गोचर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक देवकिशन चांडक ने बताया कि यह साधु संतों के धर्म के प्रति दिए योगदान और गोचर बचाने के संकल्प की जीत हुई है।
बीकानेर
Published: February 26, 2022
बीकानेर. गोचर, औरण बचाने के लिए ४४ दिन से चल रहा संघर्ष आखिर रंग लाया। प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार को आंदोलन में शामिल प्रतिनिधियों से वार्ता कर गोचर व औरण भूमि के संरक्षण और विकास के लिए सहमति दी गई। इसके बाद गोचर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की गई। राज्य सरकार की ओर से गोचर व औरण के कब्जाधारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के खिलाफ पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के नेतृत्व में डेढ़ महीने पहले बीकानेर से सटी गोचर भूमि पर यह आंदोलन शुरू किया गया था। सरकार व जिला स्तर के अधिकारियों ने वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आंदोलनकारियों से वार्ता की। प्रशासन की ओर से लिखित सहमति देने के बाद पूर्व मंत्री भाटी ने धरना समाप्त कर दिया। गोचर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक देवकिशन चांडक ने बताया कि यह साधु संतों के धर्म के प्रति दिए योगदान और गोचर बचाने के संकल्प की जीत हुई है।
गोचर बचाने के लिए 44 दिन डटे रहे लोग, आखिर सरकार को झुकना ही पड़ा
जयपुर से अधिकारियों ने की वार्ता
भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक के साथ वार्ता हुई। इसमें संघर्ष समिति की मांगों पर सहमति बनने पर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग जयपुर, प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग एवं शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग जयपुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता कर 10 बिन्दुओं पर कार्यवाही प्रस्तावित की।
इन बिंदुओं पर बनी सहमति
गोचर, औरण चारागाह के संरक्षण एवं विकास के लिए अतिक्रमण हटाकर मनरेगा के माध्यम से विकास व संरक्षण किया जाएगा। जिस राजकीय भूमि का चारागाह, गोचर व औरण के रूप में उपयोग हो रहा है, उसे राजकीय रिकॉर्ड में अंकन किया जाएगा। सक्षम अधिकारी मौका निरीक्षण कर राजस्व अभिलेख में अंकन की नियमानुसार कार्यवाही करेंगे। संरक्षण, सुरक्षा एवं विकास के लिए तहसील एवं पंचायत स्तर पर कार्ययोजना बनाई जाएगी।
Brijesh Singh
https://www.patrika.com/bikaner-news/people-stood-for-44-days-to-save-transit-finally-government-bow-down-7366128/
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