Tuesday, 23 July 2024

खनन के लिए आदिबद्री और कनकांचल पर्वत पर मंत्री पुत्र का कब्जा

आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को राज्य सरकार ने वन विभाग को सौंप दिया है, लेकिन यह काम कई साल अटका रहा। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि यहां आवंटित 46 लीजें हरियाणा व राजस्थान के रसूखदार व्यापारी व नेताओं की हैं। कामां विधायक व राज्यमंत्री जाहिदा खान के बेटे पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान साजिद खान के नाम से भी यहां दो लीज आवंटित हैं। जब इन दोनों पर्वतों को वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, उसके बाद भी राज्यमंत्री के बेटे की लीज पर स्टोन क्रशर लगाने के लिए एनओसी जारी कर दी गई।


आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को राज्य सरकार ने वन विभाग को सौंप दिया है, लेकिन यह काम कई साल अटका रहा। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि यहां आवंटित 46 लीजें हरियाणा व राजस्थान के रसूखदार व्यापारी व नेताओं की हैं। कामां विधायक व राज्यमंत्री जाहिदा खान के बेटे पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान साजिद खान के नाम से भी यहां दो लीज आवंटित हैं। जब इन दोनों पर्वतों को वन विभाग को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, उसके बाद भी राज्यमंत्री के बेटे की लीज पर स्टोन क्रशर लगाने के लिए एनओसी जारी कर दी गई।

साधु-संतों के आंदोलन को देखते हुए तत्कालीन कलक्टर की ओर से 12 अक्टूबर 2021 को तहसील सीकरी व पहाड़ी की कुल 749.44 हेक्टेयर सिवायचक तथा 7.96 हेक्टेयर चारागाह मिलाकर कुल 757.40 हेक्टेयर भूमि को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित करने, 62.55 हेक्टेयर खातेदारी एवं गैर खातेदारी भूमि पर खनन संबंधी सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग को भेजा गया। जिसके बाद लीजधारक न्यायालय में चले गए।

इसमें मैसर्स साजिद मिनरल्स बनाम सरकार ने एक ही फर्म के नाम से दो याचिका दायर की। इसमें आदिबद्री पर्वत की शृंखला में पहाड़ी पंचायत समिति प्रधान साजिद खान के नाम से दो लीज संचालित है। इनमें एक पर कुछ माह पहले ही स्टोन क्रशर की एनओसी दी गई। हालांकि लीजधारकों ने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

पहले से ही साधुओं की मांग का समर्थन किया है। मैंने भी एक बार नियमों के दरकिनार कर अधिक खनन होने की शिकायत की थी। कुछ रसूखदारों को यहां लीज आवंटित हैं।

– वाजिब अली, विधायक, विधानसभा क्षेत्र नगर

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। बाकी यह फोन पर करने की बात तो नहीं है। जो निर्णय सरकार ने लिया है तो इसमें हम भी क्या कर सकते हैं।

– साजिद खान, प्रधान, पहाड़ी

बार-बार जनप्रतिनिधि उठाते रहे सवाल

25 अगस्त 2021 को नगर के विधायक वाजिब अली ने भी इस मामले को लेकर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसमें साजिद खान के नाम से आवंटित दो लीजों का भी जिक्र किया था।

पत्रिका ने जब राज्यमंत्री जाहिदा खान से बात करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

पहाड़ों के आसपास की जमीन पर 30 से ज्यादा स्टोन क्रशर

भले ही राज्य सरकार की ओर से आदिबद्री व कनकांचल पर्वत को वन विभाग को सौंप दिया गया है, लेकिन अभी बहुत सारा हिस्सा ऐसा है, जहां निजी खातेदारी व पहाड़ों के आसपास की जमीन पर 30 से ज्यादा स्टोन क्रशर संचालित हैं। अभी तक किसी भी आदेश में इनको लेकर कोई निर्णय नहीं आया है। अगर यह स्टोन क्रशर यहां लगे रहते हैं तो अवैध खनन रोक पाना मुश्किल होगा। क्योंकि वर्ष 2008 में कामां व डीग के बृज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग में लीजों का आवंटन निरस्त करने के बाद यही परेशानी आई थी। इसके बाद स्टोन क्रशरों को भी हटाया गया था।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/jaipur-news/minister-s-son-occupied-adibadri-and-kankanchal-mountain-for-mining-7670616

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