The administration removed the encroachment from the land of pasture and dam, the melon-watermelon crop worth lakhs of rupees destroyed from the government land
पांच ट्रेक्टर व दो जेसीबी से खुदवाई 160 बीघा की फसल
पुलिस जाप्ते के साथ मौजूद रहे एसडीएम व तहसीलदार खबर का असर
हिण्डौनसिटी. उपखंड क्षेत्र के राजस्व गांव कोटवास में करीब 160 बीघा सरकारी भूमि को प्रशासन ने बुधवार को दबंगों के कब्जे से मुक्त करा दिया। भारी पुलिस जाप्ते की तैनाती के बीच प्रशासन के दस्ते ने पांच ट्रैक्टर व 2 जेसीबी मशीन से चरागाह भूमि में अवैध रूप से की जा रही करीब 5 लाख रुपए खरबूजा, ककड़ी, तरबूज व खीरा की फसल को उजाड़ दिया। कब्जेधारियों ने प्रशासन के समक्ष हल्का विरोध जताया। कार्रवाई के दौरान एसडीएम सुरेश कुमार हरसोलिया व सूरौठ तहसीलदार गजानंद मीणा मौजूद रहे।
कोटवास गांव की चरागाह व जगर बांध क्षेत्र की भूमि को खीपकापुरा के कई दबंगों द्वारा कस्बा कर उत्तर प्रदेश के खेतीहर किसानों को भाड़े के मामले में पत्रिका ने 9 मई के अंक में ‘160 चरागाह और बांध की भूमि पर बनाए खेत, उगा रहे सब्जी तरबूज शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। समाचार प्रकाशित होने के हरकत में आए जिले व उपखण्ड प्रशासन के निर्देश पर सूरौठ तहसीलदार गजानंद मीणा ने 9 मई को ही 3 भू अभिलेख निरीक्षकों सहित 10 सदस्यीय टीम को गठन किया। साथ ही बुधवार को सरकारी भूमि के कब्जामुक्त कराने की त्वरित कार्ययोजना तय की। गौरतलब कि ग्रामपंचायत कोटावास के तत्कालीन सरपंच लोकेश कुमार जाटव के नेतृत्व देवीसिंह, पन्नालाल, भंवर सिंह, बृजेश, गजेन्द्र, हुकम, नत्थीलाल, भगवान सिंह, श्याम सिंह आदि लोगों ने भरतपुर के संभागीय आयुक्त से करीब 160 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा कर खेत बनाने व भूतिहार किसानों को किराए पर देने की शिकायत की थी। लेकिन उस दौरान संभागीय आयुक्त के निर्देश के बावजूद कार्रवाई नहीं हो सकी। पत्रिका में समचार प्रकाशन के बाद प्रशासन ने सरकारी भूमि को कब्जा मुुक्त करवा दिया। कार्रवाई के दौरान मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे।
दस्ता देख मचा हडकम्प-
अमले के साथ प्रशासन के दस्ते को आया देख भाड़े पर भूमि लेकर खेती कर रहे भूमिहार किसानों में हड़कम्प मच गया। पक कर तैयार हुए लाखों रुपए की फसल को नष्ट होता देख किसानों के आंसू निकल पड़े। किसानों की सूचना पर मौके पहुंचे कब्जेधारियों ने कार्रवाई का विरोध जताया। लेकिन सूरौठ व हिण्डौन से पहुंचे पुलिस जाप्ते की तैनाती देख समझाइश पर दूर हो गए। इस दौरान तत्कालीन सरपंच सरपंच लोकेश जाटव ने आरोप लगाया कि मामले में शिकायत करने पर कब्जाधारियों द्वारा उसे धमकाया जा रहा है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/karauli-news/the-administration-removed-the-encroachment-from-the-land-of-pasture-a-8232182
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