Sunday, 30 April 2023

अतिक्रमण हटाने के लिए टीम गठित: खेल मैदान व चरागाह भूमि पर अतिक्रमण की दो माह पहले की थी शिकायत

ग्राम पंचायत मंडेरु में राउमावि के खेल मैदान एवं सरकारी चरागाह भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत ग्रामीणों के द्वारा दो माह पूर्व एसडीएम से की गई थी, ग्रामीणों कि शिकायत पर एसडीएम गौरव कुमार मित्तल के द्वारा टीम गठित करने के दो माह बाद भी अतिक्रमण नहीं हटवाया गया।

अतिक्रमियों ने विद्यालय के खेल मैदान व चरागाह जमीन पर कब्जा कर अपने खेतों में मिलाकर फसल बो दी जाती है। इससे गांव के विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को खेलने सहित पशुपालकों को पशु चराई में परेशानी उठानी पड़ रही है।

ग्रामीणों ने अतिक्रमण को लेकर तहसीलदार एवं एसडीएम को शिकायत किए जाने के बाद भी अतिक्रमण की हटाने की कार्रवाई अटकी पड़ी है। इसको लेकर एसडीएम को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि चरागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा तो ग्रामीण आने वाले दिनों में ग्राम पंचायत में आयोजित होने वाले महंगाई राहत कैम्प व प्रशासन गांवों के संग अभियान का का बहिष्कार किया जावेगा।

ग्राम पंचायत मंडेरु में विद्यालय के खेल मैदान एवं चारागाह भूमि के अतिक्रमण को लेकर 31 मार्च को एसडीएम गौरव कुमार मित्तल को ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से शिकायत की गई थी। जिसके लिए एसडीएम ने तहसीलदार को अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट करने के निर्देश जारी किए थे।

तहसीलदार ने राजस्व पटवारी को मामले की जांच कर रिर्पोट देने की बात कही थी, लेकिन एक माह बाद राजस्व पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया की मंडेरु में ग्रामीणों ने विद्यालय के खेल मैदान व चरागाह भूमि का सीमाज्ञान कर ग्रामीण पंच-पटेलों को समझाया गया

आधी-अधूरी सीमाज्ञान का ग्रामीणों ने लगाए आरोप
मंडेरु के विद्यालय के खेल मैदान व चारागाह भूमि का राजस्व विभाग के द्वारा गठित टीम के द्वारा आधी-अधूरी भूमि का का सीमाज्ञान कर मात्र औपचारिकता की गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय के खेल मैदान व चारागाह भूमि पर ग्रामीणों के अतिक्रमण यथावत कायम हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मौके पर लड़ाई झगडे की स्थिति सामने आ सकती है। अतिक्रमण हटाने के लिए चारागाह भूमि का सीमा ज्ञान एवं पुलिस जाप्ता के साथ उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाया जा सकता हैं।

प्रशासन द्वारा हटवा दिया जाएगा
ग्रामीणों की शिकायत पर अतिक्रमण हटाने के लिए टीम गठित कर दी गई हैं, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा आयोजित महंगाई राहत शिविरों की व्यवस्था के चलते अतिक्रमण हटाने में देरी हो रही हैं। जैसे ही बीच में समय मिलेगा मंडेरू विद्यालय के खेल मैदान व चरागाह भूमि से अतिक्रमण को प्रशासन के द्वारा हटवा दिया जाएगा।
-गौरव कुमार मित्तल, उपखंड अधिकारी टोडाभीम

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/todabhim/news/there-was-a-complaint-of-encroachment-on-the-sports-ground-and-pasture-land-two-months-ago-131222912.html

Saturday, 29 April 2023

चारागाह भूमि ग्राम पंचायतों में स्वतः निहित नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट ने पाली जिले के रोहट तहसील के नौ गांवों में स्थित गोचर भूमि को जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण विधिक बिंदुओं को निर्णित किया है।

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने  पाली जिले के रोहट तहसील के नौ गांवों में स्थित गोचर भूमि को जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण विधिक बिंदुओं को निर्णित किया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव तथा न्यायाधीश रेखा बोराणा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता पापापुरी सहित अन्य की ओर से  पाली जिले के नौ गांवों में चारागाह, ओरण तथा आगोर के रूप में वर्गीकृत भूमि को अन्य उपयोग के लिए विभाजित करने का मामला उठाया गया था। नौ गांवों की सार्वजनिक भूमि को पाली जिला कलक्टर ने जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया था। याचिका के अनुसार उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने 12 अक्टूबर, 2020 को  पाली जिले की रोहट तहसील के नौ गांव  डूंगरपुर, सिणगारी, ढूंढली, दूदली, निम्बली पटेलान, निम्बली ब्राह्मनान, दानासनी, रोहट तथा दलपतगढ़ को सम्मिलित कर विशेष निवेश रीजन घोषित किया था, जिसे  जोधपुर पाली मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र नामित किया गया। इस रीजन के लिए रीको को क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के रूप में पदाभिहित करते हुए जोधपुर-पाली-मारवाड़ इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कॉरपोरेशन का गठन किया गया। याचिका में जिला कलक्टर,  पाली के 16 दिसंबर 2020 के एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें नौ गांवों में स्थित समस्त राजकीय भूमि का नामांतरकरण डवलपमेंट कॉरपोरेशन के पक्ष में करने के आदेश जारी किए गए थे। इन गांवों में स्थित गोचर भूमि भी डवलपमेंट कॉरपोरेशन के पक्ष में दर्ज कर दी गई। इसे मुख्य रूप से इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि गोचर भूमि ग्राम पंचायतों में निहित हो चुकी थी।

कोर्ट ने ये कहा-चरागाह भूमि चाहे पंचायतों के नियंत्रण या प्रबंधन में रही हो, महज इस आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि चरागाह भूमि सामान्य भूमि के रूप में 1953 के निरस्त अधिनियम की धारा 88 के तहत स्वतः पंचायतों में निहित हो गई है।

चरागाह भूमि न तो 1956 के अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्वतः पंचायतों में निहित थी और न ही 1955 का अधिनियम या 1953 का निरस्त अधिनियम या संबंधित अधिनियम के तहत बनाए गए किसी भी नियम के तहत स्वतः पंचायतों में निहित है।

-राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम, 2016 के लागू होने की तारीख तक, तहसील रोहट, के नौ राजस्व गांवों-ग्राम पंचायतों के स्थानीय क्षेत्र में स्थित चरागाह भूमि कभी भी संबंधित ग्राम पंचायत में निहित नहीं थी। इसलिए इसे अधिनियम की धारा 27 के तहत निहित खंड के दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि चूंकि सभी चरागाह भूमि पहले से ही ग्राम पंचायतों में निहित थी और इसलिए, उन्हें विशेष निवेश क्षेत्र से बाहर रखा जाए, खारिज किया जाता है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/jodhpur-news/pasture-land-not-automatically-vested-in-gram-panchayats-8206501

Friday, 21 April 2023

खान ब्यूरो के अधिकारी के पहुंचते ही खनन लीज धारकों में हड़कंप

 नसीराबाद/बाघसूरी। नसीराबाद के समीपवर्ती बाघसूरी गांव के देवरी माता चारागाह भूमि पर गत दिनों लीज धारक हिंगलाज सिंह चारण की ओर से काटे गए कथित हरे वृक्षों व अन्यत्र खनन का मलबा डालकर चारागाह भूमि पर कब्जा करने की शिकायत मिलने के बाद खनन ब्यूरो की टीम शुक्रवार को औचक निरीक्षण पहुंची।

हाल ही में कलक्टर व नसीराबाद उपखंड अधिकारी को इस संबंध में ग्रामीणों ने ज्ञापन और शिकायत सौंपी थी। जिला प्रशासन की ओर से खनन ब्यूरो की टीम के आते ही लीज धारकों में हड़कंप मच गया। कार्रवाई होने के डर के चलते वे मौके से नदारद हो गए।

अजमेर खान ब्यूरो के अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने चारागाह भूमि पर काटे गए हरे दरख्तों आदि का जांच की तथा इसके बाद ग्राम पंचायत मुख्यालय पंहुचकर ग्रामीणों व शिष्टमंडल के सदस्यों से रूबरू हुए। प्रथम दृष्ट्या चारागाह भूमि पर लीज धारक की कथित मनमानी व लापरवाही सामने आई है। चारागाह भूमि पर कई हरे वृक्ष काटे गए पाएं गए।

लीज धारक हिंगलाज सिंह चारण की लीज शुदा भूमि पर कोई बोर्ड, पट्टी, घूमटियां आदि मौके पर नहीं पाएं गए। खान का मलबा अन्यत्र फैला हुआ पाया गया तथा खनन की साइडें व कार्यालय बंद पाया गया। चारागाह भूमि के आसपास वृक्षारोपण कार्य नहीं किया जाना पाया गया।

खान ब्यूरो अधिकारी चौधरी ने बताया कि लीज धारक की जांच रिपोर्ट खनन ब्यूरो के आलाधिकारियों को सौंपी जाएगी। लीजधारक जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर सुरेश चन्द शर्मा, गोरधनलाल गुर्जर, आशू गुर्जर, वार्ड पंच राजेंद्र कुमार कांसोटिया, रामेश्वर लाल जाट, मस्तान काठात आदि मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.sabguru.com/mines-bureau-official-visits-baghsuri-village/

प्रशासन की लापरवाही: पुरानी तहसील की इमारत में भरा चारा

 

वजीरपुर तहसील क्षेत्र में प्रशासन की लापरवाही के चलते पुरानी तहसील के भवन परिसर में चारा भूसा व वाहन का ठहराव होने लगा है। धीरे धीरे यह चारागाह, सिवायचक जमीनों पर जैसे कब्जा होता है। उसी प्रकार इस परिसर पर भी होने की आशंका बढ़ जायेगी। क्षेत्र में अनेक किसानों ने प्रशासन के कर्मचारियों की मिली भगत से सरकारी जमीन अपने नाम करवा ली गई। वही अतिक्रमण करने वाले दबंगों द्वारा बाजार मोहल्ला व सड़क मार्ग को सकड़ा कर दिया जाता है।

फिर भी प्रशासन मौन नजर आता है। मौन रहने में मिली भगत की आशंका बन जाती है। हाल ही में चारागाह की भूमि पर लोगों ने मिलकर स्थापित कर दी। जिसकी न तो कोई स्वीकृति थी, फिर भी मूर्ति खड़ी हुई और अनावरण भी हो गया। प्रशासन मौके पर पहुंचा भी, लेकिन कुछ न कर सका। इसी प्रकार अब पुरानी तहसील में वाहन रखा जाने लगा।इससे पहले एक परिवार रहा करता था। अगर इस प्रशासन ने ध्यान नही दिया तो धीरे धीरे इस पर भी कब्जा हो सकता है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/fodder-filled-in-old-tehsil-building-131185012.html

ग्राम पंचायत पाडला हांडलिया का मामला: चारागाह जमीन पर अतिक्रमण के मकसद से परेशान करने का आरोप

ग्राम पंचायत पाडला हांडलिया की चारागाह जमीन पर अतिक्रमण की नीयत से व्यक्ति विशेष द्वारा पशु चराने वाले लोगों को परेशान करने की शिकायत हुई है। इसे लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम और एसपी आदि अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे। इसमें बताया कि नाथू पुत्र भेमा द्वारा पटवार हल्का ठाकरड़ा के खसरा नंबर 83 किस्म चारागाह जमीन पर मंदिर की आड में लोगों व पशुओं को आने से रोका जा रहा है।

यहां 68 बीघा जमीन पर ग्रामवासी अपने पशु चराने के लिए जाते हैं तो नाथू आए दिन ग्राम वासियों को परेशान करता रहता है तथा झूठे मुकदमे कर फंसा देने की धमकी देता है। ज्ञापन में बताया कि पूर्व में भी कार्यालय न्यायालय तहसीलदार सागवाड़ा में प्रकरण चल रहा था।

इसमें उक्त अतिक्रमण जमीन चारागाह के रख रखाव का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया व चारागाह भूमि में मंदिर की भूमि छोड़कर शेष भूमि से नाथू रोत को बेदखल करने का आदेश किया गया है। ग्राम पंचायत द्वारा न्यायालय के आदेश से उक्त जमीन का अधिकार प्राप्त कर लिया है।

फिर भी नाथू द्वारा ग्रामीणों को व ग्राम पंचायत को आए दिन अपनी जमीन बताकर डराया धमकाया जा रहा है। इस दौरान उपसरपंच भूपेंद्र सिंह, वार्ड पंच दिनेश डामोर, जीवा कटारा, लाली कटारा, नानजी रोत, वेलजी रोत, उर्मिला अहारी, डूंगर रोत, तेज सिंह राठौड़, गुमान सिंह, नटवर सिंह, खेमजी पाटीदार, प्रभु रोत, लकमा रोत, हकरा कटारा, अर्जुन रोत, भीखा डामोर ग्रामीण मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/dungarpur/sagwara/news/allegations-of-disturbing-for-the-purpose-of-encroachment-on-pasture-land-131184868.html

Wednesday, 19 April 2023

चारागाह भूमि का आवंटन निरस्त करने की मांग: किसान महापंचायत के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन,आंदोलन की दी चेतावनी

 

किसान महापंचायत के पदाधिकारियों ने मांगरोल रोड पर चारागाह भूमि को आवंटन नहीं करने की मांग को लेकर प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। वहीं उन्होंने आवंटन निरस्त नहीं करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

महामंत्री पृथ्वीराज मीणा ने बताया कि बारां नगर परिषद की सीमा में मांगरोल स्टेट हाईवे से लगायत खसरा नंबर 73 की पूर्व में 2.14 हेक्टेयर भूमि थी, जिसमे से 0.80 हेक्टेयर भूमि मदरसा अंजुमन इस्लामिया संस्था और अन्य के नाम आवंटन कर दी था। शेष भूमि 0.54 हेक्टेयर को भी आवंटन करने की मांग की जा रही है, जो अनुचित है। मांगरोल रोड के पूर्व दिशा में बारां शहर और गोपालपुरा गांवों के किसानों की कृषि भूमि का सारा बरसाती पानी इसी खसरा नंबर 73 में होकर निकलता है। पशुओं को चराने की यही चारागाह भूमि शेष है। रोड के किनारे प्लांटेशन की यही खाली जगह है। इस जगह पर 50 सालों से हनुमान मंदिर स्थापित है। पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी जिला कलेक्टर को कई बार जमीन आवंटन नहीं करने की मांग की जा चुकी है।

पदाधिकारियों का कहना है कि अगर आवंटन निरस्त नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह, बारां नगर महामंत्री पृथ्वीराज मीणा, तहसील महामंत्री नरेंद्र सुमन, देवराज सुमन, कुंजबिहारी सुमन, महावीर गौड़, नगर उपाध्यक्ष कांतिचन्द शर्मा मौजूद रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/baran/news/office-bearers-of-kisan-mahapanchayat-submitted-memorandum-to-collector-warned-of-agitation-131183404.html

अतिक्रमण हटाया: पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने अरियाली में 1100 बीघा 183 हेक्टेयर चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया

कार्रवाई समूची चारागाह 1124 बीघा भूमि से अतिक्रमण हटाकर खाई फेंसिंग करवाकर जगह समतल की

पंचायत के अरियाली गांव के इर्द गिर्द चारागाह भूमि से मंगलवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इसके लिए पुलिस व प्रशासन का भारी लवाजमा मौके पर देरशाम तक डटा रहा। हालांकि महिलाओं व अतिक्रमियों ने विरोध डालने की कोशिश पुलिस प्रशासन की सतर्कता से नाकाम रही। खेत खाली होने के चलते नुकसान नहीं होने से विरोध नजर नहीं आया। मंगलवार सुबह 10 बजे नैनवां एसडीएम शत्रुधन गुर्जर, तहसीलदार महेशचंद्र शर्मा, डीएसपी योगेश चौधरी, नैनवां पंचायत समिति एईएन आदेश मीणा, नायब तहसीलदार पृथ्वीसिंह, देई नायब तहसीलदार संग्रामसिंह, करवर थानाधिकारी चंद्रभानसिंह, देई थानाधिकारी बुद्धराम जाट, नैनवां थाना जाब्ता, आरएसी बटालियन, महिला कांस्टेबल, ग्राम विकास अधिकारी रामप्रकाश नागर सहित कानूनगो, पटवारी राजस्व कार्मिक अरियाली पहुंचे। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने 4 जेसीबी से अतिक्रमण हटाना शुरू कराया। जेसीबी ने अलग अलग खेतों में मेड़ों को समतल किया। करीब 1100 बीघा 183 हेक्टेयर चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया। चारागाह सीमा तक खाई फेसिंग की। कार्रवाई शाम 6 बजे बाद तक जारी रही। उधर, नैनवां एसडीएम शत्रुधन गुर्जर व मौका मजिस्ट्रेट करवर नायब तहसीलदार पृथ्वीसिंह ने बताया कि चारागाह से पहले भी अतिक्रमण हटाया था, लेकिन दुबारा अतिक्रमण होने से मंगलवार को समूची चारागाह 1124 बीघा भूमि से अतिक्रमण हराकर खाई फेंसिंग करवा दी है।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bundi/news/police-and-administrative-officers-removed-encroachment-from-1100-bigha-183-hectare-pasture-land-in-ariyali-131182108.html

Friday, 14 April 2023

राजस्व विभाग की टीम ने जेसीबी से ढहाया अतिक्रमण: सरकारी चारागाह की जमीन पर दो भाई बना रहे थे पक्का घर

 

बयाना उपखंड के गांव कपूरा मलूका में पुलिस की मौजूदगी में प्रशासन की टीम ने शुक्रवार दोपहर अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई को अंजाम दिया। अतिक्रमणकारियों के हल्के विरोध के बीच टीम ने चारागाह की जमीन पर पक्का निर्माण कर किए जा रहे अतिक्रमण को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया।

राजस्व निरीक्षक कमल सौंखिया ने बताया कि गांव कपूरा मलूका में दो भाइयों हंसराम और सुमेर गुर्जर द्वारा सरकारी चारागाह की जमीन में अतिक्रमण करते हुए आरसीसी डालकर आवास बनाए जाने की शिकायत मिली थी। मामले में पटवारी की रिपोर्ट के बाद नायब तहसीलदार रणवीर सिंह ने बेदखली के आदेश दिए थे। इस पर टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से चारागाह जमीन में अतिक्रमण कर बनाए जा रहे पक्के आवास को ढहा दिया।

इस दौरान अतिक्रमणकारी पक्ष के महिला-पुरुषों ने टीम की कार्रवाई का विरोध भी किया, लेकिन समझाइश के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस दौरान मौके पर ग्रामीणों की काफी भीड़ जमा हो गई। जिसे पुलिस ने तितर-बितर कर दिया।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bharatpur/bayana/news/two-brothers-were-building-a-pucca-house-on-government-pasture-land-131163391.html

Wednesday, 5 April 2023

चारागाह भूमि अतिक्रमण मुक्त करवाया: 20 बीघा चरागाह और श्मशान भूमि को दबंगों के कब्जे से कराया मुक्त

कुड़गांव लेदिया ग्राम पंचायत के खेड़ा के पास स्थित चारागाह व श्मशान घाट भूमि पर दबंगों द्वारा पिछले काफी समय से किए गए अवैध कब्जे को भू राजस्व विभाग द्वारा शनिवार को सीमा ज्ञान करवा कर अतिक्रमण मुक्त करवाया गया। सपोटरा तहसीलदार हरसहाय मीना, कुडगांव नायब तहसीलदार विजय कुमार जैन और क्षेत्रीय गिरदावर नरोत्तम मीणा ने बताया कि लेदिया ग्राम पंचायत के खेड़ा के पास स्थित 20 बीघा सरकारी चारागाह एवं शमशान घाट भूमि पर स्थानीय गांव के कुछ दबंगों द्वारा पिछले काफी समय से कब्जा कर फसल पैदा की जा रही थी।

जिसकी ग्रामीणों की ओर से कलेक्टर एवं भू राजस्व विभाग कुडगांव एवं सपोटरा प्रशासनिक अधिकारियों को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत दी गई थी। जिस पर गत दिवस कलेक्टर की ओर से भू राजस्व विभाग को चारागाह एवं श्मशान घाट भूमि से जांच कर अतिक्रमण हटवाने के आदेश जारी किए गए थे। इस पर भू राजस्व विभाग द्वारा शनिवार को विभागीय कर्मचारियों का दल गठित कर खेड़ा गांव अतिक्रमण स्थल पर पहुंचे। जहां सीमा ज्ञान कर दोनों जगह को चिन्हित किया गया।

इसके बाद चारागाह एवं शमशान घाट भूमि को दबंगों के कब्जे से मुक्त करवाया गया । गिरदावर नरोत्तम मीणा ने बताया कि दबंग भूमि पर दोबारा कब्जा नहीं करें सके, इसके लिए भूमि के चारों तरफ जेसीबी मशीन से गहरी सुरक्षा खाई खोदी गई। इस दौरान गिरदावर बदन सिंह, गिरदावर भूर सिंह, पटवारी गजेंद्र सिंह, लेदिया ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि कैलाश मीना, ग्राम विकास अधिकारी रामधनी मीणा सहित अन्य भू राजस्व विभाग कर्मचारी उपस्थित रहे।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/karauli/hindaun/news/freed-20-bigha-pasture-and-cremation-ground-from-the-occupation-of-bullies-131111444.html