Monday, 3 February 2025

ग्रामीणों की जीवन रेखा है चारागाह समितियां मजबूत हों, अतिक्रमण हटे


भास्कर न्यूज| बूंदी

ग्रामीण विकास विभाग के तहत संचालित महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्यक्रम हुआ। एफईएस और आईटीसी मिशन सुनहरा की ओर से नैनवां रोड स्थित एक निजी रिसॉर्ट में शामलात भूमि की पुनर्स्थापना, चारागाह संरक्षण पर सेमिनार रखी। इसमें ग्रामीण समुदायों का एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यक्रम हुआ।

अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एसीईओ) बीआर जाट और पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह मुख्य अतिथि रहे। एफईएस संस्था के सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि बीआर जाट ने कहा कि चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा है और इनके संरक्षण, विकास के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर चारागाह विकास समितियां बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को वर्षभर पशु आहार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। कार्यक्रम के दौरान चारागाह विकास में बेहतर योगदान देने वाली ग्राम पंचायतों हिंडौली की सथूर, पेच की बावड़ी, नैनवां की दुगारी, केशवरायपाटन ब्लॉक से बड़ाखेड़ा, गुढ़ा गांव, बूंदी ब्लॉक से नमाना, अजेता, तालेड़ा ब्लॉक से डाबी, बुधपुरा, गोपालपुरा को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों एफईएस संस्था से रीजनल कोऑर्डिनेटर कैलाश शर्मा, द नाहर संस्था बूंदी सचिव संजय खान, पीपल फॉर एनीमल्स संस्था से बिट्ठल सनाढ्य, हेल्प इन रिस्क संस्थान, बूंदी सचिव मनोज कुमार, सदस्य लाइकुद्दीन पठान, युवा सेवा साथी संस्थान प्रदेशाध्यक्ष विकास पांचाल, सदस्य तुलसीराम सैनी, प्रेम समृद्धि फाउंडेशन अध्यक्ष पदम जैन, आईटीसी-एफईएस संस्थान से अनिल जैन, सुरेश वैष्णव, मंजू शर्मा ने भाग लिया।

ग्राम पंचायतों को बेहतर कार्य पर सम्मानित किया

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bundi/news/pastures-are-the-lifeline-of-the-villagers-committees-should-be-strengthened-encroachment-should-be-removed-134404494.html

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