Tuesday, 20 February 2024

चारागाह, वन और पंचायत की भूमि पर बढ़ता जा रहा अतिक्रमण, जिम्मेदार मौन

कस्बे सहित ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों सहित संबंधित विभाग की अनदेखी के कारण दिनोंदिन अतिक्रमियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। कस्बे के सार्वजनिक स्थल हो या चारागाह भूमि, वन भूमि, ग्राम पंचायत की भूमि, सरकार की ओर से आवंटित भूमि पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।

कस्बे के छीपाबड़ौद रोड पर उपतहसील के पास स्थित सरकारी भूमि, चरागाह भूमि, वन भूमि और पावर हाउस के पास की भूमि पर अतिक्रमियों ने कई सालों से पत्थर डाल अतिक्रमण कर रखा है। बोरखेड़ी रोड पर खाळ के पास की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर कई लोग बाड़े व टपरियां बना रहे हैं। जिसकी जानकारी होने के बाद भी उच्चाधिकारी, हलका पटवारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी नजर अंदाज कर रहे हैं। जिससे कस्बेवासियों सहित ग्रामीणों में रोष है। कस्बे में स्थित खाळ, सार्वजनिक स्थल, सरकारी भूमि, चारागाह भूमि आदि अवैध कब्जों में तब्दील होती जा रही है।
कस्बे के छीपाबड़ौद रोड, अकलेरा रोड, नया बस स्टैंड परिसर, फूलबड़ौद रोड, मेला मैदान आदि पर अतिक्रमण हो रहा है। कस्बेवासियों की मांग है कि सरकारी जमीन, चारागाह भूमि आदि पर हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए। गांवों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की समस्या नई नहीं है। वन भूमि के साथ ही चारागाह एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर भी प्रभावशाली लोग काबिज हैं। कई जगह सरकारी भूमि पर फसल लहलहा रही है तो कई जगह भवन भी बन गए हैं। गांवों में पंचायत भूमि पर अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार सख्ती के मूड में है।

राज्य सरकार ने सरपंचों को अतिक्रमण हटाने के लिए पंचायतीराज कानून से मिली शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा है। साथ ही चेताया कि पंचायत से अतिक्रमण नहीं हटने पर सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर पंचायतीराज विभाग ने आदेश भी जारी किए हैं। आदेश के बाद जिला स्तर से भी सरपंचों से 
अतिक्रमण को लेकर सूचनाएं मांगी जाने लगी हैं। विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने आदेश में कहा है कि पंचायत के स्वामित्व की आबादी व खातेदारी भूमि पर कुछ लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। पंचायत इन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं करती। ऐसे में बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।

यह कहा आदेश में विभागीय आदेश में कहा गया है कि ग्राम पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण का पता लगाने के लिए हर वर्ष जनवरी व जुलाई माह में सर्वे किया जाए। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन पंचों की समिति बनाई जाएगी। वहीं ग्राम विकास अधिकारी द्वारा आबादी क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।

क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण के विरुद्ध जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। चारागाह भूमि पर ग्राम पंचायत का स्वामित्व होता है, चाहे तो वह भी कार्रवाई कर सकती है। - योगेंद्र त्रिवेदी, नायब तहसीलदार अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। विभागीय जांच के बाद दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/baran/hanawada-shahji/news/increasing-encroachment-on-pasture-forest-and-panchayat-land-responsible-silence-132623815.html

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