दौसा जिले की ग्राम पंचायत लोटवाड़ा की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं करने पर बैजूपाडा तहसीलदार को आगामी सुनवाई पर व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का निर्देश दिया है।
सीजे एमएम श्रीवास्तव व आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश कैलाश चंद की पीआईएल पर दिया। अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि लोटवाड़ा की पांच बीघा से ज्यादा चारागाह भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर दुकानें बनाई हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राजस्व विभाग के परिपत्रों के अनुसार चारागाह भूमि का उपयोग किसी अन्य काम में नहीं कर सकते। इस संबंध में जिला कलेक्टर सहित स्थानीय अफसरों को शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि 2021 में तहसीलदार ने भू-राजस्व अधिनियम की धारा-91 में अतिक्रमियों को बेदखल करने का निर्देश भी दिया था।
मामले में 5 अगस्त को अदालत ने तहसीलदार को चार सप्ताह में अतिक्रमण के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। लेकिन पेश नहीं की गई। सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि मामले में सरकारी वकील की जगह एएजी पैरवी करेंगे। जिस पर अदालत ने कहा कि भले ही केस से जुडे सरकारी वकील बदल गए हों, लेकिन अदालत को आदेश की पालना से मतलब है। इसलिए तहसीलदार पेश होकर स्पष्टीकरण दें।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/report-on-encroachment-on-pasture-not-presented-tehsildar-should-appear-high-court-133638789.html
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