ग्राम पंचायत मुख्यालय पर गुरुवार को प्रशासन के द्वारा चार पांच स्थानों पर कच्चे व पट्टियों के बने कच्चे कमरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाने के नाम की खानापूर्ति की। लीलसर में अलग-अलग खसरों में 33 बीघा गोचर जमीन हैं। लंबे समय से अतिक्रमियों के कब्जे में है। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने की फिराक में अतिक्रमी लगे हुए है।
अतिक्रमियों ने चारागाह भूमि को हथियाने के लिए कहीं पक्की बाउंड्रीवॉल, कहीं पक्की दुकानें तो कहीं मकान तक बना लिए हैं। पिछले कुछ सालों में ही सैकड़ों बीघा चरागाह भूमि अपने कब्जे में ले ली। ग्राम पंचायत में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर रिकॉर्ड भी संधारित नहीं किया जा रहा है और ना ही कार्रवाई के लिए प्रशासन की मदद ली जा रही है। यहां तक कि स्वयं जिम्मेदारों के भी गोचर भूमि में अतिक्रमण की शिकायतें लंबित हैं।
गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने के लिए हाईकोर्ट ने डेढ़ साल पहले तीन माह के अंदर अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद भी अतिक्रमियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा और लगातार गोचर भूमि पर अतिक्रमण बढ़ रहे है। शुक्रवार को सिर्फ चार जगह छपर व कच्चे कमरे तोड़कर अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति की।
लीलसर के तीन खसराें में अलग-अलग 33 बीघा जमीन पर अतिक्रमी काबिज है। खसरा नंबर 144 में 15 बीघा, 189 खसरा नंबर में 7 बीघा तथा 252 खसरा नंबर पर 10 बीघा गोचर पर अतिक्रमण कर रखा हैं। इन खसरों से अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। गांव के चौराहे से आगे सियागपुरा रोड से चौहटन सड़क के बीच कटाण रास्ते को अतिक्रमियों ने रोककर पक्के निर्माण व कुछ दुकानें भी बना रखी है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaisalmer/news/encroachment-not-removed-from-33-bigha-transit-even-after-high-court-order-130266908.html
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