Tuesday, 29 October 2024

प्रशासन नहीं हटा रहा चरागाह भूमि से अतिक्रमण

अजमेर जिले के अंराई उपखंड के गांव कटसूरा में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है । ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में मैंने अजमेर पहुंचकर संभागीय आयुक्त को शिकायत दी है।

अजमेर न्यूज़ !!! अजमेर जिले के अंराई उपखंड के गांव कटसूरा में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में मैंने अजमेर पहुंचकर संभागीय आयुक्त को शिकायत दी है।

कटसूरा निवासी भंवर लाल पुत्र मांगी लाल जाट ने संभागीय आयुक्त को दी शिकायत में बताया- ग्राम कटसूरा तहसील अंराई में कई लोगों ने चारागाह भूमि पर अवैध कब्जा कर चारागाह भूमि पर खड़ंजे बना लिए हैं। इसकी शिकायत उपखण्ड अधिकारी अंराई एवं तहसीलदार अंराई एवं जिला कलक्टर को की गई, जिस पर सतर्कता समिति का गठन किया गया। उपखण्ड अधिकारी अंराई एवं तहसीलदार श्री अंराई को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। इसके बाद 1500 बीघे जमीन से अतिक्रमण हटाया गया।

अतिक्रमण हटने के बाद भी कुछ अतिक्रमणकारी इस जमीन पर काबिज हैं और कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं. जब उससे कब्जा हटाने को कहा गया तो उसने गोली मारकर हत्या करने की धमकी दी। तब से उनका जीवन लम्बा हो गया। वह गौ रक्षा एवं मूक पशुओं के लिए गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाना चाहते हैं और गौ एवं पशुओं की रक्षा के लिए धार्मिक कार्य कर रहे हैं। अतिवादियों के प्रभाव के कारण कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए अतिक्रमण हटाया जाए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://samacharnama.com/city/ajmer/administration-is-not-removing-encroachments-from-grazing/cid15618799.htm


Friday, 25 October 2024

पंचायत समिति सभागार जैसलमेर में शामलात की पुन

जैसलमेर । पंचायत समिति सभागार जैसलमेर में शामलात की पुनःस्थापना के लिए जिला परिषद जैसलमेर, आईटीसी मिशन सुनहरा कल, बंजर भूमि एवं  चारागाह बोर्ड फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के सयुक्त तत्वाधान में सयुक्त क्षमतावर्धन के लिए पंचायत समिति जैसलमेर के सभागार में शुक्रवार को एक दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया । 

इस दौरान नरेगा के वार्षिक कार्य योजना 2025 -26 की योजना बनाने के लिया महात्मा गाँधी नरेगा योजना के तहत ग्राम सभा में  चारागाह भूमि पर प्रस्ताव लेने पर चर्चा करने  के लिए  सहायक अभियंता चंपालाल ने कहा कि जैसलमेर में बंजर भूमि पर चारागाह  विकास की विपुल संभावनाएं है। इसलिये इस दिशा में इनको कार्य करने की बहुत ही आवश्यकताएं है। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से चारागाह विकास के कार्य वर्ष 2025- 26 से प्लान जुडाकर आवे। जिसमें हम सबकी भूमिका महत्वपूर्ण है। जैसलमेर जिला पशु बाहुल्य क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में  एफ ई एस के विषय विशेषज्ञ द्वारा जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उसको गहनता से समझ कर हमें धरातल पर इसकी सार्थकता को साबित करना है।

प्रशिक्षण के अवसर पर एफ ई एस से क्षेत्रीय  समन्वयक संतोष कुमारी ने त्रिस्तरीय  बंजर भूमि एवं चारागाह विकास समिति पर चर्चा करते हुए नियमित  बैठके करने की जरूरत है। इसमें जिले स्तर पर हर तीन महीने मंथन होना चाहिए । उन्होंने प्रशासन को नियमित जुड़कर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने नरेगा से भू वन ऐप ओर नरेगा की तकनीकी कार्य पर प्रशिक्षण दिया गया।  मघाराम कड़ेला ने पिछले तीन वर्ष से शामलात पर क्षमतावर्धन कार्यक्रम  सयुक्त प्रयास का ब्यौरा बताया गया। जिसमें सरकार और जन समुदाय के प्रयास को भी बताया गया। जिसमें पंचायतीराज 1996 के नियम 170 (1) के तहत चारागाह विकास समितियों को सुदृढिकरण की ज़रूरत पर प्रकाश डाला गया।

इस मौके पर एफ ई एस से फूली देवी ने जैसलमेर के जीव जंतु, घास मैदान, चारागाह, परिस्थिकरण का कैसे मजबूती मिले उस पर चारागाह विकास क्यों जरूरी है। हमे इनको आगे कैसे ले जाना होगा। जिसमें बीज संग्रहण विधियों, चारागाह विकास के तकनीकी विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही इतिहासकार पार्थ जगानी ने पारंपरिक जैसलमेर के घास मैदानों को बताते हुए सेवन ,धामण, मुरट, स्थानीय घास का विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि जैसलमेर एक  मरुस्थल न होकर घास मैदान है। इसमें पंचायत समिति से सहायक विकास अधिकारी, तकनीकी सहायक, वन विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, स्वयं सेवी संस्थाएं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.pressnote.in/Jaislmer_news_504591.html

Tuesday, 22 October 2024

गांवड़ी बांध क्षेत्र व चारागाह भूमि पर अवैध खनन: पंचायत व सदर पुलिस ने कार्रवाई कर बंद करवाया, लीजधारकों को किया पाबंद


नीमकाथाना के निकटवर्ती ग्राम गांवड़ी में स्थित बांध क्षेत्र व जगत सिंह नगर की चारागाह भूमि में अवैध खनन को लेकर ग्राम पंचायत व सदर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर मौके पर हो रहे कार्य को बंद करवाया। पुलिस ने कार्रवाई कर लीजधारकों को पाबंद किया।

ग्राम विकास अधिकारी सीताराम यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि भीतरली गांवड़ी में जगत सिंह नगर में ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि चारागाह भूमि पर खनन हो रहा है। मौके पर जांच के दौरान चारागाह भूमि पर अवैध खनन होना पाया गया। जिसका एमएल नंबर 30/06 है। जो 4.84 हेक्टेयर में स्वीकृत है। मौके पर अवैध खनन को बंद करवा दिया गया है। लीजधारक भूपेंद्र सिंह राठौड़ को पाबंद किया गया है।

ग्राम विकास अधिकारी यादव ने बताया कि ग्राम गांवड़ी बांध क्षेत्र में स्थित खनन पट्टा 33,34,35,54/03 है जिनके लीजधारक महेंद्र गोयल, नारायण गोयल, संजय गोयल व अन्य के खिलाफ विभाग द्वारा मामला दर्ज करवाया गया था। लेकिन फिर भी लीजधारकों अवैध खनन चालू कर रखा था। मौके पर सदर थाना अधिकारी कस्तूर वर्मा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। खनन कार्य को बंद करवाया। अग्रिम आदेशों तक खनिज खनन नहीं करने को लेकर पाबंद किया गया।

नामजद है मामला दर्ज

शिकायतकर्ता गोपाल सैनी की शिकायत पर प्रशासन ने सिंचाई विभाग, विकास अधिकारी, तहसीलदार, खान विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की गई थी। जिस पर ग्राम विकास अधिकारी की फर्द रिपोर्ट में जल संसाधन विभाग के नियम मुताबिक बांध की परिधि में अवैध खनन होना पाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार सदर थाने में मालिकों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज करवाया गया।

अवैध खनन के साक्ष्य मिटाने के लिए मिट्टी से भराव करवाया

ग्राम विकास अधिकारी यादव ने बताया कि लीजधारकों ने बांध क्षेत्र में अवैध खनन के लिए रास्ता निकाला था। मामला दर्ज होने के बाद खदान वाले रास्ते का मिट्टी से भराव करवाया गया है। ग्राम सेवक ने प्रशासन से कई सौ मीटर तक खोदी गई खदानों के चारों तरफ तारबंदी करवाने को लेकर अपील की है। नियमानुसार बांध क्षेत्र परिधि के ढाई सौ मीटर अंदर खनन कार्य नहीं कर सकते।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sikar/neem-ka-thana/news/panchayat-and-sadar-police-took-action-and-got-them-closed-lease-holders-were-banned-129777793.html

Friday, 18 October 2024

अवैध खनन को लेकर 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज: लीज पर ली गई जमीन से क्वार्ट्ज पत्थर चुरा कर ले जाने का था मामला

आसपुर थाना क्षेत्र के भेवडी स्थित एक कंपनी की ओर से लीज पर ली गई जमीन से क्वार्ट्ज पत्थर चुरा कर ले जाने के आरोप में ग्राम पंचायत के सरपंच सहित पांच व्यक्तियों के खिलाफ गुरुवार को आसपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

थानाधिकारी तेज सिंह संधु ने बताया कि स्टोन कम्पनी के कल्याणपुर जिला नीमकाथाना निवासी विजय सिंह पुत्र वीरेंद्र कुमार जाट ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उसकी कम्पनी ने भेवडी में लीज पर जमीन ले रखी है। जहां से 14 अक्टूबर की रात को वालसिंह, प्रताप सिंह, सरपंच गंगाराम रामलाल, केशव पाटीदार तथा शंकर शर्मा जमीन से अवैध तरीके से क्वार्ट्ज पत्थर का खनन चालू कर दिया और कुछ माल चुरा कर ले गए है। जिस। पर मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच डीएसपी कर रहे है ।

यह था मामला

आसपुर उपखंड में ग्राम पंचायत भेवड़ी के उमावि के पास सैकड़ों बीघा भूमि ग्राम पंचायत को चारागाह भूमि आवंटित है। जिस भूमि से अवैध खनन के लिए एक पक्ष ने ठेकेदार को 80 लाख में पत्थर निकालने के लिए ठेका दे दिया। जब ठेकेदार अपनी मशीनरी लगाकर पत्थर निकालने चालू कर दिए तब दूसरा पक्ष मौके पर आ पहुंचा और मशीनरी को बंद करवा दी। साथ ही कहा कि यह ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि है। इस पर ठेकेदार ने कहा कि इस चारागाह भूमि का 80 लाख में सौदा किया और 2 लाख रुपए एडवांस भी दे दिए। इस पर दूसरा पक्ष भड़क गया ,हाथापाई की नौबत आ गई थी। ठेकेदार ने मामला बढ़ता देख मौके से जेसीबी हटा ली और इधर आसपुर पुलिस जाप्ता ,पटवारी मौके पर पहुंचे। रात को ठेकेदार की जेसीबी आसपुर थाने में रखवा दी गई थी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/aspur/news/case-filed-against-5-people-for-illegal-mining-133824263.html

Thursday, 17 October 2024

जिला स्तरीय जनसुनवाई में आए 45 मामले: कलेक्टर ने अधिकारियों को अवैध अतिक्रमण हटाने का दिया आदेश


जिला स्तरीय जनसुनवाई में सीकर कलेक्टर ने अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में 45 मामले आए जिसमें 6 को सतर्कता समिति में दर्ज किया गया । पिछली जनसुनवाई में 27 प्रकरणों में से 13 का मौके पर निस्तारण किया गया था।

जिला स्तरीय जनसुनवाई में लोगों ने अपनी समस्याओ से कलेक्टर डॉ. अमित यादव को रूबरू करवाया। पिछली जनसुनवाई में 27 प्रकरण प्राप्त हुए थे जिनमें 13 का निस्तारण किया गया था और 14 मामले पर कार्रवाई की जा रही है। आज कुल 45 प्रकरण सामने आए जिसमें सीमा ज्ञान, जमीन पट्टा, अवैध अतिक्रमण सहित कई मामले थे। जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को मामलों को गंभीरता से लेकर जल्द निस्तारण के निर्देश दिए।

कलेक्टर अमित यादव ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी उपखंड अधिकारियों को समस्याओं के निस्तारण के बाद सूचना को जल्द भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सम्पर्क पोर्टल पर भी दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। इस दौरान उदयपुरा दांतारामगढ़ के भींवाराम ने नाले में अवैध अतिक्रमण की समस्या रखी। भींवाराम तीन बार पहले भी जनसुनवाई में समस्या को बता चुके है। जिसके बाद कलेक्टर ने संबंधित तहसीलदार को मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई इसकी जानकारी ली। तहसीलदार ने पुलिस जाब्ता मुहैया नहीं होने का कारण बताया। कलेक्टर ने जल्द अवैध अतिक्रमण को हटाने के अधिकारियों के निर्देश दिए।

जनसुनवाई में भूमि का सीमाज्ञान, पट्टा बनवाने, चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटवाने, लक्ष्मणगढ़ में खेल मैदान से 33 केवी की विद्युत लाईन हटवाने, गौचर भूमि पर पक्के मकानों का अतिक्रमण हटवाने व अवैध पेड़ कटाई व बिजली चोरी को रोकने के सहित विभिन्न मामले सामने आए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचन्द्र मूंड, यूआईटी सचिव राजपाल यादव, उपखण्ड़ अधिकारी गरिमा लाटा,सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग राकेश लाटा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sikar/news/the-collector-gave-instructions-to-the-officers-said-take-peoples-problems-seriously-130573796.html

शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं: चारागाह से दो साल पहले निकाला रास्ता, अब रातोरात बना दी 10 अवैध दुकानें


जिले की रामपुरा डाबड़ी उपतहसील की बेशकीमती चारागाह जमीन पर दो साल पहले प्राइवेट कॉलोनाइजर ने आम रास्ता बना दिया। अब शनिवार व रविवार की छुट्टी का फायदा उठा कर रातोरात 10 अवैध दुकानों का निर्माण करवा दिया। इस जमीन की कीमत 2 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। ग्रामीणों ने जेडीए, गिरदावर व पटवारी को शिकायत भी की, लेकिन दो दिन तक रात भर निर्माण चलता रहा। अब यहां कोर्ट स्टे लाने की तैयारी की जा रही है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जेडीए जोन 12 के ग्राम रामपुरा के खसरा नं. 820 राजस्व रिकॉर्ड में चारागाह दर्ज है और इस खसरा की जमीन पर उपतहसील बनी हुई है। यहां पर कब्जा करने की नियत से पहले एक कॉलोनाइजर ने अवैध कॉलोनी बसा कर रास्ता निकाल दिया और अब दुकानों के पट्टे दे दिए। आमेर तहसीलदार व जेडीए जोन 12 में शिकायत के बावजूद पिछले एक साल में कब्जा कर निर्माण करने की कई बार कोशिश हो चुकी है।

अतिक्रमणियों के पास सोसायटी का पट्टा

जेडीए की प्रवर्तन अधिकारी निर्मला ने बताया कि दो महीने पहले यहां अवैध निर्माण होने की शिकायत मिली थी। तब काम रुकवा दिया था। सोसायटी का पट्टा बताया जा रहा है। अब छुट्टी की वजह से दुबारा निर्माण हुआ है। एक-दो दिन में तोड़ देंगे। वहीं आमेर तहसीलदार विजयपाल का कहना है कि यह खसरा जेडीए के नाम दर्ज है। ऐसे में कार्रवाई भी जेडीए ही करेगा। पटवारी की रिपोर्ट उपतहसील के जरिए आते ही जेडीए को लिख देंगे।

एक साल पहले भी किया था अवैध निर्माण...सीकर रोड पर रामपुरा डाबड़ी उपतहसील के पास सरकारी चारागाह की बेशकीमती जमीन पर कुछ लोगों ने अक्टूबर 2021 में भी छुट्टी का फायदा उठा कर अतिक्रमण कर 10 दुकानों की नींव भरकर दीवारें बनावा दी थी। स्थानीय लोगों ने आमेर उपखंड अधिकारी और जिला प्रशासन को शिकायत की थी। तत्कालीन एसडीएम प्रियव्रत सिंह चारण के निर्देश पर तत्कालीन उपतहसीलदार सृष्टि जैन व आमेर उपतहसील के नायब तहसीलदार सुभाष सेपट ने अवैध निर्माण तोड़ दिया था। लोगों का कहना है कि यहां पर कुछ भूमाफिया किस्म के लोगों ने करीब दो करोड़ रुपए में यह सरकारी जमीन बेच दी और रातों रात कब्जा कर रहे है। ऐसे में अतिक्रमियों की पहचान कर मुकदमा दर्ज होना चाहिए और यहां सरकारी संपत्ति का बोर्ड लगाया जाना चाहिए।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/two-years-ago-the-road-was-removed-from-the-pasture-now-10-illegal-shops-have-been-built-overnight-130692482.html

Tuesday, 15 October 2024

चारागाह भूमि पर खनन का विरोध: ग्रामीणों ने रुकवाया खनन, शिकायत पर पटवारी, पुलिस जाप्ता पहुंचा


आसपुर उपखंड की ग्राम पंचायत भेवड़ी के उच्च माध्यमिक स्कूल के पास स्थित चारागाह भूमि पर खनन को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया और खनन बंद करवाया। इधर सरपंच ने बताया कि इस चारागाह भूमि पर खनन की कोई जानकारी नहीं है। मामला बढ़ता देख ठेकेदार ने जेसीबी हटा ली।

226 करोड़ की हुई थी नीलामी

ग्राम पंचायत भेवडी की इस 26 बीघा चरगाह भूमि के लिए 226 करोड़ की नीलामी की गई थी। इस भूमि के बदले उतनी ही जमीन पास की पंचायत पर देनी थी। लेकिन जमीन नहीं देने के कारण ग्राम पंचायत ने एनओसी नहीं दी। जिस पर मामला अटक गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के एक पक्ष ने दूसरे ठेकेदार से मिली भगत कर चुपके से 80 लाख में सौदा कर दिया और दो लाख रुपए ले लिए।

हम कार्रवाई करेंगे-सरपंच

भेवड़ी सरपंच गंगाराम ने कहा कि पूर्व में इस भूमि की नीलामी हुई थी। लेकिन पंचायत द्वारा एनओसी नहीं देने से निरस्त हो गई थी। अभी किसने खुदाई की, किसने करवाई कोई जानकारी नहीं है। हम कार्रवाई करेंगे।

आसपुर एसडीएम योगेंद्र कुमार वैष्णव ने कहा कि यदि चारागाह भूमि पर अवैध खनन हुआ है तो गलत है। मैं पटवारी को भेज रहा हूं। भेवड़ी हल्का पटवारी गौरव पाटीदार ने कहा कि एसडीएम साहब का फोन आया था। मैं मौके पर गया था। आज मौका पंचनामा बनाकर एसडीएम को दूंगा।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/aspur/news/opposition-to-mining-on-pasture-land-133808654.html

Monday, 14 October 2024

चारागाह भूमि को ​अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग: सोंधिया राजपूत समाज के लोगों ने मिनी सचिवालय में एसपी, कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

झालावाड़ के पचपहाड़ तहसील के कोथला गांव के ग्रामीणों ने सोमवार को मिनी सचिवालय पहुंचकर जिला कलेक्टर और एसपी के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा है। इसमें चारागाह भूमि विवाद में प्रशासन के आदेश की पालना में हटाए अतिक्रमण स्थल पर तार फेंसिंग नहीं होने पर बंजारा समाज की ओर से पुनः अतिक्रमण करने के मामले को लेकर कार्रवाई करने की मांग की।

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम-कोथला गांव में दो समाज बंजारा व सौंधिया राजपूत समाज के लोग निवास करते है और दोनों की बस्ती में करीब एक किलोमीटर की दूरी है। राजपूत समाज की अपेक्षा बंजारा समाज के लोगों की बस्ती व जनसंख्या ज्यादा है। कुछ बंजारा समाज के लोगों ने राजपूत बस्ती की खाली पड़ी सरकारी चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर लिया था। जिसकी शिकायत करने पर 9 अक्टूबर को स्वयं डिप्टी भवानीमंडी, तहसीलदार पच-पहाड़ ने पुलिस बल ने मौके पर बंजारा समाज का समस्त अतिक्रमण चारागाह भूमि से हटा दिया और कुछ हमारे समाज के लोगों ने कर रखा अतिक्रमण भी हटाया था।

प्रशासन द्वारा जिस चारागाह भूमि से बंजारा समाज के लोगों का अतिक्रमण हटाया था, उसी भूमि पर शारदीय नवरात्रा की नवमी के दिन बंजारा समाज ने कुछ पत्थरों पर सिंदूर लगाकर देवता के रूप में अतिक्रमण भूमि पर रख कर धर्म ध्वजा लगा दी और फिर शायद इन्हीं लोगों में से किन्हीं शरारती या षड्यंत्रकारी व्यक्ति ने ही वहां से सिंदूर वाले पत्थर हटा दिए और अब आरोप राजपूत समाज के ऊपर लगाकर झुण्ड में एकत्रित होकर हमें गाली गलौज कर रहे हैं। इससे इनकी मंशा साफ नजर नहीं आ रही और यह कभी भी कोई अनहोनी घटना हमारे समाज के किसी भी व्यक्ति व बहुसंख्यक में कर गांव की शांति भंग कर सकते है। इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। इस दौरान उमराव सिंह, अर्जुन सिंह, गंगा सिंह, विशाल सिंह, तेज सिंह, विक्रम सिंह, नारायण सिंह, गोपाल सिंह, श्याम सिंह, बालू सिंह समेत लोग मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jhalawar/news/demand-to-free-pasture-land-from-encroachment-jhalawar-rajasthan-133803822.html

Friday, 11 October 2024

एरोड्रम की जगह को कंटेनर डिपो के लिए निजी कंपनी को देने का विरोध, ग्रामीण बोले-यहां चरागाह, जल भराव क्षेत्र है



ग्रामीण बोले- मिलकर लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

बधाल क्षेत्र के एरोड्रम की 180 बीघा जमीन को एक निजी लॉजिस्टिक्स कंपनी को देने के प्रस्ताव को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। बधाल से इटावा मुख्य मार्ग के समीप बिजली निगम ग्रिड स्टेशन के पीछे एरोड्रम की सरकारी जमीन को एक लॉजिस्टिक्स कंपनी को कंटेनर डिपो के लिए लीज पर देने के प्रस्तावित मामले को लेकर ग्रामीण लामबंद हुए है।

इसके लिए बधाल पंचायत में कोरम की आपातकालीन बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से इस भूमि के आवंटन की प्रक्रिया को लेकर असहमति जताई गई। साथ ही और संभागीय आयुक्त और कलक्टर से शिकायत की गई है।

विरोध की ये मुख्य वजह संबंधित जिस भूमि पर कंटेनर डिपो बनना प्रस्तावित है उसकी आधे से अधिक भूमि पर हजारों खेजड़ी पेड़ हैं। इसके अलावा यह स्थान पशुओं के लिए विकसित चारागाह भी है। इस भूमि पर अकाल राहत कार्यों के तहत 3 दशक पूर्व कच्चे बांध का भी निर्माण किया गया था जो आज भी जल भराव क्षेत्र है।

यह एरोड्रम की जगह है, जहां आजादी से पहले हवाई जहाज उतरते थे। सन 2000 में तत्कालीन सांसद टोंक श्यामलाल बंसीवाल (तब यह क्षेत्र टोंक संसदीय क्षेत्र में आता था) ने यहां हवाई अड्डा बनाने के संबंध में प्रयास भी किए थे। जो जयपुर सांगानेर एयरपोर्ट के नजदीक होने से नही बन पाया। ग्रामीणों ने बताया कि खाटूश्याम से 15 किमी दूर बधाल कस्बे में एरोड्रम की चिन्हित जमीन रहेगी तो भविष्य में हवाई अड्डा बनने की संभावना भी रहेगी।

भूमि पर जेजेएम के तहत बोरिंग करवाए गए है, जिनसे पेयजल आपूर्ति होनी है। पूर्व में भी इस क्षेत्र में कुएं बने हैं जो क्षेत्रवासियों की प्यास बुझाते आए हैं।

प्राइवेट फ्रंट टर्मिनल के लिए बधाल और इटावा पंचायत सीमा में 45 हैक्टेयर भूमि देना प्रस्तावित है। अंतर्देशीय कंटेनर डिपो सह निजी माल टर्मिनल की स्थापना के लिए निजी कंपनी की ओर से बधाल क्षेत्र में हवाई अड्डा के लिए भूमि आवंटन की मांग रखी गई है, जिसमे अधिकांश हिस्से में खेजड़ी के हजारों पेड़ व कच्चा बांध भी बना है।

मिलीभगत कर लाभ पहुंचाने का आरोप लगा रहे ग्रामीण

इधर, ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित उच्चाधिकारियों से मिलीभगत कर निजी लॉजिस्टिक्स कंपनी गांव की बेशकीमती और गौरवपूर्ण जमीन पर कब्जा जमा रही है। इसके अलावा एक कंटेनर डिपो के लिए हजारों पेड़ों और ऐतिहासिक भूमि की बलि देना कतई मंजूर नहीं है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं अगर जल्द ही उनकी मांग नहीं मांगी गई तो आंदोलन होगा।

ग्रामीणों ने बताया कि इस भूमि के कंटेनर डिपो के लिए लीज पर निजी कंपनियों के हाथों में देने के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों के साथ आस-पास के गांवों के जनप्रतिनिधि भी समर्थन में आ गए हैं। इसके लिए कानूनी रूप से भी कार्रवाई ग्रामीणों द्वारा मिलकर की जाएगी। बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए आसपास के 10 ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंचायत समिति सदस्यों और वार्ड पंचों ने आवंटन प्रक्रिया के विरोध में संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/chomu/news/opposition-to-give-the-place-of-aerodrome-to-private-company-for-container-depot-villagers-said-here-is-pasture-waterlogged-area-131656164.html

सिलिका सेंड खदान के रवन्ना की आड़ में चारागाह भूमि से बजरी का अवैध खनन

कस्बे के पास कटारियों का खेड़ा गांव में बजरी माफिया के हौंसले बुलन्द हैं। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद चरागाह भूमि में खुलेआम बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है। चरागाह भूमि के पास संचालित सिलिका सेंड की खदान के रवन्ना की आड़ में अवैध बजरी का खनन किया जा रहा है। इसे ट्रकों से कोटा-बारां तक भेजा जा रहा है।

काछोला तहसील क्षेत्र के राजगढ़ पंचायत के कटारियों का खेड़ा गांव के ग्रामीणों ने खनिज विभाग भीलवाड़ा और काछोला तहसीलदार को की शिकायत में बताया कि गांव की सरहद में स्थित आराजी नम्बर 213 की चारागाह भूमि में मशीन से दो सप्ताह से बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है। खनन के दौरान कई हरे पेड़ों को उखाड़ दिया। इस मामले को लेकर कटारियों का खेड़ा के ग्रामीणों ने गुरुवार को अवैध खनन स्थल पर प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। ग्रामीणों का कहना है कि माफिया ने चारागाह भूमि गहरे गड्ढे कर दिए हैं। जिससे पालतू पशु व जंगली जानवर हादसे का शिकार हो रहे हैं।

कटारियों का खेड़ा में चरागाह भूमि में अवैध खनन की शिकायत मिली है। राजगढ़ पटवारी को मौका रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कैलाश चंद्र मीणा, नायब तहसीलदार काछोला

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bhilwara/kachola/news/illegal-mining-of-gravel-from-pasture-land-under-the-guise-of-silica-sand-mines-ravana-133785216.html

Thursday, 10 October 2024

बुहाना बणी में अवैध निर्माणों पर चल सकता हैं बुलडोजर, प्रशासन ने नोटिस किए जारी

झुंझुनूं जिले में बुहाना की गैर मुमकिन बणी और चारागाह भूमि पर बने करीब 486 से ज्यादा मकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चल सकता है। इसलिए अवैध कब्जा कर घर बनाने वालों को इन दिनों बेघर होने का डर सता रहा है।


राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बुहाना की गैर मुमकिन बणी और चारागाह भूमि पर बने करीब 486 से ज्यादा मकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चल सकता है। इसलिए अवैध कब्जा कर घर बनाने वालों को इन दिनों बेघर होने का डर सता रहा है। पिछले तीन-चार दशक में बुहाना बणी की चारागाह और गोचर भूमी की जमीन पर अवैध रुप से सैकड़ों मकान बन गए।

हाईकोर्ट में शिकायत के बाद प्रशासन अतिक्रमण ढहाने की तैयारी कर रहा है। तहसील प्रशासन के पटवारियों द्वारा बुहाना बणी में किए गए अवैध कब्जे व अवैध निर्माणों को चिह्नित कर मकानों के आगे नंबर लगा दिए हैं। तहसील कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 486 अवैध कब्जे होना पाया गया हैं। प्रशासन इनकी सूची तैयार कर 91 के तहत नोटिस जारी किए थे।

ग्रामीणों का कहना है कि 50 साल से वे यहां रह रहे हैं, अब इनको अतिक्रमण बताना उनके साथ अन्याय है। जिनको नोटिस जारी किए गए हैं वह लोग तहसील कार्यालय पहुंचे और अपने कागजात दिखाए तथा उन्हें राहत देने की मांग की। बुहाना बणी में सरकारी कर्मचारी, प्रभावीशाली लोगों के भी मकान बताए जा रहे हैं।

बता दें कि बुहाना के याचिकाकर्ता की ओर से बुहाना बणी पर किए अतिक्रमण के संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसपर हाईकोर्ट ने कलेक्टर को पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल (पीएलपीसी) में सुनवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद प्रशासन एक्शन मंड में नजर आ रहा है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/jhunjhunu/jhunjhunu-news-bulldozers-can-be-used-on-illegal-constructions-in-buhana-bani/2467677

 





प्रशासन ने पुलिस लवाजमे के साथ 5 घंटे में हटाया 100 बीघा चरागाह भूमि से अतिक्रमण

भवानीमंडी। पचपहाड़ तहसील क्षेत्र की गुढ़ा ग्राम पंचायत के कोथला गांव में चरागाह भूमि पर ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिक्रमण को प्रशासन ने पुलिस उपाधीक्षक प्रेम कुमार चौधरी के सुपर विजन में झालावाड़ से आए पुलिस बल के साथ हटाया।


भवानीमंडी। पचपहाड़ तहसील क्षेत्र की गुढ़ा ग्राम पंचायत के कोथला गांव में चरागाह भूमि पर ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिक्रमण को प्रशासन ने पुलिस उपाधीक्षक प्रेम कुमार चौधरी के सुपर विजन में झालावाड़ से आए पुलिस बल के साथ हटाया।

भवानीमंडी। पचपहाड़ तहसील क्षेत्र की गुढ़ा ग्राम पंचायत के कोथला गांव में चरागाह भूमि पर ग्रामीणों द्वारा किए गए अतिक्रमण को प्रशासन ने पुलिस उपाधीक्षक प्रेम कुमार चौधरी के सुपर विजन में झालावाड़ से आए पुलिस बल के साथ हटाया।

उपखण्ड अधिकारी छत्रपाल चौधरी के निर्देश पर पचपहाड़ तहसीलदार अब्दुल हफीज की अध्यक्षता में गठित टीम ने कोथला गांव में चरागाह भूमि पर पत्थर, मलबा, ईट डालकर, खंभे एवं तार फेंसिग कर किए गए अतिक्रमण को ग्राम पंचायत सरपंच उल्फत सिंह एवं ग्राम विकास अधिकारी की उपस्थिति में जेसीबी व ट्रैक्टर की सहायता से हटाया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने का छिटपुट विरोध भी किया। ग्रामीणों का कहना था कि प्रशासन द्वारा भेदभाव पूर्वक अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों ने गांव में सरकारी चारागाह की भूमि पर अन्य लोगों द्वारा किए हुए अतिक्रमण को भी हटाने की मांग की। जिस पर प्रशासन ने समझाइश कर 3 दर्जन से अधिक लोगों द्वारा करीब 100 बीघा जमीन पर किए गए अतिक्रमण को सुबह 10 बजे से 5 घंटे तक 3 जेसीबी की सहायता से मौके पर तैनात पुलिस मौजूदगी में हटाया। अतिक्रमण से भूमि को मुक्त करवाकर ग्राम पंचायत गुढा को कब्जा संभलाया गया। इस दौरान सम्बन्धित भू-अभिलेख निरीक्षक हेमन्त प्रजापति, पटवारी हल्का नदिता भार्गव, लक्ष्मीनारायण धाकड, राजेश गुप्ता, ओमप्रकाश व पुलिस जाप्ता मौजूद रहा।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/jhalawar-news/jhalawar-top-news-19055333

Wednesday, 9 October 2024

चारागाह भूमि नियम विरुद्ध देने के मामले में शिकायत 7 वर्ष पहले

सीकर | धोद में मानोलाई तलाई में चारागाह भूमि को राजस्व रिकॉर्ड के पुराने रिकॉर्ड के अनुसार भूमि को कम कर नए रिकॉर्ड में चढ़ा दिया। इस प्रकार अधिकारियों ने चारागाह भूमि के 6.86 हैक्टेयर को नए रिकॉर्ड में 6.06 हैक्टेयर अंकित करके करीब सात बीघा 11 बिस्वा जमीन आसपास के काश्तकारों को विभिन्न समयावधि में पदस्थापित रहे तहसीलदार व हल्का पटवारी ने आवंटित कर दी। इस संबंध में प्रार्थी जीतूराम पुत्र अमरजीतसिंह फगेड़िया निवासी धोद ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी व सीकर कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल को ज्ञापन देकर कार्रवाई करने की मांग की है। प्रार्थी ने ज्ञापन देकर मांग कि है कि 7 बीघा 11 बिस्वा जमीन की वर्तमान कीमत करीब दो करोड़ रुपए है। उक्त चारागाह की भूमि का आवंटन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/news/raj-sik-omc-mat-latest-sikar-news-072502-982188-nor.html

विश्नोंदा गांव में चारागाह भूमि से हटवाया अतिक्रमण: एसडीएम के साथ तहसीलदार ने मौके पर पहुंचे, तीन पक्के निर्माण कराए ध्वस्त


धौलपुर कलेक्टर श्रीनिधि बीटी के निर्देश पर सदर थाना क्षेत्र के विश्नोंदा गांव में चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। एसडीएम साधना शर्मा के साथ तहसीलदार धर्म सिंह ने मौके पर पहुंचकर चारागाह भूमि पर बने तीन पक्के निर्माण ध्वस्त करा दिए।

तहसीलदार धर्म सिंह ने बताया कि विश्नोंदा गांव में चारागाह भूमि पर पक्के मकान बना लिए जाने की जानकारी मिली थी जिसपर जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर अवैध निर्माण कर बनाए गए मकानों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर से मिले निर्देश के बाद एसडीएम साधना शर्मा के साथ तहसीलदार और पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे। जहां प्रशासन और पुलिस को चारागाह भूमि पर तीन पक्के मकान बने हुए मिले। मौके पर पहुंची टीम ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए तीनों पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया।

कार्रवाई को लेकर तहसीलदार ने बताया कि चारागाह भूमि पर धर्मेंद्र, राजपाल और रिषीपाल पुत्रगण थान सिंह के मकान बने हुए थे। जिन्हें जिला कलेक्टर के निर्देश पर जेसीबी की सहायता से हटा दिया गया हैं। उन्होंने बताया कि अवैध अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dholpur/news/encroachment-removed-from-pasture-land-in-vishnonda-village-dholpur-rajasthan-133777509.html

Saturday, 5 October 2024

खिरनी में सरकारी भूमि पर चला प्रशासन का पीला पंजा: पुलिस जाब्ते की मदद से 100 बीघा भूमि से अतिक्रमण हटाया


मलारना डूंगर उपखंड के खिरनी कस्बे में शनिवार को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। यहां करीब 100 बीघा चारागाह और सिवायचक भूमि पर दबंग व्यक्तियों की ओर से किए गए अवैध कब्जे को प्रशासन ने जेसीबी का पीला पंजा चलाकर ध्वस्त किया गया। प्रशासन की ओर से अचानक की गई कार्रवाई के चलते कानून व्यवस्था को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। ASP दिनेश कुमार के नेतृत्व में DSP अंगद शर्मा सहित बौंली, मलारना डूंगर, सूरवाल और मित्रपुरा थाना पुलिस सहित सवाई माधोपुर पुलिस लाइन से आया 100 से अधिक पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया गया। वहीं कानून व्यवस्था को लेकर मौका मजिस्ट्रेट के रूप में बौंली एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा, मलारना डूंगर तहसीलदार व कार्यवाहक एसडीएम सीमा घुणावत, नायब तहसीलदार रामभरोसी महावर सहित राजस्व विभाग के गिरदावर पटवारी मौजूद रहे।

नायब तहसीलदार रामभरोसी महावर ने बताया कि खिरनी कस्बे की राजस्व सीमा में बौंली रोड पर चारागाह और सिवायचक भूमि पर कुछ दबंग व्यक्तियों के द्वारा तार फेंसिंग लगाकर सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर लिया था। वहीं कुछ लोगों के द्वारा पक्की दीवार और मकान बनाकर सरकारी भूमि पर कब्जा किया गया था। इस दौरान राजस्व विभाग के टीम ने सरकारी भूमि का सीमाज्ञान किया। उसके बाद चरागाह और सिवायचक भूमि को चिन्हित कर शनिवार सुबह करीब 10 बजे से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जो देर शाम तक जारी रही। कार्रवाई के दौरान पांच जेसीबी मशीनों के द्वारा पक्का अतिक्रमण सहित सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को ध्वस्त किया गया। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान दिन भर पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा। कानून व्यवस्था को लेकर यहां चार थानों की पुलिस एक ASP, DSP सहित 100 से अधिक पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया गया था।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/administrations-yellow-paw-moves-on-government-land-in-khirni-133754520.html

Tuesday, 1 October 2024

मेला परिसर के चारों ओर से हटाए अतिक्रमण


साढ़े तीन घंटे चली कार्रवाई, दुकानदारों को मेले में दुकानें लेने का प्रस्ताव लिया

दशहरा मैदान के चारों तरफ हो रहे 25 अतिक्रमण और अस्थायी दुकानों को निगम प्रशासन ने रविवार को हटा दिया। साढ़े तीन घंटे चली कार्रवाई के दौरान एक स्थान पर कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन निगम प्रशासन ने दबाव में आए बिना अपनी कार्रवाई जारी रखी।

मेला प्रभारी एवं उपायुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने अतिक्रमियों से कहा कि मेले परिसर में प्लानिंग करते हुए इस वर्ष अतिरिक्त स्थान बनाया गया है। वे चाहें तो मेले में दुकान या जमीन ले सकते हैं। इसके लिए आवेदन करें और रसीद कटवाकर अपना व्यापार करें। लेकिन यदि दुबारा आए तो सारा सामान जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों की मेले की समस्याओं पर चर्चा के दौरान सामने आया था कि मेला प्रारंभ होने से पहले ही कुछ लोग मेला परिसर के चारों ओर रास्ते पर सामान डालकर कब्जा कर लेते हैं। इससे मेला परिसर की ओर आने वाले मार्ग संकरे हो जाते हैं। इसी को देखते हुए मेला उद्घाटन से पहले ही काबिज हुए लोगों पर कार्रवाई की गई। इस दौरान दक्षिण के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के मुकेश तंवर सहित पूरी टीम मौजूद रही।

रसीद कटवाकर दुकान के लिए मेले के अंदर लें जगह: समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि जो लोग मेले के बाहर सड़क पर अतिक्रमण कर दुकान लगा रहे हैं। वे नियमानुसार रसीद कटवाकर जगह ले लें। मेला परिसर में इस बार अलग से जगह व दुकानें निकाली है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/kota/news/remove-encroachments-from-around-the-fair-premises-133723285.html