जैसलमेर
बंजर भूमि व चारागाह विकास के लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न
जिला परिषद सभागार जैसलमेर में शामलात की पुनर्स्थापना के लिए जिला परिषद जैसलमेर, आईटीसी मिशन सुनहरा कल, राजस्थान सरकार और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्यूरिटी के संयुक्त तत्वावधान में संयुक्त क्षमतावर्धन के लिए पंचायत समिति जैसलमेर के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस दौरान प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद डॉ. टी. शुभमंगला ने कहा कि जैसलमेर में बंजर भूमि पर चारा विकास की विपुल संभावनाएं है एवं इस क्षेत्र में हमें कार्य करने की महत्ती आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह जिला पशु बाहुल्य जिला है एवं पशुपालकों के पशुधन को चारा उपलब्ध कराने के लिए चारागाह विकास बहुत ही जरुरी है। उन्होंने संभागियों को कहा कि वे इस क्षेत्र में विषय विशेषज्ञों द्वारा जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उसको गहनता से समझकर हमें धरातल पर इसकी सार्थकता को साबित करना है।
पंचायत समिति सम प्रधान तनसिंह सोढ़ा ने कहा कि इस मरुस्थली जिले के लिए चारागाह विकास की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने वन विभाग के माध्यम से अधिक से अधिक पौधरोपण कराने के साथ ही उनके माध्यम से भी चारागाह विकास के कार्य कराने की आवश्यकता जताई।
उन्होंने जिला परिषद द्वारा किए गए इस नए पहल की तारीफ की एवं कहा कि यह कदम पशुपालकों के लिए आने वाले समय में वरदान साबित होगा। प्रशिक्षण के दौरान एफईएस से दिनेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश 2017 के पालना में बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति का गठन जिला, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत स्तर पर किया गया है। उन्होंने कमेटियों द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस दौरान शामलात चारागाह विकास संबंधित राजस्व रिकॉर्ड पर चर्चा की गई ताकि सभी की समझ बन सके व आगे के स्तर को सरल तरीके से प्रशिक्षण दे सके।
इस अवसर डाॅ. सतीश शर्मा ने पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में विस्तार से बताया गया। चारागाह विकास में पौधारोपण सही जाति, सही स्थान व सही समय के बारे में बताया गया। स्थानीय पनपने वाली घासों के बारे में बताया गया। मोबाइल एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी। जिसके द्वारा चारागाह नापने एवं नरेगा कार्य योजना बनाने में सहयोग मिल सकता हैं।
सभी ने इस एप्प की सराहना की ओर कहा कि इस से काम की कार्य गति में सुधार आएगा। इस प्रशिक्षण में वाटरशेड के अधीक्षण अभियंता उदाराम राव, विकास अधिकारी मोहनगढ़ सीएस कामठे, सांकड़ा गौतम चौधरी, सम रामनिवास बाबल, फतेहगढ़ हिमांशु चौधरी, सहायक विकास अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, सहायक अभियंता के खण्ड स्तर के स्टाफ एवं प्रतिनिष्ठ स्वयंसेवी संस्थान, एफईएस से दिनेश कुमार, हाकमसिंह राठौड़ व मघाराम उपस्थित रहे।
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/barmer/jaisalmer/news/will-promote-pasture-development-for-production-of-savanna-grass-dr-shubmangala-129517168.html
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