Thursday, 10 February 2022

भाटी के धरने की गूंज पहुंची सरकार तक, प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया

धरना स्थल पर बोले कालवी- गोचर पर पट्टे काटना गाय के ग्रास पर हमला

बीकानेर

Updated: February 10, 2022


बीकानेर. गोचर, ओरण और चारागाह संरक्षण की मांग को लेकर सरह नथानिया परिसर में अनिश्चितकालीन धरना बुधवार को भी जारी रहा। हालांकि, इस बीच सरकार के कान तक भी धरने की गूंज पहुंची, जब बुधवार को पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी समेत धरना दे रहे गो प्रेमियों को प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया। उधर, धरने का समर्थन करने पहुंचे श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि राज्य सरकार का गोचर पर पट्टे काटने का निर्णय गाय के ग्रास पर हमला है।


भाटी के धरने की गूंज पहुंची सरकार तक, प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया

उन्होंने कहा कि गोचर के मुद्दे पर सरकार ने अपनी आंख और कान बंद कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते सरकार ने इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया, तो भारत बंद या राजस्थान बंद का निर्णय भी भाटी का निर्देश मिलने पर किया जा सकताा है। कालवी ने कहा कि राजनेता दलगत राजनीति के कारण चुप बैठे हैं। उनको भविष्य में वोट की चोट हो सकती है। इस दौरान कर्णपाल सिंह सिसोदिया, नरेन्द्र सिंह, विजय उपाध्याय दिलीप सिंह जोधा, नरेन्द्र सिंह चानी, गिरधारी सिंह खिंदासर, पृथ्वीसिंह जेडी मगरा, नरेन्द्र सिंह गाजुसर उपस्थित रहे। धरना स्थल पर बालसंत छैल बिहारी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया। गोचर दीवार निर्माण कार्य के लिए रामनारायण लढ्ढा ने भाटी को 51 हजार रुपए की सहयोग राशि भेंट की। गोचर आंदोलन संयुक्त समिति के संयोजक देवकिशन चांडक ने कहा कि यह आंदोलनकारियों की हिम्मत, हौसले का ही परिणाम है कि सरकार ने मसले पर बातचीत के लिए बुलाया। यह सारे सनातन प्रेमियों और धरना दे रहे लोगों की जीत है।

गोचर, ओरण में कब्जा नियमन का निर्णय हो निरस्त

मुख्यमंत्री के निर्देश पर संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर ने पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी को वार्ता के लिए बुलाया। प्रवक्ता सुनील बांठिया के अनुसार मुलाकात के दौरान भाटी ने सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से लिए गए इस निर्णय को वापस लेने की बात कही। भाटी ने कहा कि मंत्रीमण्डलीय निर्णय के बाद नए अतिक्रमण हो रहे हैं, उन्हें तुरन्त प्रभाव से रोका जाए। वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की समिति बनाकर वर्तमान गोचर, ओरण में जनहित में भूमि अवाप्ति करने का जो नियम हैं, उसे निरस्त किया जाए। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार से बात कर उनके निर्णय से अवगत करवाया जाएगा। इस दौरान रामकिशन आचार्य, सुरजमाल सिंह नीमराणा, ललित दाधीच, देव किशन चांडक, प्रताप सिंह राठौड़, सतपाल सिंह शेखावत आदि उपस्थित थे।


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