जयपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुनूं की सूरजगढ तहसील के ग्राम फरहत की चारागाह भूमि पर हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी को तीन माह का समय दिया है। वहीं अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में अपनी आपत्ति पीएलपीसी के समक्ष पेश करे। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश भगवानी देवी की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि फरहत गांव की सात हैक्टर चारागाह भूमि पर गांव के प्रभावशाली लोगों ने कब्जा करने के बाद निर्माण कर लिया है। यदि अन्य लोग इस भूमि पर गलती से भी प्रवेश कर जाए तो अतिक्रमी उन्हें मारने पर उतारू हो जाते हैं। याचिका में कहा गया कि अतिक्रमण को हटाने ने लिए स्थानीय प्रशासन को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन अतिक्रमी रसूखदार होने के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जिला कलेक्टर को अतिक्रमण पर कार्रवाई करने को कहा है।
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