चौमूं की हाड़ौता ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि सहित आम रास्ते पर भारी चारा वाहनों की पार्किंग पर हाईकोर्ट ने अंतिम रोक लगाई।
चौमूं की हाड़ौता ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि सहित आम रास्ते पर भारी चारा वाहनों की पार्किंग पर हाईकोर्ट ने अंतिम रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख राजस्व सचिव, जिला कलेक्टर, प्रमुख गृह सचिव व जयपुर डीसीपी, जयपुर ट्रैफिक, एसडीएम, तहसीलदार, गोविंद-गढ़ पंचायत समिति विकास अधिकारी, गोविंद-गढ़ प्रधान, हाडौता सरपंच, चौमूं थाना अधिकारी और ठेकेदार लालचंद यादव सहित 17 जनों को नोटिस जारी कर आगामी 16 दिसंबर तक इस पूरे मामले का जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट जस्टिस इंद्रजीत सिंह व आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश रामेश्वर प्रसाद व अन्य की पीआईएल पर दिया है। अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि पंचायत सरपंच ने अफसरों से मिलीभगत करके बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए ही हाडौता ग्राम पंचायत और गोविंदगढ़ पंचायत समिति की चारागाह भूमि और आम रास्ते की जमीन पर चारा वाहनों की पार्किंग के लिए ठेके पर दे दी। जबकि काश्तकारी अधिनियम पंचायत राज अधिनियम और भू राजस्व अधिनियम के तहत चारागाह भूमि व सार्वजनिक रास्ते की जमीन का अन्य कार्य के लिए उपयोग नहीं हो सकता हैं।
वर्ष 2017 में इसी जमीन पर एक करोड़ 58 लाख रुपए में भारी चारा वाहनों की पार्किंग का ठेका दिया गया था। हालांकि बाद में स्थानीय एसडीएम ने चारागाह भूमि होने पर इस टेंडर पर रोक लगा दी थी, लेकिन फिर भी इस जमीन पर अपने चहेते ठेकेदार को 31लाख 21 हजार रुपए में पार्किंग का टेंडर दे दिया।
मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दयार की। जहां पर हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अंतिम रोक लगाई गई और आगामी 16 दिसंबर तक इस मामले में जवाब मांगा गया है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/chomu/news/ban-on-parking-of-heavy-vehicles-on-pasture-land-chomu-rajasthan-133952173.html
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