राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करने पर टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं करने पर टोंक कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को अवमानना के कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश मालपुरा निवासी छीतर लाल शर्मा की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए अवमानना याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि टोंक जिले की मालपुरा उपखंड के धौला का खेड़ा गांव की करीब छह सौ बीघा से अधिक जमीन पर प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर रखा है।
आपको बता दें कि विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने गत तीन जनवरी को याचिकाकर्ता को कहा था कि वह कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराए।
वहीं अदालत ने पीएलपीसी को भी निर्देश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर दो माह में कार्रवाई करें. अवमानना याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से कलेक्टर के समक्ष इस संबंध में अपना अभ्यावेदन पेश किया जा चुका है। राजस्व अधिकारियों ने इस चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के बजाए फौरी तौर पर ही कार्रवाई की, जबकि आज भी यहां प्रभावशाली लोगों ने पक्का निर्माण कर कब्जा कर रखा है।
साथ ही वहीं कुछ अतिक्रमी यहां अवैध खनन के साथ ही फसलों की बुआई भी कर रहे हैं. याचिकाकर्ता की ओर से कलेक्टर को कई बार शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन कलेक्टर ने उस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. ऐसे में कलेक्टर को अदालती आदेश की अवहेलना करने पर दंडित किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
मूल ऑनलाइन लेख - https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/jaipur/encroachment-is-not-being-removed-even-after-the-order-of-the-collector/1364388
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