बौंली क्षेत्र के राठोद निमोद ग्राम पंचायत के गुड़ला नदी और कराडी गांव के चरागाह भूमि से एक बार फिर अतिक्रमण नहीं हटने से ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की हैं। जिला कलेक्टर के आदेश के बाद बौंली एसडीएम और तहसीलदार ने दोनों गांवों के चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीम का अब तक तीन से चार बार गठन किया जा चुका है, बावजूद इसके उपखण्ड प्रशासन चरागाह से अतिक्रमण हटाने में फेल साबित हुआ हैं। गत 5 जनवरी को पुलिस जाब्ता के साथ गुड़ला नदी में अतिक्रमण हटाने आए एसडीएम को पंचायत के सरपंच द्वारा संसाधन उपलब्ध नहीं करवाने से बिना अतिक्रमण हटाए बैरंग लाैटना पड़ा था। भास्कर ने कलेक्टर ने दिए चरागाह भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश, सरपंच ने संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए, बैरंग लौटे एसडीएम शीर्षक के हवाले से खबर प्रकाशित की थी।
इसके बाद बौंली एसडीएम बद्रीनारायण मीना ने 16 से 19 जनवरी को अतिक्रमण हटाने के लिए टीम गठित थी, लेकिन चौथ का बरवाडा में माताजी का मेला होने से पुलिस जाब्ता नहीं मिलने से दूसरी बार भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में चरागाह भूमि पर फसल बुवाई के लिए दो पक्षों में कब्जे को लेकर खूनी संघर्ष हो चुका है जिसमें एक पक्ष से 60 और दूसरे पक्ष के 90 से अधिक लोगों के गंभीर चोट आई थी। घटना में 36 लोगों के सिर में टांके आए थे। जिला कलेक्टर में मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम बौंली को तुरंत अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी करने के एक माह बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने से अब फसल कटाई को लेकर लड़ाई होने की आशंका हैं।
इन खसरों से हटाना था अतिक्रमण राजस्व विभाग के अनुसार 16 जनवरी को गुड़ला नदी के खसरा संख्या 591, 607 और कराडी के खसरा संख्या 445, 497, 510, 527, 526, 525, 518, 447, 492, 484, 483, 467, 462, 479, 465, 470, 493, 346, 463, 322, 454, 405, 346 सहित सिवायचक भूमि में सरसों और गेहूं की फसल को मशीनों से नष्ट कर अतिक्रमण हटाना था। बौंली एसडीएम ने आदेश जारी कर तहसीलदार बौंली के नेतृत्व में दो भू-अभिलेख निरीक्षकों तीन हल्का पटवारियों की टीम बनाई गई।
चार बाद तारीख बदली मगर फिर भी नहीं हटा अतिक्रमण
गुड़ला नदी और कराडी के चरागाह और सिवायचक भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक बौंली प्रशासन ने चार बार तारीख बदल दी लेकिन अतिक्रमण हटाने में फेल रहा। गुड़ला नदी में 5 व कराडी में 6 जनवरी को अतिक्रमण हटाना था। संसाधन उपलब्ध नहीं होने से प्रशासन बैरंग लाैटा तो एसडीएम ने फिर से 16 से 19 जनवरी की तारीख रखी, लेकिन पुलिस जाब्ता नहीं मिला तो अब फिर से अगली तारीख तय कर अतिक्रमण हटाना तय किया हैं। इससे पहले नवंबर और दिसंबर माह में दो बार तारीख दी जा चुकी हैं।
गुड़ला नदी और कराडी के चरागाह और सिवायचक भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक बौंली प्रशासन ने चार बार तारीख बदल दी लेकिन अतिक्रमण हटाने में फेल रहा। गुड़ला नदी में 5 व कराडी में 6 जनवरी को अतिक्रमण हटाना था। संसाधन उपलब्ध नहीं होने से प्रशासन बैरंग लाैटा तो एसडीएम ने फिर से 16 से 19 जनवरी की तारीख रखी, लेकिन पुलिस जाब्ता नहीं मिला तो अब फिर से अगली तारीख तय कर अतिक्रमण हटाना तय किया हैं। इससे पहले नवंबर और दिसंबर माह में दो बार तारीख दी जा चुकी हैं।
पुलिस का काम केवल सुरक्षा मुहैया कराना : सीओ
स्थानीय पुलिस थाने के जाब्ता के अलावा अन्य थाने से दस पुलिसकर्मी राजस्व विभाग काे अतिक्रमण हटाने के लिए भिजवाए गए थे। अतिक्रमण हटाना राजस्व विभाग का काम है। पुलिस का काम केवल सुरक्षा देने का हैं।
तेजपाठक, सीओ बामनवास
स्थानीय पुलिस थाने के जाब्ता के अलावा अन्य थाने से दस पुलिसकर्मी राजस्व विभाग काे अतिक्रमण हटाने के लिए भिजवाए गए थे। अतिक्रमण हटाना राजस्व विभाग का काम है। पुलिस का काम केवल सुरक्षा देने का हैं।
तेजपाठक, सीओ बामनवास
थानाधिकारी से पुन: जाब्ता मांग अतिक्रमण हटाएंगे : तहसीलदार
पर्याप्त पुलिस जाब्ता उपलब्ध नहीं होने से चार दिन तक अतिक्रमण हटाना मुश्किल था। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई। थानाधिकारी से पुन: जाब्ता की मांग कर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
ब्रजेश सिहरा, तहसीलदार बौंली
पर्याप्त पुलिस जाब्ता उपलब्ध नहीं होने से चार दिन तक अतिक्रमण हटाना मुश्किल था। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई। थानाधिकारी से पुन: जाब्ता की मांग कर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
ब्रजेश सिहरा, तहसीलदार बौंली
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sawai-madhopur/news/encroachment-not-removed-from-pasture-land-gudla-and-karadi-villagers-allege-sometimes-police-raids-sometimes-the-administration-is-making-excuses-for-resources-130811088.html
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