सीकर में गौचर भूमि को बचाने के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नगर सुधार न्यास की ओर से चारागाह भूमि पर अल्पसंख्यक छात्रावास बनाया जा रहा है। छात्रावास बनाने के कारण चारागाह की भूमि खतरे में पड़ गई है। इसके कारण गौवंश पर खतरा मंडराने लगा है।
धोद के सबलपुरा में सैकड़ों सालों से गोवंश के लिए चारागाह भूमि काम में आती है। गौवंश का एक मात्र आधार यही चारागाह भूमि है। अब इस चारागाह भूमि पर भी खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीण सांवरमल ने आरोप लगाया कि नगर सुधार न्यास की ओर से इस भूमि पर अल्पसंख्यक छात्रावास बनाने की मंशा सामने आ रही है। अगर यह अल्पसंख्यक छात्रावास चारागाह भूमि पर बनेगा तो उससे गौवंश खतरे में पड़ जाएगा। इसके साथ ही छात्रावास बनने पर गौवंश के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सबलपुरा गांव पांच हजार लोगों की आबादी का गांव है। जहां पर हजारों पशु व गोधन है। पास के भैरूपुरा पूरा की ढाणी, ढाका की ढाणी के पशु भी इस चारागाह भूमि पर विचरन करते है। ऐसे में अगर इस चारागाह भूमि पर छात्रावास का निर्माण करवा दिया जाएगा तो चारागाह का मूल स्वरूप नष्ट हो जाएगा। इसके साथ ही लाचार गौवंश व अन्य पशुओं के साथ बहुत बडा अन्याय होगा।
ग्रामीणों ने चारागाह भूमि को बचाने के लिए कलेक्ट्रेट तक बड़ी संख्या में एकत्रित होकर रैली निकाली। इसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि कई सालों से यह गौचर भूमि के रूप में काम आ रही है। इसके साथ ही यहां पर बडी संख्या में पशु विचरण करते है। ऐसे में वह इस जमीन को किसी भी हालत में जाने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जमीन को बचाने के लिए वह आंदोलन करेंगे चाहे उनकी जान भी चली जाएगी। इसके साथ ही मामले को सुप्रीम कोर्ट भी लेकर जाएंगे।
मूल ऑनलाइन लेख - https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sikar/news/villagers-said-will-not-know-the-land-took-out-a-rally-and-demonstrated-129821158.html
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