Monday 18 April 2022

सामाजिक सरोकार:500 मीटर खोदकर डाली पानी की लाइन, पशु और पक्षियों की लिए की पानी की व्यवस्था

लालसोट



लालसोट के राहुवास तहसील क्षेत्र के गांव भांवता में एक परिवार ने भीषण गर्मी को देखते हुए उनके गांव की चरागाह भूमि में आवारा पशुओं सहित जंगली जानवरों के लिए पेजयल की व्यवस्था की है। इस दौरान परिवार की ओर से बोरवेल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर नाली खोदकर उसमें पाइपलाइन डाल दी। और उसके सीमेंट कंक्रीट से बनी टंकी की व्यवस्था की।

गर्मी में पानी के लिए नहीं भटकना पड़े
जिसकी वजह से अब हजारों पशु और पक्षियों को पानी की समस्या से निजात मिलेगी। भांवता निवासी बसराम मीठालाल ने बताया कि चारागाह भूमि में अवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है, फसलों के टाइम तो सिंचाई के वक्त बोरवेलों से पशु पक्षियों को या इधर उधर से पानी मिल जाता हैं। लेकिन गर्मी के मौसम में आधिकांश बोरवेल बंद रहती हैं। जिसके चलते अवारा पशुओं को पीने के लिए पानी नहीं मिलता, और प्यास बुझाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता हैं।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/lalsot/news/water-line-cast-by-digging-500-meters-water-system-for-animals-and-birds-129674979.html

मंडे पॉजिटिव:किसान डालूराम ने अपने खर्च पर 500 मीटर लंबी नाली खोदकर चरागाह में बिछाई पाइप लाइन, गर्मी में पशु-पक्षी बुझा रहे प्यास

दौसा

अपने खेत के ट्यूबवेल से चरागाह भूमि तक जानवरों के लिए पानी जुटाया। - Dainik Bhaskar

अपने खेत के ट्यूबवेल से चरागाह भूमि तक जानवरों के लिए पानी जुटाया।


कमलेश आसिका|लालसोट | भांवता गांव के किसान डालूराम मीणा ने भीषण गर्मी को देखते हुए आवारा पशुओं को राहत देने की ठानी। अपने खेत में लगे टयूबवेल से चरागाह भूमि तक 7 दिन में 500 मीटर लंबी, 3 फीट गहरी और एक फीट चौड़ी नाली खोद डाली। इसमें करीब 15 हजार रुपए खर्चा आया। इस नेक काम में परिजनों और कुछ साथियों बसराम व मीठालाल ने भी हाथ बंटाया। आज गर्मी में करीब 150 से लेकर 200 आवारा पशु व जंगली जानवर अपनी प्यास बुझा रहे है।

यह जज्बा व कर्मठता अन्य लोगों के लिए भी अनुकरणीय है। गरीब किसान परिवार के डालूराम मीना ने बताया कि गर्मी में जहां तापमान 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। ऐसे में उसने सुबह-शाम नाली खोदी। इसके बाद दो मिस्त्री लगाकर नाली में पानी रिसाव रोकने के लिए सीमेंट बिछवाई। इसके बाद प्लास्टिक की पाइप लाइन बिछाकर उसे अपने टयूबवेल से सीमेंटेड फर्मा तक जोड़ा। चरागाह भूमि पर पानी होने से निरीह व मूक पशु, पक्षी व आवारा जानवर अपनी प्यास बुझा रहे है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/dausa/news/farmer-daluram-dug-a-500-meter-long-drain-at-his-own-expense-and-laid-a-pipeline-in-the-pasture-animals-and-birds-are-quenching-their-thirst-in-summer-129676620.html



























1 comment:

  1. राजस्थान के संदर्भ में यह बात पहले आम थी, किंतु इन दिनों में निस्वार्थ भाव से इस प्रकार के काम को करना बहुत ही अनुपम उदाहरण है । ऐसे कार्यों को देखना इनके विषय में पढ़ना अपने आप में बहुत सुखद अनुभव है।

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