बाड़मेर
जिला मुख्यालय पर ओरण, गोचर, तालाब, नाडी के आगाेर तथा सरकारी प्रयोजनार्थ की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाने को लेकर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं मानवाधिकार संगठन के बैनर तले आठवें दिन भी धरना जारी रहा। विभिन्न मांगों को लेकर कई लोगों ने सीएम के नाम जिला कलेक्टर बाड़मेर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में धरनार्थियों ने मांग रखी की कि पूरे जिले के सार्वजनिक कुओं, जलाशयों के आगोर से कच्चे व पक्के अतिक्रमण हटाए जाएं। अतिक्रमण से संबंधित हाईकोर्ट में लगी विभिन्न याचिकाओं पर हटाने के आदेश की पालना नहीं हुई हैं उसकी पालना सात दिन में सुनिश्चित कराएं।
जिले के प्रत्येक राजस्व गांव में ओरण, गोचर, गैर मुमकिन मगरा, पहाड़ तथा सरकारी प्रयोजनार्थ की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए। जिले में विभिन्न सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की शिकायतें लंबित हैं उन पर कार्रवाई कर तत्काल अतिक्रमण हटाया जाएं।
सरकारी भूमि को भू-माफियाओं ने अपनी भूमि बताकर फर्जी स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट कर बेचान की हैं उक्त भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाकर भू-माफियाओं के विरुद्ध प्रशासन एफआईआर दर्ज कराएं। जिले में वक्त सेटलमेंट के समय से ऐसी भूमि जो सरकार या किसी निजी खातेदार के नाम दर्ज नहीं की गई हैं।
उक्त भूमि को अब्दुल रहमान बनाम राजस्थान सरकार के आदेश की पालना करते हुए चारागाह भूमि घोषित कराई जाएं। जिले में किसी भी विभाग के लोकसेवक के द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया हैं तो उसके विरुद्ध राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत विभागीय कार्रवाई कराएं।
जिले में महानरेगा योजना के अंतर्गत नई नाडी का निर्माण करवाया गया हैं। उक्त निर्माणाधीन नाडियों के पास खाली पड़ी सरकारी भूमि को आगोर में दर्ज कराएं। धरना स्थल पर भगवानसिंह लाबराऊ, जेतमालसिंह भाटी, श्रवणसिंह लंगेरा, तनसिंह महाबार, लालसिंह तनसिंहपुरा, देवीलाल जाखड़, जोगाराम गोदारा, ओपी गौड़ सहित कई लोग उपस्थित रहे।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/barmer/news/demand-for-removal-of-encroachment-from-oran-and-agor-129728165.html
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