Monday, 12 September 2022

केकड़ी और सरवाड़ उपखंड में आरक्षित चरागाह भूमि पर कंटकों का कब्जा, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

केकड़ी और सरवाड़ उपखंड में चरागाह भूमि पर अतिक्रमण करने की होड़ मची हुई है। वहीं, चरागाह खत्म होने के कगार पर है। अब ग्रामीण धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

केकड़ी : राजस्थान सरकार ने पशुओं के लिए गांव-गांव में चरागाह भूमि आरक्षित की, ताकि पशु वह अपना पेट भर सकें। लेकिन कुछ वर्षों से गोवंश के लिए आरक्षित चरागाह भूमि पर अतिक्रमण करने की लोगों में होड़ मची हुई है। जिसके चलते गोवंश का जीवन खतरे में है। चरागाह खत्म होने के कगार पर है, जिसके चलते गोवंश सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं. राजस्थान सरकार ने तहसीलदार गिरदावर पटवारी पंच सरपंच को चरागाह भूमि की देखरेख की जिम्मेदारी सौंप रखी है। लेकिन यह सभी लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाए मुख दर्शक बने हुए हैं। कई जगह तो जिम्मेदार लोग पंच सरपंच ही चरागाह भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते अन्य लोग भी सर आंखों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।

मोर्चा खोल दिया

प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्रवाई नहीं करने से आम जनता में गहरा आक्रोश है, ओर आम जनता ने आंदोलन का बिगुल बजाते हुए अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूरजपुरा के ग्रामीणों ने चरागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। कार्रवाई नहीं होने पर धरने पर बैठने का अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों ने बताया कि गोवंश के लिए आरक्षित चरागाह भूमि पर लोगों ने मकान बना लिए हैं, जलदाय विभाग व विद्युत विभाग द्वारा चरागाह भूमि में ही कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

जिम्मेदार मूक दर्शक बने क्यों?

जिसके चलते मकान बनाने वाले लोगों की बाढ़ सी आ गई है। लेकिन जिम्मेदार लोग मुक दर्शक बने हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार अधिकारियों को और जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया। लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते ग्रामीणों को उपखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करना पड़ा।

उपखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन 

ताजपुरा के सैकड़ों लोगों ने उपखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए उपखंड अधिकारी तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया कि हमारे गांव की चरागाह भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। लेकिन प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है, इसी प्रकार अरनिया गांव के लोगों ने भी उपखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए बताया कि चरागाह भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।

इसलिए अब आंदोलन करना पड़ रहा 

जिसके चलते पशुओं का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है। इस पर उपखंड अधिकारी ने आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते आम जनता को अपने हक और अधिकार के लिए धरना प्रदर्शन और आंदोलन करना पड़ रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि चरागाह भूमि पर होने वाले अतिक्रमण पर रोक लग सके।

मूल ऑनलाइन लेख - https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/ajmer/in-kekdi-and-sarwad-subdivision-thorns-occupied-reserved-grazing-land-anger-of-villagers-erupted/1347993

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