Friday, 31 January 2025

बजरी का स्टॉक करने के लिए खेतों को किराए पर लेना शुरू किया, माफिया डिमांड पर कर रहे सप्लाई

जिले में सुप्रीम कोर्ट के 16 नवंबर 2017 को केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय से स्वीकृति लिए बिना अदालत के पूर्व आदेश से 82 एलओआई होल्डर की ओर से किए जा रहे बजरी खनन पर रोक लगाई थी। इसके बाद से बजरी का अवैध दोहन बढ़ गया है और अवैध कारोबार करने वालों के लिए यह एक अच्छे मुनाफे का कारोबार बन गया है। इसके बाद से ही अवैध बजरी के फल फूल रहे कारोबार से जुड़े लोग न केवल अवैध खनन कर रहे हैं, बल्कि अवैध परिवहन और स्टॉक करके बेच रहे हैं। आज स्थिति यह है कि मासी व बनास नदी क्षेत्र में अवैध बजरी का दोहन किया जा रहा है और परिवहन करके प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्टॉक करके ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। स्टॉक करने वाले लाेग प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए किसानों के खेतों व खाली पड़े भूखंडों में खुले आम स्टॉक कर रहे हैं और वहां से परिवहन करके बेखौफ जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है।

कमेटी बनी, लेकिन अभी तक नहीं रुका अवैध खनन

फागी|सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मासी नदी के आसपास चल रहे अवैध बजरी की तस्करी को लेकर शुक्रवार को मुख्य सचिव व जिला कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने बैठक लेकर जिले के सभी एसडीएम को कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद खनन विभाग व राजस्व विभाग ने कार्रवाई तो दूर अभी तक फागी, चाकसू व बगरू के गांवों में लाखों टन बजरी के हो रखे स्टाॅक को जाकर देखा तक नहीं है। कुछ डंपर व ट्रैक्टर ट्राली पकड़ कर इतिश्री की है। पुलिस, खनन व राजस्व विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते माफिया दिन दहाड़े हाइवे के किनारे बजरी का अवैध स्टाॅक कर रहे हैं। इनका परिवहन करके दूसरे स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बजरी तस्करी लगातार बढ़ती गई। बजरी की कीमत भी रोक के बाद दस गुणा बढ़ गई। पहले बजरी डंपर 20 हजार रुपए में मिलता था। उसकी कीमत अब 1 लाख रुपए तक पहुंच गई। फागी क्षेत्र में मासी नदी के तट पर बसे गांव रामगंज, गोकुलपुरा, मंडावरी, हनुतिया, चांदमाकला, बिसालू, किशोरपुरा, समेलिया के आसपास चारागाह भूमि पर लाखों टन बजरी का अवैध स्टाॅक है।

बगरू क्षेत्र में बजरी माफिया पर कार्रवाई ही नहीं होती

बगरू|कस्बा क्षेत्र में बजरी पर रोक के बावजूद बजरी माफिया धड़ल्ले से अवैध बजरी का स्टॉक बनाकर परिवहन कर रहे हैं। संबंधित विभाग द्वारा इन बजरी माफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण इनके हौंसले बुलंद है।

यह रहता है अवैध बजरी लाने का रूट

कालवाड़ क्षेत्र में अवैध बजरी का मासी नदी क्षेत्र से दोहन कर लाने के लिए ट्रक, ट्रेलर, डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां का एक रूट तो मासी नदी से अजमेर हाइवे से होते हुए बगरू से बेगस, मोज्यामोड से धानक्या, श्योसिहंपुरा, रामकुई, दुर्जनियावास होते हुए कालवाड़ से बोहरा वाली ढाणी से गुजरती हुए महेशवास, रोजदा, सरदापुरा, खोरा बीसल से जयपुर के लिए लाई जाती है। दूसरा रूट अजमेर हाइवे से ग्राम महला से होते हुए ग्राम बोराज, बोबास, खेजडावास, हिंगोनिया, तिबारिया, लालपुरा, जोरपुरा होते हुए बाहरी गांवों में स्टॉक किया जाता है।

तीसरा रूट भांकरोटा से पहले हाइवे से ग्राम मुंडियारामसर, निमेड़ा, सिंवार मोड, बिंदायका, सिरसी रोड से हातोज मोड़ होते हुए हातोज गांव व कालवाड़ रोड गाेविंदपुरा, करधनी में सरकारी जमीन पर स्टॉक कर बजरी का कारोबार किया जा रहा है। चौथा रूट अजमेर हाइवे से ग्राम बड़ के बालाजी से ग्राम नृसिंहपुरा होते हुए मोज्या मोड होते हुए धानक्या, भंभोरी, सब रामपुरा व मांचवा से जयपुर के लिए रहता है।

खनन विभाग ही कर सकता है कार्रवाई

बगरू थानाधिकारी बृजभूषण अग्रवाल ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार हम बजरी माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। इन माफियाओं पर खनन विभाग ही कार्रवाई कर सकता है।

शीघ्र कार्रवाई करेंगे

खनन विभाग के एक्सईएन अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि समय समय पर इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बगरू थाना क्षेत्र में ऐसा कारोबार चल रहा है, तो शीघ्र ही इन लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

फिर से चालाएंगे अभियान

खनिज विभाग के एमई अनिल गुप्ता ने बताया कि खनिज विभाग की टीम ने पूर्व में कार्रवाई कर जिले में 20 माफियाओं के खिलाफ अवैध स्टाॅक करने के खिलाफ केस दर्ज करा चुकी है। कलेक्टर के आदेश के बाद फिर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

कार्रवाई के लिए टीम बनाई

फागी एसडीएम धर्मपाल गुर्जर ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश के बाद बिना लीज बजरी बेचने व बजरी स्टाॅक के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीम बनाई है। कार्रवाई की जा रही है।

अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते माफिया दिन दहाड़े हाइवे के किनारे बजरी का अवैध स्टाॅक कर रहे हैं। इनका परिवहन करके दूसरे स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बजरी तस्करी लगातार बढ़ती गई। बजरी की कीमत भी रोक के बाद दस गुणा बढ़ गई। पहले बजरी डंपर 20 हजार रुपए में मिलता था। उसकी कीमत अब 1 लाख रुपए तक पहुंच गई। फागी क्षेत्र में मासी नदी के तट पर बसे गांव रामगंज, गोकुलपुरा, मंडावरी, हनुतिया, चांदमाकला, बिसालू, किशोरपुरा, समेलिया के आसपास चारागाह भूमि पर लाखों टन बजरी का अवैध स्टाॅक है।

कालवाड़|कालवाड़ रोड एक्सप्रेस हाईवे से कालवाड़ की ओर जाने वाली जेडीए की 60 फुट रोड के पास बजरी का अवैध कारोबार जोरों से चल रहा है। यहां पर स्थानीय लोगों से ज्यादा सीकर, चुरू, झुंझुनूं व नागौर जिलों के व्यक्ति आकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बजरी का स्टॉक कर अवैध कारोबार कर रहे हैं। वहीं कालवाड़ रोड हातोज गांव से कालवाड़ की ओर जाने वाली सड़क किनारे स्थित एक कांटे के पास खाली जगह में बजरी का स्टॉक कर ट्रैक्टरों-ट्रॉलियों में भर कर आस पास के गांवों में हो रहे निर्माणों के लिए सप्लाई हो रही है।

फागी| केरिया प्याऊ के पास हाईवे के किनारे खेत पर पड़ा बजरी का अवैध स्टाॅक। 

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/rajasthan/zila-news/rajasthan-news-started-renting-fields-to-stock-gravel-supplies-on-mafia-demand-103119-6745539.html

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