पाली के बाली उपखंड के सभी ग्राम पंचायतों में नापो जल, बचाओ कल के तहत वेल मोनिटरिंग का कार्य किया जा रहा. प्रकृति कार्यशाला के कार्यक्रम समन्वयक गणपत लाल प्रजापत और देसूरी विकाशखण्ड के फील्ड प्रशिक्षक प्रहलाद सिंह कोट ने बताया कि हमारी 80% पानी की जरूरते भूजल से पूरी होती है.
Written By Zee Rajasthan Web Team|
Jun 18, 2022
Bali : पाली के बाली उपखंड के सभी ग्राम पंचायतों में नापो जल, बचाओ कल के तहत वेल मोनिटरिंग का कार्य किया जा रहा. प्रकृति कार्यशाला के कार्यक्रम समन्वयक गणपत लाल प्रजापत और देसूरी विकाशखण्ड के फील्ड प्रशिक्षक प्रहलाद सिंह कोट ने बताया कि हमारी 80% पानी की जरूरते भूजल से पूरी होती है. जल के अंधाधुन इस्तेमाल से भूजल का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है. इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जरूरी है, भूजल स्तर का सही आकलन, जल, जंगल, जमीन के मुद्दों पर काम करने वाली फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी.
प्रकृति कार्यशाला के संयुक्त तत्वाधान में पूरे पाली शहर में नापो जल बचाओ कल अभियान के अंतर्गत मानसून से पूर्व तकनीकी मोबाइल ऐप टूल से भूमिगत जलस्तर का मापन के लिए पानी के कुओ का जलस्तर नापा जा रहा है. इसके अंतर्गत प्रत्येक गांव में 3 कुओ का सर्वे किया जाता है. यह कार्य साल में दो बार किया जाता है.
मानसून से पूर्व और मानसून के बाद. अभी मानसून से पूर्व कुएं के जल स्तर का सर्वे का कार्य किया जा रहा है, और मानसून के बाद वापस उन्हें कुओं का जल स्तर मापा जाएगा. मानसून से पूर्व और मानसून के बाद कुएं के जल स्तर में कितना अंतर आता है, प्राप्त सर्वे के आधार पर तकनीकी टीम इसका अध्ययन करेगी.
कुओ का जलस्तर मेजर टेप से मीटर में नाप कर मोबाइल ऐप में भरा जाता है. यदि कुआं सूखा है, तो उसकी गहराई मापी जाती है. यह मोबाइल टूलबॉक्स एप्स जीपीएस लोकेशन ट्रैक करके उसकी लोकेशन को जियो टैग करता है. जिसमें राज्य का नाम, जिला, ब्लाक, गांव का नाम, कुओ के मालिक का नाम आदि जानकारी भरनी होती है. ऐप में डेटा भरके इसको पोर्टल पर चढ़ाया जाता है. उसके बाद उनके डाटा एनालिसिस किया जाता है. इस ऐप की मदद से भूजल स्तर की स्थिति कैसी है, भूजल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है, या कमी हो रही है, भूजल स्तर डार्क जोन में जा रहा है जैसी जानकारी मिलती और उसी हिसाब से जल संसाधनों से संबंधित कार्य योजनाएं बनाई जाती है.
http://wmt.indiaobservatory.org.in इस लिंक के माध्यम से ऐप डाउनलोड करके जानकारी भरी जाती है. अभी तक पूरे जिले में 1200 कुओं का सर्वे किया जा चुका है. यह कार्य ग्रामीण समुदाय/ जलमित्र/ पर्यावरण प्रेमी के साथ मिलकर संस्था की टीम के सहयोग से किया जा रहा है.
प्रकृति कार्यशाला के संयुक्त तत्वाधान में पूरे पाली शहर में नापो जल बचाओ कल अभियान के अंतर्गत मानसून से पूर्व तकनीकी मोबाइल ऐप टूल से भूमिगत जलस्तर का मापन के लिए पानी के कुओ का जलस्तर नापा जा रहा है. इसके अंतर्गत प्रत्येक गांव में 3 कुओ का सर्वे किया जाता है. यह कार्य साल में दो बार किया जाता है.
मानसून से पूर्व और मानसून के बाद. अभी मानसून से पूर्व कुएं के जल स्तर का सर्वे का कार्य किया जा रहा है, और मानसून के बाद वापस उन्हें कुओं का जल स्तर मापा जाएगा. मानसून से पूर्व और मानसून के बाद कुएं के जल स्तर में कितना अंतर आता है, प्राप्त सर्वे के आधार पर तकनीकी टीम इसका अध्ययन करेगी.
कुओ का जलस्तर मेजर टेप से मीटर में नाप कर मोबाइल ऐप में भरा जाता है. यदि कुआं सूखा है, तो उसकी गहराई मापी जाती है. यह मोबाइल टूलबॉक्स एप्स जीपीएस लोकेशन ट्रैक करके उसकी लोकेशन को जियो टैग करता है. जिसमें राज्य का नाम, जिला, ब्लाक, गांव का नाम, कुओ के मालिक का नाम आदि जानकारी भरनी होती है. ऐप में डेटा भरके इसको पोर्टल पर चढ़ाया जाता है. उसके बाद उनके डाटा एनालिसिस किया जाता है. इस ऐप की मदद से भूजल स्तर की स्थिति कैसी है, भूजल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है, या कमी हो रही है, भूजल स्तर डार्क जोन में जा रहा है जैसी जानकारी मिलती और उसी हिसाब से जल संसाधनों से संबंधित कार्य योजनाएं बनाई जाती है.
http://wmt.indiaobservatory.org.in इस लिंक के माध्यम से ऐप डाउनलोड करके जानकारी भरी जाती है. अभी तक पूरे जिले में 1200 कुओं का सर्वे किया जा चुका है. यह कार्य ग्रामीण समुदाय/ जलमित्र/ पर्यावरण प्रेमी के साथ मिलकर संस्था की टीम के सहयोग से किया जा रहा है.
https://zeenews.india.com/hindi/india/rajasthan/pali/measurement-of-underground-water-level-is-being-done-in-bali-under-the-measure-save-water-tomorrow-campaign/1224202#
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