विधानसभा संवाददाता भरतपुर। रूपवास तहसील के चैंकोरा गांव में रीको (राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन) औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है। राजस्थान सरकार ने विधानसभा में एक लिखित जवाब में स्पष्ट रूप से कहा है कि चैंकोरा में औद्योगिक क्षेत्र नहीं बनेगा। राजस्थान विधानसभा में बयाना की विधायक ऋतु बनावत निर्दलीय हैं, लेकिन रीको औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ा सवाल विधायक देवी सिंह शेखावत द्वारा पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि ग्राम चैंकोरा की 11.31 हेक्टेयर चारागाह भूमि औद्योगिक विकास के लिए चिन्हित की गई थी, लेकिन भूमि के वर्तमान उपयोग और सरकारी नियमों के तहत इसे औद्योगिक क्षेत्र में तब्दील नहीं किया जा सकता।
सरकार ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के रीजनल प्लान 2021 और राजस्थान सब-रीजनल प्लान 2021 के तहत इस जमीन का भू-उपयोग "प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र" के रूप में दर्शाया गया है। इसमें औद्योगिक क्षेत्र के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए यहां रीको औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना संभव नहीं है।
इसके अलावा, सरकार ने यह भी साफ किया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र के लिए अभी तक किसी भी प्रकार की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया नहीं की गई है। इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को लेकर पहले भी चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन सरकार के इस बयान के बाद अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि चैंकोरा में रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं किया जाएगा। इस फैसले के बाद रूपवास और आसपास के क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने की उम्मीद रखने वाले व्यापारियों और स्थानीय निवासियों को बड़ा झटका लगा है।
लोगों को उम्मीद थी कि यह औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन सरकार की स्थिति स्पष्ट करने के बाद अब यह संभावना पूरी तरह समाप्त हो गई है। अगर चैंकोरा में रीको औद्योगिक क्षेत्र विकसित होता, तो यह स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता, छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहित करता और पूरे रूपवास क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान देता।
कई व्यापारिक संगठनों और उद्योगपतियों ने इस क्षेत्र के विकास की मांग की थी, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस स्थान पर औद्योगिक परियोजना को आगे नहीं बढ़ाएगी। विधानसभा में यह सवाल विधायक देवी सिंह शेखावत द्वारा सरकार से पूछा गया था। उन्होंने जानना चाहा कि क्या सरकार इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए कोई योजना बना रही है।
इसके जवाब में सरकार ने साफ कहा कि न तो भूमि का अधिग्रहण किया गया है और न ही औद्योगिक उपयोग के लिए इसे बदला जाएगा। अब सवाल उठता है कि क्या इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए कोई वैकल्पिक स्थान खोजा जाएगा? इस पर सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया है। हालांकि, औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए सरकार को नए स्थानों पर विचार करना पड़ सकता है, लेकिन चैंकोरा में ऐसी कोई योजना नहीं है।
भरतपुर जिले के रूपवास तहसील के चैंकोरा गांव में रीको औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की संभावनाओं पर अब पूरी तरह विराम लग गया है। सरकार ने साफ किया कि इस भूमि का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता और यहां रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं किया जाएगा। इस फैसले से जहां स्थानीय निवासियों और उद्यमियों को निराशा हुई है, वहीं औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं पर अब सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। - खासखबर नेटवर्क

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