बिजौलियां | आबादी क्षेत्र से सटी चरागाह भूमि पर पिछले कुछ समय से तेजी से अतिक्रमण बढ़ रहा है। प्रशासन की उदासीनता से उच्च न्यायालय के फैसले की भी अवमानना हो रही है।
तहसील, उपखंड कार्यालय तथा पथिक नगर प्लान नंबर तीन के पीछे दर्जनों पक्के निर्माण बनने के बाद 2004 में कस्बे के लोगों द्वारा उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर दिये गये फैसले पर प्रशासन ने यह अतिक्रमण पूर्व में हटा दिये थे तथा कुछ बरसों तक इसकी सख्त निगरानी भी की गई लेकिन समय बीतने के साथ प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही से इस बेशकीमती भूमि पर पिछले कुछ बरसों से निरंतर कब्जे हो रहे है।
क़स्बानिवासी सुमित जोशी ने बताया कि चम्बल वाटर प्लांट के आस-पास, विजय सागर तालाब के पेटे में तथा पंचायत समिति के पीछे की चरागाह पर अवैध कब्जे हो रहे है। सबसे हैरानी तो यह है कि ये कब्जाधारी कहां से आये, इनका रिकॉर्ड क्या है, इसकी किसी को जानकारी तक नहीं है। बाहरी और अंजान लोगों के इन अवैध कब्जों से स्थानीय लोगो में भय है।
क्षेत्र में हुई कुछ चोरियों का राज न खुलने से ये बाहरी और अंजान लोग शक के दायरे में है लेकिन इनसे प्रशासन और पुलिस ने कोई पूछताछ करना उचित नहीं समझा है। क्षेत्र में खनिज और पत्थर व्यापार मे कईं बाहरी लोग काम कर रहे है। जोशी ने बताया की कोटड़ी की घटना के बाद ऐसे डेरे डालकर रहने वालों से दहशत का माहौल है लेकिन पंचायत, पुलिस और प्रशासन ने अभी तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bhilwara/bijoliya/news/encroachment-of-outsiders-on-pasture-land-administration-silent-131644052.html
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