This blog is aimed at documenting the initiatives undertaken for the conservation of the pastures by communities across Rajasthan as well as efforts by Government of Rajasthan and Civil Society Organisations across the State. Foundation for Ecological Security works in partnership with the Wasteland and Pasture Land Development Board for conservation of the commons. For views and comments write to rajasthanpastures@gmail.com
Friday 30 September 2022
बीलपुर गांव में प्रशासन ने की कार्रवाई:3 बीघा से अधिक चारागाह भूमि से हटवाया अतिक्रमण
धौलपुर
ग्राम पंचायत बीलपुर के गांव बीलपुर में प्रशासन द्वारा लगभग 3 बीघा 10 विस्बा चारागाह भूमि से अतिक्रमण को हटवाया गया है। जानकारी के अनुसार बीलपुर सरपंच बेबी ने बताया कि करीब 15-20 सालों से राजस्व विभाग की चरागाह भूमि पर गांव के ही कुछ दबंगों ने अतिक्रमण कर कब्जा कर रखा था। ग्राम पंचायत द्वारा अतिक्रमणकारियों चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर बार-बार चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन दबंगों द्वारा अतिक्रमण को नहीं हटाया गया।
ग्राम पंचायत की बात को अनसुना किया जिस पर ग्राम पंचायत ने मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया जहां प्रशासन की मदद से शनिवार को 3 बीघा 10 विस्बा चरागाह भूमि को अतिक्रमण कारियों से मुक्त कराया गया। वहीं जेसीबी द्वारा सीमांकन किए गए स्थानों पर गड्ढे खुदबाए गए। अतिक्रमण की कार्रवाई दोपहर करीब 12:30 बजे से देर शाम तक तक चली। कार्रवाई में तहसीलदार गिरदावर एवं विभिन्न पंचायतों के पटवारी तथा मनियां थाना से ईएसआई गिरवर सिंह मय जाब्ता के मौके पर मौजूद रहे।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/encroachment-removed-from-pasture-land-more-than-3-bighas-130388425.html
तहसीलदार ने 70 बीघा चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण
टोंक
चारागाह को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए डिग्गी ग्रामीण उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने कलेक्टर को दिग्गी कस्बे में 21 सौ बीघा चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट व कलेक्टर के आदेश के बाद भी चारागाह भूमि को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया जा सका है। जिस पर दो सप्ताह पूर्व ग्रामीणों ने पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया था. तब प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया। जिसके बाद नायब तहसीलदार कैलाश नारायण मीणा ने 70 अतिक्रमणों को नोटिस भेजा. 46 व्यक्ति मौके पर उपस्थित हुए और नायब तहसीलदार को भविष्य में चारागाह पर कब्जा न करने का लिखित हलफनामा सौंपा।
काठमाना ग्राम पंचायत के अरनियाकंकड़ गांव की चरागाह भूमि पर कच्चे और पक्के मकान बनाकर करीब 40 साल से रह रहे ग्रामीणों को तहसील प्रशासन द्वारा मकान खाली करने का नोटिस दिया गया था. नोटिस के विरोध में मानभर देवी ने अधिवक्ता भरत यादव के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. याचिका में दलील दी गई थी कि ये परिवार करीब 40 साल से यहां रह रहे हैं। जिन्हें सरकार बिजली, पानी, शौचालय आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल ने आदेश दिया कि अगले आदेश तक इन परिवारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाये, परिवारों को राहत देने वाले तहसील प्रशासन के नोटिस पर रोक लगा दी गयी है. अर्नियाकनकड चरागाह भूमि पर बसे।
न्यूज़ क्रेडिट: aapkarajasthan
https://jantaserishta.com/local/rajasthan/tehsildar-removed-encroachment-from-70-bigha-pasture-land-1616947
Thursday 29 September 2022
सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन
सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन
जैसलमेर
Published: September 30, 2022
जैसलमेर. ओरण गोचर संघर्ष समिति की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि पर्यावरण वन्य जीव, ओरण, जलस्रोत, राज्य वृक्ष खेजड़ी, सडक़ों कसे उजाड़वा जा सकता है। यहां सेऊवा, बडा, तेजपाला, नगा, हाड़ा सोलर प्लाट के लिए 40 बीघा आवंटन करने के प्रस्तावित की जा रही है जो 3000 मेगावाट प्लाट किया जा रहा लोक देवता वीर पनराजजी, सिद्ध राव जुंझार मायथि, ओरण 700 साल से संरक्षण में है, दर्ज नहीं की गई। जो पंचायत से ओरण प्रस्तावित है। यहां पशुपालकों, चारागाह भूमि भूमि आवंटन की जा रही है। ग्रामीणों ने मांग की कि प्रशासन संज्ञान लेवे और आमजन जनहित में ध्यान रखते कार्यवाही की जाए। ज्ञापन में ग्राम पंचायत राघवा सरपंच नरेंद्रसिंह, पर्यावरण प्रेमी लीलूसिंह बड़ा, तगसिंह, फकीर सिंह सेऊवा, सामाजिक कार्यकर्ता नरपतसिंह बडा, गोरधनसिंह, दीपसिंह, विक्रमसिंह, हीरसिंह, भीमसिंह, जितेंद्रसिंह, मूलसिंह, हरीराम, सेऊवा आदि उपस्थित थे।
सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन |
60 किलोमीटर लंबी पैदल परिक्रमा का समापन
जैसलमेर. जिले की फतेहगढ़ तहसील के रासला- सांवता गांवों के बीच मौजूद मुख्य शक्तिपीठ श्रीदेगराय मंदिर की 600 वर्षो से ज्यादा प्राचीन ओरण की 60 किमी लम्बी पैदल परिक्रमा का शुक्रवार दोपहर को मन्दिर प्रांगण पहुंचने पर समापन हुआ। परिक्रमा में क्षेत्र के अनेक गांवों व राजस्थान के अन्य जिलों से आए पर्यावरण प्रेमियों व देवी भक्तों ने भी हिस्सा लिया। क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षक व पशुपालक सुमेरसिंह भाटी ने बताया कि दो वर्ष पहले प्रारम्भ हुई परिक्रमा से आसपास के ग्रामीणों को ओरण के महत्व व उसके संरक्षण के महत्व के साथ भारतीय संस्कृति में पर्यावरण के दैवीय रूप से सबको जागरूक करना है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष ठाकुर कल्याणसिंह भाटी मूलाणा की इच्छा थी कि एक बार परिक्रमा प्रारम्भ होने पर प्रति वर्ष होती रहे, अत: नवरात्रि में इसका आयोजन करा गया, जिसमें शुक्रवार को परिक्रमा मार्ग में स्थित उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विदित है कि गत बीस वर्षो से अधिक समय से मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष रहते आपने देगराय ओरण का कुछ भाग वर्ष 2004 में ओरण रूप से दर्ज करवाने में सफलता प्राप्त करी थी, शेष बचे हिस्से को दर्ज करवने के लिए भी आप लम्बे समय से प्रयासरत थे। परिक्रमा में विभिन्न पर्यावरण, पशुपालन, चारागाह विकास व जैविक खेती से जुड़े अनुभवी वैज्ञानिकों व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं को ओरणों के महत्व और उनसे लाभ के बारे में जानकारी दी। ओरणों के चारों तरफ मौजूद ढाणियों के किसानों व पशुपालकों ने भी परिक्रमा में जल व नाश्ते की सम्पूर्ण व्यवस्था रख श्रद्धालुओं व पर्यावरण प्रेमियों की यात्रा को सुखद बनाया। दो दिन की परिक्रमा में पर्यावरण प्रेमियों ने ओरण क्षेत्र में 100 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों को देखा गया और उनका रिकॉर्ड भी तैयार करा गया।
https://www.patrika.com/jaisalmer-news/villagers-gave-memorandum-to-ban-solar-plant-land-allocation-7797923/
Saturday 24 September 2022
अवैध खनन का मुद्दा:विधायक ने विधानसभा में उठाया अवैध खनन का मुद्दा तो तहसीलदार पहुंचे नापतौल करने, कार्रवाई की
भवानी मंडी
डग विधायक कालूराम मेघवाल ने शुक्रवार को क्षेत्र के नेहरावद और आरोलिया में अवैध खनन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने साफ कहा कि अधिकारी यहां पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, इसीलिए अवैध खनन वाले धड़ल्ले से चारागाह भूमि काट रहे हैं। इधर, यह मामला विधानसभा में उठने पर शनिवार को पचपहाड़ तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी मौके पर पहुंचे।
यहां पर चारागाह भूमि से पत्थरों के स्टाक को हटवाया और कई जगह नापतोल किए। इसमें कई जगह अवैध खनन सामने आया है, लेकिन इसकी रिपोर्ट रविवार तक बनाई जाएगी। प्रशासन ने आरोलिया व नेहरावद गांव में नापतोल किया जो देर शाम तक चलता रहा। अब रविवार को इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार होगी जो उच्चाधिकारियों काे भेजी जाएगी।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/bhawani-mandi/news/mla-raised-the-issue-of-illegal-mining-in-the-assembly-then-tehsildar-reached-to-measure-took-action-130359000.html
अवमानना नोटिस:आदेश की पालना नहीं की, टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस दिया
टोंक
अदालती आदेश के बाद भी चारागाह जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाने पर टोंक जिला कलेक्टर चिन्मय गोपाल को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने उनसे पूछा है कि उन्होंने आदेश का पालन क्यों नहीं किया। जस्टिस पंकज भंडारी व समीर जैन की खंडपीठ ने यह निर्देश मालपुरा उपखण्ड के धौला का खेड़ा निवासी छीतर लाल शर्मा की अवमानना याचिका पर दिया।
अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने 3 जनवरी 2022 को टोंक जिला कलेक्टर व पीएलपीसी चेयरमैन को चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए ग्रामीणों के प्रतिवेदन पर दो महीने में कार्रवाई का निर्देश दिया था। आदेश की पालना में ग्रामीणों ने कलेक्टर को प्रतिवेदन दे दिया, लेकिन रेवेन्यू अफसरों ने चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मामूली कार्रवाई की है। जबकि चारागाह जमीन पर कुछ ग्रामीणों व प्रभावशाली लोग अभी भी अवैध खनन कर रहे हैं और उन्होंनें वहां पर कच्चा व पक्का निर्माण कार्य भी कर लिया है। इसलिए आदेश का पालन करवाया जाए।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/did-not-comply-with-the-order-gave-contempt-notice-to-tonk-collector-130358015.html
जहाजपुर: पुलिस की कार्रवाई, 150 बीघा चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण
मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी.
Jahazpur: पारोली पंचायत क्षैत्र के बालापुरा केसरपुरा गांव की सरहद में स्थित चरागाह भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायत पर देर से ही सही, लेकिन उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने हाथों-हाथ चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की है, जिससे अतिक्रमण में खलबली मच गई है. जानकारी के अनुसार बालापुरा-केसरपुरा गांव के चरागाह भूमि में अतिक्रमियों ने करीबन 300 बीघा चारागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कटीली झाड़ियां डालकर खेत बनाकर फसल बोने की फिराक में थे.
मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. मामले को लेकर को केसरपुरा गांव के लोगों ने कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर को ज्ञापन देकर चरागाह भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की मांग की. ग्रामीणों की मांग पर तत्काल प्रसंज्ञान लेते हुए कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर स्वयं मौके पर पहुंचे और पंचायत प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मदद से देर शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने बताया कि हर साल अतिक्रमण कारी कटीली झाड़ियां डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा कर जमीन बढ़ा लेते हैं.
साथ ही केसरपुरा बालापुरा की चरागाह अतिक्रमणकारी फसल बोने की फिराक में थे ऐसे में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए चार जेसीबी की मदद से 2 किलोमीटर एरिया में फैले करीबन 130 बीघा चरागाह भूमि को पहले दिन अतिक्रमण मुक्त किया गया है. उपखंड अधिकारी भींचर ने कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं शेष रही चरागाह भूमि को जल्द अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.
बता दें कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर, पारोली थाना अधिकारी सरवर खान, कार्यवाहक विकास अधिकारी हरिराम, सरपंच विमला देवी संचेती, उपसरपंच लादू लाल कीर, पटवारी लक्ष्मण बेरवा सहित पुलिस और स्थानीय पंचायत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.
https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/bhilwara/police-action-and-encroachment-removed-from-150-bigha-pasture-land/1359774
Friday 23 September 2022
अडानी ग्रुप ने मांगी 6 हजार हेक्टेयर जमीन दो हजार मेगावाट का साेलर पार्क बनाएंगे
जालोर
लेखक: धर्मेन्द्र नाथावत
काम शुरू होने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
चितलवाना क्षेत्र के रणखार इलाके में 6 हजार हेक्टेयर जमीन अडानी ग्रुप को देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए अडानी ग्रुप के मांग पत्र पर प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजाो है। इस जमीन पर 2000 मेगावाट का साेलर पार्क विकसित होगा। यह जमीन ग्राम भाटकी, शिव शंकर नगर, मंडाली, जोरादर, कुकड़िया एवं आकोडिया में दी जाएगी। इस इलाके में काफी चारागाह भूमि है। ऐसे में हाईकोर्ट जोधपुर के निर्णय अब्दुल रहमान बनाम सरकार के अनुसार प्रतिबंधित भूमि को इसमें शामिल नहीं किया है।
ऐसे में आवंटन योग्य जमीन को प्रस्ताव में शामिल किया है। जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप एआरईपीआरएल की ओर से 23 नवंबर 2021 को सोलर पार्क विकसित करने के लिए चितलवाना में 6000 हेक्टेयर भूमि आवंटन का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों की मानंे तो जमीन आवंटन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इधर, अडानी ग्रुप को जमीन आवंटन के बाद सांचौर-चिलवाना उपखंड में बड़ी योजनाओं के लिए जमीन नहीं बचेगी। सांचौर क्षेत्र में पहले ही 7800 हेक्टेयर जमीन रणखार कंजर्वेशन के लिए आरक्षित की गई है।
सूखा बंदरगाह पर संशय: चौबीस साल पहले सर्वे, योजना को नहीं लगे पंख
जानकारी के अनुसार सांचौर-चितलवाना उपखंड के गुजरात सीमा क्षेत्र में भवातड़ा सूखा बंदरगाह को लेकर 1998 में सर्वे किया गया था। बड़े स्तर पर कई बैठकें भी हुई। अब अडानी ग्रुप को जमीन देने की तैयारी से क्षेत्र में सूखे बंदरगाह को लेकर संशय बन गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिले में जिस क्षेत्र में सर्वे हुआ। उस जमीन से 7800 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को पहले ही दे दी गई। जबकि अब 6 हजार अडानी ग्रुप को देने की तैयारी है।
फायदा : स्थानीय लोगों को मिल सकेगा रोजगार
अडाणी ग्रीन द्वारा लगने वाले 2 हजार मेगावाॅट सोलर प्लांट से बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोेजगार के रास्ते खुलेंगे। अडाणी ग्रीन के स्थानीय अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों को रोजगार मिलेगा, हालांकि कितने लोगों को मिलेगा, अभी नहीं बता सकेंगे। इस लवणीय जमीन में अडाणी पावर सोलर प्लांट लगाएगा। जिसमें सभी कार्य स्थानीय वर्करों से ही करवाया जाएगा।
सूखा बंदरगाह योजना में वाटर-वे बनाकर जहाज यहां तक लाना था गुजरात के कोरीक्रीके से सांचौर के भवातड़ा तक वाटर वे बनना था। जिसमें नहर की तरह रास्ता बनाकर पानी कच्छ जिले के कोरीक्रीके से लेकर गुजरात की सीमा पर बसे भवातड़ा रणखार गांव तक लाया जाना था। इसमें कच्छ ब्रिज से भवातड़ा तक पानी लाने 350 किलोमीटर की लंबी व 300 मीटर चौड़ाई एवं 50 मीटर गहराई की नहर बनाकर पानी भवातड़ा तक लाने की योजना थी। उसी वॉटर वे के अंदर सामान से भरे जहाज यहां तक आते। लेकिन योजना को पंख नहीं लग सके।
प्लांट के लिए 6 हजार हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव
चितलवाना तहसील 2013 में बनी है। उसके बाद यहां से सुखा बंदरगाह के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अडानी पावर को सोलर प्लांट के लिए 6000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। -रायमलराम, तहसीलदार चितलवाना
प्राेजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया
भवातड़ा में सूखा बंदरगाह बनना था। केंद्र व राज्य सरकार के बीच डीपीआर पर चर्चा हुई थी। बाद में दिल्ली की एक कंपनी से प्री फिजिबिलिटी सर्वे भी होना था, लेकिन बाद में किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यह प्रोजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया। -देवजी एम पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही
यह नुकसान भी
काफी जमीन निजी खातेदारों की प्लांट की प्रस्तावित जमीन के बीच में आ रही है। उन खातेदारों को आवागमन सहित अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार काफी खातेदार ऐसे हैं, जो वहां निवास कर रहे है। जिनको परेशानी होगी। इसके अलावा लूणी नदी की जमीन भी इसी प्लांट के बीच में आ रही है। वहीं सबसे बड़ा नुकसान नेहड़ क्षेत्र के पशुपालकों को होगा। बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में पशुधन लेकर पशुपालक यहां आकर पशु चराते हैं, लेकिन जमीन पर प्लांट लगाने के बाद पशुपालकों के लिए जमीन नहीं बचेगी।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jalore/news/adani-group-asked-for-6-thousand-hectares-of-land-to-build-a-two-thousand-mw-cellar-park-130349143.html
चारागाह परेशान, भूमि पर अतिक्रमण से पशुओं के चारे की समस्या
सवाई माधोपुर प्रशासन की लापरवाही के कारण चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण मवेशियों पर इसका असर पड़ रहा है. चारागाह सिकुड़ने से आवारा पशुओं के सामने चारे और पानी का संकट खड़ा हो गया है। यही वजह है कि शहर और कस्बे की सड़कों पर आवारा जानवर इधर-उधर मारने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला बौंली तहसील के कराडी गांव में सामने आया है. यहां कुछ लोगों ने नाला, तलाई और चारागाह किस्म की करीब 800 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और खेती करने लगे। कराडी के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से इस 800 बीघा चारागाह, नाला व तलाई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की.
न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan
https://jantaserishta.com/local/rajasthan/pasture-disturbed-encroachment-on-land-problem-of-fodder-for-animals-1597256
चारागाह भूमि का आवंटन करने पर राजस्व सचिव और कलेक्टर से मांगा जवाब
जयपुर (Jaipur). राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि का आवंटन सामाजिक संस्था को करने पर राजस्व सचिव और जयपुर (Jaipur) कलेक्टर (Collector) सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश रवि कुमावत की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने अदालत को बताया कि वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने तय किया था कि चारागाह भूमि का आवंटन अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद भी राज्य सरकार (State government) ने 25 अप्रैल 2011 को एक अधिसूचना जारी कर कलेक्टर (Collector) को भूमि आवंटन का अधिकार दे दिया. याचिका में कहा गया कि चारागाह भूमि समाप्त होने से इकोलॉजिकल बैंलेस बिगड जाएगा और बेजुबान पशुओं की मौत हो जाएगी. इसके अलावा कानूनन चारागाह भूमि का ना तो किसी को आवंटित किया जा सकता है और ना ही इसका नियमितीकरण या अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा सकता है. याचिका में कहा गया कि जिले के नरेना कस्बे की चारागाह भूमि पर एक सामाजिक संस्था ने कब्जा कर रखा है. वहीं अब इस भूमि को राज्य सरकार (State government) कब्जाधारी सामाजिक संस्था को आवंटित किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री (Chief Minister) से लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजी गई है, लेकिन संस्था के दबाव में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार लगाई है कि इस अधिसूचना को निरस्त कर अब तक जितनी भी चारागाह भूमि की किस्म को बदला गया है, उसे वापस चारागाह में बदला जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
https://udaipurkiran.in/hindi/answer-sought-from-revenue-secretary-and-collector-on-allotment-of-pasture-land/
Wednesday 21 September 2022
SDM ऑफिस पर किया प्रदर्शन, ग्रामीणों ने एसडीएम ऑफिस पर चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की
झालावाड़ जिले के पिडावा में ग्रामीणों ने चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. खरपाकला ग्राम पंचायत के कोलीखेड़ा गांव के लोगों ने गांव के ही कुछ लोगों द्वारा लगभग 150 बीघा चरागाह भूमि पर कब्जा कर लिया है और खेती कर ली है. इसकी जानकारी तहसीलदार को पहले भी दी गई थी, लेकिन अब तक चरागाह भूमि अतिक्रमण से मुक्त नहीं हुई है। इस पर सोमवार को ग्रामीण पिडावा पहुंचे और एसडीएम से अतिक्रमण हटाने की मांग की.
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम खाता संख्या 158 के खसरा क्रमांक 127, 128, 129, 158, 238, 298, 335, 337, 339, 345, 346, 347 व 348 में 60.1847 हेक्टेयर पर चारागाह है. गांव के कुछ लोगों ने करीब 150 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है और खेती कर रहे हैं। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने पूर्व में तहसील को दी थी और अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन अब तक भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से जमीन का मुआयना किया और पुलिस बल की मदद से अतिक्रमण हटाकर चारों ओर खाई खोदने की मांग की. इस दौरान एसडीएम ने राजस्व विभाग से सर्वे कराकर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया.
https://jantaserishta.com/local/rajasthan/demonstration-at-sdm-office-villagers-demanded-removal-of-encroachment-from-pasture-land-at-sdm-office-1584771
गोचर व आबादी पर किया अतिक्रमण
जैसलमेर
September 20, 2022
ग्राम पंचायत भादरिया के खसरा संख्या 34 में की गई अतिक्रमण को लेकर भू-राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत मामला दर्ज कर लिया हैै। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। लाठी गांव में किए गए अतिक्रमण को लेकर जांच करवाई जा रही है।
- राजेशकुमार विश्रोई, उपखंड अधिकारी, पोकरण
केसरपुरा गांव की चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण।
ByRameshwar Lal
Sep 20, 2022
कोटडी।
उपखंड क्षेत्र की पारोली पंचायत के केसरपुरा गांव की चारागाह भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायत पर उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर ने हाथों-हाथ चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जिसमें अतिक्रमियो में खलबली मच गई. जानकारी के अनुसार केसरपुरा ग्राम के चारागाह भूमि में अतिक्रमियों ने करीब 300 बीघा चरागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कटीली झाड़ियां डालकर खेत बनाकर फसल बोने की फिराक में थे.
मामले को लेकर पूर्व में भी केशरपुरा ग्रामीणों ने शिकायत की थी लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. मामले को लेकर सोमवार दोपहर को केसरपुरा गांव के लोगों ने कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंदसिंह भीचर को ज्ञापन देकर चारागाह भूमि पर अतिक्रमण और अवैध अतिक्रमण को हटाने जाने की मांग की.
ग्रामीणों की मांग पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर स्वयं मौके पर पहुंचे तथा पंचायत प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मदद से देर शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर ने बताया कि हर साल अतिक्रमण कारी कटीली झाड़ियां डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा करने के साथ ही चारागाह में अतिक्रमणकारी फसल बुवाई करते आ रहे हैं
ऐसे में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए 4 जेसीबी की मदद से 2 किलोमीटर एरिया में भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया अधिकारी ने कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी वहीं शेष रही चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने आगे भी अभियान जारी रहेगा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी गोविंदसिंह भींचर थाना अधिकारी सरवर खान विकास अधिकारी हरिराम सरपंच विमला देवी संचेती तय लोग एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
https://jaipurtimes.org/rajasthan/bhilwada-rajasthan/encroachment-removed-from-pasture-land-of-kesarpura-village/
चरागाह व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण:चरागाह व सरकारी भूमि पर कब्जे, गायों को दफनाने के लिए जगह नहीं
सवाई माधोपुर
चौथ का बरवाड़ा गांव में सरकारी भूमि पर लोगों के अतिक्रमण एवं कब्जे होने से सरपंच परेशान है। गायों में फैली लंपी बीमारी के चलते बड़ी संख्या में उनकी मौत हो रही है। प्रशासन द्वारा उनको दफनाने के लिए ग्राम पंचायतों को आदेश दिए जा रहे हैं, लेकिन गांव में कोई भी चरागाह या सरकारी जमीन खाली नहीं होने से स्थिति गंभीर हो गई है। किसी के खेत या अन्य स्थान पर गायों को दफनाने के कारण विवाद की स्थिति भी देखने को मिली है। ऐसे में सरपंच संघ ने तहसीलदार एवं विकास अधिकारी के सामने इस समस्या के समाधान करने पर ही गायों के अंतिम संस्कार होने की बात कही है।
सरपंच संघ अध्यक्ष विमल कुमार मीणा के नेतृत्व में सभी पंचायतों के सरपंचों ने तहसीलदार एवं विकास अधिकारी के सामने इस पीड़ा को जाहिर किया। सरपंच संघ अध्यक्ष विमल कुमार मीणा ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में चरागाह तथा सरकारी भूमि काफी मात्रा में दर्ज है। मगर मौके पर स्थिति कुछ और है। इस समय बीमारी के कारण गायों को दफनाने के लिए सरकार द्वारा आदेश दिए जा रहे हैं। सरपंच संघ का कहना है कि जब उनके पास कोई सरकारी भूमि खाली ही नहीं है तो वह गायों को कहां दफनाए।
यह समस्या चौथ का बरवाड़ा की सभी 23 ग्राम पंचायतों में व्याप्त है। चौथ का बरवाड़ा सरपंच सीता सैनी ने कहा कि प्रशासन द्वारा पहले सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाकर उसे पंचायतों को संभलाना चाहिए। इसके बाद ही गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था हो सकेगी। दूसरी ओर कई स्थानों पर गायों को खुले में फेंकने की मजबूरी देखने को मिल रही है।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/occupation-of-pasture-and-government-land-no-place-to-bury-cows-130341166.html
Friday 16 September 2022
Wednesday 14 September 2022
3 कार्यालयों के लिए निशुल्क भूमि का किया आवंटन
भरतपुर।
जिला कलक्टर आलोक रंजन ने आदेश जारी कर तीन राजकीय कार्यालयों हेतु निशुल्क भूमि का आवंटन किया है।
जिला कलक्टर रंजन ने पंचायत समिति नगर के ग्राम जगडका स्थित आराजी खसरा नंबर 264 रकबा 0.55 हैक्टेयर किस्म गैरमुमकिन खलियान में से 0.46 हैक्टेयर भूमि राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगडका के भवन निर्माण एवं खेल मैदान के लिये निशुल्क आवंटित की है।
इसी प्रकार तहसील भरतपुर की ग्राम पंचायत रामपुरा के ग्राम रामपुरा स्थित आराजी खसरा नंबर 52 रकबा 0.07 हैक्टेयर किस्म गैरमुमकिन सिवायचक भूमि को जल जीवन मिशन परियोजना के अन्तर्गत ग्राम रामपुरा में उच्च जलाशय के निर्माण हेतु अधिशाषी अभियंता पीएचईडी विभाग को निशुल्क आवंटित की है।
इसी प्रकार पंचायत समिति बयाना के ग्राम हरनगर स्थित आराजी खसरा नंबर 326 रकबा 1.09 हैक्टेयर में से 0.30 हैक्टेयर किस्म चारागाह भूमि को महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय निर्माण के लिये निशुल्क आवंटित की है साथ ही चारागाह की क्षतिपूति के लिए ग्राम कनावर स्थित खसरा नंबर 755 रकबा 0.25 हैक्टेयर में से 0.05 हैक्टेयर, खसरा नंबर 997 रकबा 0.11 हैक्टेयर में से 0.10 हैक्टेयर, खसरा नंबर 998 रकबा 0.15 हैक्टेयर कुल किता-3 रकबा 0.30 हैक्टेयर किस्म सिवायचक भूमि को चारागाह में दर्ज किये की स्वीकृति प्रदान की है।
https://aimamedia.org/newsdetails.aspx?com=yes&nid=140420
चारागाह भूमि में खनन करने का टोडा ग्रामवासियों ने किया विरोध
ByRameshwar Lal
Sep 13, 2022
Tuesday 13 September 2022
मुश्किल में कटकड के सैंकड़ों परिवार:65 साल बाद जमीन को बताया चारागाह भूमि, नोटिस के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीण
हिंडौन
हिंडौन के पास कड़कड़ की पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे 200 से अधिक परिवारों को आबादी क्षेत्र से चरागाह भूमि बनाकर 30 परिवारों को बेदखली का नोटिस दिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को उपखंड अधिकारी अनूप सिंह को ज्ञापन दिया है। कटकड के ग्रामीण अजीत जैन, हरिचरण शर्मा, महावीर जैन, गणपत लाल शर्मा, गिर्राज गौड़, मुकुट बिहारी शर्मा, मोहनलाल जगदीश प्रसाद, रामप्रसाद आदि ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होने बताया कि गंभीर नदी में आई बाढ़ से विस्थापित पुराने कस्बे आबादी क्षेत्र में पंचायत द्वारा बसाया गया था। आबादी क्षेत्र होने के कारण पंचायत ने दूसरे परिवारों को आवासीय पट्टे जारी किए।
65 साल से रह रहे लोग
करीब 65 साल से क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की नई सेटलमेंट के दौरान आबादी क्षेत्र को चरागाह भूमि इंद्राज किया है। जबकि इस आबादी क्षेत्र में 200 से अधिक परिवार और बीपीएल परिवारों के इंदिरा आवास, सरकारी विभागों कार्यालय, जलदाय विभाग की उच्च जलाशय की टंकी आदि बने हुए हैं। पटवारी द्वारा सेटलमेंट में आबादी भूमि को चरागाह भूमि में परिवर्तन करने से लोगों में रोष है। इसको लेकर के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी अनूप सिंह को ज्ञापन देकर आबादी क्षेत्र एवं पंचायत द्वारा जारी किए आवासीय पट्टा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
SDM ने दिया आश्वासन
ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को बताया कि तहसील प्रशासन द्वारा 30 से अधिक परिवारों को बेदखली का नोटिस दिया है। पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे लोगों ने चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत में आबादी क्षेत्र में बने आशियाना को उजड़ने नहीं देंगे। उपखंड अधिकारी अनूप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे परिवारों को कोई नुकसान नहीं होने दिए जाने का आश्वासन दिया है।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/hindaun/news/after-65-years-the-land-was-told-the-pasture-land-the-villagers-mobilized-against-the-notice-130311920.html
Monday 12 September 2022
अतिक्रमण कर फसल पैदावार पर चला बुलडोजर:60 बीघा चरागाह भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा था, खड़ी तिल, बाजरा की फसल पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया
करौली
महिलाओं ने कई बार अतिक्रमण हटाने का किया विरोध, पुलिस ने डांट फटकार लगाकर खदेड़ा
कुड़गांव सपोटरा उपखंड की बालोती ग्राम पंचायत के पास स्थित चारागाह एवं गैर मुमकिन भूमि पर पिछले कई वर्षों से लोगों द्वारा अतिक्रमण कर फसल पैदावार की जा रही थी जिसकी जिला प्रशासन से ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर 60 बीघा सरकारी भूमि पर खड़ी तिल एवं बाजरा की फसल को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस सुरक्षा के बीच बुलडोजर चलाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया। सपोटरा उपखंड अधिकारी अनुज भारद्वाज तहसीलदार हरसहाय मीणा ने बताया कि उपखंड के बालोती गांव के पास स्थित करीब 60 बीघा चरागाह एवं गैर मुमकिन भूमि पर पिछले 10 वर्षों से अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर फसल पैदावार की जा रही थी। जिसकी ग्रामीणों की ओर से जिला प्रशासन से की गई शिकायत पर जिला प्रशासन के निर्देशन में अतिक्रमण की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार 11 बजे के लगभग प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस प्रशासन बालोती गांव पहुंचा।
जहां सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर पैदा की तिल, बाजरा फसल को 5 घंटे तक लगातार बुलडोजर एवं कई ट्रैक्टर चला कर नष्ट किया गया। इस दौरान अतिक्रमणकारी परिवारों की महिलाओं ने कई बार कार्रवाई का विरोध प्रकट किया ।जिस पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को मौके से हटाकर कार्रवाई को सुचारू कराया। सुबह 11 बजे से अतिक्रमण की कार्रवाई प्रशासन ने शुरू की ओर देर शाम 5 बजे तक चलती रही। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की इस 5घंटे की लंबी कार्रवाई के बाद 60 बीघा भूमि पर खड़ी तिल बाजरा की फसल ट्रैक्टर एवं बुलडोजर चलाकर सरकारी चारागाह एवं गैर मुमकिन भूमि को दबंग अतिक्रमणकारियों के कब्जे से अतिक्रमण मुक्त किया गया।
इस दौरान उपखंड अधिकारी अनुज भारद्वाज, तहसीलदार हरसहाय मीणा, गिरदावर नरोत्तम मीना, नूरदीन खान, पटवारी राजेश कुमार मीणा, भूर सिंह मीणा एवं कुड़गांव, सपोटरा, कैला देवी थाना पुलिस एवं करौली आरएसी पुलिस सुरक्षा बल मौजूद रहा। सरकारी चारागाह भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा फसल पैदावार कर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन की और से ट्रैक्टर एवं बुलडोजर चलाकर कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद अतिक्रमणकारियों ने पैदावार को नष्ट होते देख प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करने के भी आरोप लगाए। बालोती गांव में 60 बीघा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई से पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो इसको लेकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में सैकड़ों से अधिक आरएसी जवान एवं तीन थानों की पुलिस सुरक्षा बल मुस्तैद रहा।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/news/dabangs-had-occupied-60-bighas-of-pasture-land-the-administration-got-bulldozers-started-on-standing-sesame-millet-crops-130312398.html
Saturday 10 September 2022
Illegal mining: खनन के खिलाफ एकजुट हुए ग्रामीण
सीकर/टोडा. इलाके में चारागाह भूमि पर हो रहे खनन के खिलाफ ग्रामीण फिर से लामबंद होने लगे हैं। ग्रामीणों ने शनिवार को जीणमाता मंदिर पर बैठक कर पलासाला के पास चारागाह भूमि पर खनन बंद करवाने को लेकर आंदोलन करने का फैसला किया है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने जमकर हो रहे खनन पर आक्रोश जताते हुए खान संचालक से फोन पर वार्ता भी की। इसके बाद खनन को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने विधायक व प्रशासन को ज्ञापन देने का निर्णय लिया। बैठक में कांग्रेस नेता कैलाशचंद जोशी, रामावतार जोशी सुरेश सारस्वत, हरि सिंह तंवर, रमेश चंद कुमावत, राजेंद्र बबेरवाल, बाबू खां, माल सिंह तंवर, मंगेज सिंह तंवर, भाजपा नेता सीताराम यादव, पूरण सिंह तंवर, मदनलाल शर्मा, प्रभु सिंह, करतार सिंह, फूलचंद गुर्जर, शंकरलाल शर्मा, जैमल गुर्जर, हनुमान गुर्जर आदि मौजूद रहे।
धरना हटते ही खनन
चारागाह भूमि पर स्वीकृत खानों को निरस्त करवाने के लिए ग्रामीणों ने दो अक्टूबर 2015 को धरना शुरू किया था। धरना करीब पांच साल तक जारी रहा। 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगते ही धरना हटाना पड़ा। हाल ही में खान संचालकों ने फिर से चारागाह भूमि पर अवैध खनन शुरू कर दिया।
कई सालों से विरोध
चारागाह भूमि पर अवैध खानों को निरस्त करवाने के लिए ग्रामीणों का कई सालों से विरोध चल रहा है। चारागाह भूमि पर खनन को रोकने के लिए ग्रामीणों ने बैठक की थी। बैठक में चारागाह भूमि को बचाने का निर्णय लिया गया।
https://www.patrika.com/sikar-news/villagers-united-against-mining-7763364/
बंजर भूमि चारागाह विकास समिति की जिला स्तरीय बैठक आयोजित
Shantanu Roy
9 Sep 2022
बीकानेर। बंजर भूमि चारागाह विकास समिति की बैठक शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस अवसर पर जिला प्रमुख ने कहा कि चारागाह विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से लिया जाए। यह हमारी परिस्थतिकी से जुड़ा विषय है। इससे पशुओं के लिए पौष्टिक आहार मिलेगा। वहीं राजीविका के स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने कहा कि चारागाह भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए सतत प्रयास करने होंगे। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. कहा कि जिले में चारागाह विकास कार्यों का नियमित पर्यवेक्षण किया जाए और इसका नियमित फीडबैक भी दिया जाए।
उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। अधिशासी अभियंता (ईजीएस) धीर सिंह गोदारा ने चारागाह विकास कार्यों की स्वीकृति व इससे जुड़ी तकनीकी जानकारी से अवगत करवाया। एफईएस प्रतिनिधि डिम्पल कुमारी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिला, ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तरीय समितियों, इनके कर्तव्य और कार्यप्रणाली से अवगत करवाया। उन्होंने ग्राम स्तर की कमेटियों को सशक्त बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर विकास अधिकारी, प्रधान, सरपंच और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
https://jantaserishta.com/local/rajasthan/district-level-meeting-of-barren-land-pasture-development-committee-organized-1551077