करीबी गांवों में चारागाह भूमि पर बसी बस्तियां आबादी में कन्वर्ट नहीं होने से ग्रामीणों को जरूरी सुविधाओं से मोहताज होना पड़ रहा है। बिजली कनेक्शनों, आवास योजना, अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है, ग्रामीणों को अनावश्यक परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
राजीव ब्रिगेड के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष तेजमल मीणा, पूर्व सरपंच कंचन मीणा, पूर्व उपसरपंच शीलाबाई बंजारा, ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री अशोक गुर्जर, खेलराम मीणा ने पंचायतीराज, राजस्व मंत्री, शासन सचिव व जिला प्रशासन को ज्ञापन भेजा। जिसमें जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर चारागाह भूमि में बसी बस्तियों को आबादी में कन्वर्ट कर भूमि का पट्टा देने की मांग रखी है। मीणा ने पत्र में बताया कि माणी सहित आसपास की कई पंचायतों में ग्रामीण चारागाह भूमि में कच्चे-पक्के मकान बनाकर बरसों से रह रहे है, लेकिन भूमि चारागाह में होने से ग्रामीणों को जगह में स्वामित्व का लाभ नहीं मिल रहा। आबादी में मकान नहीं होने, पट्टे के अभाव में जरूरी सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।
माणी में बिशनपुरा, श्रीपुरा बंजारा बस्ती, हीरापुर मीणा बस्ती, कल्याणीखेड़ा गुर्जर बस्ती, माणी, कुम्हारिया,केशवपुरा (मजरा) में ग्रामीण चारागाह भूमि पर बरसों से काबिज है। कच्चे पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। इनके अलावा इनके पास अन्य कोई जमीन नहीं है। सरकार को चारागाह भूमि पर बसी बस्ती के बदले क्षतिपूर्ति में सिवायचक अन्य किस्म की अनुपयोगी भूमि लेकर इनको आबादी में कन्वर्ट कर पीड़ित लोगों को राहत देनी चाहिए, ताकि आबादी का भूमि पट्टा मिलने पर जरूरी सुविधायें सुलभ हो सकेगी और सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकेगा।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/bundi/news/settlements-located-in-pasture-land-should-be-converted-into-inhabited-areas-to-provide-facilities-to-villagers-132950324.html
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