बूंदी में शुक्रवार को महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत एफईएस और आईटीसी मिशन सुनहरा के संयुक्त तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नैनवां रोड स्थित एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शामलात भूमि की पुनर्स्थापना और चारागाह विकास को लेकर ग्रामीण समुदायों का क्षमतावर्धन करना था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.आर. जाट ने चारागाहों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा हैं और इनके विकास के लिए हर गांव में विशेष समितियां गठित की जा रही हैं। उन्होंने चारागाहों पर हो रहे अवैध अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जल, जंगल और चारागाह पर सभी का समान अधिकार है।
बूंदी के पूर्व राज परिवार के सदस्य और नाहर फाउंडेशन के संरक्षक वंशवर्धन सिंह ने चारागाह विकास समितियों के कार्यों की सराहना करते हुए इन्हें और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने चारागाह संरक्षण के प्रावधानों और लाभों के बारे में ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ाने की वकालत की।
कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चारागाह विकास समिति सदस्यों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर एफईएस संस्था के रीजनल कोऑर्डिनेटर कैलाश शर्मा, नाहर फाउंडेशन के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह राजावत, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि और ग्राम पंचायतों के चारागाह विकास समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bundi/news/capacity-building-programmes-for-rural-communities-bundi-rajasthan-134390227.html

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