Thursday 17 March 2022

गोचर भूमि का नियमन या किस्म बदलने पर रोक:गोसेवा समिति पथमेड़ा की याचिका पर सरकारी पॉलिसी को चुनौती, मांगा जवाब


राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने एक अहम आदेश पारित करते हुए गोचर भूमि को सेट अपार्ट करने पर रोक लगाकर सरकार को जवाब के लिए अवसर दिया है। प्रदेश में अतिक्रमित चारागाह भूमि को आवासीय योजना में परिवर्तन करने के लिए 27 दिसम्बर 2021 को पॉलिसी जारी हुई थी। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब के लिए एक अवसर दिया। साथ ही गोचर भूमि का नियमन या किस्म नही बदलने पर रोक लगाई है।

श्रीराजस्थान गोसेवा समिति पथमेड़ा की ओर से महामंत्री रघुनाथसिंह ने याचिका दायर करते हुए राज्य सरकार की पॉलिसी को चुनौती दी। वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने पक्ष रखा। वहीं राज्य सरकार की ओर से एएजी सुनील बेनीवाल के सहयोगी सारांश विज ने उपस्थित होकर जवाब पेश करने के एक ओर अवसर देने का आग्रह किया।

कोर्ट ने उसे स्वीकार करते हुए 11 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की। वहीं तब तक राज्य सरकार को आदेश दिया कि राजस्व रिकार्ड में दर्ज गोचर भूमि का नियमन या सेट अपार्ट नही करेंगे। याचिका में अधिवक्ता राजपुरोहित ने बताया कि राज्य सरकार ने 27 दिसम्बर 2021 को एक आदेश जारी करते हुए समस्त कलेक्टर को निर्देश दिये कि 01 जनवरी 2021 से पूर्व चारागाह भूमि पर निर्मित आवास गृह की सूची तैयार करे।

जिला कलेक्टर अतिक्रमित चारागाह भूमि जो आवासीय प्रयोजनार्थ कार्य में ली गई है, को सिवायचक में परिवर्तन राजस्थान काश्तकारी सरकारी नियम 1955 के नियम 7 के अनुसार वर्गीकरण परिवर्तन की कार्यवाही करेंगे। यदि ग्राम पंचायत में सिवायचक भूमि उपलब्ध है तो चारागाह भूमि के समतुल्य सिवायचक भूमि चारागाह के रूप में आरक्षित करेंगे। इस तरह से सरकार चारागाह भूमि पर जो भी अतिक्रमण किया गया है उसे नियमन कर रहे हैं जो कि अवैधानिक है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार को जवाब के लिए अवसर दिया। वहीं तब तक गोचर भूमि को सेट अपार्ट नहीं करने का आदेश भी दिया है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jodhpur/news/on-the-petition-filed-by-shri-rajasthan-gau-seva-samiti-pathmeda-challenging-the-policy-of-the-state-government-sought-response-from-the-government-129524091.html

No comments:

Post a Comment