नागौर
सार्वजनिक भूमि सहित नदी, नाले, तालाब और जाेहड़ की जमीनों पर हो रखे अतिक्रमण के मामलों काे हाईकोर्ट ने कलेक्टर को पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल में सुनवाई करने के आदेश दिए। कोर्ट ने यह आदेश पीएचईडी कॉलोनी निवासी हरिराम की तरफ से लगाई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से शहर में सार्वजनिक भूमि पर किए अतिक्रमण के संबंध में याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विजय बिश्नोई व अनोप कुमार ने 30 जनवरी 2019 काे जगदीश प्रसाद मीणा व अन्य बनाम स्टेट ऑफ राजस्थान की जनहित याचिका पर दिए फैसले को ध्यान में दिलाते हुए याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत को दूर करने के लिए पीएलपीसी नागौर से संपर्क करने का निर्देश दिए।
साथ ही कलेक्टर को सेल में ऐसे मामलों को सुनते हुए नागौर शहर की सार्वजनिक भूमि पर किए अतिक्रमण को हटाने के लिए याचिकाकर्ता की शिकायत पर निष्पक्ष रूप से विचार करने और यदि सही पाए जाते है तो शिकायत मिलने की तारीख से तीन माह की अवधि के भीतर कलेक्टर उचित कार्रवाई करने का निर्देश देंगे।
शिकायत : बिना परमिशन बनाई 5-6 मंजिला इमारतें हनुमान बाग निवासी रामजस भाटी ने 7 अप्रैल 2021 कलेक्टर को दी शिकायत में बताया कि हनुमान बाग स्थित शिव मंदिर के पास रामनिवास व राधाकिशन माली द्वारा नगर परिषद के अधिकारियों से मिलीभगत करके 5 से 6 मंजिला इमारतें अवैध तरीके से बना ली। इस मौके पर न तो पार्किंग की व्यवस्था है, न ही नक्शा के अनुसार इमारतों का निर्माण हुआ। इमारतों में किराये पर रहने वाले लोग अपनी गाड़ियां पार्क की जमीन में छोड़ रास्ता अवरूद्ध कर रहे हैं। परिषद के अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया, मगर काेई कार्रवाई नहीं हुई।
खंडपीठ का यह था आदेश : हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 30 जनवरी 2019 काे एक आदेश दिया था। जगदीश प्रसाद मीणा के मुद्दे पर खंडपीठ ने माना कि ऐसे मामले बहुतायत में हाेते हैं और राज्य सरकार काे ऐसा मैकेनिज्म तैयार करना चाहिए जिससे स्थानीय स्तर पर ही ऐसे मामलों की पूरी तरह जांच होकर उचित कार्रवाई की जाए। इसके लिए हर जिले में जिला कलेक्टर की निगरानी एवं अध्यक्षता में एक पीएलपीसी के गठन का निर्देश दिया था।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/instructions-to-hear-encroachment-cases-in-plpc-129145508.html
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