Thursday, 6 March 2025

सागवाड़ा, साबला व आसपुर में चारागाह भूमि पर दिन में विस्फोट कर निकालते हैं क्वार्ट्ज, फिर रात को ट्रकों से गुजरात भेज रहे

सागवाड़ा-आसपुर की पहाड़ियों को अब खनन माफिया सक्रिय हो गए हैं। बेशकीमती क्वार्ट्ज के इस गढ़ में इसका दोहन दिन-रात चल रहा है। ग्राम पंचायतों की मौन स्वीकृति और खनन व राजस्व विभाग की मिलीभगत से पत्थरोें के यह माफिया अब चारागाह भूमि को भी नहीं छोड़ रहे हैं। क्षेत्र की चारागाह भूमि पर ऊंची पहाड़ियों पर अवैध खनन को लेकर मशीनें लगी हुई हैं।

सागवाड़ा, साबला और आसपुर क्षेत्र में आने वाले मलापा, काब्जा, बोड़ीगामा बड़ा, बोड़ीगामा छोटा, झरियाणा, कराड़ा, दामड़ी पूंजपुर गांवों में सबसे ज्यादा खनन हो रहा है। साथ ही फलौज, दामड़ी व कोलखंडा की कई जगहों पर लोग हर रोज पहाड़ियों में ब्लास्टिंग कर के कीमती पत्थर निकाल रहे हैं। कई जगह तो पहाड़ियों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है।

आसपुर और साबला उपखंड क्षेत्र में खनन माफिया अन्य क्षेत्रों में क्वार्ट्ज पत्थर का अवैध खनन कर लीजधारी ठेकेदारों से मिलकर उनकी माइंस पर अवैध क्वार्ट्ज पत्थर पहुंचाकर उसे वैध बना रहे हैं। इस पत्थर की डिमांड गुजरात में सबसे ज्यादा है।

क्वार्ट्ज पत्थर यहां से कम दाम में ट्रकों में भरकर महंगे दामों पर गुजरात की फैक्ट्री में बेचा जा रहा है। खनन माफिया दिहाड़ी मजदूरी में ग्रामीण खुदाई करके एक ट्रक भर देते हैं। ट्रैक्टर और डंपर रात के समय में भर दिए जाते हैं। पत्थर निकालने में 2 से 5 हजार तक खर्चा और परिवहन में 5 से 8 हजार का खर्चा होता है। गुजरात में एक ट्रक की कीमत 30 से 40 हजार तक मिलती है।

वागड़ क्षेत्र में निकलने वाला यह पत्थर स्नो वाइट कहलाता है, जो सी ग्रेड का पत्थर है। वागड़ का यह पत्थर ज्यादातर गुजरात की फैक्ट्रियों में जाता है। इस पत्थर का उपयोग कांच बनाने और टाइल्स फैक्ट्री में होता है। जहां पर उत्पाद की चमक बढ़ाने, शुद्धता लाने और पत्थर से शाइनिंग के क्रिस्टल होने से लाभकारी होता है। इस स्नो वाइट पत्थर का उपयोग कलर फैक्ट्री में भी होता है।

सूत्रों की माने तो माफियाओं ने क्वार्ट्ज पत्थर का गुजरात तक अवैध परिवहन करने और कार्रवाई से बचने के लिए नया रास्ता निकाला है। खनन माफिया उस क्षेत्र में लीजधारी ठेकेदारों से मिलकर अवैध खनन किए क्वार्ट्ज पत्थरों को माइंस में पहुंचाकर वैध कर रहे हैं।

अवैध खनन को रोकने और कार्रवाई करने का जिम्मा खनन विभाग का है। उनको निगरानी रखनी चाहिए। राजस्व जमीन और चारागाह भूमि पर खनन हो रहा है तो गलत है। हम पटवारियों का पाबंद करेंगे। वहीं क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद पुलिस और खनन विभाग से मिलकर कार्रवाई की जाएगी। -योगेश वैष्णव, तहसीलदार, आसपुर

मूल ऑनलाइन लेख: - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/news/quartz-is-extracted-by-blasting-pasture-land-in-sagwara-sabla-and-aspur-during-the-day-and-then-sent-to-gujarat-by-trucks-at-night-134590337.html

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