तहत जिले में सपोटरा, टोडाभीम, नादौती व मण्डरायल उपखण्डों में रीको औद्योगिक क्षेत्र के साथ हिण्डौन में द्वितीय औद्योगिक क्षेत्र खोलना प्रस्तावित किया था।

मुख्यमंत्री बजट घोषणा की पालना में रीको के स्थानीय अधिकारियों ने राजस्व विभाग के सहयोग से चरागाह क्षेत्र में भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव तैयार कर रीको मुख्यालय भेज दिए। करीब एक से डेढ़ वर्ष की प्रक्रिया में रीको मुख्यालय के अधिकारियों ने भूमि की उपयुक्तता जांच कर सकारात्मक सर्वे रिपोर्ट सौंप सरकार को भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया की सिफारिश कर दी। चरागाह में भूमि चिह्नित करने का मामला संज्ञान में आने पर हाईकोर्ट के स्थगन आदेश का हवाला दे राजस्व विभाग के विशिष्ठ शासन सचिव के कलक्टर को पत्र भेजने बाद आवंटन प्रक्रिया रुक गई।

रीको अधिकारियों ने बताया कि दौसा जिले में चरागाह में औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूमि आवंटन के विरुद्ध याचिका पर वर्ष 2021 में ही हाईकोर्ट ने रीको के लिए चारागाह में भूमि आवंटन पर स्थगन आदेश जारी किए हुए हैं। इसके चलते करौली जिले में भी रीको के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया प्रभावित हो गई।

सपोटरा में हुई भूमि अवाप्ति

जिले में नए रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए पांच में से सपोटरा उपखण्ड में ही भूमि अवाप्त हो सकी है। रीको सूत्रों के अनुसार कुडगांव के पास रुण्डी गांव की गैरमुमकिन पहाड़ी किस्म की भूमि से चरागाह क्षेत्र को हटाते हुए 82 बीघा 2 विस्बा भूमि रीको के लिए आवंटित की गई है। इसके लिए रीको की ओर से राजकोष में करीब 85 लाख रुपए की राशि जमा कराई गई है।

अब खरेटा क्षेत्र में भूमि की तलाश

हिण्डौन में खेड़ी शीश गांव में चिह्नित चरागाह भूमि हाईकोर्ट के स्थगन आदेश से प्रभावित हो गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री बजट घोषणा की पालना के लिए रीको क्षेत्र के लिए नए स्थान की तलाश शुरू की गई है। रीको अधिकारियों द्वारा अब खरेटा क्षेत्र में सरकारी भूमि देखी जा रही है। एक वर्ष पहले तेली की पंसेरी के पास चिह्नित की गई भूमि के वन विभाग की होने पर सर्वे के बाद प्रस्ताव निरस्त करने पड़े थे।

https://www.patrika.com/karauli-news/break-on-industries-in-pasture-now-search-for-land-started-again-7691744/

पर्यावरण संरक्षण के लिए सूचना के अधिकार को बनाया सहारा

 


Wednesday 3 August 2022

माण्डलगढ़ उपखण्ड के विभिन्न गांवों में चारागाह विकास के कार्यों का अवलोकन किया

भीलवाडा ।

जिला कलक्टर ने फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के कार्यक्षेत्र मांडलगढ़ में गांव केकड़ियां, गोवटा, स्वरूपपुरा का विजिट भी किया। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण के लिए जल संरक्षण कार्य, एनीकट को देखा। उन्होंने गोवटा गांव में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्मी कंपोस्ट बेड से केंचुआ खाद बनाने वाले किसान से चर्चा की और उनका उत्साहवर्धन किया।

श्री मोदी ने स्वरूपपुरा में पौधारोपण कर उपस्थित ग्रामीणों को चारागाह का विकास करने के लिए और पौधारोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया। मोहनपुरा उपसरपंच श्री शंकरलाल गुर्जर ने जिला कलक्टर को जनसूचना पोर्टल, ई-धरा एप सहित मनरेगा के कार्यों में उपयोगी एप तथा अन्य ऐप चलाकर दिखाए जिस पर जिला कलक्टर ने उनकी व पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने मनरेगा के माध्यम से चारागाह के विकास कार्य को भी गांव के लिए उपयोगी और जरूरी बताया। जिला कलक्टर ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर भी जानकारी ली तथा ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा चारागाहों को सुरक्षित रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

https://www.pressnote.in/Bhilwara_News_464693.html

Tuesday 2 August 2022

मंत्री बोले- लंबित प्रकरणों के आंकड़े घटाइये वरना दूसरे जिले को ज्ञान नहीं दे पाऊंगा

राजस्व मामलों की समीक्षा बैठक में जाट ने जताई नाराजगी

भीलवाड़ा

Published: August 02, 2022  

भीलवाड़ा. राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने सोमवार को कलेक्ट्री में राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। यहां लंबित प्रकरणों के आंकड़े देखकर मंत्री ने कहा कि मुझे राजस्व विभाग का जिम्मा मिला है। यदि यहां लंबित प्रकरणों के आंकड़ों में कमी नहीं आएगी,तो दूसरे जिले में ज्ञान नहीं दे पाऊंगा। ऐसे में अधिकारियों का दायित्व है कि प्रकरणों के निस्तारण को लेकर गंभीरता से काम करें। दोपहर बारह बजे बाद शुरू बैठक में चार घंटे राजस्व न्यायालय, संपर्क पोर्टल, गैर खातेदारी से खातेदारी, राजस्व अभिलेख खातों के शुदि्धकरण, रास्ते के प्रकरण, राजस्व ग्राम, आबादी विस्तार सहित मुख्यमंत्री बजट घोषणा में जिले में विभिन्न राजकीय विभागों को भवन निर्माण के लिए आवंटित प्रकरणों की समीक्षा की गई। बंजर भूमि एवं चरागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने चारागाह विकास के बारे में चर्चा की। चरागाह भूमि का सीमा ज्ञान करा बंजर एवं चरागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। परिवादियों की समस्याएं भी सुनी।


काम नहीं कर सकते तो बाहर भेजूंगामंत्री ने भूमिहीन के सर्वे एवं जमीन आवंटन में ढिलाई के मामले में उपखण्ड अधिकारी से जवाब मांगा। सर्वे अब तक नहीं होने पर चिंता जताई। उन्होंने साफ कहा कि यदि कोई अधिकारी काम नहीं कर सकता है तो उसे यहां से अन्य जगह भेज दिया जाएगा। मंत्री ने राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों पर कहा कि ऐसी िस्थति आखिर क्यों है? एसडीओ बैठते नहीं या परिवादों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं? पेशी पर पेशी कब तक चलेगी। कलक्टर आशीष मोदी ने प्रशासन गांवों के संग अभियान सहित जिले की िस्थति से जुड़ी जानकारियां दी। एडीएम प्रशासन डॉ राजेश गोयल, सीईओ डॉ शिल्पा सिंह सहित जनप्रतिनिधि और जिले के समस्त उपखंड अधिकारी, तहसीलदार मौजूद रहे।

यह भी दिए निर्देश-काश्तकारी भूमि के रास्ते के प्रकरणों में आपसी समझाइश एवं समझौते के माध्यम से वाद निस्तारण किए जाए।

- गैर खातेदारी से खातेदारी के प्रकरणों में सम्बन्धित तहसीलदार की ओर से भौतिक सत्यापन किया जाए। प्रकरणों की सीधी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए।- नॉन कमांड क्षेत्र के पात्र व्यक्तियों के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निस्तारित किए जाए।

- नवीन राजस्व ग्रामों के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान में प्रस्ताव मिले हैं। प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण करवाकर राज्य सरकार को भेजा जाए।-----------------------

अलग बॉक्स----------- भू-अभिलेखों का होगा डिजिटलाइजेशन

राजस्व मंत्री ने बताया कि भू-अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरे जिले में लागू किया जाएगा। नए नक्शे एवं पर्चा नोटिस में ग्राम सभा के माध्यम से ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए। जिला कलक्टर डिजिटलीकरण के कार्य की समीक्षा राजस्व अधिकारियों की बैठक में करेंगे। सेटलमेंट कमिश्नर राजेन्द्र विजय ने भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत अब समस्त तहसीलों के भू-अभिलेखों का भी आधुनिकीकरण होगा। सेटेलाइट इमेज के आधार पर बनाए गए नए नक्शों का किश्तवार नक्शों के साथ अध्यारोपण कर नए नक्शे बनाए जा रहे हैं। नए नक्शों के सम्बन्ध में पर्चा नोटिस जारी कर खातेदारों से आपत्ति मांगी जाएगी। खातेदार के संतुष्ट होने पर ही भू नक्शा पोर्टल पर चढ़ाया जाएगा। नक्शे एवं क्षेत्र की वस्तुस्थिति में अंतर आने पर त्रुटि का निस्तारण किया जाएगा।

Varun Bhatt

https://www.patrika.com/bhilwara-news/bhilwara-news-bhilwara-hindi-news-7689036/