- चारागाह भूमि में पट्टे देना कोर्ट की अवहेलना
पर्यावरणविद कैलाश मीणा का कहना है कि खनन विभाग चारागाह भूमि में खनन पट्टे जारी कर कोर्ट के निर्णय की अवहेलना कर रहा है। विभाग ने संबधित ग्राम पंचायतों से एनओसी भी नहीं ली है। अवैध कारोबार के साथ पर्यावरण को नुकसान होगा। मंढोली में मेसेनरी स्टोन का प्लॉट खनन के लिए देने को लेकर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। मंढोली ग्राम पंचायत की प्रशासक विमला देवी ने भी विभाग के एमई को पत्र लिखा है। इसमें आरोप लगाया है कि चारागाह भूमि पंचायत के अधीन आती है। इसकी मंजूरी के बिना पट्टों की नीलामी करना नियम विरूद्ध है।
ई-नीलामी प्रक्रिया को रोका जाए। ग्रामीणों ने भी विरोध में ज्ञापन सौंपा है। जिसमें बताया गया है कि खनन पट्टे वाले क्षेत्र में आबादी और मंदिर भी है। तहसीलदार को भी शिकायत दी है। भास्कर संवाददाता | सीकर खनन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में खनन पट्टे एवं गैप के आवंटन की खुली ई-नीलामी शुरू की है। इसमें नीमकाथाना के मंढोली के दो खनन पट्टे भी शामिल हैं। बुधवार को मंढोली की चारागाह भूमि में एक खनन पट्टे की ई-नीलामी 5.22 लाख रुपए से शुरू हुई जो 9.10 करोड़ पर पूरी हुई। मंढोली में खनन विभाग ने प्लॉट नंबर 59 की नीलामी की। इसका दायरा 2.60 हेक्टेयर है। इसी पंचायत में दूसरे खनन पट्टे की नीलामी 12 फरवरी को होगी। यह पट्टा 2.76 हैक्टेयर क्षेत्र का है। हैरानी तो यह है दोनों ही खनन पट्टे चारागाह भूमि में है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में 35 से अधिक जगहों पर चारागाह भूमि में पट्टे आवंटित किए जा रहे हैं। खनन के लिए एनओसी जरूरी : खनन विभाग के रिटायर्ड एमई अनिल गुप्ता के अनुसार खनिज दोहन के लिए चारागाह भूमि में खनन पट्टे जारी कर सकते हैं, लेकिन पहले पंचायत की एनओसी लेनी होती है।
हालांकि पट्टों के आवंटन के बाद भी एनओसी ले सकते हैं। इधर, खनिज विभाग की निविदा में बताया है कि कोई प्लॉट की भूमि पूर्ण या आंशिक चारागाह भूमि है, तो बोलीदाता को उस प्लॉट में आने वाली चारागाह भूमि के बराबर खातेदारी भूमि राज्य सरकार के अधीन करनी होगी। विकास शुल्क भी जमा कराना होगा। इसके बाद ही खनन की अनुमति दी जाएगी।
मंढोली की चारागाह भूमि में खनन पट्टों का आवंटन किया जा रहा है। इसमें नियमों की पालना की जा रही है। पट्टा आवंटन के बाद पंचायत की एनओसी लेकर ही खनन शुरू कराया जाएगा। एनओसी नहीं मिलने पर आवंटन निरस्त भी हो सकता है। -अशोक वर्मा, एमई नीमकाथाना
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sikar/news/the-process-of-giving-mining-lease-in-mandholis-pasture-land-has-started-rules-say-this-cannot-be-done-134391580.html
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