पंचायतीराज विभाग ने जारी किए फरमान
ग्राम पंचायत के स्वामित्व वाली आबादी एवं खातेदारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार अब एक्शन मूड में है। आबादी भूमि, तालाब एवं चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने में आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित ग्राम पंचायत के संरपच और ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार की भूमियों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त ने आदेश जारी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इसके लिए शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन की ओर से जारी परिपत्र जारी किया गया है।
आदेश में क्या: लगातार बढ़ रहा है अतिक्रमण
आदेश में बताया कि ग्राम पंचायत, पंचायत भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए सीधे ही या अपने क्षेत्र के उपखंड मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र देकर राजस्थान पंचायती राज अधिनियम की धारा 1994 की धारा 110 के अनुसार पुलिस की सहायता भी ले सकती है। अधिरोपित शास्तियों की सभी रकमें पंचायत निधि में पूरी जमा होगी।
तीन वार्ड पंचों की बनाए कमेटी
सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण का पता लगाने के लिए प्रतिवर्ष जनवरी एवं जुलाई माह में आबादी भूमियों, तालाब एवं चारागाह भूमियों पर अतिक्रमण का सर्वे करने के लिए तीन वार्ड पंचो की कमेटी बनाई जाएगी। ग्राम विकास अधिकारी ऐसे सभी अतिक्रमण को ब्यौरा रजिस्टर में रखेंगे। अतिक्रमण करने वालों बेदखली का नोटिस देकर उन्हें सुनवाई का अवसर देकर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
एक्सपर्ट व्यू…राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के नियम 165 में ग्राम पंचायतों को अपने स्वामित्व एवं खातेदारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के अधिकार दिए हुए है। ग्राम पंचायत अतिक्रमियों को नोटिस देकर उन्हें बेदखल कर सकती है।संदीप कलवानिया, अधिवक्ता उच्च न्यायालय
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.patrika.com/sikar-news/now-action-will-be-taken-against-those-responsible-for-encroachment-8735136?amp=1
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