Saturday, 22 February 2025

केड ग्राम पंचायत की एक हजार बीघा से अधिक चारागाह भूमि जल्दी ही होगी अतिक्रमण मुक्त


मुख्यमंत्री के आदेश से जिला प्रशासन आया एक्शन मोड़ में

सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ अध्यक्ष एवम जिला कलेक्टर झुंझुनूं के पास 14 दिसम्बर 2022 से दर्ज था प्रकरण

सामाजिक कार्यकर्ता एवम भाजपा नेता सुभाष कश्यप ने जिला कलेक्टर को दर्ज करवाया था प्रकरण

जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही को गति दिलवाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से दो बार भेंट कर सुभाष कश्यप ने अतिक्रमण मुक्त कार्यवाही बाबत किया था आग्रह

20 फरवरी को कश्यप ने मुख्यमंत्री को पुनः स्मरण पत्र देकर कार्यवाही का किया था आग्रह

21 फरवरी को जिला कलेक्टर झुंझुनूं ने केड ग्राम पंचायत के राजस्व गाँव खटकड़, कीरपुरा, केड व नंगली निर्बाण में प्रशासन को भेज कर सर्वे करवाना आरम्भ किया

अतिक्रमण मुक्त होने के पश्चात चारागाह भूमि को वन्य जीव एवम गौ अभ्यारण्य बनाने की है माँग

झुंझुनूं, झुंझुनूं जिले की गुढ़ागौड़जी तहसील अंतर्गत केड पटवार मण्डल अंतर्गत राजस्व ग्राम खटकड़ की चारागाह भूमि खसरा संख्या 1166, 1173, 1176,1183, 1184, 1187, 1190,1199,1207/179 व 676, राजस्व ग्राम नंगली निर्बाण की चारागाह भूमि खसरा संख्या 1228, 1229, 1231, 1238, 1239,1242,1245,1295,1305,1361,1441 राजस्व ग्राम कीरपुरा की चारागाह भूमि खसरा संख्या 562, 568, 569 एवम राजस्व ग्राम केड की चारागाह भूमि खसरा संख्या 550/15 एवम 9 इत्यादि का सर्वे कर अतिक्रमण को चिन्हित करने की कार्यवाही 21 फरवरी शुक्रवार से आरम्भ की गई। सामाजिक कार्यकर्ता एवम भाजपा नेता सुभाष कश्यप ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने दिनांक 30 जनवरी 2019 को जन हित याचिका संख्या 10819/2018 जगदीश प्रसाद मीणा राजस्थान एवम अन्य में निर्णय पारित कर सार्वजनिक भूमि संरक्षण हेतु जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ गठित कर प्राप्त प्रकरणों में अविलम्ब अतिक्रमण मुक्त करवाने का आदेश दिया है । उक्त निर्णय के आधार पर कश्यप ने अध्यक्ष सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ झुंझुनूं के अध्यक्ष एवम जिला कलेक्टर को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर केड, खटकड़, कीरपुरा व नंगली निर्बाण की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाकर उक्त भूमि पर वन्य जीव जंतुओं के संरक्षण हेतु गौ अभ्यारण बनाने की मांग की थी । सार्वजनिक भूमि संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही अमल में न लाने से क्षुब्ध हो कर कश्यप ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से 21 नवम्बर 2024 को कार्यवाही करने का आग्रह किया था, मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 25 नवम्बर को अपने आदेश क्रमांक मु.म.-उ स(एमके)/कले.झुन./झुन/24/73165 भेज कर झुंझुनूं जिला कलेक्टर को कार्यवाही का निर्देश दिया था । उक्त आदेश पर शिथिलता के चलते कश्यप ने गुरुवार 20 फ़रवरी को पुनः मुख्यमंत्री से भेंट कर कार्यवाही का आग्रह किया था, सवेंदनशील मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तुरंत एक्शन लेते हुए जिला कलेक्टर को कार्यवाही का निर्देश दिया । जिसकी पालना में शुक्रवार को स्थानीय पटवारी, गिरदावर आदि चारागाह भूमि में अतिक्रमणों को चिन्हित कर रहे है।

सामाजिक कार्यकर्ता कश्यप ने अपने पत्र में सरकार को बताया कि एक हजार बीघा से अधिक चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण पशु पक्षियों का आश्रय स्थल छीन गया है, नीलगाय, खरगोश, शियार, जंगली बिल्ली, तीतर, मोर, गौरया, बेसहारा गौवंश, नन्दी, बेसहारा पशु पक्षियों एवम पालतू भेड़, बकरी, ऊँट इत्यादि के लिए उक्त चारागाह भूमि के साथ साथ नदी पेटा एवम राजकीय बंजड भूमि पर अतिक्रमण हो जाने से इन जीव जंतुओं के जीवन पर संकट खड़ा हो गया है तथा वानिकी एवम पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बिगड़ गया है, असंख्य पशु पक्षियों के लिए भोजन व पानी का संकट खड़ा हो गया है वही पास ही में स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में रह रहे एक हजार से अधिक बेसहारा गौवंश के लिए भी भूमि नही रही है । कश्यप ने उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवा कर जीव जंतुओं हेतु अभ्यारण बनाने की मांग की है।
मूल ऑनलाइन लेख: - https://shekhawatilive.com/jhunjhunu/more-than-one-thousand-bighas-of-pasture-land-of-ked-gram-panchayat-will-soon-be-free-from-encroachment.html/

Monday, 17 February 2025

भौंडा गांव में अवैध खनन को बंद कराने की मांग, ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मिलकर दिया ज्ञापन

 

भरतपुर। वैर थाना क्षेत्र के गांव भौंडा अवैध खनन को बंद कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों को ढाई माह से धरना प्रदर्शन जारी है. इसी के चलते धौलपुर सांसद भजन लाल जाटव ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जिला कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन दिया.जिला प्रशासन के साथ करौली सांसद और ग्रामीणों की एक बैठक हुई.बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि एक कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी.लेकिन ग्रामीणों ने अभी कमेटी की बात को लेकर विचार विमर्श कर जवाब देने को कहा है.स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक व्यक्ति द्वारा चारागाह भूमि पर कब्जा कर अवैध खनन किया जा रहा है.जिससे ग्रामीणों की फसल नष्ट होने के साथ मकानों में दरारें आ चुकी हैं.

धौलपुर सांसद भजन लाल जाटव ने बताया की वैर इलाके भौंडा गांव में चारागाह भूमि है.जिस पर कुछ लोगों के द्वारा कब्जा कर अवैध खनन किया जा रहा है. लीज पर दिन रात ब्लास्ट किए जाते हैं। जिससे वनक्षेत्र की वाईलट-लाइफ के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। खनन का कमा करने वाले कर्मचारी जंगली जानवरों का शिकार कर रहे हैं। खनन की सामग्री को ले जाते उड़ने वाली धूल से किसानों की फसल को नुकसान हो रहा है। खनन की सामग्री ले जाते समय ओवरलोड वाहनों से भारी नुकसान हो रहा है। खनन की वजह से उड़ने वाली धूल से लोगों को सांस की बीमारियां हो रहीं हैं। खनन क्षेत्र में हो रहे धमाकों की वजह से रात के समय में ग्रामीण सो नहीं पाते। .इस अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों के द्वारा ढाई माह से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन प्रशासन की ओर से जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीण बड़ी संख्या में जिला कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दिया है.

जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव और जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने ग्रामीणों के साथ एक बैठक की.जिस बैठक में जिला प्रशासन की ओर से जांच के लिए एक कमेटी का गठन करने की बात कही. जिसमें वन विभाग, खनिज विभाग,प्रदूषण विभाग आदि विभाग के अधिकारी शामिल होंगे.लेकिन इस कमेटी को लेकर अभी ग्रामीणों ने वार्ता कर सहमति देने की बात कही है. वहीं जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कमेटी बनने तक धरना को स्थगित कर दे इसी बात को लेकर एक ग्रामीण ने कहा कि धरना स्थगित तक अवैध खनन को स्थगित किया जाएगा.

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.khaskhabar.com/local/rajasthan/bharatpur-news/news-demand-to-stop-illegal-mining-in-bhaunda-village-villagers-met-the-district-collector-and-submitted-a-memorandum-news-hindi-1-703570-KKN.html


Wednesday, 5 February 2025

जन-जन को जल, जंगल और जमीन बचाने का संदेश देती प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जलग्रहण यात्रा का भव्य शुभारंभ

खैरथल-तिजारा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (वाटरशेड विकास घटक) के तहत जलग्रहण यात्रा का भव्य शुभारंभ खैरथल-तिजारा जिले में जिला कलक्टर किशोर कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। यह यात्रा वर्षा जल संग्रहण, मिट्टी बचाव और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर इस यात्रा का शुभारंभ केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। जिला स्तर पर खैरथल-तिजारा में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 2000 ग्रामीणों, विद्यार्थियों, एनएसएस और स्काउट सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान जल योद्धा बनने और गांव को जल संकट से मुक्त करने की शपथ, जल संरक्षण और भूमि सुधार में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 15 कार्यकर्ताओं और भामाशाहों का सम्मान, स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी और इब्तिदा संस्था के कृषि तकनीक मॉडल का अवलोकन, राष्ट्रीय स्तर के शुभारंभ कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया।
ग्राम नंगली ओझा में जोहड़ जीर्णोद्धार कार्य का भूमि पूजन किया गया। इसके साथ ही बड़े जोहड़ जीर्णोद्धार कार्य का वर्चुअल लोकार्पण किया गया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में जल एवं भूमि संरक्षण पर निबंध और स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। ग्रामवासियों ने चारागाह भूमि में पौधारोपण और जोहड़ में श्रमदान कर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
यात्रा का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ
जिला कलक्टर किशोर कुमार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की वाटरशेड यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा 5 फरवरी 2025 से शुरू होकर 8 अप्रैल 2025 तक चलेगी।
खैरथल-तिजारा जिले की पंचायत समिति तिजारा व मुण्डावर के 34 गांवों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना संचालित है। योजना के तहत वर्षा जल संग्रहण के लिए एनीकट, अमृत सरोवर, जोहड़, फार्म पोंड और मिट्टी के बांध बनाए जा रहे हैं। भूमि कटाव रोकने और चारागाह विकास के लिए पौधारोपण किया जा रहा है।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर शिवपाल जाट, संयुक्त निदेशक जलग्रहण विकास विभाग जयपुर सुशीला यादव, अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह मौथू, अधिशासी अभियंता क्षत्रपाल सहित कई जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
मूल ऑनलाइन लेख - https://jaipurtimes.org/grand-inauguration-of-the-watershed-yatra-of-pradhan-mantri-krishi-sinchai-yojana-giving-the-message-of-saving-water-forest-and-land-to-the-people


Sunday, 2 February 2025

गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही गोवंशों को संरक्षित किया जाय: डीएम

 गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही गोवंशों को संरक्षित किया जाय: डीएम

कहा— चारागाह की जमीनों पर अवैध अतिक्रमण को खाली कराकर हरे चारे की बुवाई करायी जाय

तेजस टूडे ब्यूरो

संदीप सिंह

प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय के सभागार में जनपद स्तरीय निराश्रित गोवंश की समीक्षा बैठक हुई जहां मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 प्रदीप कुमार ने बताया कि जनपद में 59 अस्थायी गौशाला है जिनमें 12397 गोवंश, 6 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र जिनमें 1623 गोवंश, 5 कान्हा गौशला जिनमें 1132 गोवंश, 8 कांजी हाउस जिनमें 303 गोवंश संरक्षित किये गये है तथा 5 पंजीकृत गौशाला में 185 गोवंश संरक्षित है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अन्तर्गत प्राप्त लक्ष्य 2065 के सापेक्ष कुल 2254 गोवंश कृषकों/पशुपालकों को सुपुर्द किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन 4 वृहद संरक्षण केन्द्र क्रमशः अमांवा (विकास खण्ड लालगंज), नरायनपुर (लक्ष्मणपुर), पहाड़पुर (लालगंज) व ढिंगौसी (रामपुर संग्रामगढ़) है जिनमें से अमांवा वृहद संरक्षण केन्द्र का निर्माण पूर्ण हो गया है लेकिन अभी तक हैण्डओवर नहीं हुआ है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि 15 दिन के अन्दर अमांवा वृहद संरक्षण केन्द्र को हैण्डओवर किया जाय तथा अन्य निर्माणाधीन वृहद संरक्षण केन्द्रों को गुणवत्तायुक्त ढंग से पूर्ण कराया जाये।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जिन तहसील/विकास खण्डों में वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण नहीं कराया गया है, वह तत्काल भूमि का चिन्हांकन/सीमांकन कराते हुये निर्माण कार्य कराना सुनिश्चित करें। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को निर्देशित किया कि जनपद में स्थापित/संचालित समस्त गांजी हाउस को माडल रूप में विकसित करें। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनपद के समस्त तहसीलों/विकास खण्डों/नगर पंचायतों में कैटल कैचर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

बैठक में जिलाधिकारी ने अस्थायी गौशाला, वृहद गो-संरक्षण केन्द्र, कान्हा गौशाला, कांजी हाउस की विस्तृत समीक्षा की। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद के प्रत्येक विकास खण्डों में कम से कम 4-4 अस्थायी गोवंश आश्रय होना आवश्यक है जिन ब्लाकों में 4 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल नहीं है, वहां पर अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की संख्या बढ़ायी जाय।

जिलाधिकारी ने कान्हा गौशाला के सम्बन्ध में मुख्य राजस्व अधिकारी से कहा कि जिन नगर पंचायतों में कान्हा गौशाला का निर्माण नहीं कराया गया है, वहां तत्काल भूमि का चिन्हांकन करते हुये कान्हा गौशाला का निर्माण कार्य कराया जाय। निर्देशित किया कि जनपद में स्थापित/संचालित गोवंश आश्रय स्थलों में मनरेगा योजना द्वारा बायोफेन्सिंग का कार्य पूर्ण कराया जाये। निराश्रित गोवंश की समीक्षा में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा पूर्ण तैयारी के साथ प्रतिभाग न करने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देशित किया कि अगली बैठक में बिन्दुवार पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित हो। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिन चारागाहों की जमीनों पर अतिक्रमण किया गया है, उसे खाली कराने के लिये सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्राचार कर चारागाह की जमीनों को खाली करायें तथा वहां पर हरे चारे की बुवाई करायी जाये।

उन्होंने कहा कि चारागाह की जमीनों पर यदि किसी गरीब की झोपड़ी है तो जब तक उसके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था न करा दी जाये तब तक उसे न हटाया जाये इसका विशेष ध्यान दें। जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि चारागाहों की जमीनों के मिट्टी की जांच करायी जाय जिससे पता चल सके कि किस हरे चारे की बुवाई की जा सकती है और उसके अनुरूप ही जई, नेपियर, सरसो आदि की बुवाई करायी जाये। गौशालाओं के लिये जनसहयोग भी लिया जाये जिसके लिये बड़े व्यापारियों, समाजसेवियों की सूची बनाकर उसकी बैठक करायी जाये तथा गाय के महत्व के बारे में बताया जाय।

खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि गाइडलाइन के अनुसार अपने क्षेत्र की गौशालाओं का प्रत्येक माह निरीक्षण अवश्य करें। गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही गोवंशों को संरक्षित किया जाये, क्षमता से अधिक गोवंशों को गो आश्रय स्थलों में न रखा जाये, इस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन गौशालाओं में गोवंश कम है, वहां पर अधिक गोवंश वाली गौशालाओं से गोवंशों को लाकर रखा जाय। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अधिकारी अपने कार्यों एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी एवं लगन के साथ कार्य करें।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा, मुख्य राजस्व अधिकारी अजय तिवारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव सहित खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://tejastoday.com/cows-should-be-protected-in-cow-sheds-only-as-per-the-prescribed-capacity-dm/