Thursday 23 March 2023

देसूरी क्षेत्र की बेटी कमला कुमारी हुई जयपुर में सम्मानित


 

कार्रवाई - अवैध निर्माण रुकवाया:दौसा-गांगलियावास मार्ग पर चरागाह पर हो रहे अवैध निर्माण को राजस्व टीम ने रुकवाया, 14 अतिक्रमियों को थमाए नोटिस

दौसा ग्रामीण | दौसा-गांगलियावास मार्ग पर बैरवा ढाणी में चरागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई करते अधिकारी

दौसा- गांगलियावास मार्ग पर लाखों रुपए की बेशकीमती चरागाह भूमि पर बुधवार को किए जा रहे अतिक्रमण की शिकायत पर तहसीलदार शिवदयाल शर्मा के निर्देशन पर राजस्व विभाग की टीम, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची। राजस्व टीम ने चरागाह भूमि का सीमा ज्ञान कर सड़क किनारे अवैध पुख्ता निर्माण कार्य को मौके पर ही बंद कराकर अतिक्रमियों को नोटिस थमाकर पाबंद किया। हल्का पटवारी सविता मीणा ने बताया कि गांव के ही गोपाल लाल बैरवा ने तहसीलदार को अतिक्रमण की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। 

तहसीलदार शिवदयाल शर्मा ने राजस्व विभाग की टीम तैनात कर मामले की जांच कर काम बंद कराकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। बुधवार को राजस्व विभाग की टीम के साथ सरपंच सविता मीणा, ग्राम विकास अधिकारी सविता मीणा, सावल राम मीणा सहित स्थानीय वासियों के साथ मौका मुआयना किया। मौके पर भागीरथ पुत्र प्रभाती लाल बैरवा द्वारा खसरा नंबर 747 में डामरीकरण सड़क किनारे ईंटों से दो कमरे बनाकर अतिक्रमण करता हुआ पाया गया। जिसे 7 दिन पूर्व भी शिकायत मिलने पर चरागाह भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किए जाने के लिए पाबंद किया गया था, लेकिन रातों-रात चरागाह भूमि पर दो पुख्ता कमरों का निर्माण कर चद्दर डालकर कब्जा किया जा रहा था, जिसे मौके पर ही नोटिस थमाकर पुख्ता कमरों पर चढ़ाई जा रही टीनशेड को नीचे उतरवाया गया। 

राजस्व विभाग की टीम प्रभारी सविता मीणा ने बताया कि जांच के दौरान महादेव पुत्र गंगाराम, हीरालाल पुत्र बुधाराम, देवी सहाय पुत्र गेंदाराम, पुनीराम पुत्र मूलचंद, जगदीश पुत्र सोनाराम, रामलाल पुत्र प्रभाती लाल,रतनी पुत्री भगवान सहाय, मोहन पुत्र रामधन, छाजू राम पुत्र धन्नालाल, तेजराम पुत्र रामधन, गोपाल पुत्र गेंदाराम द्वारा खसरा नंबर 747 रकबा 60 बीघा भूमि में से करीब दस बीघा भूमि पर अतिक्रमण किया जाना पाया गया। मौके पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की टीम ने नक्शा मौका बनाकर 14 लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार को भिजवाई जाएगी।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dausa/news/revenue-team-stopped-the-illegal-construction-on-the-pasture-on-dausa-gangliawas-road-handed-over-notices-to-14-trespassers-131071693.html

जयपुर के लक्ष्मण सिंह को पद्मश्री:पानी बचाने की चौका तकनीक से तालाब रिचार्ज किए, चारागाह बचाए

https://dainik-b.in/Smqj0MVznyb 

जयपुर

पानी बचाने की चौका तकनीक से तालाबों और चारागाहों की तस्वीर बदलने वाले जयपुर जिले के लापोड़िया निवासी लक्ष्मण सिंह को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में लक्ष्मण सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। इस साल 25 जनवरी को लक्ष्मण सिंह सहित राजस्थान की चार हस्तियों को पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी। कला के क्षेत्र में जयपुर के अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन, समाज सेवा में लक्ष्मण सिंह और मूलचंद लोढ़ा को पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी।राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में राजस्थान से लक्ष्मण सिंह ही पहुंचे थे।

पानी बचाने की तकनीक से बदली 50 से ज्यादा गांवों की तस्वीर

लक्ष्मण सिंह जयपुर जिले में दूदू के लापोड़िया गांव के रहने वाले हैं। पिछले 40 साल से पानी बचाने और पर्यावरण के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। लक्ष्मण सिंह ने पानी बचाने की तकनीक और इसके लिए छेड़ी गई मुहिम से 50 से ज्यादा गांवों की तस्वीर बदल दी। लक्ष्मण सिंह ने पानी बचाने की चौका तकनीक से तालाब रिचार्ज किए, चारागाहों को बचाया।

चौका तकनीक से बचाए चारागाह और तालाब, खुद के गांव से शुरुआत

लक्ष्मण सिंह ने पानी बचाने की चौका तकनीक को सबसे पहले अपने गांव लापोड़िया से शुरू किया। इस काम को आगे बढाने के लिए नवयुवक मंडल लापोड़िया का सहयोग लिया। सबसे पहले खुद के गांव के तालाब में पानी रिचार्ज कर चारागाह को हरा भरा बनाया। देखते ही देखते आसपास के गांवों में भी लापोड़िया मॉडल की चर्चा होने लगी। इसके बाद लापोड़िया नवयुवक मंउल के माध्यम से लक्ष्मण सिंह ने दूसरे गांवों में भी पानी बचाने और चारागाह विकास के लिए जन जागरूकता अभियान शुरू किया।

पशुओं की नस्ल सुधार पर भी जोर

लक्ष्मण सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र में चौका तकनीक से पानी बचाया और पेड़-पौधे भी लगाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में अकाल के समय पानी की किल्लत नहीं हुई। इसके साथ ही ​​​​​लक्ष्मण सिंह खंगारोत लापोडिया ने पर्यावरण संरक्षण और चारागाह भूमि विकसित करने के साथ ही क्षेत्र की 100 गांवों में गायों की नस्ल सुधार भी करवाया।


18 साल की उम्र में गांव की तस्वीर बदलने की ठानी,धरती जतन यात्रा

लक्ष्मण सिंह जब दसवीं की पढ़ाई कर रहे थे उसी समय उनका रुझान पानी बचाने की ताफ हुआ। अकाल को देखते हुए उनके मन में पानी सहेज कर रखने और चारागाह को बचाने का आइडिया आया। इसके लिए लोगों को प्रेरित किया। गायों में नस्ल सुधार का अभियान भी चलाया गया। उनका मुख्य फोकस छोटे तालाबों और चारागाहों को बचाने पर रहा। उनकी मुहिम कीर वजह से 50 से ज्यादा गावों को फायदा मिला। क्षेत्र में अकाल पड़ने पर पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के लिए 1977 में श्रमदान कर लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करना शुरू किया। 1987 से ग्राम विकास नवयुवक मंडल लापोडिया के माध्यम से धरती जतन यात्रा निकालना शुरू किया जो अब भी जारी है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/news/president-awarded-padmshri-to-laxman-singh-lapodia-for-water-consrvation-131070956.html