Friday, 30 September 2022

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने एवं आम रास्ता खोलने को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन



गुरला (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बद्रीलाल माली) ओजागर तालाब से मांकडिया सीमा तक चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर रखा जिसमें आम रास्ता बंद होने के कारण आम जनता को आने जाने में दिक्कत होती है और पशुओं के लिए रिजर्व चारागाह भुमि पर भुमाफियो व अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमण करने से मवेशी के लिए चारागाह भुमि नहीं के बराबर है इसी समस्या को देखते हुए आज औजागर के ग्रामीणो ने जिला कलेक्टर महोदय को  ज्ञापन सौंपा जिसमें बन्द रास्ते खोलने व चारागाह भुमि से अतिक्रमण हटाने व  भुमि अधिनियम 91 की कार्रवाई करने के लिए कहाँ गया इसके बारे में पहले  कही बार पटवारी व सरपंच को अवगत कराया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई कारोई से सांगवा रोड ओजागर चौराये पर के पास चारागाह भूमि पर पत्थर डाल कर अतिक्रमण कर रखा है। आम रास्ते खोलने व चारागाह भुमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.gexpressnews.com/Villagers-submitted-memorandum-to-the-collector-regarding-removal-of-encroachment-on-pasture-land-and-opening-of-common-road

हादसे में गोवंशो की मौत: खोहरी में सड़क पर बैठी गायों को ट्रोले ने कुचला, 4 गोवंश की मौत

खोहरी ग्राम पंचायत में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण का खामियाजा गौवंश को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। यहां बुधवार रात को सड़क पर बैठी 5 गायों को ट्रोले ने कुचल दिया। इस हादसे में 4 गायों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि एक गाय गंभीर घायल हो गई। जिसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही है।

खोहरी ग्राम पंचायत में लगभग 233.11 बीघा चारागाह भूमि पर भू-माफिया ने अतिक्रमण कर रखा है। जिससे इस क्षेत्र के गोधन का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। और वह मजबूरी में सड़क पर बैठने को विवश है। सड़कों पर गायों की मौजूदगी से वे दुर्घटना का शिकार हो रही हैं और असमय ही मौत का शिकार हो रही हैं। इसकी बानगी बुधवार को देखने को मिली।

जब चारागाह भूमि के अभाव में सड़क पर बैठी 5 गायों को ट्रोले ने कुचल दिया। जिससे 4 गायों की मौत हो गई। जबकि एक गाय गंभीर घायल है। खोहरी कैला देवी ग्राम पंचायत हल्का पटवारी के अनुसार 233. 11 बीघा चरागाह भूमि है। जो पशुओं को खुले में चरने व बैठने के लिए निर्धारित है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/kailadevi/news/in-khohari-the-cows-sitting-on-the-road-were-crushed-by-the-troll-4-cows-died-130379184.html

ओरण के प्रति जागृता को लेकर 60 किलोमीटर पैदल ओरण परिक्रमा संपन्न

 


सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन

सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन

जैसलमेर

Published: September 30, 2022 

जैसलमेर. ओरण गोचर संघर्ष समिति की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि पर्यावरण वन्य जीव, ओरण, जलस्रोत, राज्य वृक्ष खेजड़ी, सडक़ों कसे उजाड़वा जा सकता है। यहां सेऊवा, बडा, तेजपाला, नगा, हाड़ा सोलर प्लाट के लिए 40 बीघा आवंटन करने के प्रस्तावित की जा रही है जो 3000 मेगावाट प्लाट किया जा रहा लोक देवता वीर पनराजजी, सिद्ध राव जुंझार मायथि, ओरण 700 साल से संरक्षण में है, दर्ज नहीं की गई। जो पंचायत से ओरण प्रस्तावित है। यहां पशुपालकों, चारागाह भूमि भूमि आवंटन की जा रही है। ग्रामीणों ने मांग की कि प्रशासन संज्ञान लेवे और आमजन जनहित में ध्यान रखते कार्यवाही की जाए। ज्ञापन में ग्राम पंचायत राघवा सरपंच नरेंद्रसिंह, पर्यावरण प्रेमी लीलूसिंह बड़ा, तगसिंह, फकीर सिंह सेऊवा, सामाजिक कार्यकर्ता नरपतसिंह बडा, गोरधनसिंह, दीपसिंह, विक्रमसिंह, हीरसिंह, भीमसिंह, जितेंद्रसिंह, मूलसिंह, हरीराम, सेऊवा आदि उपस्थित थे।

सोलर प्लांट भूमि आवंटन को लेकर ग्रामीणों ने प्रतिबंध लगाने के लिए दिया ज्ञापन

60 किलोमीटर लंबी पैदल परिक्रमा का समापन

जैसलमेर. जिले की फतेहगढ़ तहसील के रासला- सांवता गांवों के बीच मौजूद मुख्य शक्तिपीठ श्रीदेगराय मंदिर की 600 वर्षो से ज्यादा प्राचीन ओरण की 60 किमी लम्बी पैदल परिक्रमा का शुक्रवार दोपहर को मन्दिर प्रांगण पहुंचने पर समापन हुआ। परिक्रमा में क्षेत्र के अनेक गांवों व राजस्थान के अन्य जिलों से आए पर्यावरण प्रेमियों व देवी भक्तों ने भी हिस्सा लिया। क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षक व पशुपालक सुमेरसिंह भाटी ने बताया कि दो वर्ष पहले प्रारम्भ हुई परिक्रमा से आसपास के ग्रामीणों को ओरण के महत्व व उसके संरक्षण के महत्व के साथ भारतीय संस्कृति में पर्यावरण के दैवीय रूप से सबको जागरूक करना है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष ठाकुर कल्याणसिंह भाटी मूलाणा की इच्छा थी कि एक बार परिक्रमा प्रारम्भ होने पर प्रति वर्ष होती रहे, अत: नवरात्रि में इसका आयोजन करा गया, जिसमें शुक्रवार को परिक्रमा मार्ग में स्थित उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। विदित है कि गत बीस वर्षो से अधिक समय से मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष रहते आपने देगराय ओरण का कुछ भाग वर्ष 2004 में ओरण रूप से दर्ज करवाने में सफलता प्राप्त करी थी, शेष बचे हिस्से को दर्ज करवने के लिए भी आप लम्बे समय से प्रयासरत थे। परिक्रमा में विभिन्न पर्यावरण, पशुपालन, चारागाह विकास व जैविक खेती से जुड़े अनुभवी वैज्ञानिकों व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धालुओं को ओरणों के महत्व और उनसे लाभ के बारे में जानकारी दी। ओरणों के चारों तरफ मौजूद ढाणियों के किसानों व पशुपालकों ने भी परिक्रमा में जल व नाश्ते की सम्पूर्ण व्यवस्था रख श्रद्धालुओं व पर्यावरण प्रेमियों की यात्रा को सुखद बनाया। दो दिन की परिक्रमा में पर्यावरण प्रेमियों ने ओरण क्षेत्र में 100 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों को देखा गया और उनका रिकॉर्ड भी तैयार करा गया।


https://www.patrika.com/jaisalmer-news/villagers-gave-memorandum-to-ban-solar-plant-land-allocation-7797923/

Thursday, 29 September 2022

अवैध अतिक्रमण पुलिस की मौजूदगी में 25 बीघा चारागाह भूमि से हटाया गया

 टोंक जिले के घड़ थाना क्षेत्र में चरागाह भूमि पर पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया. शुरुआत में अतिक्रमणकारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन तहसीलदार के समझाने के बाद वे पीछे हट गए। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से 25 बीघा चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। करीब ढाई घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। तहसीलदार राम सिंह मीणा ने बताया कि घड़ पंचायत क्षेत्र में चरनेत रोड से सटे 25 बीघा चरागाह है। इस पर पंचायत प्रशासन लम्पी रोग से मृत गायों का निस्तारण करता था। करीब 15-20 दिन पहले 10-12 लोगों ने तिरपाल लगाकर इस जमीन पर कब्जा कर लिया था। इस संबंध में पूर्व में पंचायत प्रशासन समेत गौरक्षकों ने कलेक्टर व तहसीलदार को ज्ञापन दिया था। इससे पहले दो बार पुलिस का कब्जा न होने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। इस पर तहसील प्रशासन ने यहां से अतिक्रमण हटाने का आज का दिन तय किया था।

उन्होंने बताया कि पुलिस निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 11 बजे दो जेसीबी की मदद से मौके पर पहुंची और अतिक्रमण हटाना शुरू किया। इस दौरान सूचना मिलने पर अतिक्रमणकारियों ने मौके पर पहुंचकर विरोध किया, लेकिन जब उन्हें समझाया गया कि यहां आपका अधिकार नहीं है, यह सरकारी जमीन है तो वे मान गए. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से मौके से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि अतिक्रमण हटने से अब यहां गौशाला भी आसानी से खुल सकेगी। वहीं दूसरी ओर इस जमीन पर दोबारा अतिक्रमण न हो इसके लिए कुछ गौरक्षकों ने सीमेंट के पाइप लगाकर इसकी घेराबंदी शुरू कर दी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://jantaserishta.com/local/rajasthan/illegal-encroachment-removed-from-25-bigha-pasture-land-in-presence-of-police-1613298?infinitescroll=1



एक दर्जन अतिक्रमियों के कब्जे से 25 बीघा चरागाह को कराया मुक्त

दो पुलिस थानों के भारी जाप्ते की मौजूदगी में पंचायत एवं राजस्वकर्मियों ने घाड़ कस्बे की दर्जनों बीघा चरागाह भूमि पर एक दर्जन अतिक्रमियों की ओर से किए अतिक्रमणों को जेसीबी मशीनों की मदद से हटवा दिया।


दूनी। बार-बार दी जा रही तारीखों के बाद जागे तहसील प्रशासन ने बुधवार दो पुलिस थानों के भारी जाप्ते की मौजूदगी में पंचायत एवं राजस्वकर्मियों ने घाड़ कस्बे की दर्जनों बीघा चरागाह भूमि पर एक दर्जन अतिक्रमियों की ओर से किए अतिक्रमणों को जेसीबी मशीनों की मदद से हटवा दिया। उल्लेखनीय है कि सुबह घाड़ एवं दूनी पुलिस थाने के भारी जाप्ते सहित पहुंचे तहसीलदार रामङ्क्षसह मीणा के निर्देशन में कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि 25 बीघा चरागाह भूमि पर एक दर्जन अतिक्रमियों की ओर से झुग्गी झोपड़ी बनाकर खम्भे एवं बाड़ लगाकर अतिक्रमण किया था। जिसको जेसीबी मशीन की मदद से हटवाया।

लोगों ने किया था प्रदर्शन: गोरक्षा दल पदाधिकारियों ने 13 सितम्बर को तहसील कार्यालय पहुंच तहसीलदार से गोवंश के लिए चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, इस पर तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने की 20 सितम्बर की तारीख मुकर्रर कर दी। इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटने पर गोरक्षा दल पदाधिकारियों सहित ग्रामीणों ने जिला कलक्टर कार्यालय जाकर ज्ञापन दिया। इसके बाद तहसीलदार मीणा ने 23 सितम्बर तारीख तय की थी। मगर प्रशासन के नहीं आने से नाराज लोगों ने पंचायत के ताला लगा राज्यमार्ग जामकर प्रदर्शन किया था।

प्रतिनिधि भेजने का विरोध किया

टोंक। पंचायत समिति की साधारण सभा बुधवार को प्रधान सुनिता गुर्जर की अध्यक्षता में हुई। इसमें पानी, बिजली, सडक़, पशुओं में फैली लम्पी डिजीज आदि पर चर्चा की गई। विभागों के ब्लॉक अधिकारियों द्वारा प्रतिनिधि भेजने का विरोध किया गया। जिला प्रमुख सरोज बंसल व प्रधान सुनिता ने जनसमस्याओं का तत्काल समाधान करने को कहा। विद्युत निगम के अभियंताओं की कार्यशैली पर आक्रोश जताया। इस दौरान डीआर ममता चौधरी, विकास अधिकारी रामावतार यादव, उपप्रधान रामकेश मौजूद थे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/tonk-news/removal-of-encroachment-from-pasture-land-7795448


25 बीघा चरागाह जमीन से हटाया अतिक्रमण: गांव के 10-12 लोगों ने कर लिया था कब्जा, पुलिस का जाब्ता रहा मौजूद


टोंक जिले में घाड़ थाना क्षेत्र में चारागाह जमीन पर किए गए अतिक्रमण को बुधवार को पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में हटाया गया। इस कार्रवाई को लेकर शुरू में अतिक्रमियों ने विरोध किया, लेकिन तहसीलदार की समझाइश के बाद वह पीछे हट गए। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से 25 बीघा चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाया गया। करीब ढाई घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे।

तहसीलदार रामसिंह मीना ने बताया कि घाड़ पंचायत क्षेत्र में चारनेट रोड से सटकर 25 बीघा चरागाह जमीन है। इस पर पंचायत प्रशासन लंपी रोग से मृत गोवंश का निस्तारण करती थी। करीब 15-20 दिन पहले पहले 10-12 लोगों ने इस जमीन पर तिरपाल लगाकर अतिक्रमण कर लिया था। इसको लेकर पिछले दिनों पंचायत प्रशासन समेत गोरक्षकों ने कलेक्टर और तहसीलदार को ज्ञापन दिया था। इससे पहले 2 बार पुलिस जाब्ते के अभाव में अतिक्रमण नहीं हट पाया था। इस पर तहसील प्रशासन ने इस जगह से अतिक्रमण हटाने के लिए आज का दिन निर्धारित किया था।

उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 11 बजे पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और 2 जेसीबी की मदद से अतिक्रमण हटाना शुरू किया। इस दौरान सूचना मिलने पर घाड़ से अतिक्रमी मौके पर पहुंचे और विरोध जताया, लेकिन जब उनको समझाया गया कि आपका यहां पर कोई अधिकार नहीं है, यह सरकारी जमीन है तो वह मान गए। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से मौके से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि अतिक्रमण हटने से अब यहां गोशाला भी आसानी से खुल सकेगी। उधर, इस जमीन पर दोबारा अतिक्रमण नहीं हो, इसके लिए कुछ गोरक्षकों ने सीमेंट के पाइप लगाकर तारबंदी करना शुरू कर दिया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/encroachment-removed-from-25-bigha-pasture-land-in-ghad-police-station-area-of-tonk-130374472.html


चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के विरोध में प्रदर्शन: चारागाह भूमि पर दबंगों व भूमाफियाओं का कब्जा, ग्रामीणों ने की नारेबाजी


खंडार उपखण्ड क्षेत्र के खंडेवला और पांवडी गांव के ग्रामीणों ने चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशा मीणा के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर जमकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

भाजपा कार्य समिति सदस्य आशा मीणा ने बताया कि पावंडी एवं खंडेवला गांव की चारागाह भूमि पर कुछ दबंग व भूमाफियाओं ने जबरन कब्जा कर रखा है। जिसके चलते गांव के मवेशियों को चरने के लिए जगह नहीं बची है। चरागाह भूमि पर दबंगों और भूमाफियाओं के अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। आशा मीणा का कहना है दोनों गांवों में चारागाह भूमि और अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर कुछ दिन पूर्व भी ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था।

उसके बावजूद प्रशासन ने चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अब की बार प्रशासन ने दोनों गांवों में चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया तो मजबूरन ग्रामीणों को सड़कों पर उतरना पड़ेगा और आंदोलन करना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण और भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/dabangs-and-land-mafia-occupied-the-pasture-land-the-villagers-raised-slogans-130374263.html

Wednesday, 28 September 2022

सार्वजनिक चारागाह की 294 बीघा भूमि में से 70 बीघा भूमि का हटाया अतिक्रमण

माणी पंचायत की बिसनपुरा बंजारा बस्ती व केशवपुरा गांव में स्थित सार्वजनिक चारागाह भूमि का अतिक्रमण बुधवार को हटाया गया।

सार्वजनिक चारागाह की 294 बीघा भूमि में से 70 बीघा भूमि का हटाया अतिक्रमण

करवर। माणी पंचायत की बिसनपुरा बंजारा बस्ती व केशवपुरा गांव में स्थित सार्वजनिक चारागाह भूमि का अतिक्रमण बुधवार को हटाया गया। यह कार्रवाई जल ग्रहण भू संरक्षण विभाग की ओर से की गई। विभाग की ओर से इस भूमि पर 70 लाख रुपए की राशि से विकास कार्य कराए जाएंगे।

जानकारी के अनुसार जल ग्रहण विभाग के सहायक अभियंता थानमल नागर, करवर कानूनगो रघुवीर कारपेंटर, हलका पटवारी संजय मीणा, करवर पुलिस थाना से एएसआई दशरथ सिंह मय जाप्ता व 6 जेसीबी के साथ सुबह करीब 11 बजे बिसनपुरा बंजारा बस्ती पहुंचे तथा चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की तथा 30 बीघा भूमि का अतिक्रमण हटाया गया। बाद में यहां से केशवपुरा पहुंचे तथा यहां 40 बीघा भूमि का अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण हटाने के बाद डोल लगाया। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शाम को करीब 6 बजे तक चली। इस दौरान सार्वजनिक चारागाह की 294 बीघा भूमि से 70 बीघा भूमि का अतिक्रमण हटाया गया। ग्रामीणों ने बाड़े आदि बनाकर इस भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था।

विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि यहां प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत चारागाह विकास मॉडल के रूप में चरागाह भूमि को विकसित किया जाएगा। बिशनपुरा मे 25 लाख तथा केशवपुरा में 45 लाख की लागत से कार्य कराए जाएंगे। जिसके अंतर्गत चरागाह भूमि के चारो ओर खाई फेंसिंग, एंगल वायर फेंसिंग, सिंचाई के लिए सोलर मोटर सिस्टम व ड्रिप सिस्टम लगाए जाएंगे। देखरेख के लिए चौकीदार लगाया जाएगा तथा उसके रहने के लिए झोपड़ी बनाई जाएगी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/bundi-news/bundi-news-bundi-rajasthan-news-rajasthan-patika-news-of-public-pastu-7794398

अवमानना नोटिस: आदेश की पालना नहीं की, टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस दिया

ने अदालती आदेश के बाद भी चारागाह जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाने पर टोंक जिला कलेक्टर चिन्मय गोपाल को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने उनसे पूछा है कि उन्होंने आदेश का पालन क्यों नहीं किया। जस्टिस पंकज भंडारी व समीर जैन की खंडपीठ ने यह निर्देश मालपुरा उपखण्ड के धौला का खेड़ा निवासी छीतर लाल शर्मा की अवमानना याचिका पर दिया।

अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने 3 जनवरी 2022 को टोंक जिला कलेक्टर व पीएलपीसी चेयरमैन को चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए ग्रामीणों के प्रतिवेदन पर दो महीने में कार्रवाई का निर्देश दिया था। आदेश की पालना में ग्रामीणों ने कलेक्टर को प्रतिवेदन दे दिया, लेकिन रेवेन्यू अफसरों ने चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मामूली कार्रवाई की है। जबकि चारागाह जमीन पर कुछ ग्रामीणों व प्रभावशाली लोग अभी भी अवैध खनन कर रहे हैं और उन्होंनें वहां पर कच्चा व पक्का निर्माण कार्य भी कर लिया है। इसलिए आदेश का पालन करवाया जाए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/did-not-comply-with-the-order-gave-contempt-notice-to-tonk-collector-130358015.html

सरकारी जमीनों पर अतिक्रमणों को लेकर कलेक्टर सख्त: अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश, बोले- अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं


डूंगरपुर में कलेक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने मंगलवार सरकारी और चारागाह जमीन पर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमियों के खिलाफ सख्त नजर आए। कलेक्टर ने सभी राज्य अधिकारियों को अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जिला परिषद सभागार में कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव की अध्यक्षता में राजस्व अधिकारियों की बैठक हुई। एडीएम हेमेंद्र नागर समेत सभी एसडीएम व तहसीलदार मौजूद रहे। कलेक्टर ने सबसे पहले राजस्व से जुड़े केस और उनकी प्रगति की जानकारी ली। कलेक्टर डॉ. यादव ने सभी एसडीएम को उनके क्षेत्र में चारागाह व सार्वजनिक जमीन पर हो रहे अतिक्रमणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति की रिपोर्ट की जानकारी ली और पेंडिंग केस को जल्द निपटाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को गैर खातेदारी से खातेदारी के लंबित प्रकरणों को जल्द निस्तारित करने के लिए कहा। कलेक्टर डॉ. यादव ने उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के भी निर्देश दिए।

महात्मा गांधी जयंती पर होंगे कई कार्यक्रम

राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने महात्मा गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर से विभिन्न कार्यक्रम करवाने के निर्देश भी दिए है। 2 अक्टूबर को पंचायतों में चिरंजीवी ग्राम वार्ड सभा करवाने के निर्देश दिए। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना व चिरंजीवी सड़क दुर्घटना योजना की जानकारी आमजन को देने के लिए निर्देश दिए हैं। 3 अक्टूबर को महात्मा गांधी सामाजिक चेतना विषय पर संगोष्ठी, 4 अक्टूबर को स्कूलों में गांधी दर्शन भाषण प्रतियोगिता, 5 अक्टूबर को गांधी के सपनों का भारत चित्रकला प्रतियोगिता, 7 अक्टूबर को उपखंड स्तर पर मैराथन दौड़ करवाने के भी निर्देश दिए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/news/instructions-given-for-action-against-trespassers-said-encroachment-is-not-tolerated-under-any-circumstances-130370168.html

Sunday, 25 September 2022

अवैध खनन का मुद्दा:विधायक ने विधानसभा में उठाया अवैध खनन का मुद्दा तो तहसीलदार पहुंचे नापतौल करने, कार्रवाई की

भवानी मंडी

डग विधायक कालूराम मेघवाल ने शुक्रवार को क्षेत्र के नेहरावद और आरोलिया में अवैध खनन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने साफ कहा कि अधिकारी यहां पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, इसीलिए अवैध खनन वाले धड़ल्ले से चारागाह भूमि काट रहे हैं। इधर, यह मामला विधानसभा में उठने पर शनिवार को पचपहाड़ तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी मौके पर पहुंचे।

यहां पर चारागाह भूमि से पत्थरों के स्टाक को हटवाया और कई जगह नापतोल किए। इसमें कई जगह अवैध खनन सामने आया है, लेकिन इसकी रिपोर्ट रविवार तक बनाई जाएगी। प्रशासन ने आरोलिया व नेहरावद गांव में नापतोल किया जो देर शाम तक चलता रहा। अब रविवार को इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार होगी जो उच्चाधिकारियों काे भेजी जाएगी।


https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/bhawani-mandi/news/mla-raised-the-issue-of-illegal-mining-in-the-assembly-then-tehsildar-reached-to-measure-took-action-130359000.html

अवमानना नोटिस:आदेश की पालना नहीं की, टोंक कलेक्टर को अवमानना नोटिस दिया

 टोंक

अदालती आदेश के बाद भी चारागाह जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाने पर टोंक जिला कलेक्टर चिन्मय गोपाल को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। अदालत ने उनसे पूछा है कि उन्होंने आदेश का पालन क्यों नहीं किया। जस्टिस पंकज भंडारी व समीर जैन की खंडपीठ ने यह निर्देश मालपुरा उपखण्ड के धौला का खेड़ा निवासी छीतर लाल शर्मा की अवमानना याचिका पर दिया।

अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने 3 जनवरी 2022 को टोंक जिला कलेक्टर व पीएलपीसी चेयरमैन को चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए ग्रामीणों के प्रतिवेदन पर दो महीने में कार्रवाई का निर्देश दिया था। आदेश की पालना में ग्रामीणों ने कलेक्टर को प्रतिवेदन दे दिया, लेकिन रेवेन्यू अफसरों ने चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए मामूली कार्रवाई की है। जबकि चारागाह जमीन पर कुछ ग्रामीणों व प्रभावशाली लोग अभी भी अवैध खनन कर रहे हैं और उन्होंनें वहां पर कच्चा व पक्का निर्माण कार्य भी कर लिया है। इसलिए आदेश का पालन करवाया जाए।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/tonk/news/did-not-comply-with-the-order-gave-contempt-notice-to-tonk-collector-130358015.html

जहाजपुर: पुलिस की कार्रवाई, 150 बीघा चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण

मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी.


Jahazpur: पारोली पंचायत क्षैत्र के बालापुरा केसरपुरा गांव की सरहद में स्थित चरागाह भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायत पर देर से ही सही, लेकिन उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने हाथों-हाथ चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की है, जिससे अतिक्रमण में खलबली मच गई है. जानकारी के अनुसार बालापुरा-केसरपुरा गांव के चरागाह भूमि में अतिक्रमियों ने करीबन 300 बीघा चारागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कटीली झाड़ियां डालकर खेत बनाकर फसल बोने की फिराक में थे.

मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. मामले को लेकर को केसरपुरा गांव के लोगों ने कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर को ज्ञापन देकर चरागाह भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की मांग की. ग्रामीणों की मांग पर तत्काल प्रसंज्ञान लेते हुए कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर स्वयं मौके पर पहुंचे और पंचायत प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मदद से देर शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने बताया कि हर साल अतिक्रमण कारी कटीली झाड़ियां डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा कर जमीन बढ़ा लेते हैं. 

साथ ही केसरपुरा बालापुरा की चरागाह अतिक्रमणकारी फसल बोने की फिराक में थे ऐसे में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए चार जेसीबी की मदद से 2 किलोमीटर एरिया में फैले करीबन 130 बीघा चरागाह भूमि को पहले दिन अतिक्रमण मुक्त किया गया है. उपखंड अधिकारी भींचर ने कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. वहीं शेष रही चरागाह भूमि को जल्द अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.

बता दें कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर, पारोली थाना अधिकारी सरवर खान, कार्यवाहक विकास अधिकारी हरिराम, सरपंच विमला देवी संचेती, उपसरपंच लादू लाल कीर, पटवारी लक्ष्मण बेरवा सहित पुलिस और स्थानीय पंचायत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे.

https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/bhilwara/police-action-and-encroachment-removed-from-150-bigha-pasture-land/1359774


Saturday, 24 September 2022

अडानी ग्रुप ने मांगी 6 हजार हेक्टेयर जमीन दो हजार मेगावाट का साेलर पार्क बनाएंगे

जालोर

लेखक: धर्मेन्द्र नाथावत

काम शुरू होने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा

चितलवाना क्षेत्र के रणखार इलाके में 6 हजार हेक्टेयर जमीन अडानी ग्रुप को देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए अडानी ग्रुप के मांग पत्र पर प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजाो है। इस जमीन पर 2000 मेगावाट का साेलर पार्क विकसित होगा। यह जमीन ग्राम भाटकी, शिव शंकर नगर, मंडाली, जोरादर, कुकड़िया एवं आकोडिया में दी जाएगी। इस इलाके में काफी चारागाह भूमि है। ऐसे में हाईकोर्ट जोधपुर के निर्णय अब्दुल रहमान बनाम सरकार के अनुसार प्रतिबंधित भूमि को इसमें शामिल नहीं किया है।

ऐसे में आवंटन योग्य जमीन को प्रस्ताव में शामिल किया है। जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप एआरईपीआरएल की ओर से 23 नवंबर 2021 को सोलर पार्क विकसित करने के लिए चितलवाना में 6000 हेक्टेयर भूमि आवंटन का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों की मानंे तो जमीन आवंटन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इधर, अडानी ग्रुप को जमीन आवंटन के बाद सांचौर-चिलवाना उपखंड में बड़ी योजनाओं के लिए जमीन नहीं बचेगी। सांचौर क्षेत्र में पहले ही 7800 हेक्टेयर जमीन रणखार कंजर्वेशन के लिए आरक्षित की गई है।

सूखा बंदरगाह पर संशय: चौबीस साल पहले सर्वे, योजना को नहीं लगे पंख
जानकारी के अनुसार सांचौर-चितलवाना उपखंड के गुजरात सीमा क्षेत्र में भवातड़ा सूखा बंदरगाह को लेकर 1998 में सर्वे किया गया था। बड़े स्तर पर कई बैठकें भी हुई। अब अडानी ग्रुप को जमीन देने की तैयारी से क्षेत्र में सूखे बंदरगाह को लेकर संशय बन गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिले में जिस क्षेत्र में सर्वे हुआ। उस जमीन से 7800 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को पहले ही दे दी गई। जबकि अब 6 हजार अडानी ग्रुप को देने की तैयारी है।

फायदा : स्थानीय लोगों को मिल सकेगा रोजगार
अडाणी ग्रीन द्वारा लगने वाले 2 हजार मेगावाॅट सोलर प्लांट से बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोेजगार के रास्ते खुलेंगे। अडाणी ग्रीन के स्थानीय अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों को रोजगार मिलेगा, हालांकि कितने लोगों को मिलेगा, अभी नहीं बता सकेंगे। इस लवणीय जमीन में अडाणी पावर सोलर प्लांट लगाएगा। जिसमें सभी कार्य स्थानीय वर्करों से ही करवाया जाएगा।

सूखा बंदरगाह योजना में वाटर-वे बनाकर जहाज यहां तक लाना था गुजरात के कोरीक्रीके से सांचौर के भवातड़ा तक वाटर वे बनना था। जिसमें नहर की तरह रास्ता बनाकर पानी कच्छ जिले के कोरीक्रीके से लेकर गुजरात की सीमा पर बसे भवातड़ा रणखार गांव तक लाया जाना था। इसमें कच्छ ब्रिज से भवातड़ा तक पानी लाने 350 किलोमीटर की लंबी व 300 मीटर चौड़ाई एवं 50 मीटर गहराई की नहर बनाकर पानी भवातड़ा तक लाने की योजना थी। उसी वॉटर वे के अंदर सामान से भरे जहाज यहां तक आते। लेकिन योजना को पंख नहीं लग सके।

प्लांट के लिए 6 हजार हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव
चितलवाना तहसील 2013 में बनी है। उसके बाद यहां से सुखा बंदरगाह के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अडानी पावर को सोलर प्लांट के लिए 6000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। -रायमलराम, तहसीलदार चितलवाना

प्राेजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया
भवातड़ा में सूखा बंदरगाह बनना था। केंद्र व राज्य सरकार के बीच डीपीआर पर चर्चा हुई थी। बाद में दिल्ली की एक कंपनी से प्री फिजिबिलिटी सर्वे भी होना था, लेकिन बाद में किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यह प्रोजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया। -देवजी एम पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही

यह नुकसान भी
काफी जमीन निजी खातेदारों की प्लांट की प्रस्तावित जमीन के बीच में आ रही है। उन खातेदारों को आवागमन सहित अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार काफी खातेदार ऐसे हैं, जो वहां निवास कर रहे है। जिनको परेशानी होगी। इसके अलावा लूणी नदी की जमीन भी इसी प्लांट के बीच में आ रही है। वहीं सबसे बड़ा नुकसान नेहड़ क्षेत्र के पशुपालकों को होगा। बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में पशुधन लेकर पशुपालक यहां आकर पशु चराते हैं, लेकिन जमीन पर प्लांट लगाने के बाद पशुपालकों के लिए जमीन नहीं बचेगी।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jalore/news/adani-group-asked-for-6-thousand-hectares-of-land-to-build-a-two-thousand-mw-cellar-park-130349143.html

Friday, 23 September 2022

चारागाह परेशान, भूमि पर अतिक्रमण से पशुओं के चारे की समस्या



सवाई माधोपुर प्रशासन की लापरवाही के कारण चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के कारण मवेशियों पर इसका असर पड़ रहा है. चारागाह सिकुड़ने से आवारा पशुओं के सामने चारे और पानी का संकट खड़ा हो गया है। यही वजह है कि शहर और कस्बे की सड़कों पर आवारा जानवर इधर-उधर मारने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक मामला बौंली तहसील के कराडी गांव में सामने आया है. यहां कुछ लोगों ने नाला, तलाई और चारागाह किस्म की करीब 800 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और खेती करने लगे। कराडी के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से इस 800 बीघा चारागाह, नाला व तलाई भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की. 

न्यूज़ क्रेडिट : aapkarajasthan


https://jantaserishta.com/local/rajasthan/pasture-disturbed-encroachment-on-land-problem-of-fodder-for-animals-1597256

चारागाह भूमि का आवंटन करने पर राजस्व सचिव और कलेक्टर से मांगा जवाब



जयपुर (Jaipur). राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि का आवंटन सामाजिक संस्था को करने पर राजस्व सचिव और जयपुर (Jaipur) कलेक्टर (Collector) सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश रवि कुमावत की जनहित याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने अदालत को बताया कि वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने तय किया था कि चारागाह भूमि का आवंटन अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद भी राज्य सरकार (State government) ने 25 अप्रैल 2011 को एक अधिसूचना जारी कर कलेक्टर (Collector) को भूमि आवंटन का अधिकार दे दिया. याचिका में कहा गया कि चारागाह भूमि समाप्त होने से इकोलॉजिकल बैंलेस बिगड जाएगा और बेजुबान पशुओं की मौत हो जाएगी. इसके अलावा कानूनन चारागाह भूमि का ना तो किसी को आवंटित किया जा सकता है और ना ही इसका नियमितीकरण या अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा सकता है. याचिका में कहा गया कि जिले के नरेना कस्बे की चारागाह भूमि पर एक सामाजिक संस्था ने कब्जा कर रखा है. वहीं अब इस भूमि को राज्य सरकार (State government) कब्जाधारी सामाजिक संस्था को आवंटित किया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री (Chief Minister) से लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को शिकायत भेजी गई है, लेकिन संस्था के दबाव में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार लगाई है कि इस अधिसूचना को निरस्त कर अब तक जितनी भी चारागाह भूमि की किस्म को बदला गया है, उसे वापस चारागाह में बदला जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

https://udaipurkiran.in/hindi/answer-sought-from-revenue-secretary-and-collector-on-allotment-of-pasture-land/

कलेक्टर के आदेश के बाद भी नहीं हट रहा अतिक्रमण, अब देना होगा जवाब


राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करने पर टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। 


राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करने पर टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश मालपुरा निवासी छीतर लाल शर्मा की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए अवमानना याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि टोंक जिले की मालपुरा उपखंड के धौला का खेड़ा गांव की करीब छह सौ बीघा से अधिक जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है। 

आपको बता दें कि विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने गत तीन जनवरी को याचिकाकर्ता को कहा था कि वह कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराए। 

वहीं अदालत ने पीएलपीसी को भी निर्देश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर दो माह में कार्रवाई करें. अवमानना याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से कलेक्टर के समक्ष इस संबंध में अपना अभ्यावेदन पेश किया जा चुका है। राजस्व अधिकारियों ने इस चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के बजाए फौरी तौर पर ही कार्रवाई की, जबकि आज भी यहां प्रभावशाली लोगों ने पक्का निर्माण कर कब्जा कर रखा है।  

साथ ही वहीं कुछ अतिक्रमी यहां अवैध खनन के साथ ही फसलों की बुआई भी कर रहे हैं. याचिकाकर्ता की ओर से कलेक्टर को कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन कलेक्टर ने उस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. ऐसे में कलेक्टर को अदालती आदेश की अवहेलना करने पर दंडित किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।  

मूल ऑनलाइन लेख - https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/jaipur/encroachment-is-not-being-removed-even-after-the-order-of-the-collector/1364388

Thursday, 22 September 2022

SDM ऑफिस पर किया प्रदर्शन, ग्रामीणों ने एसडीएम ऑफिस पर चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की


 

झालावाड़ जिले के पिडावा में ग्रामीणों ने चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. खरपाकला ग्राम पंचायत के कोलीखेड़ा गांव के लोगों ने गांव के ही कुछ लोगों द्वारा लगभग 150 बीघा चरागाह भूमि पर कब्जा कर लिया है और खेती कर ली है. इसकी जानकारी तहसीलदार को पहले भी दी गई थी, लेकिन अब तक चरागाह भूमि अतिक्रमण से मुक्त नहीं हुई है। इस पर सोमवार को ग्रामीण पिडावा पहुंचे और एसडीएम से अतिक्रमण हटाने की मांग की. 

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम खाता संख्या 158 के खसरा क्रमांक 127, 128, 129, 158, 238, 298, 335, 337, 339, 345, 346, 347 व 348 में 60.1847 हेक्टेयर पर चारागाह है. गांव के कुछ लोगों ने करीब 150 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है और खेती कर रहे हैं। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने पूर्व में तहसील को दी थी और अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन अब तक भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से जमीन का मुआयना किया और पुलिस बल की मदद से अतिक्रमण हटाकर चारों ओर खाई खोदने की मांग की. इस दौरान एसडीएम ने राजस्व विभाग से सर्वे कराकर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया.


https://jantaserishta.com/local/rajasthan/demonstration-at-sdm-office-villagers-demanded-removal-of-encroachment-from-pasture-land-at-sdm-office-1584771

गोचर व आबादी पर किया अतिक्रमण

जैसलमेर

September 20, 2022

लाठी. गांव में रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर व आबादी भूमि व ग्राम पंचायत भादरिया के लोहटा गांव के पास स्थित खसरा संख्या 34 में गोचर भूमि पर कुछ लोगों की ओर से अवैध रूप से कब्जा कर दिया गया है। जिससे मवेशी केे लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो रही है। गांव के रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर व आबादी भूमि तथा ग्राम पंचायत भादरिया के लोहटा गांव के पास खसरा संख्या 34 में चारागाह व आबादी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है। 
यहां अतिक्रमण करने वाले लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने से हौैसले बुलंद हो रहे है। यहां उनकी ओर से चारदीवारी निर्माण, कांटेदार बाड़ व आवास बना लिए गए है। चारागाह भूमि पर अतिक्रमण होने से मवेशी के लिए चारे की समस्या हो रही है। इस संबंध में ग्रामीणों की शिकायत पर गांव के रेलवे स्टेशन के पास अतिक्रमणों को 7 सितंबर को चिन्हित कर अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए थे तथा 3 दिन में स्वैच्छा से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। अंतिम नोटिस के 13 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक अतिक्रमणों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, न ही लोगों ने स्वैच्छा से अतिक्रमण हटाए है। जिससे सरकार की लाखों रुपए की कीमती भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है।

हटाए जाएंगे अतिक्रमण
ग्राम पंचायत भादरिया के खसरा संख्या 34 में की गई अतिक्रमण को लेकर भू-राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत मामला दर्ज कर लिया हैै। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। लाठी गांव में किए गए अतिक्रमण को लेकर जांच करवाई जा रही है।
- राजेशकुमार विश्रोई, उपखंड अधिकारी, पोकरण
गोचर व आबादी पर किया अतिक्रमण
गोचर व आबादी पर किया अतिक्रमण

https://www.patrika.com/jaisalmer-news/encroachment-on-transit-and-population-7780496/

केसरपुरा गांव की चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण।


ByRameshwar Lal

Sep 20, 2022

कोटडी। 

उपखंड क्षेत्र की पारोली पंचायत के केसरपुरा गांव की चारागाह भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायत पर उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर ने हाथों-हाथ चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जिसमें अतिक्रमियो में खलबली मच गई. जानकारी के अनुसार केसरपुरा ग्राम के चारागाह भूमि में अतिक्रमियों ने करीब 300 बीघा चरागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कटीली झाड़ियां डालकर खेत बनाकर फसल बोने की फिराक में थे. 

मामले को लेकर पूर्व में भी केशरपुरा ग्रामीणों ने शिकायत की थी लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. मामले को लेकर सोमवार दोपहर को केसरपुरा गांव के लोगों ने कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंदसिंह भीचर को ज्ञापन देकर चारागाह भूमि पर अतिक्रमण और अवैध अतिक्रमण को हटाने जाने की मांग की.

ग्रामीणों की मांग पर तत्काल संज्ञान लेते हुए कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर स्वयं मौके पर पहुंचे तथा पंचायत प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मदद से देर शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भीचर ने बताया कि हर साल अतिक्रमण कारी कटीली झाड़ियां डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा करने के साथ ही चारागाह में अतिक्रमणकारी फसल बुवाई करते आ रहे हैं 

ऐसे में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए 4 जेसीबी की मदद से 2 किलोमीटर एरिया में भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया अधिकारी ने कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी वहीं शेष रही चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने आगे भी अभियान जारी रहेगा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी गोविंदसिंह भींचर थाना अधिकारी सरवर खान विकास अधिकारी हरिराम सरपंच विमला देवी संचेती तय लोग एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

https://jaipurtimes.org/rajasthan/bhilwada-rajasthan/encroachment-removed-from-pasture-land-of-kesarpura-village/

चरागाह व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण:चरागाह व सरकारी भूमि पर कब्जे, गायों को दफनाने के लिए जगह नहीं

 सवाई माधोपुर

चौथ का बरवाड़ा गांव में सरकारी भूमि पर लोगों के अतिक्रमण एवं कब्जे होने से सरपंच परेशान है। गायों में फैली लंपी बीमारी के चलते बड़ी संख्या में उनकी मौत हो रही है। प्रशासन द्वारा उनको दफनाने के लिए ग्राम पंचायतों को आदेश दिए जा रहे हैं, लेकिन गांव में कोई भी चरागाह या सरकारी जमीन खाली नहीं होने से स्थिति गंभीर हो गई है। किसी के खेत या अन्य स्थान पर गायों को दफनाने के कारण विवाद की स्थिति भी देखने को मिली है। ऐसे में सरपंच संघ ने तहसीलदार एवं विकास अधिकारी के सामने इस समस्या के समाधान करने पर ही गायों के अंतिम संस्कार होने की बात कही है। 

सरपंच संघ अध्यक्ष विमल कुमार मीणा के नेतृत्व में सभी पंचायतों के सरपंचों ने तहसीलदार एवं विकास अधिकारी के सामने इस पीड़ा को जाहिर किया। सरपंच संघ अध्यक्ष विमल कुमार मीणा ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड में चरागाह तथा सरकारी भूमि काफी मात्रा में दर्ज है। मगर मौके पर स्थिति कुछ और है। इस समय बीमारी के कारण गायों को दफनाने के लिए सरकार द्वारा आदेश दिए जा रहे हैं। सरपंच संघ का कहना है कि जब उनके पास कोई सरकारी भूमि खाली ही नहीं है तो वह गायों को कहां दफनाए। 

यह समस्या चौथ का बरवाड़ा की सभी 23 ग्राम पंचायतों में व्याप्त है। चौथ का बरवाड़ा सरपंच सीता सैनी ने कहा कि प्रशासन द्वारा पहले सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हटाकर उसे पंचायतों को संभलाना चाहिए। इसके बाद ही गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था हो सकेगी। दूसरी ओर कई स्थानों पर गायों को खुले में फेंकने की मजबूरी देखने को मिल रही है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/occupation-of-pasture-and-government-land-no-place-to-bury-cows-130341166.html

Wednesday, 21 September 2022

चारागाह व सरकारी जमीन पर कब्जा

सवाई माधोपुर चौथ का बरवाड़ा गांव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण व लोगों के कब्जे से सरपंच परेशान है. गायों में गांठ रोग फैलने के कारण बड़ी संख्या में इनकी मृत्यु हो रही है। प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दफनाने का आदेश दिया जा रहा है, लेकिन गांव में कोई चारागाह या सरकारी जमीन नहीं होने के कारण स्थिति गंभीर हो गई है।किसी के खेत या अन्य स्थान पर गायों को दफनाने को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में सरपंच संघ ने कहा है कि गायों का अंतिम संस्कार तहसीलदार और विकास अधिकारी के सामने इस समस्या का समाधान कर ही किया जाए। सरपंच संघ के ।अध्यक्ष विमल कुमार मीणा के नेतृत्व में सभी पंचायतों के सरपंचों ने तहसीलदार और विकास अधिकारी के सामने यह दर्द बयां किया।

सरपंच संघ के अध्यक्ष विमल कुमार मीणा ने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड में चारागाह और सरकारी जमीन पर्याप्त मात्रा में दर्ज है। लेकिन मौके पर स्थिति अलग है। इस समय सरकार की ओर से बीमारी के चलते गायों को दफनाने के आदेश दिए जा रहे हैं। सरपंच संघ का कहना है कि जब उनके पास कोई खाली सरकारी जमीन नहीं है तो वे गायों को कहां दफनाएं। चौथ का बरवाड़ा की सभी 23 ग्राम पंचायतों में यह समस्या व्याप्त है। चौथ के बड़वारा सरपंच सीता सैनी ने कहा कि प्रशासन पहले सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाकर पंचायतों की सुध ले. इसके बाद ही गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाएगी। वहीं कई जगह गायों को खुले में फेंकने की मजबूरी है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://jantaserishta.com/local/rajasthan/grassland-and-government-land-capture-1587570


Tuesday, 20 September 2022

गोचर व आबादी पर किया अतिक्रमण


लाठी। गांव में रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर व आबादी भूमि व ग्राम पंचायत भादरिया के लोहटा गांव के पास स्थित खसरा संख्या 34 में गोचर भूमि पर कुछ लोगों की ओर से अवैध रूप से कब्जा कर दिया गया है। जिससे मवेशी केे लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो रही है। गांव के रेलवे स्टेशन के पास स्थित गोचर व आबादी भूमि तथा ग्राम पंचायत भादरिया के लोहटा गांव के पास खसरा संख्या 34 में चारागाह व आबादी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है। यहां अतिक्रमण करने वाले लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होने से हौैसले बुलंद हो रहे है। यहां उनकी ओर से चारदीवारी निर्माण, कांटेदार बाड़ व आवास बना लिए गए है। चारागाह भूमि पर अतिक्रमण होने से मवेशी के लिए चारे की समस्या हो रही है। इस संबंध में ग्रामीणों की शिकायत पर गांव के रेलवे स्टेशन के पास अतिक्रमणों को 7 सितंबर को चिन्हित कर अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए थे तथा 3 दिन में स्वैच्छा से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। अंतिम नोटिस के 13 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक अतिक्रमणों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, न ही लोगों ने स्वैच्छा से अतिक्रमण हटाए है। जिससे सरकार की लाखों रुपए की कीमती भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है।

हटाए जाएंगे अतिक्रमण

ग्राम पंचायत भादरिया के खसरा संख्या 34 में की गई अतिक्रमण को लेकर भू-राजस्व अधिनियम की धारा 91 के तहत मामला दर्ज कर लिया हैै। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। लाठी गांव में किए गए अतिक्रमण को लेकर जांच करवाई जा रही है।

– राजेशकुमार विश्रोई, उपखंड अधिकारी, पोकरण।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/jaisalmer-news/encroachment-on-transit-and-population-7780496

जहाजपुर: पुलिस की कार्रवाई, 150 बीघा चारागाह भूमि से हटाया अतिक्रमण

 मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी।

पारोली पंचायत क्षैत्र के बालापुरा के सरपुरा गांव की सरहद में स्थित चरागाह भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायत पर देर से ही सही, लेकिन उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने हाथों-हाथ चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की है, जिससे अतिक्रमण में खलबली मच गई है. जानकारी के अनुसार बालापुरा-केसरपुरा गांव के चरागाह भूमि में अतिक्रमियों ने करीबन 300 बीघा चारागाह भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर कटीली झाड़ियां डालकर खेत बनाकर फसल बोने की फिराक में थे।

मामले को लेकर पूर्व में भी ग्रामीण में शिकायत की थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई थी. मामले को लेकर को केसरपुरा गांव के लोगों ने कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर को ज्ञापन देकर चरागाह भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की मांग की। ग्रामीणों की मांग पर तत्काल प्रसंज्ञान लेते हुए कोटडी उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर स्वयं मौके पर पहुंचे और पंचायत प्रशासन और स्थानीय पुलिस की मदद से देर शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने बताया कि हर साल अतिक्रमण कारी कटीली झाड़ियां डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा कर जमीन बढ़ा लेते हैं।

साथ ही केसरपुरा बालापुरा की चरागाह अतिक्रमणकारी फसल बोने की फिराक में थे ऐसे में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए चार जेसीबी की मदद से 2 किलोमीटर एरिया में फैले करीबन 130 बीघा चरागाह भूमि को पहले दिन अतिक्रमण मुक्त किया गया है। उपखंड अधिकारी भींचर ने कहा कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं शेष रही चरागाह भूमि को जल्द अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु उनकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

बता दें कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर, पारोली थाना अधिकारी सरवर खान, कार्यवाहक विकास अधिकारी हरिराम, सरपंच विमला देवी संचेती, उपसरपंच लादू लाल कीर, पटवारी लक्ष्मण बेरवा सहित पुलिस और स्थानीय पंचायत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/bhilwara/police-action-and-encroachment-removed-from-150-bigha-pasture-land/1359774

150 बीघा चारागाह जमीन पर अतिक्रमण का विरोध: ग्रामीणों ने SDM ऑफिस पर किया प्रदर्शन, प्रशासन से की जमीन खाली कराने की मांग

झालावाड़ जिले के पिड़ावा में ग्रामीणों ने चारागाह जमीन से अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। खारपाकला ग्राम पंचायत के कोलीखेड़ा गांव के लोगों ने गांव के कुछ लोगों ने करीब 150 बीघा चारागाह जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है और खेती कर रखी है। इसको लेकर पहले भी तहसीलदार को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक चारागाह जमीन अतिक्रमण मुक्त नहीं हुई है। इस पर सोमवार को ग्रामीण पिड़ावा पहुंचे और एसडीएम से अतिक्रमण हटाने की मांग की।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव की खाता संख्या 158 की खसरा नम्बर 127, 128, 129, 158, 238, 298, 335, 337, 339, 345, 346, 347 व 348 रकबा 60.1847 हेक्टेयर पर चारागाह जमीन दर्ज है। गांव के ही कुछ लोगों ने इस जमीन में से करीब 150 बीघा जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है और खेती कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसको लेकर पहले भी तहसील को जानकारी दी और अतिक्रमण हटाने की मांग की, लेकिन अब तक जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से जमीन का निरीक्षण कर पुलिस जाब्ते के सहयोग से अतिक्रमण हटवाने और चारों तरफ खाई खुदवाने की मांग की। इस दौरान एसडीएम ने राजस्व विभाग से सर्वे कराने के बाद अतिक्रमण हटाए जाने का आश्वासन दिया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/news/villagers-demonstrated-at-sdm-office-demanded-from-the-administration-to-vacate-the-land-130336071.html

Monday, 19 September 2022

अतिक्रमण का मामला: वीरपुर में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप

जिले के बिलड़ी ग्राम पंचायत के वीरपुर गांव में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला सामने आया है। गांव के कलेक्टर काे मामले से अवगत कराया है। गांव के 6 लाेगाें की तरफ से चारागाह भूमि पर अतिक्रमण किया जाता है। सांठ गांठ कर अवैध रुप से पेनल्टी भी शुरू करवा दी है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

वीरपुर निवासी जयंति, धनराज, छगन, माेगजी व बालकृष्ण ने कलेक्टर काे शिकायत रिपाेर्ट देकर बताया कि वीरपुर में स्कूल के पास चारागाह भूमि है। स्कूल के पीछे तथा स्कूल के आसपास चारागाह भूमि पर गांव के गाैतम, रमेश, कांति, पूंजा, रामा, पेमा ने जबरन कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है। आराेप लगाया है कि चारागाह भूमि के लिए अन्य लोगों से रुपया पैसा हड़प कर विक्रय कर कब्जा करवा रहे हैं इसलिए इसे हटवाना जरूरी है।

चारागाह भूमि पर कुछ लोगों ने कर्मचारियों से मिलकर सांठगांठ कर अवैध रूप से पेनल्टी भी चालू करवा दी है। वहीं, ग्राम पंचायत की भूमिका पर भी सवाल उठाएं। इस दाैरान जयंतीलाल, पप्पू ननोमा, करण सिंह, मोगा, लालचंद, शांतिलाल, दिनेश, मुकेश, सुनील, मगन, संजय, राजेश, बालकृष्ण, कमलेश, लक्ष्मण, विशाल, विनोद, धनराज समेत अन्य ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दिया है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/news/alleged-encroachment-on-pasture-land-in-virpur-130324910.html

Sunday, 18 September 2022

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कस्बा बंद: चेचट में व्यापारियों ने स्वैच्छिक बंद रखी दुकानें, लंपी वायरस के चलते चारागाह भूमि को मुक्त करवाने की मांग


गौवंशो में लंपी स्कीन डिजीज को देखते हुए क्षेत्र की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर रामगंजमंडी उपखंड का चेचट कस्बा गुरुवार को पूर्णरूप से बंद रहा, जिसमें व्यापारियों ने सुबह से ही प्रतिष्ठानों को बंद रख कर कस्बा बंद का समर्थन किया, जिसमें कस्बे में दिन भर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

वहीं बस स्टैंड पर व्यापारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों इक्कठे हुए। चारागाह भूमि को गौवंशो के लिए मुक्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी कर नायब तहसीदार कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन भी सौपा। गौरतलब है कि ग्रामीणों ने बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम चारागाह भूमि को मुक्त करवाने की मांग पर ज्ञापन सौंपा था और कस्बा बंद का आवाह्न किया, जिसपर व्यापारियों और ग्रामीणों की एकजुटता के साथ कस्बे बंद रहा।

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीणों का कहना है की लंपी बीमारी से गौवंशों की बात हो रही है, जिसका कारण है पंचायत क्षेत्र में तकरीबन 830 बीघा चारागाह भूमि है। इसमे से 450 बीघा भूमि पर कोटा स्टोन लीज बनी हुई है। वहीं शेष 380 बीघा भूमि खुर्दबुर्द हो रही है, जिस पर लीज के पत्थरों के टीले बने हुए है। ऐसे में 380 बीघा भूमि को समतल कर टीले हटाए जाएं, ताकि गौवंशों के देखरेख का उचित स्थान बन सके। भूमि पर पेड़ पौधे लगाकर गौवंशो के रहन का वातावरण बना सके। इस दौरान जिला परिषद उप जिला प्रमुख कृष्ण गोपाल अहीर, हंसराज रायका, पूर्व प्रधान दिनेश भंडारी, गौरीशंकर महात्मा आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/kota/ramganj-mandi/news/traders-voluntarily-closed-shops-in-chechat-demanding-to-free-pasture-land-due-to-lumpy-virus-130319416.html

Thursday, 15 September 2022

अतिक्रमण कर फसल पैदावार पर चला बुलडोजर: 60 बीघा चरागाह भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा था, खड़ी तिल, बाजरा की फसल पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया

महिलाओं ने कई बार अतिक्रमण हटाने का किया विरोध, पुलिस ने डांट फटकार लगाकर खदेड़ा

कुड़गांव सपोटरा उपखंड की बालोती ग्राम पंचायत के पास स्थित चारागाह एवं गैर मुमकिन भूमि पर पिछले कई वर्षों से लोगों द्वारा अतिक्रमण कर फसल पैदावार की जा रही थी जिसकी जिला प्रशासन से ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर 60 बीघा सरकारी भूमि पर खड़ी तिल एवं बाजरा की फसल को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस सुरक्षा के बीच बुलडोजर चलाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया।

सपोटरा उपखंड अधिकारी अनुज भारद्वाज तहसीलदार हरसहाय मीणा ने बताया कि उपखंड के बालोती गांव के पास स्थित करीब 60 बीघा चरागाह एवं गैर मुमकिन भूमि पर पिछले 10 वर्षों से अतिक्रमण कारियों ने अतिक्रमण कर फसल पैदावार की जा रही थी। जिसकी ग्रामीणों की ओर से जिला प्रशासन से की गई शिकायत पर जिला प्रशासन के निर्देशन में अतिक्रमण की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार 11 बजे के लगभग प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस प्रशासन बालोती गांव पहुंचा। जहां सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर पैदा की तिल, बाजरा फसल को 5 घंटे तक लगातार बुलडोजर एवं कई ट्रैक्टर चला कर नष्ट किया गया। इस दौरान अतिक्रमण कारी परिवारों की महिलाओं ने कई बार कार्रवाई का विरोध प्रकट किया ।जिस पर मौजूद महिला पुलिस कर्मियों ने महिलाओं को मौके से हटाकर कार्रवाई को सुचारू कराया। सुबह 11 बजे से अतिक्रमण की कार्रवाई प्रशासन ने शुरू की ओर देर शाम 5 बजे तक चलती रही।

प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाने की इस 5घंटे की लंबी कार्रवाई के बाद 60 बीघा भूमि पर खड़ी तिल बाजरा की फसल ट्रैक्टर एवं बुलडोजर चलाकर सरकारी चारागाह एवं गैर मुमकिन भूमि को दबंग अतिक्रमणकारियों के कब्जे से अतिक्रमण मुक्त किया गया। इस दौरान उपखंड अधिकारी अनुज भारद्वाज, तहसीलदार हरसहाय मीणा, गिरदावर नरोत्तम मीना, नूरदीन खान, पटवारी राजेश कुमार मीणा, भूर सिंह मीणा एवं कुड़गांव, सपोटरा, कैला देवी थाना पुलिस एवं करौली आरएसी पुलिस सुरक्षा बल मौजूद रहा।

सरकारी चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कारियों द्वारा फसल पैदावार कर किए गए अतिक्रमण को प्रशासन की और से ट्रैक्टर एवं बुलडोजर चलाकर कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद अतिक्रमण कारियों ने पैदावार को नष्ट होते देख प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करने के भी आरोप लगाए।

बालोती गांव में 60 बीघा चरागाह भूमि पर अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई से पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो इसको लेकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में सैकड़ों से अधिक आरएसी जवान एवं तीन थानों की पुलिस सुरक्षा बल मुस्तैद रहा।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/news/dabangs-had-occupied-60-bighas-of-pasture-land-the-administration-got-bulldozers-started-on-standing-sesame-millet-crops-130312398.html

3 कार्यालयों के लिए निशुल्क भूमि का किया आवंटन

भरतपुर। 

जिला कलक्टर आलोक रंजन ने आदेश जारी कर तीन राजकीय कार्यालयों हेतु निशुल्क भूमि का आवंटन किया है।

जिला कलक्टर रंजन ने पंचायत समिति नगर के ग्राम जगडका स्थित आराजी खसरा नंबर 264 रकबा 0.55 हैक्टेयर किस्म गैरमुमकिन खलियान में से 0.46 हैक्टेयर भूमि राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगडका के भवन निर्माण एवं खेल मैदान के लिये निशुल्क आवंटित की है।

इसी प्रकार तहसील भरतपुर की ग्राम पंचायत रामपुरा के ग्राम रामपुरा स्थित आराजी खसरा नंबर 52 रकबा 0.07 हैक्टेयर किस्म गैरमुमकिन सिवायचक भूमि को जल जीवन मिशन परियोजना के अन्तर्गत ग्राम रामपुरा में उच्च जलाशय के निर्माण हेतु अधिशाषी अभियंता पीएचईडी विभाग को निशुल्क आवंटित की है।

इसी प्रकार पंचायत समिति बयाना के ग्राम हरनगर स्थित आराजी खसरा नंबर 326 रकबा 1.09 हैक्टेयर में से 0.30 हैक्टेयर किस्म चारागाह भूमि को महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय निर्माण के लिये निशुल्क आवंटित की है साथ ही चारागाह की क्षतिपूति के लिए ग्राम कनावर स्थित खसरा नंबर 755 रकबा 0.25 हैक्टेयर में से 0.05 हैक्टेयर, खसरा नंबर 997 रकबा 0.11 हैक्टेयर में से 0.10 हैक्टेयर, खसरा नंबर 998 रकबा 0.15 हैक्टेयर कुल किता-3 रकबा 0.30 हैक्टेयर किस्म सिवायचक भूमि को चारागाह में दर्ज किये की स्वीकृति प्रदान की है। 

https://aimamedia.org/newsdetails.aspx?com=yes&nid=140420

Wednesday, 14 September 2022

चारागाह भूमि में खनन करने का टोडा ग्रामवासियों ने किया विरोध

ByRameshwar Lal

Sep 13, 2022 




पूर्व में भी इसी भूमि पर खनन को लेकर हुआ था भारी विरोध

पाटन,(निंस)। नीमकाथाना के टोडा ग्राम पंचायत में नीमकाथाना टोडा सड़क मार्ग से मात्र 20 मीटर की दूरी पर चारागाह भूमि पर खनन कार्य चल रहा है।इस खनन कार्य का ग्राम वासी शुरू से ही विरोध करते आए है। मिली जानकारी अनुसार 2008 में खनन मालिकों और ग्रामवासियों में चारागाह भूमि खसरा नंबर 225, 231 और 232 पर खनन कार्य करने को लेकर संघर्ष हुआ था। जिसका मामला भी कोतवाली सदर के दर्ज हुआ था। 2008 से लेकर अभी तक 14 साल से उक्त जगह कोई खनन कार्य नही किया गया था। लेकिन कुछ दिनों से खनन मालिक असामाजिक तत्वों का डेरा वहां डाल कर खनन कार्य चालू कर रहे है। जिससे ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त चारागाह भूमि में ग्रामीणों के श्मशान और माता का मंदिर भी स्थापित है। 

टोडा पोलिस चौकी के लिए भी उक्त चारागाह भूमि में ही जमीन आवंटित की गई है। मंगलवार को टोडा ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर उक्त खनन कार्य तुरंत बंद करवाने मांग की है। ग्रामीणों ने बताया की ग्रामवासियों द्वारा पुन विरोध किए जाने पर खनन माफियाओं के बदमाशों के साथ झड़प हो सकती है और कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है। ग्रामवासीयों ने माइनिंग इंजिनियर सीकर से भी मिलकर उक्त समस्या से अवगत करवाया है। ज्ञापन देने वालों में करतार सिंह टोडा, सीताराम यादव सरपंच, पुरण सिंह, माल सिंह, हरिसिंह, जयमल गुर्जर, लक्ष्मण सिंह, हनुमान गुर्जर, रोहिताश वर्मा, महताब सिंह, दान सिंह, शेर सिंह, जीतू सिंह, केसर सिंह, कबूल सिंह, सतवीर वर्मा, माडूराम वर्मा, कप्तान सिंह सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

https://jaipurtimes.org/rajasthan/sikar/toda-villagers-protest-against-mining-in-pasture-land/


Tuesday, 13 September 2022

मुश्किल में कटकड के सैंकड़ों परिवार:65 साल बाद जमीन को बताया चारागाह भूमि, नोटिस के खिलाफ लामबंद हुए ग्रामीण

 हिंडौन

हिंडौन के पास कड़कड़ की पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे 200 से अधिक परिवारों को आबादी क्षेत्र से चरागाह भूमि बनाकर 30 परिवारों को बेदखली का नोटिस दिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने मंगलवार को उपखंड अधिकारी अनूप सिंह को ज्ञापन दिया है। कटकड के ग्रामीण अजीत जैन, हरिचरण शर्मा, महावीर जैन, गणपत लाल शर्मा, गिर्राज गौड़, मुकुट बिहारी शर्मा, मोहनलाल जगदीश प्रसाद, रामप्रसाद आदि ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होने बताया कि गंभीर नदी में आई बाढ़ से विस्थापित पुराने कस्बे आबादी क्षेत्र में पंचायत द्वारा बसाया गया था। आबादी क्षेत्र होने के कारण पंचायत ने दूसरे परिवारों को आवासीय पट्टे जारी किए।

65 साल से रह रहे लोग
करीब 65 साल से क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की नई सेटलमेंट के दौरान आबादी क्षेत्र को चरागाह भूमि इंद्राज किया है। जबकि इस आबादी क्षेत्र में 200 से अधिक परिवार और बीपीएल परिवारों के इंदिरा आवास, सरकारी विभागों कार्यालय, जलदाय विभाग की उच्च जलाशय की टंकी आदि बने हुए हैं। पटवारी द्वारा सेटलमेंट में आबादी भूमि को चरागाह भूमि में परिवर्तन करने से लोगों में रोष है। इसको लेकर के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी अनूप सिंह को ज्ञापन देकर आबादी क्षेत्र एवं पंचायत द्वारा जारी किए आवासीय पट्टा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

SDM ने दिया आश्वासन
ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को बताया कि तहसील प्रशासन द्वारा 30 से अधिक परिवारों को बेदखली का नोटिस दिया है। पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे लोगों ने चेतावनी दी है कि किसी भी कीमत में आबादी क्षेत्र में बने आशियाना को उजड़ने नहीं देंगे। उपखंड अधिकारी अनूप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पुरानी आबादी क्षेत्र में बसे परिवारों को कोई नुकसान नहीं होने दिए जाने का आश्वासन दिया है।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/hindaun/news/after-65-years-the-land-was-told-the-pasture-land-the-villagers-mobilized-against-the-notice-130311920.html