झुंझुनूं में चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने गई राजस्व टीम को बैरंग लौटना पडा। टीम बुधवार को सुबह जिले की आबूसर पंचायत के दुर्जनपुरा, अणगासर व आबूसर गांव में चारागाह भूमि से जाप्ते के साथ अतिक्रमण हटाने गई थी। लेकिन ग्राम सेवक छुट्टी पर होने के कारण करीब 4 घंटे के बाद टीम वापस लौट गई।
इससे पहले भी करीब चार महीने पहले 18 फरवरी को टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। लेकिन ग्रामसेवक व सरपंच के द्वारा सहयोग नही करने पर टीम वापस लौट गई। पंचायत प्रशासन की ओर से टीम को ना तो जेसीबी उपलब्ध व मजदूर उपलब्ध कराए गए और किसी तरह के अन्य संसाधन ही मुहैया कराए गए।
तहसीलदार से कहा- मैं छुट्टी पर हूं
इस बार भी यह हुआ जैसे ही ग्राम सेवक को पता चला वे छुट्टी पर चले गए। टीम को संसाधन उपलब्ध नही कराए गए। मौके से तहसीलदार ने ग्राम विकास अधिकारी से फोन पर बात की गई तो जवाब मिला- मैं छुट्टी पर हूं। उन्होंने एसडीएम और विकास अधिकारी को सूचित किया।
उन्होंने बताया कि आबूसर दुर्जनपुरा और अणगासर गांव में चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश है। अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व टीम गई थी। पिछली बार ग्राम सेवक बिना बताए छुट्टी पर चले गए थे, संसाधन उपलब्ध नहीं कराए थे। आज भी वही हुआ, जैसे ही जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे तो ग्राम सेवक फिर से छुट्टी पर मिले।
एडिशनल वीडीओ नहीं जुटा पाया संसाधन
इसके बाद एसडीएम और वीडीओ को मामले की जानकारी दी। उपखण्ड अधिकारी एडीशनल वीडीओ को मौके पर भेजा, लेकिन वो भी संसाधन की व्यवस्था नही कर पाए। जबकि कार्रवाई से पहले से सूचित किया गया था। लिखित में आदेश था।
उन्होंने बताया कि बार बार संसाधन के अभाव और पंचायत की इच्छा शक्ति के अभाव में कार्रवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि चारागाह भूमि ग्राम पंचायत के संरक्षण में होती है। कानून के द्वारा उन्हें शक्तियां दी गई है। उसका निर्वहन पंचायत के द्वारा नही किया जा रहा है।
बहुत गैर जिम्मेदार रवैया ग्राम पंचायत के द्वारा बरता जा रहा है। बार बार बैरंग लौटने से शासन - प्रशासन की छवि खराब हो रही है। फिर से रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
तहसीलदार बोले- नोटिस दिया था
तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछली बार ग्राम सेवक को सीईओ और वीडीओ के द्वारा नोटिस दिया गया था। उन्होंने क्या स्पष्टीकरण दिया ये तो उन्हें ही पता है। लेकिन नोटिस दिया था ये मेरी जानकारी में है। अब ग्राम सेवक में किसी का भय है या ग्रामीणां को दवाब ये तो वही पता सकते है।
वे अचानक से अवकाश पर चले जाते है, पिछली बार भी ऐसा ही किया था। जैसे ही संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे कार्रवाई करेंगे।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhunjhunu/news/the-team-returned-empty-handed-for-the-second-time-133092110.html
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