सिकंदरा थानांतर्गत गांगदवाड़ी गांव स्थित चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के मामले में मंगलवार को एडीजे कोर्ट ने दो अलग-अलग अपीलों को खारिज करते हुए एसडीएम एवं तहसीलदार को एक माह में सरकारी भूमि को खाली कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालय के फैसले पर मोहर लगाकर अतिक्रमियों की सजा को बरकरार रखा है।
अपर लोक अभियोजक ताराचंद गुर्जर ने बताया कि जनवरी 2013 में सिकराय नायब तहसीलदार ने सिकंदरा थाने में मामला दर्ज कराया था कि अतिक्रमी शिंभू, बिरदा व छोट्या निवासी गांगदवाड़ी ने चारागाह खसरा 11 4 रकबा दो बीघा दो बिस्वा तथा कजोड़मल ने एक बीघा एक बिस्वा भूमि पर फसल काश्त कर बोरिंग व मकान का निर्माण कर रखा है। अतिक्रमियों को निश्चित सुनवाई का अवसर देकर 15 दिन में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अतिक्रमियों ने सरकारी भूमि से कब्जा नहीं हटाया। नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के अंतर्गत अतिक्रमियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया।
जिस पर अधीनस्थ न्यायालय ने सभी अतिक्रमियों को 6-6 माह के साधारण कारावास एवं एक हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। उन्होंने बताया कि न्यायालय के फैसले के विरूद्ध अतिक्रमियों ने एडीजे कोर्ट में अपील कर रखी थी। जिस पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान एडीजे प्रदीप कुमार ने अतिक्रमियों की दो अलग-अलग अपील को खारिज कर अधीनस्थ न्यायालय के फैसले पर मोहर लगाते हुए अतिक्रमी बिरदा की मौत होने की वजह से कार्रवाई ड्रॉप कर शिंभू, छोट्या एवं कजोड़मल मीना निवासी गांगदवाड़ी की सजा बरकरार रखते हुए एसडीएम एवं तहसीलदार को एक माह में भूमि को खाली कराने के आदेश दिए हैं
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dausa/sikrai/news/sdm-tehsildar-ordered-to-vacategovernment-land-in-a-month-131291683.html
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