जेसीबी मशीनों द्वारा अतिकम्रण हटाने की कार्रवाई का करीब छह लाख रुपए बकाया होने से 24 दिन बाद भुगतान के अभाव अतिक्रमण हटाने का काम बंद हो गया है।
टोंक
Updated: March 03, 2022
टोडारायसिंह. राजस्व विभाग की अनदेखी के बीच चारागाह भूमि पर बढ़ा अतिक्रमण, अब ग्राम पंचायतों पर भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि वर्षो बाद न्यायालय आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बीच मोर ग्राम पंचायत पर जेसीबी मशीनों का करीब छह लाख रुपए बकाया होने से 24 दिन बाद भुगतान के अभाव अतिक्रमण हटाने का काम बंद हो गया है।
24 दिन से नही मिला भुगतान, जेसीबी चालक ने बंद किया अतिक्रमण हटाने का काम
उल्लेखनीय है कि उपखण्ड में आबादी भूमि ग्राम पंचायत तथा चारागाह व सिवायचक भूमि की देखरेख का जिम्मा राजस्व विभाग का होता है, लेकिन राजस्व विभाग की अनदेखी के बीच उपखण्ड में अधिकांश चरागाह व सिवायचक भूमि पर व्यक्तियों का अतिक्रमण है, जिससे मवेशियों को चराने व आवागमन अवरूद्ध होने से आमजन परेशान है।
इधर, शिकायतें मिलने पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमियों के हौसले बुलंद है। मजबूरन आमजन को न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। न्यायालय आदेश पर राजस्व विभाग कार्रवाई के लिए तैयार होता है, लेकिन खामियाजा ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ता है। यहीं हाल भासू पंचायत के बाद मोर ग्राम पंचायत को भुगतना पड़ा है। भासू में न्यायालय आदेश पर हटाए गए अतिक्रमण में साढ़े तीन लाख रुपए से अधिक भुगतान बकाया है।
वहीं मोर ग्राम पंचायत में भी न्यायालय याचिका के बाद जारी आदेश पर राजस्व विभाग ने गत 2 फरवरी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, जिसमें जेसीबी, ट्रैक्टर, श्रमिक व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने का जिम्मा सबंधित ग्राम पंचायत को सौंपा गया। लगातार 24 दिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसमें जेसीबी मशीनो व अन्य संसाधनों का खर्च करीब 6 लाख रुपए आया है। अभी 1200 बीघा चरागाह भूमि में से सिर्फ 825 बीघा भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। इधर, निजी आय के अभाव में ग्राम पंचायत ने जेसीबी मशीनों का भुगतान करने में असमर्थता जता दी। भुगतान के अभाव में जेसीबी संचालकों ने मशीनों को काम पर लगाने से मना कर दिया, जिससे 24 दिन बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बंद हो गई।
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