Friday, 21 January 2022

अदालती आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने पर टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस

By doonhorizon Desk

Fri, 21 Jan 2022

जयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान हाइकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डिग्गी गांव की चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस बिरेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने यह रामनारायण मीणा की अवमानना याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए दिए।

अवमानना याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया की डिग्गी की करीब 2100 बीघा चारागाह भूमि पर प्रभावशाली लोगों ने कच्चे व पक्के अतिक्रमण कर रखे हंै। जिसकी वजह से ग्रामीणों को मवेशियों को चराने में परेशानी हो रही है। खंडपीठ ने गत वर्ष 7 सितम्बर को टोंक कलेक्टर को तीन माह में अतिक्रमण हटाने के संबंध में कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे में अवमानना कर्ता अफसर को दंडित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

गौरतलब है की याचिकाकर्ता ने गत सितंबर माह में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि डिग्गी गांव में प्रसिद्ध कल्याण जी महाराज का मंदिर स्थित है और हर साल लाखों यात्री यहां दर्शन के लिए आते है, किन्तु यहां स्थित करीब 2100 बीघा चारागाह भूमि पर गांव के प्रभावशाली लोगों ने अतिक्रमण कर रखे है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को कई बार लिखित शिकायत भी की, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि स्थानीय उपखंड अधिकारी ने जिला कलेक्टर को 4 जनवरी 2020 को पत्र भेजकर कहा कि संसाधनों के अभाव में ग्राम डिग्गी के अतिक्रमण हटाना असम्भव है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पीएलपीसी को अभ्यावेदन देने और कलेक्टर को उस पर तीन माह में कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन अभ्यावेदन पर कोई कार्रवाई नही की गई।

हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

https://doonhorizon.in/states/rajasthan/contempt-notice-to-tonk-collectorphp/cid6286306.htm

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