Friday 23 September 2022

अडानी ग्रुप ने मांगी 6 हजार हेक्टेयर जमीन दो हजार मेगावाट का साेलर पार्क बनाएंगे

जालोर

लेखक: धर्मेन्द्र नाथावत

काम शुरू होने पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा

चितलवाना क्षेत्र के रणखार इलाके में 6 हजार हेक्टेयर जमीन अडानी ग्रुप को देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए अडानी ग्रुप के मांग पत्र पर प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजाो है। इस जमीन पर 2000 मेगावाट का साेलर पार्क विकसित होगा। यह जमीन ग्राम भाटकी, शिव शंकर नगर, मंडाली, जोरादर, कुकड़िया एवं आकोडिया में दी जाएगी। इस इलाके में काफी चारागाह भूमि है। ऐसे में हाईकोर्ट जोधपुर के निर्णय अब्दुल रहमान बनाम सरकार के अनुसार प्रतिबंधित भूमि को इसमें शामिल नहीं किया है।

ऐसे में आवंटन योग्य जमीन को प्रस्ताव में शामिल किया है। जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप एआरईपीआरएल की ओर से 23 नवंबर 2021 को सोलर पार्क विकसित करने के लिए चितलवाना में 6000 हेक्टेयर भूमि आवंटन का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों की मानंे तो जमीन आवंटन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इधर, अडानी ग्रुप को जमीन आवंटन के बाद सांचौर-चिलवाना उपखंड में बड़ी योजनाओं के लिए जमीन नहीं बचेगी। सांचौर क्षेत्र में पहले ही 7800 हेक्टेयर जमीन रणखार कंजर्वेशन के लिए आरक्षित की गई है।

सूखा बंदरगाह पर संशय: चौबीस साल पहले सर्वे, योजना को नहीं लगे पंख
जानकारी के अनुसार सांचौर-चितलवाना उपखंड के गुजरात सीमा क्षेत्र में भवातड़ा सूखा बंदरगाह को लेकर 1998 में सर्वे किया गया था। बड़े स्तर पर कई बैठकें भी हुई। अब अडानी ग्रुप को जमीन देने की तैयारी से क्षेत्र में सूखे बंदरगाह को लेकर संशय बन गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि जिले में जिस क्षेत्र में सर्वे हुआ। उस जमीन से 7800 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को पहले ही दे दी गई। जबकि अब 6 हजार अडानी ग्रुप को देने की तैयारी है।

फायदा : स्थानीय लोगों को मिल सकेगा रोजगार
अडाणी ग्रीन द्वारा लगने वाले 2 हजार मेगावाॅट सोलर प्लांट से बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोेजगार के रास्ते खुलेंगे। अडाणी ग्रीन के स्थानीय अधिकारी प्रभात श्रीवास्तव का कहना है कि लोगों को रोजगार मिलेगा, हालांकि कितने लोगों को मिलेगा, अभी नहीं बता सकेंगे। इस लवणीय जमीन में अडाणी पावर सोलर प्लांट लगाएगा। जिसमें सभी कार्य स्थानीय वर्करों से ही करवाया जाएगा।

सूखा बंदरगाह योजना में वाटर-वे बनाकर जहाज यहां तक लाना था गुजरात के कोरीक्रीके से सांचौर के भवातड़ा तक वाटर वे बनना था। जिसमें नहर की तरह रास्ता बनाकर पानी कच्छ जिले के कोरीक्रीके से लेकर गुजरात की सीमा पर बसे भवातड़ा रणखार गांव तक लाया जाना था। इसमें कच्छ ब्रिज से भवातड़ा तक पानी लाने 350 किलोमीटर की लंबी व 300 मीटर चौड़ाई एवं 50 मीटर गहराई की नहर बनाकर पानी भवातड़ा तक लाने की योजना थी। उसी वॉटर वे के अंदर सामान से भरे जहाज यहां तक आते। लेकिन योजना को पंख नहीं लग सके।

प्लांट के लिए 6 हजार हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव
चितलवाना तहसील 2013 में बनी है। उसके बाद यहां से सुखा बंदरगाह के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अडानी पावर को सोलर प्लांट के लिए 6000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा रही है। इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है। -रायमलराम, तहसीलदार चितलवाना

प्राेजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया
भवातड़ा में सूखा बंदरगाह बनना था। केंद्र व राज्य सरकार के बीच डीपीआर पर चर्चा हुई थी। बाद में दिल्ली की एक कंपनी से प्री फिजिबिलिटी सर्वे भी होना था, लेकिन बाद में किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। यह प्रोजेक्ट अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया। -देवजी एम पटेल, सांसद, जालोर-सिरोही

यह नुकसान भी
काफी जमीन निजी खातेदारों की प्लांट की प्रस्तावित जमीन के बीच में आ रही है। उन खातेदारों को आवागमन सहित अन्य प्रकार की परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार काफी खातेदार ऐसे हैं, जो वहां निवास कर रहे है। जिनको परेशानी होगी। इसके अलावा लूणी नदी की जमीन भी इसी प्लांट के बीच में आ रही है। वहीं सबसे बड़ा नुकसान नेहड़ क्षेत्र के पशुपालकों को होगा। बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में पशुधन लेकर पशुपालक यहां आकर पशु चराते हैं, लेकिन जमीन पर प्लांट लगाने के बाद पशुपालकों के लिए जमीन नहीं बचेगी।

https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jalore/news/adani-group-asked-for-6-thousand-hectares-of-land-to-build-a-two-thousand-mw-cellar-park-130349143.html

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