सामोद-महार कलां-हाथनोदा ग्राम पंचायतों का मामला, तहसीलदार बोले, सर्वे रिपोर्ट मंगवा रहे है।
सामोद कस्बे सहित पंचायत क्षेत्र में राजस्व विभाग की अनदेखी के कारण दिनोंदिन अतिक्रमियों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। सार्वजनिक तालाब हो या फिर चरागाह भूमि, वन विभाग की जमीन हो चाहे सरकारी आवंटित भूमि लोग अतिक्रमण करने में जुटे हैं। चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के उपखंड व राजस्व प्रशासन के आदेश के बावजूद क्षेत्र की चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पंचायत व संबंधित प्रशासन सख्त रवैया नहीं अपना रहा है।
वहीं चारागाह भूमि पर किए जा रहे अवैध खनन पर भी रोक नहीं लगाई जा रही है। क्षेत्र में चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर खेती की जा रही है। जिससे मवेशियों के विचरण के लिए जगह नहीं बची है। कस्बे के पास स्थित हजारों बीघा चारागाह भूमि पर कभी घने पेड़ थे। खनन व भू माफियाओं ने इन पेड़ों को काटकर वहां अधिकार जमा लिया। अतिक्रमियों ने चारागाह भूमि को सिंचाई युक्त खेत बना लिए हैं। कई जगह चारागाह भूमि पर कब्जा कर प्लानिंग काट कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। इसके बावजूद पंचायत प्रशासन भू-माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है और राजस्व विभाग की ओर से नोटिस जारी कर नाममात्र का जुर्माना वसूल लिया जाता है।
राजस्व विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही व गिरदावरी में फर्जी आंकड़ों के कारण स्थानीय प्रशासन व जिम्मेदारों की सांठगांठ के चलते अतिक्रमण घटने के बजाय लगातार प्रगति पर जा रहे हैं।
हालात ये हैं कि राजस्व विभाग के पटवारियों के द्वारा प्रतिवर्ष अगस्त महीने में अतिक्रमण व फसलों की गिरदावरी रिपोर्ट बनाई जाती है, लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार इसको लापरवाहीपूर्वक कागजी कार्रवाई करने के लिए महज अतिक्रमण के इक्के दुक्के मामले बताकर प्रशासन को हकीकत से रूबरू तक नहीं होने देते हैं।
ग्राम पंचायत सामोद, कानपुरा, हाथनोदा, महार कलां, अमरपुरा पिल्याकी जोड़ी, बरवाड़ा, बंदोल, भोपावास, नारोलाई, विशनपुरा चारणवास की हजारों बीघा सरकारी जमीन पर वर्तमान में लोगों ने तारबंदी करके फसल बो रखी है। प्रशासन को मामले की जानकारी होने के बावजूद एक दूसरे से बुराई न मिले इसको लेकर लोगों के द्वारा की गई शिकायतों को कागजों में दफन कर दिया है।
प्रतिवर्ष अगस्त में गिरदावरी
सामोद, महार कलां, नांगल भरड़ा, हाथनोदा क्षेत्र के पटवारी आदि ने बताया कि हर साल चारागाह, सवाई चक में अगस्त महीने में हम गिरदावरी बनाकर प्रशासन को सुपुर्द करते हैं। हमारी कागजी रिपोर्ट के अनुसार 10-20 फीसदी अतिक्रमण पाया जाता है उनको नोटिस देते हैं तथा प्रशासन के निर्देश मिलने पर कार्रवाई भी करते हैं।
मामले की जांच कर कार्रवाई करेंगे : तहसीलदार
चौमू तहसीलदार प्रभात स्वरूप मीणा ने बताया कि अतिक्रमण की शिकायत पटवारी के पास करें। पटवारी हमारे पास रिपोर्ट करेंगें तो हम जांच करके आवश्यक कार्रवाई करेंगे। 15 अगस्त तक अतिक्रमण की सर्वे रिपोर्ट मंगवा लें।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/chomu/news/encroachment-on-pastures-drains-and-public-places-are-not-paying-attention-130074670.html
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