Wednesday, 15 June 2022

खनन माफिया को फायदा पहुंंचाने के लिए चारागाह भूमि से रास्ता काटने की तैयारी में प्रशासन

ग्रामीणों का विरोध किसी भी सूरत में नहीं काटने देंगे रास्ता, गांव डाबला के ग्रामीणों ने कलक्टर को दिया ज्ञापन


नीमकाथाना/मावंडा. खनन माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए गौचर भूमि से प्रशासन रास्ता काटने की तैयारी कर रहा है, लेकिन रास्ता कटने से पहले ही गांव में विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को जयराम सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलक्टर को ज्ञापन देकर गौचर भूमि से खननकर्ताओं के लिए रास्ता काटने का विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत डाबला के चारागाह भूमि के खसरा नम्बर 1808, 1816 व 1832 में से खान एवं क्रेशर मालिक एवं कुछ अवैध खननकर्ता रास्ता चाहते हैं। एक मई 2011 को क्रेशर मालिकों ने तात्कालीन कलक्टर धर्मेन्द्र भटनागर को मिथ्या तथ्य पेश कर चारागाह भूमि में से रास्ता कटवा लिया था। उस समय ग्रामीणों को इसकी जानकारी होने पर इसके खिलाफ आंदोलन किया गया। आखिरकार 11 मई 2011 को कलक्टर ने एक मई 2011 के रास्ते काटने के आदेश को प्रत्याहारित विड्रोल कर लिया था। 12 मई 2011 के प्र.स. 2 के माध्यम से भी समस्त गांव की जनता ने चारागाह भूमि से रास्ता नहीं देने का प्रस्ताव पास कर चुकी है। इसके साथ ही गौचर भूमि से जब- जब रास्ता काटने के लिए गये प्रस्ताव के ग्राम पंचायत विरुद्ध है। ग्रामीणों की प्रशासन से मांग है कि विचाराधीन रास्ता काटने की प्रक्रिया या रास्ता काट दिया हो तो उसे जनहित में निरस्त किया जाए।

ग्रामीणों को नहीं चाहिए रास्ता

ग्रामीणों ने बताया कि गांव डाबला के गंगलेडा मोहल्ले से रेल्वे स्टेशन तक जाने के लिए पक्की रोड है। उन्हें चारागाह भूमि से रास्ते की कोई जरूरत नहीं रास्ता केवल खनन व क्रेशर मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए रास्ता काटने की तैयारी चल रही है। खनन माफिया राजस्व अधिकारियों से मिली भगत कर व तथ्यों को छुपाकर चारागाह भूमि खसरा नंबर 1808, 1816 व 1832 में रास्ता चाहते है जो न्यायसंगत एवं जनहित में नहीं है। न ही ग्राम पंचायत डाबला और आसपास के ग्रामीणों को इसकी आवश्यकता है।

होगा पर्यावरण को नुकसान

चारागाह भूमि में से यदि रास्ता काट दिया जाता है तो पर्यावरण को इसका भारी नुकसान होगा। वहीं वन विभाग ने 5 साल तक चारागाह भूमि में जो पेड पौधे लगाये थे उनको भी नुकसान होगा। गांव के हजारों भेड़ बकरियां और गाय, भैस इस चारागाह में विचरण करते हैं। उनके लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो जायेगी।

…तो पनपेगा गैंगवार

अवैध खनन पर वर्चस्व की लड़ाई में वर्ष 2011-12 में गांव आपसी गैंगवार शुरू हो गई थी। इससे हर रोज फायरिंग जैसी घटनाएं होती थी। ग्रामीणों की मांग कि प्रशासन ग्रामीणों का साथ देंगे तो लोगों का जीवन दूभर नहीं होगा।

रास्ते काटने को लेकर प्रशासन ने ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी थी। जिस पर सर्वसम्मति से नहीं देने का निर्णय लिया गया। इस रास्ते का वर्ष 2011 में भी मामला चला था। उस समय भी ग्रामीणों ने विरोध किया था।

सागरमल, सरपंच, ग्राम पंचायत, डाबला

प्रशासन चारागाह भूमि से रास्ता काटकर खननकार्ताओं को फायदा पहुंचाने की तैयारी में है। रास्ते को लेकर पूरा गांव विरोध में है। किसी भी सूरत में रास्ता नहीं काटने देंगे। वर्ष 2011 में भी रास्ता काटने पर विरोध किया गया था। अभी भी सर्वसम्मति से ग्राम पंचायत ने एनओसी देने से मना कर दिया है।

जयराम सिंह, ग्रामीण, डाबला

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/sikar-news/administration-in-preparation-for-cutting-the-path-from-pasture-land-7593716

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