बिजौलियां(जगदीश सोनी)। उपखण्ड के नयानगर में खनन सम्पदा से भरपूर बेशकीमती भूमि को प्रभावशाली व्यक्ति के नाम आवंटन किए जाने के प्रयास की जानकारी मिलने से आक्रोशित नयानगर,जलेरी,मांगू की बाळद के ग्रामीणों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी सीमा तिवाड़ी को सौंप कर उक्त गैर कानूनी आवंटन को रुकवाने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि मौजा नयानगर के आराजी संख्या 86,86/4,187 और 1445/86 में आवंटन के लिए सर्वे और सीमांकन किया जा रहा हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया कि प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा इस जमीन और खनिज संपदा को हड़पने की नीयत से षड्यंत्र पूर्वक राज्य सरकार से उक्त आराजी कृषि भूमि के नाम से आवंटन करवाने का खेल खेला जा रहा हैं। उक्त आराजियात में ग्रामवासियों के श्मशान, रास्ते और समीप ही गांव बसे हुए हैं।
This blog is aimed at documenting the initiatives undertaken for the conservation of the pastures by communities across Rajasthan as well as efforts by Government of Rajasthan and Civil Society Organisations across the State. Foundation for Ecological Security works in partnership with the Wasteland and Pasture Land Development Board for conservation of the commons. For views and comments write to rajasthanpastures@gmail.com
Tuesday, 10 January 2023
कृषि कार्य के नाम पर खनिज संपदा से भरपूर बेशकीमती भूमि हड़पने के लिए सम्भावित आवंटन का विरोध
भूतपूर्व सैनिक की विधवा के नाम आवंटन का हैं मामला
भादओं की कोटड़ी निवासी भूतपूर्व सैनिक कैलाश चन्द्र जाट की पत्नी प्रेमदेवी द्वारा नयानगर में 25 बीघा बिलानाम भूमि आवंटित किए जाने की दरखास्त पर जिला कलक्टर द्वारा 12 अगस्त 2022 को बिजौलियां उपखण्ड अधिकारी को पत्र प्रेषित कर आराजी 186/4 व 187 में 25 बीघा भूमि आवंटन के मामले की जांच और नियमों के परिपेक्ष्य में विधि सम्मत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर ही नयानगर में सर्वे और सीमांकन का कार्य किया जा रहा हैं।
कृषि भूमि के नाम पर पूर्व में भी हो चुके हैं महंगी जमीनों में आवंटन
पटवार हलका लक्ष्मीखेड़ा के ग्राम किशनपुरिया में भी रसूखदारों द्वारा नियम-कायदों को धता बताते हुए अपने रसूख का बेजा इस्तेमाल कर गैरकाबिल काश्त भूमि का आवंटन करवाया जो चारागाह व वनखंड के लिए और प्रतिबंधित श्रेणी में थी।इसके बावजूद भी भीलवाड़ा निवासी भोपाल सिंह चौधरी के परिवारजनों के नाम वर्ष 2021 में 24 बीघा भूमि आवंटित कर दी गई। जबकि काबिल काश्त भूमि आवंटित करनी थी। बड़ा सवाल यह हैं कि भीलवाड़ा ज़िले में ही भूमि का आवंटन किया जाना था तो पूरे जिले को छोड़ कर बिजौलियां क्षेत्र में ही आवंटन क्यों किया गया। जबकि विगत तीस सालो से बिजौलियां तहसील में कृषि भूमि के आवंटन पर रोक लगी हुई हैं।
मूल ऑनलाइन लेख - https://jaipurtimes.org/Opposition-to-possible-allotment-to-grab-precious-land-rich-in-mineral-wealth-in-the-name-of-agricultural-work
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