Saturday 10 February 2024

चारागाह भूमि पर कब्जा, दर-दर भटकने को मजबूर गौवंश

पेड़ पौधे काटकर उगा रहे फसलें, भू-माफिया लाखों की कर रहे कमाई

सीसवाली कस्बे मे मवेशियों को विचरण करने के लिए आवंटन की गई चारागाह भूमि धीरे-धीरे खेतों में तब्दील होने लग गई।

सीसवाली। सीसवाली उपतहसील क्षेत्र में चारागाह भूमि मौजूद है लेकिन उस पर दबंग लोगों ने सैकड़ों बीघा भूमि पर कब्जा करके फसलें उगा रखी है। जिससे गौवंश दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे है। वहीं कई भूमाफियाओं ने बडे पैमाने पर जगह रोककर प्लानिग काटकर लाखों रुपए कमा रहे है। प्रशासन हर नोटिस देकर इतिश्री कर लेता है। चारागाह भूमि पर साल दर साल भू-माफिया चारागाह भूमि के पेड पौधे काट कर समतल करके फसले उगा रहे है। वहीं उस भूमि पर अवैध पत्थर या अन्य मेटेरियल डाल कर ओर चार दिवारी करके अतिक्रमण करने में नहीं चूक रहे है जबकी प्रशासन को सब मालूम होने के बाबजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। पूर्व मे बारां जिला कलक्टर ने चारागाह भूमि को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश दिया गया था। इसके बावजूद भी सीसवाली कस्बे में हो रहे चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के लिए पंचायत प्रशासन द्वारा सख्त रवैया क्यों नहीं अपनाया गया। पंचायत द्वारा केवल चेतावनी बोर्ड लगाकर इतिश्री कर दिया गया था। वहीं चारागाह भूमि मे भूमाफियाओं द्वारा अपना कब्जा जमाकर फसले पैदा की जा रही है।

चारागाह भूमि खेतों में होने लगी तब्दील

सीसवाली कस्बे मे मवेशियों को विचरण करने के लिए आवंटन की गई चारागाह भूमि धीरे-धीरे खेतों में तब्दील होने लग गई। सीसवाली कस्बे में हजारों बीघा चारागाह भूमि पर कभी घने पेड़ थे। जिनको काटकर समतल मैदान कर दिए गए और वहां पर अपना अधिकार जमा कर उन्ही मैदानों में अब सिंचाई युक्त खेत बनाकर फसले उगाकर लाखों रुपए की कमाई कर रहे ऐसे भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर पंचायत विभाग व राजस्व विभाग द्वारा उक्त चारागाह जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने वालों के खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा

उगाकर लाखों रुपए की कमाई कर रहे ऐसे भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करना तो दूर पंचायत विभाग व राजस्व विभाग द्वारा उक्त चारागाह जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने वालों के खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा धारा 91 का नोटिस जारी कर नाममात्र का जुर्माना कर दिये जाते हैं। जिससे भू-माफियाओं पर किसी प्रकार का असर नही होता।

चारागाह भूमि पर पक्के रोड बने

चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करके रहने वाले लोगो के लिए पंचायत प्रशासन द्वारा चारागाह भूमि पर पक्के रोड बना रखे है। बिजली पानी की लाईने बिछा डाली है। प्रशासन इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुआ है। प्लानिंग काट कर बेचे जा रहे है प्लाटकालूपुरा अन्ता रोड पर भूमाफियाओ द्वारा बडे बडे बाडे रोककर प्लानिंग काट कर लाखो रुपए में प्लाट बेचे जा रही है वही लोग प्लाट खरीद कर पक्के मकान बनाने में नहीं चूक रहे है।

भू-माफिया एवं अवैध खननकर्ता पौधों को कर रहे नष्ट

एक तरफ सरकार पौधारोपण कर आक्सीजन की अत्यधिक मात्रा में उत्पादन करना चाहते है तो वहीं दूसरी ओर जंगल को बचाने में लगी हुई है। पंचायत विभाग द्वारा हर वर्ष नरेगा के तहत लाखो रुपए के पौधारोपण व सुरक्षा खाई खोदी जाती है लेकिन भूमाफियाओं एवं अवैध खननकर्ताओं द्वारा मिट्टी खनन के दौरान पौधों को नष्ट कर दिया जाता है। ऐसा वहीं लोग कर रहे हैं जिन्हें प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है या फिर राजनीति संरक्षण प्राप्त है। अब इसको राजस्व विभाग या पंचायत प्रशासन की लाचारी समझे या फिर लापरवाही संबंधित विभाग व जिम्मेदार प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं।

मवेशी हो गए बेसहारा

अपने घर के सदस्य के रूप मे पालने वाले जानवरों को पशुपालक ही आवारा कहने लगे है। खेतों की मेढ रही नहीं। चारागाह अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया पशुओं का दुध निकालकर पशुपालक सड़कों पर विचरण करने के लिए छोड देते है। वहीं सड़कों पर बैठे रहने वाले जानवर व वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते है। आखिरकार प्रशासन चारागाह की भूमि पर काबिज इन दंबगों पर कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जबकि सरकार द्वारा पशुओं को विचरण करने के लिए चारागाह के अंतर्गत भूमि आवंटन की गई थी लेकिन चारागाह की जमीन पर दबंगाई भूमाफिया द्वारा पशुओं को विचरण करने वाली चारागाह भूमि पर कब्जा कर एवं फसल उपजाऊ कर लाखों रुपए अपनी जेब में रख कर पशुओं को सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। जिससे रोड पर चलने वाले वाहनों से मवेशी व वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है।

सीसवाली में तीन गोशालाएं संचालित है। सैंकड़ो बीघा जमीन चारागाह भूमि है। जिस पर भी कस्बे के दबंग लोगों द्वारा अपना कब्जा करके फसले उगा रहे है। गौमाता दर-दर भटकने को मजबूर है। दिनभर सड़कों पर विचरण करके कागज, गत्ता, पॉलिथीन, खाकर अपना पेट भर रही है।

लोगों का हौसला इतना बुलंद है कि कुछ लोगों ने तो चारागाह भूमि को ही अपना अधिकार मान कर बड़े-बड़े व्यावसायिक मकान व भाड़े बना लिए। वहीं प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। प्रशासन इन भूमाफियाओं पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
- सत्यनारायण सोनी, स्थानीय निवासी।

भारतीय किसान संघ ने गत 26 अगस्त 2015 से 2023 तक लगातार ग्राम पंचायत प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन और राज्य प्रशासन व समस्त राजस्थान सरकार में बैठे अधिकारियों को चारागाह व आम रास्तों की समस्याओं को शिविरों व कार्यालयों में ज्ञापन दिया। वही कई बार धरना प्रदर्शन भी किया। अधिकारों से मिले लेकिन नतीजे का नाम शून्य रहा। कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।
- चौथमल नागर, जिला सहमंत्री, भारतीय किसान संघ।

अभी मेरे पास चारागाह भूमि की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसी बात है तो कस्बा पटवारी को अवगत करवाकर सर्वे रिपोर्ट बनवाकर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ धारा 91 की कार्यवाही की जाएगी। वहीं चारागाह भूमि को मुक्त करवाया जाएगा।
मंजूर अली दिवान, तहसीलदार, मांगरोल।

मूल ऑनलाइन लेख - https://dainiknavajyoti.com/article/69425/encroachment-of-pasture-land--cattle-forced-to-wander-from-door-to-door

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