कोटखावदा के नंदलालपुरा गांव में शनिवार को ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा चारागाह भूमि पर की गई तारबंदी का विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश मीणा सहित लोगों पर चारागाह भूमि पर लगे खेजडी ओर शीशम के पेडों को काटकर बेचने, चारागाह भूमि व उसके पीछे स्थित करीब 8 बीघा आबादी भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया।
वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकारी भूमि कर की गई तारबंदी को हटा दिया। जानकारी के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों ने मामले को लेकर जिला कलेक्टर, एसडीएम को भी को सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायत की थी। समय पर कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन की सूचना पर कोटखावदा पुलिस भी मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत की। शांति व्यवस्था को लेकर दिनभर पुलिस ने निगरानी रखी।
चारागाह भूमि पर लगे खेजडे सहित हरे वृक्ष काटने के भी आरोप
स्थानीय ग्रामीणो द्वारा उपखंड अधिकारी चाकसू को 30 अगस्त को की गई लिखित शिकायत के अनुसार सरपंच पर चारागाह भूमि पर लगे खेजडे, शीशम के पेड़ काटकर बेचने के भी आरोप लगाए गए थे।
मामले मे 48 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट हुई दर्ज
चारागाह भूमि मे विरोध प्रदर्शन के बाद शनिवार देर शाम को संरपच रमेश मीणा ने 48 लोगो के खिलाफ तारबंदी को हटाने सहित आरोप लगाकर नामजद रिपोर्ट कोटखावदा थाने मे दर्ज कराई गई है।
सरपंच ने यह कहा
ग्राम पंचायत राडोली के सरपंच रमेश मीणा का कहना है कि चारागाह भूमि पर विकास अधिकारी कोटखावदा के निर्देश पर लंपी रोग से ग्रसित गायों के उपचार व देखभाल के लिए तारबंदी कर अस्थाई आइसोलेशन सेंटर बनाया गया था। अतिक्रमण व पेड़ काटने के आरोप निराधार है। ग्रामीणों ने तारबंदी को तोड़ा है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/chaksu/news/villagers-and-sarpanch-came-face-to-face-regarding-fencing-on-pasture-land-police-got-the-matter-pacified-130273102.html
No comments:
Post a Comment