टोंक जिले के दूनी पटवार हलका की 34 हेक्टेयर चारागाह जमीन में बोई सरसों की फसल की तहसील प्रशासन के आदेश पर नीलामी हुई है। इसमें बहसबाजी के बीच आखिरकार एक अतिक्रमी ने ही इस सरसों की फसल को करीब 16 लाख रुपए में खरीद ली।
जानकारी के अनुसार दूनी कस्बे के पास गांधीग्राम रोड की तरफ 1100 बीघा चारागाह जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर सरसों की फसल बो रखी थी और इसको काटने भी लगे थे। इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पिछले साल दूनी गौशाला के सचिव ओमप्रकाश मेहरा हाईकोर्ट से ऑर्डर भी ले आए थे, लेकिन तहसील प्रशासन की अनदेखी से अतिक्रमण नहीं हट पाया। फिर इस साल भी गौसेवक इस अतिक्रमण को हटाने के लिए सरकार से लेकर प्रशासन तक खूब प्रयास करते रहे। आखिरकार तहसील प्रशासन ने शनिवार को इस जमीन से 34 हेक्टेयर चारागाह पर ही अतिक्रमण मानकर सरसों की फसल को नीलाम करने के आदेश जारी किए। उसकी पालना कराने की जिम्मेदारी नायब तहसीलदार प्रभुलाल मीणा ने गिरदावर शंकर लाल मीणा को दी।
सोमवार दोपहर को दूनी पंचायत भवन में पुलिस, सरपंच माया देवी आदि की मौजूदगी में फसल की नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान कई अतिक्रमी भी पहुंच गए। जो भी व्यक्ति इस खुली नीलामी में फसल की बोली लगाता तो उससे बहसबाजी कर उसे भगाने का प्रयास करते। इससे परेशान होकर दूनी थाने से और जाब्ता मंगवाया गया। दोपहर करीब डेढ़ बजे अतिरिक्त पुलिस जाप्ता पहुंचा और अतिक्रमियों के बाहर किया। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया को सुचारू रूप से कराया। इसमें अतिक्रमी कैलाश माली ने 16 लाख रुपए में सरसों खरीदी और मौके पर ही 25 प्रतिशत राशि यानी करीब 4 लाख रुपए राजकोष में जमा करा दी।
जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की
दूनी गौशाला के सचिव ओमप्रकाश मेहरा ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 1100 बीघा में अतिक्रमण कर हर साल सरसों की बुवाई करते हैं, ऐसे में मवेशियों के लिए चारे का संकट बना रहता है। इसलिए इस पूरी जमीन को अतिक्रमियों से मुक्त कराकर मवेशियों के लिए खाली रखा जाए ।
दूनी गौशाला के सचिव ओमप्रकाश मेहरा ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 1100 बीघा में अतिक्रमण कर हर साल सरसों की बुवाई करते हैं, ऐसे में मवेशियों के लिए चारे का संकट बना रहता है। इसलिए इस पूरी जमीन को अतिक्रमियों से मुक्त कराकर मवेशियों के लिए खाली रखा जाए ।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/the-trespassers-had-sown-in-34-hectares-the-police-was-called-after-the-argument-130891116.html
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