सीकर/टोडा. इलाके में चारागाह भूमि पर हो रहे खनन के खिलाफ ग्रामीण फिर से लामबंद होने लगे हैं। ग्रामीणों ने शनिवार को जीणमाता मंदिर पर बैठक कर पलासाला के पास चारागाह भूमि पर खनन बंद करवाने को लेकर आंदोलन करने का फैसला किया है। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने जमकर हो रहे खनन पर आक्रोश जताते हुए खान संचालक से फोन पर वार्ता भी की। इसके बाद खनन को बंद करने के लिए ग्रामीणों ने विधायक व प्रशासन को ज्ञापन देने का निर्णय लिया। बैठक में कांग्रेस नेता कैलाशचंद जोशी, रामावतार जोशी सुरेश सारस्वत, हरि सिंह तंवर, रमेश चंद कुमावत, राजेंद्र बबेरवाल, बाबू खां, माल सिंह तंवर, मंगेज सिंह तंवर, भाजपा नेता सीताराम यादव, पूरण सिंह तंवर, मदनलाल शर्मा, प्रभु सिंह, करतार सिंह, फूलचंद गुर्जर, शंकरलाल शर्मा, जैमल गुर्जर, हनुमान गुर्जर आदि मौजूद रहे।
धरना हटते ही खनन
चारागाह भूमि पर स्वीकृत खानों को निरस्त करवाने के लिए ग्रामीणों ने दो अक्टूबर 2015 को धरना शुरू किया था। धरना करीब पांच साल तक जारी रहा। 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगते ही धरना हटाना पड़ा। हाल ही में खान संचालकों ने फिर से चारागाह भूमि पर अवैध खनन शुरू कर दिया।
कई सालों से विरोध
चारागाह भूमि पर अवैध खानों को निरस्त करवाने के लिए ग्रामीणों का कई सालों से विरोध चल रहा है। चारागाह भूमि पर खनन को रोकने के लिए ग्रामीणों ने बैठक की थी। बैठक में चारागाह भूमि को बचाने का निर्णय लिया गया।
https://www.patrika.com/sikar-news/villagers-united-against-mining-7763364/
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